It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Saturday, 14 December 2019
Six of top-10 firms add Rs 65,060 cr in m-cap; RIL, HDFC top gainers
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GDP and IIP gap may widen to over 900 bps in third quarter, says Moody's
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सर्दियों में जब गेस्ट काे विंटर हाई टी के लिए इंवाइट करें तो इन बातों का रखें ध्यान
लाइफस्टाइल डेस्क. ‘ऑफ्टरनून टी' या दोपहर की चाय वैसे तो ब्रिटिश रिवाज़ है लेकिन अब इसे भारत में भी अपनाया जा रहा है। ठंड के दिनों में घर की छत, बालकनी या गार्डन की गुनगुनी धूप में दोस्तों के साथ बैठकर दोपहर की चाय का आनंद लिया जा सकता है। लाइफस्टाइल एक्सपर्ट मानसी पुजारा बता रही हैं घर पर हाई-टी की तैयारी कैसे करें...
ऐसे करें तैयारी
- पार्टी किट : हाई टी में इस किट से काफी सुविधा हो जाती है। केक स्टैंड को सेंटरपीस बनाया जा सकता है। अपनी महंगी क्रॉकरी और चाइनावेयर निकाल सकते हैं। पैटर्न्स मैच ना हों तो भी सेटिंग स्टाइलिश लगेगी। सर्विंग के लिए टी-पॉट, टी-कप्स, कटलरी और केक स्लाइसर्स की भी जरूरत पड़ सकती है।
- सजावट : टेबल छोटी है तो एक्सटेंड करके टेबल क्लॉथ बिछाएं। छोटे गेट-टुगेदर्स के लिए स्पॉटेड, स्ट्राइप्ड और फ्लोरल फैब्रिक टेबल क्लॉथ मिल जाते हैं। घर पर ही थोड़े कुकीज बनाकर रखे जा सकते हैं और मेहमानों को एक पेपरबैग में रिटर्न गिफ्ट की तरह दे सकते हैं।
- वेलकम टी : सुनिश्चित करें कि टेबल पर शकर और दूध पहले से मौजूद हो। मेहमानों के बैठते ही चाय सर्व कर दें। वराइटी भी हो। जैसे- पिपरमेंट, ऑरेंज, कैमोमिल, फ्रूट, हर्बल, ग्रीन और क्लासिक ब्लैक टी। किसी खास चाय से भी स्वागत कर सकते हैं।
फूड मेन्यू में रखें वैरायटी
- दोपहर की चाय में फिक्स्ड मेन्यू नहीं होता है लेकिन सैंडविच और केक की उम्मीद जरूर की जाती है। आप चाहें तो पेस्ट्री, पैटी और बिस्किट भी रख सकते हैं।
- जैम : टी-पार्टी में कई अलग-अलग तरह के जैम भी रखे जा सकते हैं। ब्लैककरंट, स्ट्रॉबेरी, एपल, गुआवा और पाइनैपल जैम अमूमन सभी को पसंद आ जाते हैं।
- टी-केक और बन्स : एप्रिकॉट जैम लगाकर बन्स को प्रोफेशनल फिनिश दी जा सकती है। इसके अलावा इन्हें स्लाइस करके, बटर लगाकर भी सर्व किया जा सकता है।
टी-पार्टी के एटिकेट्स
- होस्ट को निमंत्रण में समय, जगह और ड्रेस कोड स्पष्ट करना चाहिए। मेहमानों को भी समय पर पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए।
- इस तरह के आयोजन में वैसे तो तोहफा देने का रिवाज नहीं होता है, लेकिन अगर होस्ट के लिए आप कोई खास चाय पत्ती ले जा सकते हैं, तो जरूर लेकर जाना चाहिए।
- अपनी प्लेट में बहुत सारा खाना ना रखें। टी पार्टी में अमूमन स्नैकिंग ही की जाती है, पूरा मील नहीं लिया जाता।
- आप खड़े हैं तो कप-सॉसर दोनों हाथ में लें। एक हाथ में कप और दूसरे में सॉसर होना चाहिए।
