It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
अगर आप खाना खाने और पकाने का शौक रखते हैं तो किचन गैजेट्स आपके कई काम आसान करने में मदद कर सकते हैं। इनकी मदद से आप कम समय में एक से बढ़कर एक डिश तैयार कर सकते हैं। एक बार आजमाकर देखिए।
1. ऑटोमैटिक पैन स्टरर विद टाइमर
किसी रेसिपी में ग्रेवी या बैटर को लगातार चलाने की जरूरत है तो यह ऑटोमैटिक मिक्सिंग टूल बहुत सारा टाइम और मेहनत बचाएगा। इसे पैन के अंदर सेट करके आप अपने दूसरे काम पूरे कर सकते हैं।
2. एवोकेडो हगर्स
एवोकेडो को स्लाइस करके खाते हों या स्मूदी में मिलाकर, इन्हें लंबे समय तक फ्रेश रखना चाहते हैं, तो इन सिलिकॉन कप्स में रख सकते हैं। ऐवोकेडो के आधे हिस्से पर यह कप आसानी से फिट होता है।
3. कॉर्न स्ट्रिपर
ये कॉर्न स्ट्रिपर बेहद आसानी से कॉर्न का हर दाना निकाल देता है। इसमें ना ज्यादा देर लगती है और ना ही किसी तरह का वेस्ट होता है।
4. पास्ता टाइमर
यह वॉटरप्रूफ टाइमर है। इसे अपने पास्ता के साथ उबलते पानी में डालिए। जैसे ही पास्ता पक जाएगा, यह अलार्म देगा। इसके उपयोग से पास्ता या नूडल्स कभी ओवरकुक नहीं होंगे।
5. डबल ब्रेकफास्ट सैंडविच मेकर
दो लोगों के लिए नाश्ता बनाना बेहद आसान हो सकता है। इस सैंडविच मेकर में सैंडविच का हर इंग्रीडिएंट अच्छी तरह पकता है। यह डिशवॉशर सेफ भी है।
6. बटर चर्नर
ताजा, हाथ से बना मक्खन चाहते हैं तो इस बटर चर्नर से बिल्कुल वही स्वाद मिलेगा। बहुत आसानी से इससे मक्खन निकल जाता है। बच्चों की एनर्जी सही जगह लगे इसलिए उन्हें भी यह काम दे सकते हैं।
7. ‘ऑइलादीन’ ऑइल स्टॉपर
यह रबर का ऑइल स्टॉपर है जो किसी भी बॉटल पर फिट किया जा सकता है। कंपनी का दावा है कि यह तेल को लंबे समय तक फ्रेश रखता है।
आजकल कई युवा जीवन के हर पक्ष में ऑनलाइन को तरजीह देते हैं। उन्हें अनजान लोगों से ऑनलाइन मिलना और उनके साथ रिश्ते विकसित करना रास आता है। विभिन्न सोशल और डेटिंग वेबसाइट्स पर पहले लोग एक-दूसरे के दोस्त बनते हैं, फिर जैसे-जैसे समय बीतता है वो धीरे-धीरे एक-दूसरे को और जानने की कोशिश करते हैं।
इसके बाद मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। पर इन सबकी शुरुआत करने से पहले, मतलब ऑनलाइन रिश्ते में गंभीर होने से पहले इसके फ़ायदे और नुक़सान ध्यान में ज़रूर रखने चाहिए।
अपराधों को अंजाम
ऑनलाइन डेटिंग एप्स और वेबसाइट्स के इस्तेमाल के दौरान आपका कई प्रकार के साइबर अपराधों से सामना हो सकता है। इनमें फेक प्रोफाइल, साइबर उत्पीड़न, साइबर बुलिंग, साइबर जगत में मानहानि (साइबर डिफेमेशन), साइबर स्टॉकिंग (ऑनलाइन माध्यम द्वारा पीछा करना) जैसे अपराध आम हैं।
बदले की कार्रवाई
इस तरह के अपराध ऑनलाइन डेटिंग एप्लीकेशन के ज़रिए किए जा सकते हैं। युवा इस तरह के एप्लीकेशन का लुत्फ़ उठाते हैं, वहीं कुछ लोग पार्टनर या किसी से बदला लेने की भावना से भी इनका इस्तेमाल करते हैं। वे जानकारी लेकर या निजी बातें करके ब्लैकमेल तक करने लगते हैं।
