It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Saturday, 14 November 2020
FPIs remain positive on Indian markets; put in Rs 35,109 cr in Nov so far
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Gold imports dip 47% in April-October period to $9.28 billion
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Markets begin Samvat 2077 on a positive note, indices gain 0.4%
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इस त्योहार की बची हुई सजावट यूं करें पूरी, फर्नीचर के आसपास स्ट्रिंग लाइट्स लपेंटें या टेबल लैंप को सजाएं इससे
दीपावली को फेस्टिवल ऑफ लाइट्स भी कहा जाता है। ऐसे में सजावट के लिए चमचमाती रोशनी का इस्तेमाल तो होना ही चाहिए। स्ट्रिंग लाइट्स के साथ घर के हर कोने को जगमगाया जा सकता है।
1. केवल मेन गेट पर ही नहीं, घर के हर कमरे के दरवाजों और खिड़कियों पर स्ट्रिंग लाइट्स लगा दें। इस तरह आप दिवाली को घर के अंदर लेकर आ सकते हैं। इन्हें दरवाजे के बॉर्डर पर लपेटा जा सकता है। इनकी मद्धम रोशनी आपके पूरे घर को रोशन करेगी।
2. फर्नीचर के आसपास स्ट्रिंग लाइट्स लपेट सकते हैं कि ड्रेसिंग टेबल से लेकर डाइनिंग टेबल तक घर में रोशनी दिखाई दे। चाहें तो एक दिन के लिए लिविंग रूम में एक लंबा मिरर रख दें और इस पर स्ट्रिंग लाइट्स लगा दें। पूरा घर चमक उठेगा।
3. घर में साइड यूनिट्स और कैबिनेट्स पर भी स्ट्रिंग लाइट्स सजा दें। लकड़ी का कोई पुराना फ्रेम रखा है तो फ्रेम में किसी पेड़ की शाखाएं लगाकर उस पर स्ट्रिंग लाइट्स लगा दें। यह इस स्थिति में जलाने पर बेहद खूबसूरत लगेंगी।
4. पर्दों पर भी स्ट्रिंग लाइट्स लपेट सकते हैं। भारी पर्दों को साइड में कर लें और हल्के ट्रांसपरेंट कर्टन्स को बीच में रखें। इन पर स्ट्रिंग लाइट्स लंबाई में गिरा दें। पर्दे के ठीक सामने एक बड़ा कैंडल स्टैंड रखें जिस पर कुछ कैंडल्स जलाकर रख दें।
5. अपनी कोई पुरानी शियर साड़ी या दुपट्टा लेकर उसे बिल्कुल नए अंदाज में घर के किसी कोने में या किसी खाली दीवार पर सजा दें। पूरे दुपट्टे पर स्ट्रिंग लाइट्स लगा दें।
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दिवाली पर फूलों की सजावट से घर में बिखेरें त्योहारों की खुशबू, इससे बनी वॉल हैंगिंग भी मेहमानों को पसंद आएंगी
इस दिवाली घर की रौनक बढ़ाने के लिए तरह-तरह के फूलों का उपयोग करें। गेंदे के खूबसूरत फूलों से आंगन, दरवाजे या खिड़कियों की शान कैसे बढ़ा सकते हैं, यहां जानिए।
मैरीगोल्ड
पूजा में मैरीगोल्ड यानी गेंदे के फूल जरूर रखे जाते हैं। पौधों पर, कांच की खाली बरनियों के अंदर, सीढ़ी पर, पेड़ की टहनियों पर गेंदें के फूल सजाए जा सकते हैं।
फूलों की माला का पर्दा
मोटा सफेद धागा लेकर बड़े-बड़े फूल पिरो सकते हैं। इन्हें दूर-दूर पिराेएंगे तो ये खूबसूरत दिखेंगे। इन्हें घर के बाहर कहीं गारलैंड कर्टेन की तरह लगा सकते हैं।
बैलून और फूल
रंग-बिरंगे फूलों की माला को बैलून के धागे के साथ पिरो सकते हैं। इसके बाद दोनों को सीलिंग पर टांग सकते हैं। माला की लंबाई अलग-अलग हो तो बेहतर है।
रिबन और फूल
फूलों को रिबन के साथ भी लगाया जा सकता है। ब्राइट रेड और पिंक रिबंस के साथ पीले या सफेद फूल ले सकते हैं। रिबंस और फूलों की लड़ियों को खिड़कियों या दरवाजों पर सजा सकते हैं।
फूलों की वॉल हैंगिंग
पेड़ की एक छोटी टहनी या स्टील की रॉड पर या कपड़ों के हैंगर का इस्तेमाल फूलों की वॉल हैंगिंग बनाने के लिए आसानी से किया जा सकता है। ब्राइट ऑरेंज फूल और गोल्डन पेपर फ्लावर्स को साथ में लगाकर हैंगिंग बनाई जा सकती है।