- टेबल पर या सॉसर में चम्मच ना रखें। इस तरह चाय के दाग लिनन पर लग सकते हैं।
टेबल सेट करते समय थीम ध्यान रखें
- सबसे पहले एक परफेक्ट टेबल क्लॉथ की तलाश करें। यदि थीम तय है तो उसी के अनुसार टेबल क्लॉथ चुनें। साफ-सुथरा सफेद लिनन भी बिछा सकते हैं। इस तरह बाकी सजावट के लिए मूड सेट होता है।
- टेबल गोल हो या चौकोर, टी-पॉट होस्ट के पास ही रखा होना चाहिए जिससे उसे आसानी से उठाया जा सके। होस्ट ही मेहमानों को चाय सर्व करेगा। क्रीम और शुगर के कटोरे भी आसपास होने चाहिए।
- हर सीट के सामने एक टी-कप, सॉसर, टी-स्पून, स्नैक प्लेट और नैपकिन होना चाहिए।
इस तरह बनेगी परफेक्ट चाय
- आदर्श स्थिति में मेहमानों को चाय टी-पॉट से ही सर्व करनी चाहिए।
- सबसे पहले गर्म पानी टी-पॉट में डालें और दस सेकंड तक पॉट में रहने दें। टी- पॉट को आप इस तरह चाय के लिए तैयार करते हैं। यह ट्रिक अपनाकर चाय को जल्दी ठंडा होने से भी बचाया जा सकता है। उस पानी को फेंक दें।
- अब चाय की पत्ती या टी-बैग को पॉट में डालें। ऊपर से गर्म पानी डालें और चाय को वराइटी अनुसार ब्रू होने दें। सर्व करने से पहले पत्ती को छान लें।
- मेहमानों को पिपरमेंट, ऑरेंज, डार्जलिंग, जास्मिन टी सर्व की जा सकती है। चाय को मीठा करने के विकल्प दिए जा सकते हैं। जैसे- शुगर क्यूब्स, ब्राउन शुगर, शहद या स्टीविया। साथ में दूध या क्रीम रखना ना भूलें।
टी-पार्टी फूड
- टी-पार्टी फूडसर्व करने के लिए कम से कम बर्तनों का उपयोग होना चाहिए। आम तौर पर सैंडविच, मफिन्स, स्कोन्स और केक सर्व किए जाते हैं।
- टी-पार्टी सैंडविच के लिए सॉफ्ट व्हाइट या ब्राउन ब्रेड का इस्तेमाल किया जाता है। ब्रेड के किनारे हटा दिए जाते हैं। कुकुंबर सैंडविच सबसे खास माने जाते हैं।
प्लानिंग टिप्स
- तारीख तय करने के बाद मेहमानों को निमंत्रण भेज सकते हैं। यह निमंत्रण बेहद साधारण या बेहद खास हो सकता है। निमंत्रण में एक टी-बैग रखकर आप पार्टी का मूड सेट कर सकते हैं।
- कई तरह की चाय और उससे संबंधित एसेसरीज़ खरीद लें। मेहमानों के लिए कई तरह की चाय ब्रू करने के लिए आपको कई टी-पॉट्स लगेंगे।
- पार्टी में मीठे और नमकीन दोनों तरह के स्नैक्स सर्व होने चाहिए। अगर पार्टी इन-बिटवीन मील है तो कम स्नैक्स हों लेकिन अगर मील के समय पर है, तो ज्यादा स्नैक्स होने चाहिए।
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स्क्रब हमेशा हल्के हाथ से करें और अंत में स्किन पर मॉस्चराइजर जरूर लगाएं; ओवर-एक्सफोलिएट ना करें
लाइफस्टाइल डेस्क. केमिकल पील्स और लेज़र फेशियल्स स्किन के लिए फायदेमंद तो बहुत होते हैं लेकिन जेब पर भारी भी पड़ते हैं। इसलिए अब घर पर ही फेशियल लिए जा रहे हैं। लेकिन इसके लिए भी स्किल की जरूरत तो पड़ती ही है। बेहतर असर के लिए फेशियल करने का सही तरीका जानना जरूरी है। ब्यूटी एक्सपर्ट अमी कैप्रिहन से जानिए फेशियल करते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है...