वित्तीय धोखाधड़ी
इन प्लेटफॉर्म से प्रोफ़ाइल के विवरण निकालकर फेक प्रोफाइल आसानी से बनाई जा सकती है और उसकी सहायता से वित्तीय धोखाधड़ी सहित कई संगीन अपराधों को भी अंजाम दिया जा सकता है। दरअसल, लोग भरोसा करके अपनी निजी जानकारियां साझा कर लेते हैं और सामने वाला व्यक्ति इमोशनल ब्लैकमेलिंग करते हुए पैसों की या अन्य अनुचित मांगें कर सकता है।
कैसे जानें सच्चाई
सामने वाले व्यक्ति से उसकी ताज़ातरीन तस्वीरें मांगें, फिर इंटरनेट पर सर्च करके जानने की कोशिश करें कि तस्वीरें और उनके साथ दी गई जानकारियां कितनी सही हैं। उसके परिवार के सदस्यों की प्रोफाइल भी देखें। उनकी तस्वीरें देखें। इस तरह की जानकारी के ज़रिए आप ख़ुद समझ जाएंगे/ जाएंगी कि सामने वाला सही व्यक्ति है या फिर फेक प्रोफाइल।
इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए यूज़र को सुरक्षा के विभिन्न तरीक़े अपनाने चाहिए जैसे-
1. प्रोफाइल को हाइड करके रखें और एक से ज़्यादा प्रोफाइल पिक्चर अपलोड न करें।
2. किसी भी व्यक्ति से इन प्लेटफॉर्म के माध्यम से एकदम खुलकर चर्चा न करें। जितनी जानकारी ज़रूरी है, उतनी ही साझा करें।
3. ऑनलाइन डेटिंग एप्लिकेशन पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियां कभी साझा न करें।
4. ऑनलाइन डेटिंग एप्स को डाउनलोड करते समय यह ग़ौर करें कि वो आपका फ़ोन किस तरह की परमिशन मांगता है। आमतौर पर देखा जाता है कि इन एप्लिकेशन को इस्तेमाल करने के लिए अपने फ़ोन की गैलरी, कॉन्टेक्ट्स, कैमरा, माइक, रिकॉर्डर आदि फीचर तक पहुंच की इजाज़त देनी होती है।
ध्यान रहे जब भी इस तरह के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैक होते हैं, तो यूज़र की सारी निजी जानकारियां भी लीक हो सकती हैं।
घरेलू उबटन की बात ही अलग होती है। ये त्वचा को जवां और निखरा बनाते हैं। केमिकल फ्री होने के चलते इनके प्रयोग से नुक़सान का कोई डर भी नहीं होता। आप भी इन्हें घर पर आसानी से बना सकते हैं।
उबटन हमेशा से ही रूप निखारने का काम करते आए हैं। लेकिन आमतौर पर हम इन्हें शादी-ब्याह, त्योहार जैसे ख़ास मौक़ों या फिर किसी फंक्शन पर ही बनाते हैं। उबटन हर मौक़े पर काम आते हैं। इन्हें अपनी जीवनशैली में शामिल करके हर दिन ख़ूबसूरत नज़र आ सकती हैं। आप भी आज़माकर देख लीजिए।
बेसन-हल्दी और चंदन
क्या चाहिए : 1 चम्मच बेसन, आधा चम्मच चंदन पाउडर, 1 चम्मच हल्दी पाउडर, आधा चम्मच मलाई, थोड़ा-सा दूध।
विधि :
एक बाउल में बेसन, हल्दी पाउडर और चंदन डालें। इसमें ताज़ी मलाई और थोड़ा-सा दूध डालकर मिलाएं। जब उबटन गाढ़ा हो जाए तो इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे हाथों से गोलाई में घुमाते हुए लगाएं। जब ये सूखने लगे तब हल्के हाथों से रगड़ते हुए छुड़ाएं और चेहरा पानी से धो लें।
उड़द दाल और गुलाब जल क्या चाहिए : 1 चम्मच उड़द की दाल, कच्चा दूध, हल्दी, गुलाबजल