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इसेंशियल ऑइल्स मिलाकर तैयार होती हैं अरोमा थैरेपी कैंडल्स, ये मूड लिफ्टर्स होती हैं, इससे रेस्पिरेट्री सिस्टम को नुकसान नहीं होता
दीवाली पर लोग हजारों सालाें से कैंडल्स का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। अब इन्हें केवल बिजली के विकल्प के तौर पर नहीं, कई अलग वजहों से इस्तेमाल किया जा रहा है। कैंडल्स एसेंशियल ऑइल्स के साथ जलाई जा रही हैं जिनकी अलग-अलग खुश्बू से माहौल में नई ऊर्जा भर जाती है।
ऐसे होती हैं तैयार :
- अरोमा थैरेपी कैंडल्स में तीन मुख्य चीजें पाई जाती हैं- विक, वैक्स और इसेंशियल ऑइल। विक या बत्ती वो हिस्सा है जिसे जलाया जाता है। विक या बत्ती एक पतली रस्सी की तरह पूरी कैंडल में ऊपर से नीचे तक होती हैं।
- इसेंशियल ऑइल्स केवल अरोमा थैरेपी कैंडल्स में ही इस्तेमाल होते हैं। यहां कई तरह के ऑइल इस्तेमाल किए जाते हैं और हर तेल का अलग असर होता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हर कैंडल सेफ नहीं होती और यह नेचुरल तरीके से तैयार नहीं की जाती है।
नेचुरल या ऑर्गेनिक कैंडल्स क्यों हैं बेहतर
नेचुरल अरोमा थैरेपी कैंडल्स थोड़ी महंगी हो सकती हैं, लेकिन सेहत के लिए यही अच्छी होती हैं। ये मूड लिफ्टर्स होती हैं और रेस्पिरेट्री सिस्टम को किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाती हैं।
कैंडल बनाने में नकली वैक्स प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये कैंडल जब जलती हैं तो जहरीले पदार्थ छोड़ती हैं।
सूट- काले रंग का पाउडरी पदार्थ होता है जो जलती हुई कैंडल के ठीक ऊपर वाली सीलिंग पर जम जाता है। ये भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। शोध बताते हैं कि पेट्रोलियम वैक्स नेचुरल वैक्स के मुकाबले सौ गुना ज्यादा सूट छोड़ती है।
विक- कॉटन विक ही सबसे अच्छी मानी जाती है। कैंडल्स की बत्ती यानी विक में भी हानिकारक तत्व पाए जाते हैं। जैसे लेड, जिंक वगैरह। यदि प्योर कॉटन विक न मिले तो हेंप विक ली जा सकती है।
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Friday, 13 November 2020
शेफ रेणू दलाल बता रही हैं दीपावली की कुछ खास डिश, वे कहती हैं खाने को कई तरीके से बनाना और सर्व करना मैंने मां से सीखा
स्वर्गीय शेफ तरला दलाल फूड इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान रखती हैं। फिलहाल उनकी विरासत को तरला की बेटी रेणू दलाल आगे बढ़ा रही हैं। रेणू खाने में नए एक्पेरिमेंट पसंद करती हैं। कोरोना काल में फूड इंडस्ट्री में क्या बदलाव होंगे, दिवाली पर अपनी मां की तरह वे क्या बनाना पसंद करती हैं और अपनी कुकिंग बुक्स के जरिये किस तरह नई रेसिपीज रीडर्स के लिए पेश कर रही हैं, जैसी कई बातें जानिए यहां खुद उन्हीं की जुबानी :
मेरा जन्म मुंबई में हुआ था। बचपन से ही मुझे खेलकूद, पढ़ाई और कुकिंग का शौक था। घर में जब मां नई-नई रेसिपीज बनाती तो उस वक्त भी मैं उन्हें बहुत ध्यान से हर चीज बनाते हुए देखती थी। जब मैं छोटी थी, तब मैंने मम्मी के साथ एक कुकिंग क्लास भी जॉइन की थी। उन्हीं दिनों मेरी रुचि कुकिंग में बढ़ी।