घर पर ऐसे ले सकते हैं फेशियल…
01 स्किन क्लेंसिंग- चेहरा धोकर स्किन को फेशियल के लिए तैयार कर लें। स्किन जब धूलमिट्टी, ऑइल और मेकअप फ्री रहती है, तभी इंग्रीडिएंट्स को अच्छी तरह एब्जॉर्ब कर पाती है। ऑइल मसाज क्लेंजिंग करने के बाद फोमिंग क्लेंसर से भी चेहरा साफ कर सकते हैं।
क्या ना करें- चेहरा ओवर-वॉश ना करें।
02 स्क्रब- एक्सफोलिएशन में स्किन को बहुत ध्यान से हैंडल करना है। खूबसूरती के नाम पर स्किन को जोर से रगड़ना या घिसना नहीं है। घर पर बने स्क्रब से चेहरा पॉलिश करके डेड स्किन निकाली जा सकती है। हार्श स्क्रब का इस्तेमाल नहीं करना है। स्क्रब अपनी स्किन के मुताबिक चुनें। स्किन ड्राय है तो शकर, शहद और गुनगुना पानी मिलाकर स्क्रब बनाकर लगाएं। स्किन ऑइली है तो ओट्स, शहद और दूध मिलाकर बना स्क्रब बना सकते हैं।
क्या ना करें- ओवर -एक्सफोलिएट ना करें
03 फेस मसाज- हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करने के बाद स्क्रब लगा सकते हैं। क्रीम से मसाज करने से स्किन के मसल्स टोन होते हैं और ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। स्किन टाइट और ब्राइट बनी रहती है डॉट तकनीक अपनाकर मॉस्चराइजर से भी मसाज कर सकते हैं। अपवर्ड मोशन में ही मसाज करनी चाहिए। केवल दस मिनट के लिए हल्के हाथ से मसाज करें।
क्या ना करें- केवल चेहरे की मसाज ना करें। गले की मसाज भी जरूरी है।
04 स्टीम- इससे स्किन ज्यादा ऑइली नहीं रहती और ना ही एक्ने की समस्या बढ़ने की संभावना रहती है। स्किन पर ग्लो बना रहता है। स्टीम लेने से पहले एसेंशियल ऑइल या फ्रूट पील डाल सकते हैं।
क्या ना करें- दस मिनट से ज्यादा स्टीम ना लें।
05 शीट मास्क- स्टीम लेने के बाद स्किन किसी भी इंग्रीडिएंट को आसानी से एब्जॉर्ब करती है। आप शीट मास्क का उपयोग कर सकते हैं।
क्या ना करें- नए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल ना करें।
06 मॉस्चराइज़- फेशियल के बाद स्किन पर मॉस्चराइजर ना लगाना सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है। एसपीएफ मॉस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
क्या ना करें- स्किन को ड्राय नहीं होने देना चाहिए।
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Johnson's victory could turn things for European market that lost $100 bn
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Friday, 13 December 2019
HNIs curb flows to long-short AIFs as higher taxation pinches
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UP paddy procurement up 40% to 2.75 mn tonnes so far this Kharif season
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Market Wrap, Dec 13: Here's all that happened in the markets today
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To clear surplus stock, India exported 3.7 mn tonne sugar in 2018-19
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इन सर्दियों में मेंस वूलन के ये यूनिक ऑप्शंस देंगे गर्माहट
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After 50% returns, 2020 may be even better year for Indian primary market
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Sector watch: Nifty Realty index nears 52-week high; DLF hits 22-month high
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बॉलीवुड की ये पांच एक्ट्रेस अपने ड्रेसिंग सेंस से रहती हैं लाइमलाइट में
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Dr Reddy's falls 5% as rival firm beats Co to US FDA approval for EluRyng
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नई-नवेली दुल्हन के लिए यूनिक साड़ियां, देखते ही ठहरेंगी नजर