विधि : उड़द की दाल को रातभर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह इस दाल को कच्चे दूध के साथ पीस लें। जब पेस्ट तैयार हो जाए तो इसमें एक चम्मच गुलाबजल और चुटकीभर हल्दी डाल दें। अब इस उबटन को चेहरे और गर्दन पर लगाएं। जब ये हल्का-सा सूखने लगे तो हल्के हाथों से रगड़ते हुए पानी से साफ़ कर लें। इसे हाथों पर भी लगा सकते हैं।
ओट्स-शहद और दही क्या चाहिए : 1 चम्मच ओट्स, 1 चम्मच दही, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस।
विधि :
बाउल में इन सभी को एक साथ डालकर मिलाएं। जब एक चिकना पेस्ट तैयार हो जाए तो इसे चेहरे से लेकर गर्दन तक लगाएं। अच्छी तरह से सूखने पर पानी से धो लें। इस उबटन का इस्तेमाल नियमित रूप से कर सकते हैं।
मुल्तानी मिट्टी और जैतून तेल क्या चाहिए : एक बड़ा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, 1 छोटा चम्मच जैतून तेल और 1 बड़ा चम्मच गुलाब जल। विधि : एक बाउल में मुल्तानी मिट्टी में जैतून का तेल और गुलाब जल मिलाकर उबटन बना लें। अगर उबटन अधिक गाढ़ा लगे तो इसमें गुलाब जल की मात्रा बढ़ा सकते हैं। अब इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं और क़रीब आधे घंटे तक सूखने दें। फिर इसे गीले हाथों से रगड़ते हुए उतार लें। उबटन को गुनगुने पानी से साफ़ कर लें।
कोरोना काल में लोगों का अधिकांश समय घर में ही बीत रहा है। इस दौरान लोग सबसे ज्यादा जिस बात पर ध्यान दे रहे हैं, वो है घर के छोटे-मोटे कामों को करने का सही तरीका और हाइजीन। आमतौर पर इन कामों को करने से जुड़े कई मिथ हम सबके जेहन में होते हैं। जबकि इनकी सच्चाई क्या है, ये आप यहां जान सकते हैं।
1. मिथ : जींस को फ्रीज़ करने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया मर जाते हैं।
फैक्ट : जींस को फ्रीज़ करने से बैक्टीरिया नहीं मरते हैं। वह इसलिए कि फ्रीज़र का तापमान (0 डिग्री) इतना भी कम नहीं होता है कि ये बैक्टीरिया को मार दे। बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए कम से कम -80 डिग्री तक का तापमान चाहिए।
2. मिथ - हाथ से बर्तन धोने पर पानी बचेगा।
फैक्ट : हो सकता है डिशवॉशर में बर्तन धोना इकोफ्रेंडली न लगे पर सच तो यह है कि हाथ से बर्तन धोने में पानी बहुत ज्यादा बर्बाद हो जाता है। एक साधारण फुल साइज डिशवॉशर बर्तन धोने के लिए केवल पांच गैलन पानी लेता है।
3. मिथ : ज्यादा डिटर्जेंट का इस्तेमाल यानी ज्यादा साफ होंगे कपड़े।
फैक्ट : आमतौर पर मशीन में कपड़े धोते हैं तो थोड़ा ज्यादा डिटर्जेंट लिया जाता है। सही तरीका यह है कि आप जितना डिटर्जेंट इस्तेमाल करते हैं उसका आधा कर देना चाहिए। अगर लगे कि कपड़े ठीक से साफ नहीं हो रहे हैं तो ही डिटर्जेंट की मात्रा बढ़ानी चाहिए। आपके कपड़े साफ ही धुलेंगे।
4. मिथ : विनेगर सब साफ़ कर सकता है।