अब तक मैंने दो कुकबुक लिखी हैं। इनका नाम 'मॉडर्न वेजिटेरियन रेसिपी' और 'सिंपल एंड डेलिशियस वेजिटेरियन रेसिपीज' हैं । इन किताबों के जरिये मैं एक बार फिर अपनी मां के खाने के स्वाद को लोगों के सामने लाना चाहती हूं। इसके अलावा मैं सोशल मीडिया पर रेसिपी के साथ ही खाने को सर्व करने और उसके प्रजेंटेशन के तरीके भी बताती हूं। खाने की सामग्री को बदलकर कैसे एक डिश को डिफरेंट टेस्ट दिया जा सकता है, ये भी मैंने अपने पोस्ट के जरिये लोगों को बताया है।
एक ही डिश को कई तरीकों से बनाना और उसे सलीके के साथ डाइनिंग टेबल पर सर्व करना मैंने मेरी मां से सीखा है। अगर घर में मेहमान आ रहे हैं तो एक ही चीज बार-बार खिलाने के बजाय उन्हें हर बार नया खिलाकर कैसे खुश किया जा सकता है, ये मुझे मां ने सिखाया। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं उनके बताए टिप्स आज भी फॉलो करती हूं।
मेरी मां भी हर बार दिवाली पर ऐसी कई चीजे बनाना पसंद करती थीं जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी हो। इस दिवाली कोरोना के बीच मैं लोगों को रोज़ फ्लेवर्ड श्रीखंड और बीटरूट हलवा बनाने की सलाह देती हूं। इससे आपको एकदम नया टेस्ट मिलेगा। ये डेजर्ट पौष्टिक होने की वजह से घर में सबको पसंद भी आएंगे।
नमकीन में पालक ढोकला बनाएं। ये कम समय में बन जाता है। लो कैलोरी होने की वजह से भी इसे काफी पसंद किया जाता है। इसके अलावा नो बेक ओरियो टार्ट्स, बेक्स योगर्ट, चॉकलेट पानी पूरी, वेफल्स इडली डिलाइट और मैक्सिकन पानी पूरी बनाए जा सकते हैं।
वैसे तो मां की बनाई हर डिश मुझे पसंद है। लेकिन बचपन में वे मेरे लिए केक विद आइसक्रीम और वेफल्स बनाती थीं, इसका लाजवाब स्वाद आज भी मेरी जुबान पर है। अगर हम कोरोना काल के बाद फूड इंडस्ट्री में आए बदलाव की बात करें तो कुछ समय बाद निश्चित रूप से एक बार फिर लोग बाहर का खाना पसंद करने लगेंगे। हाइजीन का ख्याल रखते हुए रेस्टोरेंट अपने कस्टमर्स को बेहतर तरीके से खाना सर्व के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे।
मैंने मेरी पहली किताब अपनी मां को समर्पित की। उसमें मैंने इतनी सिंपल रेसिपीज लिखी हैं, जो मेरी मां कम समय में आसानी से बना लेती थीं। इसमें ट्रेवल से लेकर फ्यूजन रेसिपीज हैं। मेरी दूसरी किताब में मैंने ग्लूटेन फ्री और न्यूट्रीशन से भरपूर रेसिपीज को बढ़ावा दिया है। मैंने अपनी बुक्स के जरिये फूड प्रजेंटेशन के बारे में भी रीडर्स को बताया है। सच तो यह है कि मुझे कुकिंग बुक्स लिखना बहुत अच्छा लगता है। अपनी दो किताबों के बाद मैं तीसरी किताब लिखना चाहती हूं। साथ ही सोशल मीडिया पर फूड लवर्स के लिए नई रेसिपीज बताना चाहती हूं।
आज फूड इंडस्ट्री में महिलाओं के बजाय पुरुष शेफ की संख्या अधिक है। मुझे लगता है इसकी वजह ये है कि एक शेफ को ज्यादा ट्रेवल करना होता है या घर से बाहर ज्यादा वक्त बिताना पड़ता है। घर के बाहर ज्यादा वक्त देने की वजह से महिलाएं शेफ के पेशे को पुरुषों के बजाय कम अपनाती हैं।
जो लड़कियां फूड इंडस्ट्री में अपना करिअर बनाना चाहती हैं, उनमें धैर्य होना जरूरी है। आपको खाना बनाने का शौक हो, साथ ही नई डिश और हर डिश के साथ कई तरह के प्रयोग करना भी आपको आना चाहिए। होटल मैंनेजमेंट का कोर्स करके आप अपना रेस्टोरेंट शुरू कर सकती हैं या होटल इंडस्ट्री में नाम कमा सकती हैं।
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अदरक-मिर्च का पराठा घर में सबको आएगा पसंद, सिर्फ आधे घंटे में बन जाएंगे 10 से 12 पराठे
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दिवाली पर शिल्पा ने शेयर की पोहा लड्डू की रेसिपी, लो कैलोरी ये डिश आपका वेट भी मेंटन रखेगी