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Thursday, 12 December 2019
HDFC rallies 2% to hit all-time high of Rs 2,363; analysts remain bullish
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Tata Motors surges 6%, hits over 6-month high; stock up 14% in two days
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100 साल पुराना पेड़ काटने से पहले बौद्ध भिक्षुओं ने माफी मांगी, सम्मान से विदा किया
कैलिफोर्निया. अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में 100 साल पुराने पेड़ को काटने से पहले उसे सम्मानपूर्वक विदाई दी। बर्कले की बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर लगा फर का यह पेड़ बीमारी के चलते खोखला हो गया था। इसकी डालियां भी सूख गई थीं। यह कभी भी गिर सकता था। इससे राहगीरों को नुकसान पहुंच सकता था। इसके पड़ोस में स्थित बौद्ध मठ के भिक्षुओं ने इसे काटने का फैसला लिया।
पेड़ को काटने से पहले विदाई समारोह आयोजित किया गया। साथ ही एक भावुक चिट्ठी भी लिखी गई। इसमें लिखा, "बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर स्थित पेड़ और इस पर रहने वाले समस्त पक्षियों, कीट-पतंगों और आत्माओं... हम पूरे सम्मान के साथ आपसे कहते हैं कि खराब सेहत और समाज की भलाई को ध्यान में रखकर हमें आपको हटाना पड़ेगा।"
'हम आपके प्रति कृतज्ञहैं'
चिट्ठी में लिखा गया, "आपने निस्वार्थ भाव से एक सदी तक हम लोगों को छाया और आश्रय दिया। इसके लिए आपके प्रति कृतज्ञ हैं। आपकी आत्मा को शांति मिले। इस पेड़ पर जिन्होंने घर बसा लिया है, वो जल्द नया बसेरा खोज लें। आपके परिवार को होने वाली परेशानियों के लिए हम माफी मांगते हैं। आप सभी सुरक्षित जगह पहुंच जाएं ताकि आपकी आने वाली पीढ़ियां समृद्ध हो सकें। आप हमेशा यादों में जिंदा रहेंगे।"
- बीमारी से ग्रस्त पेड़ को काटने के अलावा विकल्प नहीं था
- पेड़ काटने से पहले इसके पास ही सामूहिक प्रार्थना सभा भी रखी गई
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Chris Wood cuts India exposure; DLF replaces Godrej Properties in portfolio
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Metal shares gain as Trump signs phase one trade deal with China
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Banks surge on report govt may raise bond investment limit for FPIs to 10%
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Stocks to watch: Metal stocks, Wipro, IndiGo, Bank of Baroda, Biocon
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Commodity outlook by Tradebulls Securities: Buy lead, natural gas
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Market Ahead, December 13: Top factors that could guide markets today
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Derivative Strategy on Cholamandalam Invt & Fin Co by HDFC Securities
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MARKET LIVE: SGX Nifty suggests positive start for benchmark indices
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Today's picks: From Bharti Infratel to NTPC, hot stocks to watch on Friday
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इसरो साइंटिस्ट नितिन ने नौकरी छोड़ कृषि उपकरण बनाना शुरू किया ताकि किसानों की समस्या दूर हो; अब विदेशों से आ रही डिमांड
शरद पाण्डेय | नई दिल्ली .राजस्थान के साइंटिस्ट नितिन गुप्ता। इसरो में उनका चयन 2008 में हुआ था। लेकिन 2011 में वह नौकरी छोड़कर किसान बन गए, ताकि किसानों की समस्याओं को दूर कर सकें।