फैक्ट : दरअसल विनेगर एक एसिड है जिसका मतलब है, वो घर में मौजूद हर सतह के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। मल्टीपर्पज क्लीनर की तरह इसका इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन पोरस सरफेस, टेक डिवाइस के लिए ये बिल्कुल ठीक नहीं है। यदि ग्रेनाइट और मार्बल को विनेगर से साफ करते हैं तो कुछ ही समय में उनकी फिनिश खराब हो जाएगी। स्टोन को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है- गुनगुना पानी और साबुन से उसे धोना।
5. मिथ - फर्नीचर को नया बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है पॉलिश।
फैक्ट : लकड़ी के फर्नीचर के ज्यादातर पीसेस को पॉलिश की जरूरत ही नहीं होती। उन्हें तो केवल नमी से बचाने की जरूरत होती है। यदि आप फर्नीचर पर बार-बार पॉलिश करवाते हैं, तो उस पर एक चिपचिपी लेयर जम जाएगी जो फिनिश को खराब कर देगी।
अगर आपको मेकअप करने का शौक है तो आप सोशल मीडिया के जरिये आए दिन मेकअप के नए-नए तरीके देखती होंगी। आपने अब तक मेकअप के जितने की तरीके अपनाएं होंगे, उनसे अलग मेकअप की तकनीक को ईजाद किया है 20 वर्षीय दिव्या प्रेमचंद ने। वैसे भी दिव्या मेकअप के जरिये नए-नए प्रयोग करने के लिए जानी जाती हैं।
सोशल मीडिया पर दिव्या की ओर लोगों का ध्यान तब आकर्षित हुआ जब उसने आइकॉनिक कहे जाने वाले इंडियन स्नैक्स पर आधारित मेकअप की फोटोज पोस्ट कीं। इसमें मैगी, हाजमोला, पॉपिन्स, 50-50 बिस्किट्स और कुरकुरे पर आधारित मेकअप शामिल था। दिव्या ने इसे इंडियन स्नैक्स सीरिज नाम दिया।
कुरकुरे पर आधारित मेकअप करने के लिए दिव्या ने मेकअप के जरिये कुरकुरे के शेप वाली टेढ़ी-मेढ़ी आईब्रो बनाईं। उसे मेकअप के साथ ही अपने कपड़ों का सिलेक्शन भी इसी थीम को ध्यान में रखते हुए किया।
कुरकुरे वाले मेकअप की कॉपी करने के लिए दिव्या ने ऑरेंज कलर का सूट पहना और इसी कलर की ज्वेलरी से हूबहू कुरकुरे की तरह लुक पाया।
दिव्या ने हाजमोल जैसा लुक पाने के लिए पर्पल कलर का यूज आई शैडो से लेकर एसेसरीज में भी बखूबी किया है। मैगी मेकअप को यूनिक बनाने के लिए दिव्या ने गोल्ड ज्वेलरी का चयन किया। दो मिनट में तैयार नूडल्स के लिए दिव्या ने अपनी आंखों को आईलाइनर के माध्यम से नूडल्स का शेप दिया है।
दिव्या का पॉपिन्स वाला लुक देखकर आपको एक बार फिर बचपन में खाई जाने वाली इन कैंडीज की याद आएगी। दिव्या ने पॉपिन्स के रैपर से मैच करती हुई डेमी मैट रेड लिप्स्टिक लगाई है। उसने अपने लुक को ब्लशर और हाईलाइटर लगाकर कंप्लीट किया है।
अधिकांश महिलाएं अपने वार्डरोब में जिन कपड़ों को सबसे ज्यादा रखना पसदं करती हैं, उनमें साड़ी का नाम पहले आता है। लड़कियां अपने स्कूल फेयरवेल में साड़ी पहनती हैं तो शादी की रस्मों के दौरान भी एक से बढ़कर एक खूबसूरत साड़ियां खरीदी जाती हैं।
इन साड़ियों को आप अपनी अलमारी में सजाकर रखना पसंद करती हैं या कई बार ये घर में रखे-रखे ही बेकार हो जाती हैं। सोशल एक्टिविस्ट विक्रमादित्य सहाय ऐसी ही साड़ियों को घर में रखने के बजाय जरूरतमंदों में बांटने की अपील करते हैं।
