लंदन की निकोला फोस्टर और जेसिका वॉकर लिडो लेडीज के नाम से जानी जाती हैं। लिडो का मतलब होता है खुले स्वीमिंग पूल। इंटरनेट, मोबाइल की दुनिया से दूर मस्ती के पल बिताती 56 साल की निकोला और जेसिका महिलाओं को स्वीमिंग करने के लिए प्रेरित करती हैं। लंदन में धीरे-धीरे लिडो की संस्कृति खत्म हो रही है। ये दोनों महिलाएं इसे बचाने के मिशन पर हैं। ये दोनों मिलकर तैराकी सिखाने की संस्था भी चलाती हैं।
निकोल कहती हैं मैं स्वीमिंग से होने वाले मानसिक और शारीरिक लाभ के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहती हूं। इस वक्त ऐसे कई स्वीमिंग पूल हैं तो फायनेंस की कमी के चलते बंद होने की कगार पर हैं। हम ऐसे कई लोगों को जानते हैं जब हम दोनों की तरह स्वीमिंग को अपनी फेवरेट एक्सरसाइज मानते हैं। वे मानसिक शांति से लेकर स्क्वैड ट्रेनिंग के लिए स्वीमिंग करना पसंद करते हैं। इस वक्त महामारी की वजह से कई स्वीमिंग पूल बंद हैं। और कई बच्चे स्वीमिंग नहीं सीख पा रहे हैं।
वे चाहती हैं कि ब्रिटेन में अधिक से अधिक लोग तैराकी सीखें और इसे लाइफ लॉन्ग एक्टिविटी बनाएं। जर्जर होते स्वीमिंग पूल को बचाने के लिए अगर समय रहते कोशिश नहीं की गई तो ये हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। महामारी के बीच जब सारी दुनिया को फिट रहने की जरूरत है, ऐसे में स्वीमिंग सेहतमंद और खुशहाल रहने के लिए बहुत जरूरी भी है।
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