दरअसल, नितिन के स्कूल के साथी खेती करते हैं। छुटि्टयों में जब नितिन घर आते तो गांव में ग्रामीण खेती की समस्याओं पर चर्चा करते। नितिन समस्याओं का हल बताते। यहीं से उन्होंने सोच लिया कि वह भविष्य में किसानों को राहत देने के लिए अाविष्कार करेंगे।
इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। एक दोस्त के साथ मिलकर पहला कॉटन पिकर कृषि उपकरण बनाना शुरू किया। इसे बनाने में दो साल लगे। लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख और हिमाचल में रिसर्च की। चार माह बाद उन्होंने एप्पल पिकर बना डाला। इसे किसानों ने बहुत पसंद किया। फिर एक-एक कर 5 प्रकार के उपकरण बना डाले। जिनकी मांग ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और इजरायल से भी आ रही है। उनके आविष्कार को लेकर फिक्की उन्हें बिजनेस इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित कर चुका है।उन्हें सीआईआई टेक्निकल इनोवेशन इन एग्रीकल्चर अवॉर्ड, आईसीएफए में फूड एंड एग्रीकल्चर में बेस्ट फार्म टेक स्टार्टअप का अवॉर्ड मिल चुका है।
देश की पहली लिंकेज वेजिटेबल मशीन बनाई
साइंटिस्ट नितिन गुप्ता बताते हैं कि वह रिसर्च कर ऐसे उपकरण बनाते हैं, जिनका मैकेनिज्म बाजार में उपलब्ध ही नहीं होता है। कीमत भी ऐसी रखते हैं,जो एक ही सीजन में वसूल हो जाए। उन्होंने हाल ही में देश में निर्मित पहली मार्केट लिंकेज वेजिटेबल फ्रूट ग्रेडिंग मशीन बनाई है। इससे फल-सब्जियां छंटते ही आसपास के आढ़तियों के पास कलर, साइज, क्वालिटी की डिटेल्स के साथ मैसेज पहुंच जाएगा। इससे वे जरूरत के अनुसार किसानों से संपर्क कर पाएंगे।
पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके; कई उपकरण बना चुके
नितिन गुप्ता श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई, जबकि मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई चेन्नई से की। इसरो में 2008 में बतौर साइंटिस्ट चयन हुआ। 2011 में नौकरी छोड़ मास्टर ऑफ डिजाइन की डिग्री ली और स्टार्टअप शुरू किया। 2015 में पीएम द्वारा स्किल इनोवेशन में देश के टॉप-35 स्टार्टअप में उनका चयन हुआ। नितिन अब तक कॉटन पिक, खुबानी पिकर, सोलर इनसेक्ट ट्रैप, सी बकथॉर्न पिकर और मार्केट लिंकेज ग्रेडिंग मशीन बना चुके हैं। वह भारत के पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके हैं।
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Wednesday, 11 December 2019
Ujjivan Small Finance Bank: Analysts still bullish despite bumper listing
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स्किन को जवां, चमकदार बनाने के लिए क्लींजिंग,मसाज और मास्क लगाकर घर बैठे ही करें फेशियल
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शरीर की लंबाई बढ़ाने वाली 4 एक्सरसाइज, स्किपिंग और स्विमिंग से होगा शारीरिक विकास
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Aavas Financiers surges 6% ahead of board meet for fund raising via NCDs
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Ujjivan Small Finance Bank makes strong debut, lists at 57% premium
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बघेल लोग गुजरात से सतना आए, तो साथ लाए खान-पान की आदतें और खास रेसिपीज
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सर्दियों में स्किन ड्रायनेस और डिइाइड्रेशन से बचने के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं, कंट्रोल होगा वजन
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100 साल पुराना पेड़ काटने से पहले बौद्ध भिक्षुओं ने माफी मांगी, सम्मान से विदा किया