विक्रमादित्य सहाय ने अपने प्रोजेक्ट मम्मी की साड़ी की शुरुआत भी इसी सोच के साथ की थी कि महिलाओं के वार्डरोब से निकलकर साड़ियां उन ट्रांसजेडर्स और गरीबों तक पहुंच सकें जिनके पास पहनने को कपड़े नहीं होते।
विक्रम से जब यह पूछा जाता है कि आपको इस प्रोजेक्ट की प्रेरणा कहां से मिली तो वे कहते हैं - मेरे आसपास ऐसे कई लोग हैं जो मुझे साड़ी गिफ्ट करते थे। इस तरह मेरे पास इतनी साड़ी जमा हो गईं कि मैंने इन्हें खरीदना ही बंद कर दिया। ऐसे में मुझे ये लगने लगा कि मैं साड़ी कर अपने पैसे ही बर्बाद करूंगा।
अपने प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए विक्रम ने सबसे पहले इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखी और इस पर लोगों की प्रतिक्रिया का इंतजार किया। फिर खुद ही लोगों से मिलकर साड़ियां लेना शुरू किया। कुछ ही दिनों में इंस्टाग्राम के माध्यम से उन्हें पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिलने लगा। ऐसी कई महिलाएं भी थीं जिन्होंने साड़ी के साथ विक्रम को साड़ी से जुड़ी अपने यादें भी लिख कर भेजीं।
ट्रांसजेंडर्स हो या महिलाएं, इनके लिए साड़ी सिर्फ एक कपड़ा नहीं होता बल्कि ये एक अहसास होता है जिससे आपकी कई यादें जुड़ी होती हैं। फिर चाहें आपको पास कांजीवरम, मुकेश, बनारसी या कॉटन की साड़ी ही क्यों न हो। मम्मी की साड़ी प्रोजेक्ट के जरिये विक्रम का प्रयास होता है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपनी साड़ी जरूरतमंदों में बांटने के लिए प्रोत्साहित करें।
Fitch Solutions has revised downward its forecast for fuel demand contraction in India to 11.5 per cent in 2020 in line with further deterioration in the country's economic outlook
अमेरिका में कैलिफोर्निया कोऑपरेटिव ओशनिक फिशरीज इंवेस्टिगेशन पिछले 71 सालों से समुद्र और यहां पाई जाने वाली मछलियों पर रिसर्च करता आ रहा है। 1949 में शरू किया गया यह प्रोग्राम अमेरिका के समुद्र विज्ञान में सबसे पुराना और सबसे बड़ा माना जाता है।
इसके लिए बनाई गई रिसर्च टीम तीन महीने तक जहाज में रहकर समुद्र की गहराइयों तक जाकर कई जरूरी चीजों का पता लगाती है। जुलाई में रवाना हुई टीम जब 14 सितंबर को वापस लौटी तो उसने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। दरअसल यह अमेरिका के समुद्री अनुसंधान के इतिहास में पहली टीम थी, जिसकी सभी सदस्य महिलाएं थीं।
फोटो साभार : लॉस एंजिल्स टाइम्स
महिला वैज्ञानिकों की टीम ने प्रशांत महासागर में कई तरह के समुद्री शैवाल का पता लगाया। ये समुद्र में तेजी से बढ़ते हैं। ये शैवाल सूरज की रोशनी से ऊर्जा और समुद्री पानी से पौष्टिक तत्व व कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं। टीम की सदस्य लिली का कहना है कि समुद्री शैवाल जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं।