इस दिवाली सबसे ज्यादा जिस बात पर ध्यान दिया जा रहा है, वो है कोरोना काल के बीच आपकी सेहत। इस लिहाज से खाने के कई ऐसे ऑप्शंस पेश किए जा रहे हैं जो टेस्टी होने के साथ ही हेल्दी भी हैं। ऐसे ही हेल्दी रेसिपी दिवाली पर बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये शेयर की है।
इस त्योहार घर में बनने वाले ट्रेडिशनल लड्डू के बजाय पोहा लड्डू स्वास्थ्य के नजरिये से ज्यादा फायदेमंद हैं। शिल्पा के अनुसार, ''इस साल दिवाली पर हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करना है, मास्क और सैनिटाइजिंग प्रोटोकॉल के साथ दिवाली सेलिब्रेट करना है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप स्वादिष्ट लड्डू न खाएं। आपके लिए पेश है पोहा लड्डू। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा है। यह ग्लूटेन फ्री है। इसे बनाने में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है। ये मेरी तरफ से आप सभी लोगों के लिए दिवाली गिफ्ट है''।
पोहा लड्डू बनाने के लिए शिल्पा ने पोहे को हल्का ब्राउन होने तक सेंक लिया। फिर इसमें सिका हुआ खोपरा, गुड़, किशमिश, बादाम, अलसी और घी मिलाया। इन सभी चीजों को अच्छी तरह मिलाकर लड्डू बनाएं। लो कैलोरी यह डिश आपका वेट भी मेंटेन रखती है।
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संजीव कपूर के लिए शुगर फ्री गाजर का हलवा है फेस्टिवल का परफेक्ट डेजर्ट तो कुणाल कपूर बेक्ड बादाम के कोफ्ते को मानते हैं बेस्ट
दीपों का त्योहार आते ही घर में कई तरह के पकवान बनने लगते हैं। वैसे तो हर बार ट्रेडिशनल डिशेज बनाई जाती हैं। लेकिन इस बार महामारी की वजह से लोग इन पारंपरिक डिशेज के अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने वाली डिशेज बनाने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। पांच दिन चलने वाले इस त्योहार के लिए हमारे देश के शेफ भी अपनी खास डिशेज रीडर्स के लिए शेयर कर रहे हैं। ये घर में सबको पसंद आएंगी।
शेफ संजीव कपूर : शुगर फ्री गाजर का हलवा
ठंड की शुरुआत होते ही घरों में गाजर का हलवा बनने का लगता है। ऐसे में दिवाली की जगमग के बीच इस डिश का अपना ही मजा है। शुगर फ्री गाजर का हलवा इस फेस्टिवल सीजन की परफेक्ट डिश है जिसे संजीव कपूर खासतौर से दिवाली की पार्टी में सर्व करने की सलाह देते हैं।
कुणाल कपूर : बेक किए हुए बादाम के कोफ्ते
इसे बनाने के लिए मैश किए हुए आलू, बादाम, दूध और अंडे की जरूरत होती है। इसे बनाने के बाद बेक करें। बेक किए हुए कोफ्तों को आप नाश्ते के तौर पर खाएं या करी में डालकर डिनर के लिए तैयार करें। कुणाल इस डिश को डिनर पार्टी के लिए भी बेस्ट मानते हैं।
सारांश गोयला : क्रीम चीज़ कबाब विद वर्की पराठा
क्रीम वाला दही, कॉटेज चीज़, क्रीम चीज़, क्रेनबैरीज, हरी मिर्च, ड्राई फ्रूट्स, केसर और मसालों को मिलाकर बनाया जाता है क्रीम चीज़ कबाब। इसे गर्मागर्म वर्की पराठें के साथ सर्व करें। दिवाली डिनर गेट टूगेदर के लिए ये आइडिया परफेक्ट है।
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Thursday, 12 November 2020
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इस दिवाली स्मार्ट बल्ब से करें सजावट, इन्हें मोबाइल एप से करें कनेक्ट या स्मार्ट स्पीकर से जोड़कर काम में लाएं
दीपावली की सजावट में इस साल स्मार्ट बल्ब अहम रोल निभाएंगे। वजह साफ है कि अब इनकी कीमत सभी की पहुंच में आने लगी है और खूबियां तो इनमें तमाम हैं। जानिए, स्मार्ट बल्ब से जुड़ी कुछ खास बातें।