कैलिफोर्निया. अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में 100 साल पुराने पेड़ को काटने से पहले उसे सम्मानपूर्वक विदाई दी। बर्कले की बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर लगा फर का यह पेड़ बीमारी के चलते खोखला हो गया था। इसकी डालियां भी सूख गई थीं। यह कभी भी गिर सकता था। इससे राहगीरों को नुकसान पहुंच सकता था। इसके पड़ोस में स्थित बौद्ध मठ के भिक्षुओं ने इसे काटने का फैसला लिया।
पेड़ को काटने से पहले विदाई समारोह आयोजित किया गया। साथ ही एक भावुक चिट्ठी भी लिखी गई। इसमें लिखा, "बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर स्थित पेड़ और इस पर रहने वाले समस्त पक्षियों, कीट-पतंगों और आत्माओं... हम पूरे सम्मान के साथ आपसे कहते हैं कि खराब सेहत और समाज की भलाई को ध्यान में रखकर हमें आपको हटाना पड़ेगा।"
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- पेड़ काटने से पहले इसके पास ही सामूहिक प्रार्थना सभा भी रखी गई
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स्किन को जवां, चमकदार बनाने के लिए क्लींजिंग,मसाज और मास्क लगाकर घर बैठे ही करें फेशियल
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शरीर की लंबाई बढ़ाने वाली 4 एक्सरसाइज, स्किपिंग और स्विमिंग से होगा शारीरिक विकास
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Stocks to watch: Nestle India, Cipla, NBFCs, HFCs, SBI, DHFL, L&T Infotech
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Market Ahead, December 12: All you need to know before the Opening Bell
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बघेल लोग गुजरात से सतना आए, तो साथ लाए खान-पान की आदतें और खास रेसिपीज
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सर्दियों में स्किन ड्रायनेस और डिइाइड्रेशन से बचने के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं, कंट्रोल होगा वजन
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इसरो साइंटिस्ट नितिन ने नौकरी छोड़ कृषि उपकरण बनाना शुरू किया ताकि किसानों की समस्या दूर हो; अब विदेशों से आ रही डिमांड
शरद पाण्डेय | नई दिल्ली .राजस्थान के साइंटिस्ट नितिन गुप्ता। इसरो में उनका चयन 2008 में हुआ था। लेकिन 2011 में वह नौकरी छोड़कर किसान बन गए, ताकि किसानों की समस्याओं को दूर कर सकें।
दरअसल, नितिन के स्कूल के साथी खेती करते हैं। छुटि्टयों में जब नितिन घर आते तो गांव में ग्रामीण खेती की समस्याओं पर चर्चा करते। नितिन समस्याओं का हल बताते। यहीं से उन्होंने सोच लिया कि वह भविष्य में किसानों को राहत देने के लिए अाविष्कार करेंगे।
इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। एक दोस्त के साथ मिलकर पहला कॉटन पिकर कृषि उपकरण बनाना शुरू किया। इसे बनाने में दो साल लगे। लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख और हिमाचल में रिसर्च की। चार माह बाद उन्होंने एप्पल पिकर बना डाला। इसे किसानों ने बहुत पसंद किया। फिर एक-एक कर 5 प्रकार के उपकरण बना डाले। जिनकी मांग ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और इजरायल से भी आ रही है। उनके आविष्कार को लेकर फिक्की उन्हें बिजनेस इनोवेशन अवॉर्ड से सम्मानित कर चुका है।उन्हें सीआईआई टेक्निकल इनोवेशन इन एग्रीकल्चर अवॉर्ड, आईसीएफए में फूड एंड एग्रीकल्चर में बेस्ट फार्म टेक स्टार्टअप का अवॉर्ड मिल चुका है।
देश की पहली लिंकेज वेजिटेबल मशीन बनाई
साइंटिस्ट नितिन गुप्ता बताते हैं कि वह रिसर्च कर ऐसे उपकरण बनाते हैं, जिनका मैकेनिज्म बाजार में उपलब्ध ही नहीं होता है। कीमत भी ऐसी रखते हैं,जो एक ही सीजन में वसूल हो जाए। उन्होंने हाल ही में देश में निर्मित पहली मार्केट लिंकेज वेजिटेबल फ्रूट ग्रेडिंग मशीन बनाई है। इससे फल-सब्जियां छंटते ही आसपास के आढ़तियों के पास कलर, साइज, क्वालिटी की डिटेल्स के साथ मैसेज पहुंच जाएगा। इससे वे जरूरत के अनुसार किसानों से संपर्क कर पाएंगे।
पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके; कई उपकरण बना चुके
नितिन गुप्ता श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं से हुई, जबकि मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई चेन्नई से की। इसरो में 2008 में बतौर साइंटिस्ट चयन हुआ। 2011 में नौकरी छोड़ मास्टर ऑफ डिजाइन की डिग्री ली और स्टार्टअप शुरू किया। 2015 में पीएम द्वारा स्किल इनोवेशन में देश के टॉप-35 स्टार्टअप में उनका चयन हुआ। नितिन अब तक कॉटन पिक, खुबानी पिकर, सोलर इनसेक्ट ट्रैप, सी बकथॉर्न पिकर और मार्केट लिंकेज ग्रेडिंग मशीन बना चुके हैं। वह भारत के पहले मंगलयान प्रोजेक्ट के लिए रिसर्च कर चुके हैं।
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MARKET LIVE: Sensex, Nifty, US Fed, Brexit, US China, YES Bank, IIP, CPI
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Nifty Outlook and top trading ideas by CapitalVia Global Research Limited
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Buy and sell ideas by Sacchitanand Uttekar of Tradebulls Securities
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स्किन को जवां, चमकदार बनाने के लिए क्लींजिंग,मसाज और मास्क लगाकर घर बैठे ही करें फेशियल
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शरीर की लंबाई बढ़ाने वाली 4 एक्सरसाइज, स्किपिंग और स्विमिंग से होगा शारीरिक विकास
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Indian bonds are the worst-performing in Asia and they may fall further
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Today's picks: L&T to Zee Entertainment, hot stocks to watch on Thursday
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आईआईटी-कानपुर ने फोल्डेबल सीढ़ी बनाई, इससे ट्रेन की अपर बर्थ तक पहुंचना आसान होगा
कानपुर. आईआईटी-कानपुर की एक टीम ने भारतीय रेलवे की बोगी के लिए फोल्ड होने वाली सीढ़ी बनाई है। ये सीढ़ियां यात्रियों को आसानी से मिडिल और अपर बर्थ तक पहुंचने में मदद करेंगी। आईआईटी कानपुर से प्रोग्राम डिजाइनिंग में पीएचडी करने वाले कनिष्क बिस्वास ने बताया कि सीढ़ी में 3 फोल्डेबल स्टेप हैं जो लॉक और अनलॉक हो सकते हैं। सीढ़ियां कम जगह लें इसके लिए इन्हें आड़ा-तिरछा (जिग्जॉग स्टाइल) लगाया गया है।
सीढ़ी पर पैर रखने के लिए पहली और दूसरी बर्थ के बीच तीन पाए लगाए गए हैं। जबकि अपर बर्थ तक पहुंचने के लिए एक पाया दिया गया है। दावा है, सीढ़ी को रेलवे के अधिकारियों के पास ट्रायलके लिए भेजा है। ताकि जरूरी औपचारिकताएं पूरी जा सकें। सीढ़ी का डिजाइन पेटेंट कराने के लिए आवेदन पहले ही किया जा चुका है।
सीढ़ियां बनाने में इनकी भूमिका प्रमुख
सीढ़ी को तैयार करने वाली टीम में कनिष्क के अलावापुष्पल डे, अर्थ साइंस विभाग की पीएचडी स्कोलर ईशा रे, मैक्निकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिशाख भट्टाचार्य एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ तरूण गुप्ता थे।
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Tuesday, 10 December 2019
आईआईटी-कानपुर ने फोल्डेबल सीढ़ी बनाई, इससे ट्रेन की अपर बर्थ तक पहुंचना आसान होगा
कानपुर. आईआईटी-कानपुर की एक टीम ने भारतीय रेलवे की बोगी के लिए फोल्ड होने वाली सीढ़ी बनाई है। ये सीढ़ियां यात्रियों को आसानी से मिडिल और अपर बर्थ तक पहुंचने में मदद करेंगी। आईआईटी कानपुर से प्रोग्राम डिजाइनिंग में पीएचडी करने वाले कनिष्क बिस्वास ने बताया कि सीढ़ी में 3 फोल्डेबल स्टेप हैं जो लॉक और अनलॉक हो सकते हैं। सीढ़ियां कम जगह लें इसके लिए इन्हें आड़ा-तिरछा (जिग्जॉग स्टाइल) लगाया गया है।