यह कार्बन उत्सर्जन की भरपाई भी कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के दल की प्रमुख 29 साल की एंजिला क्लेम्डसन ने इस जहाज का नाम अमेरिका की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री 'सैली राइड' के नाम पर रखा ताकि वे महिलाओं की ताकत को साबित कर सकें।
वैज्ञानिकों के टीम की सदस्य लिली ने कहा कि ''2014 में भी कैलकोफी की टीम को प्रशांत महासागर के गर्म और ठहरे पानी में इसी तरह के पाइरोजोम्स दिखाई दिए थे। अब हम इस बात का पता लगाएंगे कि महासागर का हरा पानी और पाइरोजोम्स की इतनी बड़ी संख्या में मौजूदगी का आपस में क्या नाता है और समुद्र पर इसका क्या प्रभाव होता है''।
महिला वैज्ञानिकों की टीम ने इन तीन महीनों में कई खास खोज की और कई नमूने व डाटा एकत्रित किए। वैज्ञानिक विश्वेषण के बाद इसके नतीजे जारी किए जाएंगे। एंजिला क्लेम्डसन ने कहा ''मैं अभियान की सफलता से इसलिए खुश हूं क्योंकि हमने कई विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी''।
कोरोना महामारी काल के दौरान यह इस टीम की पहली यात्रा थी। टीम में सभी ने सख्त प्रोटोकॉल का पालन किया और कोई भी सदस्य बीमार नहीं हुआ। उन्होंने 12-12 घंटे का समय बांटकर काम किया। मास्क पहना, शारीरिक दूरी बनाए रखी और लैब में भी अलग-अलग समय पर काम किया। उनकी टीम को चैनल आइसलैंड के पास व्हेल और डॉलफिन भी देखने को मिली। पहले यहां शार्क की बहुतायत थी। पानी के लिए नमूनों में हमने पाया कि इसका रंग हरा है जो फाइटाेप्लैंकटन (पौधे जैसा सूक्ष्म जीव) की मौजूदगी के कारण होता है।
Paytm Money hopes to stand in competitive stock broking industry with features that could allow users to automate the entry, exit and monitoring of investments.
कोरोना काल के बीच आईपीएल का 13 वां सीजन 19 सितंबर से शुरू हो रहा है। 10 नवंबर तक चलने वाला यह टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात में खेला जाएगा। जिस तरह आईपीएल के खिलाड़ी चर्चा में रहते हैं, उसी तरह इसमें ग्लैमर का तड़का लगाने वाली क्रिकेट टीमों की मालकिन और एंकर की भी खूब चर्चा होती है। इस बार भी क्रिकेट टीम की मालकिन के तौर पर इन 4 सेलेब्स के नाम चर्चा में हैं।
1. नीता अंबानी : मुंबई इंडियन टीम की मालकिन, इनकी उम्र 56 वर्ष है।
2. शिल्पा शेट्टी : राजस्थान रॉयल्स की मालकिन, इनकी उम्र 45 वर्ष है।
3. प्रीति जिंटा : किंग्स 11 पंजाब की मालकिन, वे 45 साल की हैं।
4. जूही चावला : कोलकाता नाइट राइडर्स की मालकिन, वे 52 साल की हैं।
इनके अलावा आईपीएल में अगर एंकर की बात की जाए तो हर सीजन में आकर्षण का केंद्र रहने वाली इन 10 एंकर्स को उनकी एंकरिंग के खास अंदाज के अलावा फिट बॉडी और खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। यहां ऐसी ही 10 एंकर के बारे में बात हो रही है जो अब तक आईपीएल को होस्ट करने के लिए चर्चा में रहीं हैं।
1. अर्चना विजय
