चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है, मुनव्वर राना की लिखी यह पंक्तियां मां का महत्व समझाने के लिए काफी तो नहीं है, लेकिन उसकी सुंदरता बताने में जरूर सार्थक साबित होती है। आज मदर्स डे है, मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। हालांकि मां के लिए कोई एक दिन तय नहीं होता, लेकिन यह अलग बात है कि एक खास दिन को मां के लिए निश्चित कर दिया गया है। यह दिन अपनी हर तकलीफों को नजरअंदाज कर बच्चों की हर खुशी का ध्यान रखने वाली मां के प्रति अपना प्यार और कृतज्ञता जताने का एक जरिया है।
मदर्स डे का महत्व
यह दिन हर मां के साथ ही सभी बच्चों के लिए भी अहम होता है। यह दिन अपनी भावनाओं को जाहिर करने का एक मौका देता है। दुनिया के अधिकतर देशों में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है, लेकिन कई देशों में इस खास दिन को अलग-अलग तारीखों पर भी मनाया जाता है। आज मदर्स डे के अवसर पर जानते हैं कि कैसे हुई मां के लिए बने इस खास दिन की शुरुआत।
अमेरिकी एक्टिविस्ट ने शुरू किया मदर्स डे
मदर्स डे को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित है। इसमें से एक यह भी है कि मदर्स डे के खास दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। वर्जीनिया में एना जार्विस नामक एक एक्टिविस्ट महिला द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी। दरअसल एना ना केवल अपनी मां से बेहद प्यार करती थी, बल्कि वह उनके लिए प्रेरणा भी थी। वह हमेशा अपनी मां के साथ ही रहीं और कभी शादी भी नहीं की। मां के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान जताने के लिए उन्होंने 1908 से इस खास दिन की शुरुआत की।
वर्जिन मैरी का दिन मदर्स डे
इसके अलावा ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को वर्जिन मैरी का दिन भी मानते हैं। इसी दिन यूरोप और ब्रिटेन में मदरिंग संडे भी मनाया जाता है। मदर्स डे से जुड़ी एक और मान्यता के मुताबिक इसकी शुरुआत ग्रीस से हुई थी। यहां लोग अपनी मां का बेहद सम्मान करते थे, इसीलिए मां के प्रति सम्मान जताने के मकसद से इस दिन उनकी पूजा करते थे। मान्यताओं के मुताबिक स्यबेसे ग्रीस देवताओं की माता थी और मदर्स डे के दिन इन्हीं की पूजा की जाती थी।
9 मई 1914 को पारित कानून
अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने 9 मई 1914 में एक कानून पारित किया, जिसके मुताबिक मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में तय किया गया था। इसी के बाद से भारत सहित दुनिया के कई देशों में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के खास दिन के रूप में मनाया जाने लगा। सभी के जीवन में एक अतुलनीय योगदान देने वाली मां ना केवल इस धरती पर भगवान का रूप होती है, बल्कि हर बच्चे के लिए पहली शिक्षिका और मित्र का किरदार भी निभाती हैं।
मां को दे प्यार का तोहफा
बिना कुछ मांग किए निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों को प्यार करने वाली मां को समर्पित इस खास दिन को उनके लिए और खास बनाएं। इस दिन को ना केवल मौखिक बल्कि सार्थक रूप से मां के लिए समर्पित करें। ये पहला मौका होगा जब मदर्स डे पर पूरा परिवार घर पर होगा। बच्चों का भी पूरा दिन मां के साथ गुजरेगा। इस खास मौके पर अपनी मां के साथ समय बिताएं और वो सब करें जो व्यस्त होने के कारण आप नहीं कर पाते और मां को अपने प्यार का तोहफा देकर हर कदम पर साथ देने के लिए शुक्रिया अदा करें।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3fBkETh