1. स्मार्ट बल्ब सामान्य बल्ब से काफी अलग होता है। इनमें आमतौर पर एलईडी का उपयोग होता है जिनकी उम्र आम बल्ब की तुलना में अधिक होती है। इसी वजह से यह कम बिजली की खपत में ज्यादा रोशनी देते हैं। इन्हें आम सॉकेट में ही लगाया जा सकता है।
2. इन्हें मोबाइल एप से तो कनेक्ट कर ही सकते हैं, स्मार्ट स्पीकर से भी आसानी से जोड़ा जा सकता है। एमेजॉन इको, गूगल नेक्स्ट, एपल होमपॉड जैसे किसी भी प्रोडक्ट से इन्हें कनेक्ट कर सकते हैं। हर बल्ब के लिए अलग प्रोग्रामिंग इसमें संभव है, इसलिए पूरे घर की रोशनी को एक जगह बैठे-बैठे कंट्रोल कर सकते हैं। वाई-फाई कनेक्शन इनके लिए जरूरी होता है।
3. स्मार्ट बल्ब रंग बदल सकता है, रोशनी को कम या ज्यादा कर सकता है। आपके बोलने पर ऑन या ऑफ भी हो सकता है। इन्हें टाइमर लगाकर भी ऑन-ऑफ किया जा सकता है। हर जगह के अनुसार उनका उपयोग बदल सकता है। जैसे बेडरूम में सोते समय आप लेटे-लेटे ही ‘एलेक्सा’ से इसे बंद करवा सकते हैं। इसी तरह आंगन में इसे लगा रखा है तो किसी आहट पर अपने कमरे से ही इसे स्मार्ट स्पीकर की मदद से ऑन करवा सकते हैं। यह आपके इशारों पर काम करता है।
4. अगर आप स्मार्ट बल्ब खरीदना चाह रहे हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि जो भी प्रोडक्ट लें उसमें स्मार्ट शेड्यूलिंग जरूर हो, जिससे उन्हें मनचाहे समय पर ऑफ या ऑन किया जा सके। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि इसमें मल्टीपल लाइटिंग ऑप्शन होना चाहिए जिससे आप वॉर्म, कूल जैसे माहौल बदल सकें।
5. नौ से 12 वॉट के स्मार्ट बल्ब पर्याप्त रोशनी देते हैं, जितना ज्यादा वॉट उतनी अधिक रोशनी। इनकी कीमत 400 रुपए से शुरू होकर 1100 तक हो सकती है। ऑनलाइन खरीदेंगे तो अच्छे डिस्काउंट मिल सकते हैं।
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एक पायलट ने नौकरी छूटने पर शुरू किया फूड स्टॉल, कैप्टन की यूनिफॉर्म में खाना सर्व करने पर मिली इतनी शोहरत जिसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी
कोरोना वायरस महामारी की वजह से जिन लोगों ने अपनी नौकरी खोई उनमें बड़ी संख्या टूरिज्म इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों की भी रही। इसके चलते आज कई लोग बेरोजगार हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो नए बिजनेस की शुरुआत कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में मलेशियन पायलट अजरिन मोहम्मद जवावी भी शामिल हैं। इन्होंने पायलट की नौकरी छूटने पर अपने फूड बिजनेस की शुरुआत की।
44 साल के अजरीन कहते हैं-''मुझे मेरी कंपनी से हटा दिया गया। फिर मेरे पास कोई काम नहीं था। ऐसे में यह फूड स्टॉल मैंने अपनी आय का जरिया बनाया''। चार बच्चों के पिता अजरीन अपने स्टॉल पर कई मलेशियन डिशेज जैसे करी नूडल्स, लस्का और कई फलों को मिलाकर बनाई गई डिश रोजक बेचते हैं। अजरीन ने जब ये काम शुरू किया था, तब कभी सोचा भी नहीं था कि उन्हें इतनी शोहरत मिलेगी।
एक फोटोग्राफर ने अजरीन के कैप्टन की ड्रेस में फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। अपने फूड स्टॉल को अजरीन ने 'कैप्टन कॉर्नर' नाम दिया। वे अपने स्टॉल पर व्हाइट यूनिफॉर्म के साथ ब्लैक हैट पहनकर जब ग्राहकों को खाना सर्व करते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होती है। अजरीन के अनुसार ''मेरी ड्रेस से आकर्षित होकर इस स्टॉल पर आने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा इस स्टॉल का खाना भी ग्राहकों को काफी पसंद आता है''। इस स्टॉल के लिए खाना बनाने में अजरीन की बीवी लातून नोराल्यानी उनकी पूरी मदद करती हैं।