क्रिकेट होस्टिंग की फील्ड में अर्चना विजय का नाम मशहूर है। एक टेलिविजन रिप्रजेंटेटर के तौर पर मशहूर अर्चना ने इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट को चौथे एडिशन से जॉइन किया था। इससे पहले अर्चना ने कई टीवी चैनल पर प्रसारित होने वाले क्रिकेट शो की होस्टिंग की है जैसे 'टू डायरी फॉर एक्स्ट्रा कवर' और 'क्रिकेट मसाला मार के' आदि। फिर दो साल का ब्रेक लेने के बाद अर्चना आईपीएल के 11 वें सीजन में नजर आईं।
2. मंदिरा बेदी
कभी टीवी स्टार के रूप में मशहूर मंदिरा बेदी ने आईपीएल के दूसरे सीजन से एंकरिंग की शुरुआत की थी। वे कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों का हिस्सा रहीं हैं। इसके अलावा बेदी ने 2003 और 2007 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2004 और 2006 चैंपियंस ट्रॉफी में भी एंकरिंग की थी। एक फिटनेस मॉडल के तौर पर भी मंदिरा अपनी अलग पहचान रखती हैं। मंदिरा ने आईटीवी के लिए आईपीएल के थर्ड एडिशन को होस्ट भी किया था।
3. शोनाली नागरानी
32 साल की शोनाली क्रिकेट एंकरिंग के लिए उस वक्त मशहूर हुईं जब उन्होंने 2006 में चैंपियंस ट्रॉफी को होस्ट किया। 2007 में वे वर्ल्ड कप की भी होस्ट रहीं हैं। उन्हें पाकिस्तानी क्रिकेटर वसीम अकरम के साथ 'स्टंप्ड' की एंकरिंग करते देखा गया। दिल्ली की रहने वाली इस मॉडल और एक्ट्रेस को 2003 में फेमिना मिस इंडिया इंटरनेशनल से सम्मानित किया गया। 2003 में वे मिस इंटरनेशनल में फर्स्ट रनर अप चुनी गईं।
4. ईसा गुहा
इस भारतीय मूल की 30 वर्षीय इंग्लिश क्रिकेटर ने 2009 में इंग्लैंड के साथ महिला विश्व कप जीता था। इसी साल उन्हें बीबीसी एशियन नेटवर्क स्पोर्ट्स पर्सनालिटी के ताज से नवाजा गया। ईशा को आईपीएल की एक्स्ट्रा इनिंग्स के कई एपिसोड्स में देखा जा चुका है। वह पिछले कुछ सीजन से आईपीएल कवरेज का हिस्सा हैं। उनकी रिपोर्ट्स और होस्टिंग को हमेशा सराहना मिली है।
5. मयंती लैंगर
मयंती ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से बीए ऑनर्स किया है। वह कॉलेज की फुटबॉल टीम में खेल चुकी हैं। इस ब्यूटी दीवा ने 2010 में फीफा वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स में होस्टिंग की है। मयंती 2011 और 2015 क्रिकेट विश्व कप में भी होस्टिंग और एंकरिंग कर चुकी हैं। लेकिन इस साल वे आईपीएल की ब्रॉडकास्ट पैनल का हिस्सा नहीं होंगी।
6. रोशनी चोपड़ा
रोशनी फेमस आईपीएल एंकर के अलावा एक्ट्रेस, मॉडल और टेलीविजन रिप्रजेंटेटर के रूप में भी अपनी खास पहचान रखती हैं। 37 साल की रोशनी मुंबई, महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। रोशनी कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाले शो कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में भी नजर आ चुकी हैं। उनकी फैन फॉलोइंग काफी है। वे एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित रियलिटी शो 'दिल जीतेगी गर्ल' की विनर भी रही हैं।
7. करिश्मा कोटक