सीढ़ी पर पैर रखने के लिए पहली और दूसरी बर्थ के बीच तीन पाए लगाए गए हैं। जबकि अपर बर्थ तक पहुंचने के लिए एक पाया दिया गया है। दावा है, सीढ़ी को रेलवे के अधिकारियों के पास ट्रायलके लिए भेजा है। ताकि जरूरी औपचारिकताएं पूरी जा सकें। सीढ़ी का डिजाइन पेटेंट कराने के लिए आवेदन पहले ही किया जा चुका है।
सीढ़ियां बनाने में इनकी भूमिका प्रमुख
सीढ़ी को तैयार करने वाली टीम में कनिष्क के अलावापुष्पल डे, अर्थ साइंस विभाग की पीएचडी स्कोलर ईशा रे, मैक्निकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिशाख भट्टाचार्य एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ तरूण गुप्ता थे।
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आईआईटी-कानपुर ने फोल्डेबल सीढ़ी बनाई, इससे ट्रेन की अपर बर्थ तक पहुंचना आसान होगा
कानपुर. आईआईटी-कानपुर की एक टीम ने भारतीय रेलवे की बोगी के लिए फोल्ड होने वाली सीढ़ी बनाई है। ये सीढ़ियां यात्रियों को आसानी से मिडिल और अपर बर्थ तक पहुंचने में मदद करेंगी। आईआईटी कानपुर से प्रोग्राम डिजाइनिंग में पीएचडी करने वाले कनिष्क बिस्वास ने बताया कि सीढ़ी में 3 फोल्डेबल स्टेप हैं जो लॉक और अनलॉक हो सकते हैं। सीढ़ियां कम जगह लें इसके लिए इन्हें आड़ा-तिरछा (जिग्जॉग स्टाइल) लगाया गया है।
सीढ़ी पर पैर रखने के लिए पहली और दूसरी बर्थ के बीच तीन पाए लगाए गए हैं। जबकि अपर बर्थ तक पहुंचने के लिए एक पाया दिया गया है। दावा है, सीढ़ी को रेलवे के अधिकारियों के पास ट्रायलके लिए भेजा है। ताकि जरूरी औपचारिकताएं पूरी जा सकें। सीढ़ी का डिजाइन पेटेंट कराने के लिए आवेदन पहले ही किया जा चुका है।
सीढ़ियां बनाने में इनकी भूमिका प्रमुख
सीढ़ी को तैयार करने वाली टीम में कनिष्क के अलावापुष्पल डे, अर्थ साइंस विभाग की पीएचडी स्कोलर ईशा रे, मैक्निकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिशाख भट्टाचार्य एवं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ तरूण गुप्ता थे।
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100 साल पुराना पेड़ काटने से पहले बौद्ध भिक्षुओं ने माफी मांगी, सम्मान से विदा किया
कैलिफोर्निया. अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में 100 साल पुराने पेड़ को काटने से पहले उसे सम्मानपूर्वक विदाई दी। बर्कले की बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर लगा फर का यह पेड़ बीमारी के चलते खोखला हो गया था। इसकी डालियां भी सूख गई थीं। यह कभी भी गिर सकता था। इससे राहगीरों को नुकसान पहुंच सकता था। इसके पड़ोस में स्थित बौद्ध मठ के भिक्षुओं ने इसे काटने का फैसला लिया।
पेड़ को काटने से पहले विदाई समारोह आयोजित किया गया। साथ ही एक भावुक चिट्ठी भी लिखी गई। इसमें लिखा, "बेनक्राफ्ट स्ट्रीट पर स्थित पेड़ और इस पर रहने वाले समस्त पक्षियों, कीट-पतंगों और आत्माओं... हम पूरे सम्मान के साथ आपसे कहते हैं कि खराब सेहत और समाज की भलाई को ध्यान में रखकर हमें आपको हटाना पड़ेगा।"
'हम आपके प्रति कृतज्ञहैं'
चिट्ठी में लिखा गया, "आपने निस्वार्थ भाव से एक सदी तक हम लोगों को छाया और आश्रय दिया। इसके लिए आपके प्रति कृतज्ञ हैं। आपकी आत्मा को शांति मिले। इस पेड़ पर जिन्होंने घर बसा लिया है, वो जल्द नया बसेरा खोज लें। आपके परिवार को होने वाली परेशानियों के लिए हम माफी मांगते हैं। आप सभी सुरक्षित जगह पहुंच जाएं ताकि आपकी आने वाली पीढ़ियां समृद्ध हो सकें। आप हमेशा यादों में जिंदा रहेंगे।"
- बीमारी से ग्रस्त पेड़ को काटने के अलावा विकल्प नहीं था
- पेड़ काटने से पहले इसके पास ही सामूहिक प्रार्थना सभा भी रखी गई
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