अजरीन कहते हैं- ''मेरा ये स्टॉल उन सभी लोगों को मुश्किल हालातों से लड़ने की प्रेरणा देता है जिनकी नौकरी छूट गई या जो इस वक्त बेरोजगार हैं। जिंदगी में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करना जरूरी है। इनसे हार मानकर मत बैठो। मुझे लग रहा है जैसे मैं अभी भी हवाई यात्रा कर रहा हूं''।
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Realty shares rebound after FM announces measures to boost sector
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Real estate sector propels PE/VC deal activity in October, says report
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Wednesday, 11 November 2020
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Time to buy gold this Dhanteras? Analysts see price hitting Rs 67,000/10gm
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Rupee slips 9 paise to 74.45 against US dollar in early trade
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लिसिप्रिया कांगुजम ने सरकार से दिल्ली में हेल्थ इमर्जेंसी लगाने की अपील की, दीवाली पर वायु प्रदूषण से बचने के लिए पटाखे न जलाने का दिया संदेश
लिसिप्रिया कांगुजम की उम्र 9 साल है। दिल्ली में हो रहे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वह अभियान चला रही हैं। हाल ही में जब शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा तो इस बच्ची ने सरकार से दिल्ली में हेल्थ इमर्जेंसी लगाने की अपील की है। उसने ट्विटर अकाउंट के जरिये अपनी बात रखी। उसने कहा - ''मैं सभी लोगों से दीवाली पर पटाखे न जलाने की अपील करना चाहती हूं क्योंकि इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। हर साल लाखों बच्चे वायु प्रदूषण की वजह से अपनी जान गवां देते हैं''। उसने अपनी बात को एक कार्ड बोर्ड पर लिखकर व्यक्त किया।
लिसिप्रिया मणिपुर की रहने वाली हैं। प्राकृतिक आपदाओं के चलते वे इस दिशा में प्रयास करने के लिए जागरूक हुईं। 2015 में नेपाल में आए भूकंप की खबरें देखकर उनका दिल दहल गया।
उन्होंने परिवार के साथ इंफाल से काठमांडू तक सहायता पहुंचाई। 2016 में जब वे दिल्ली आईं तो यहां की गंदगी और प्रदूषण को देखकर इसके खिलाफ मुहिम छेड़ी। जब वह ओडिशा गईं तो वहां पर लगातार टिटी जैसे तूफानों ने उन्हें पर्यावरण सुधारने पर विचार करने को मजबूर किया।
लिसिप्रिया ने वायु प्रदूषण के खिलाफ 'द चाइल्ड मूवमेंट' की भी शुरुआत की है। पिछले महीने इस बच्ची ने दिल्ली के विजय चौक में वायु प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। कांगुजम एक अभियान चला रही हैं ताकि स्कूलों में क्लाइमेट चेंज एक अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल किया जाए। ये बच्ची अब तक 21 देशों की यात्रा कर चुकी है। उन्होंने कई नेशनल और इंटरनेशनल समारोह में क्लाइमेंट चेंज पर अपनी राय बयां की है।
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Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900
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उषाशी का संबंध एक ऐसे परिवार से हैं जहां अधिकांश लोग शिक्षक हैं। उन्होंने बचपन से अपने घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल देखा। वे 1986 में शादी के...
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