करिश्मा एक ब्रिटिश एक्ट्रेस के तौर पर भी जानी जाती हैं। वे आईपीएल 6 में अपनी एंकरिंग से लोगों के बीच खास पहचान बनाने में कामयाब रहीं हैं। करिश्मा के पिता गुजराती और मां ईस्ट अफ्रीकी हैं। इस दीवा ने 16 साल की उम्र में मॉडलिंग करना शुरू कर दिया था। उन्होंने 2006 में किंगफिशर कैलेंडर के लिए भी मॉडलिंग की थी।
8. रोशेल मारिया राव
रोशेल आईपीएल के छठे सीजन में एंकरिंग करके छा गई थीं। लेकिन उसके बाद वह लंबे समय तक एंकरिंग नहीं कर सकीं। रोशेल को 2012 में फेमिना मिस इंडिया इंटरनेशनल का खिताब मिला था। वे मॉडल के तौर पर भी जानी जाती हैं। यह मॉडल बिग बॉस में भी नजर आ चुकी है। उन्होंने साल 2018 में अपने बॉयफ्रेंड से शादी की थी।
9. शिबानी दांडेकर
पुणे में जन्मी शिबानी ने आईपीएल के पांचवें सीजन को होस्ट किया था। वे 2011 से 2015 तक न सिर्फ अपनी एंकरिंग बल्कि ग्लैमरस पर्सनालिटी से भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं। शिबानी ने अमेरिकन टेलिविजन में एक टीवी एंकर के तौर पर अपने करिअर की शुरुआत की थी। सफल मॉडल, एक्ट्रेस और वीजे के तौर पर अपनी खास पहचान रखने वाली शिबानी 'झलक दिखला जा सीजन 5', 'आई कैन डू देट' आदि में भी नजर आ चुकी हैं।
10. पल्लवी शारदा
पल्लवी शारदा का जन्म ऑस्ट्रेलिया में एक इंडियन फैमिली में हुआ। उन्होंने 2016 में आईपीएल की एंकरिंग की थी। वे शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'माय नेम इज खान' में शाहरुख की बहन की भूमिका अदा कर चुकी हैं। पल्लवी ने मीडिया एंड कम्युनिकेशंस की पढ़ाई के साथ ही कानून की पढ़ाई भी की है। उन्होंने कुछ ऑस्ट्रेलियन फिल्मों में भी काम किया है।
Heavy rains in some parts of the country have affected standing crops including paddy, pulses, oilseeds, spices, fruits and vegetables, Parliament was informed
नागपुर की शारदा चौरगाड़े जब भी किसी मुश्किल में होती हैं तो खुद को बस ये कहकर समझाती हैं कि सब अच्छा ही होगा। उनकी सोच सकारात्मक उस वक्त भी बनी रही जब उन्होंने शादी के बाद पति के अत्याचार सहे, मां के गुजर जाने के बाद अकेलापन देखा और कई दिन भूखे रहकर गुजारे।
61 साल की शारदा ने सात साल पहले अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए डोसे बनाकर बेचने की शुरुआत की थी। लोग उन्हें प्यार से डोसा अज्जी कहते हैं। जब उन्होंने अपना काम शुरू किया था तभी से वे दो रुपए में एक डोसा बेचती थीं। जब लोग उनसे इतनी कम कीमत में डोसे बेचने ने की वजह पूछते तो वह हंसने लगतीं।
वे कहतीं मैंने इतनी गरीबी देखी है कि कई बार मैं और मेरा बेटा दोनों भूखे सोते थे। मैं जानती हूं कि भूख क्या होती है। जब हमें भूखे रहना पड़ता है तो दिमाग और शरीर पर क्या असर होता है।
वे अपना घर खुद अपने दम पर चलाती हैं। लेकिन फिर भी उन्हें लगता है कि वे अन्य लोगों की तुलना में अच्छा कमा लेती हैं। इसलिए दूसरों की मदद के तौर पर वे उन्हें कम पैसों में डोसा खिलाना पसंद करती हैं। शारदा अपने डोसा स्टॉल के जरिये मजदूरों और स्कूल के बच्चों को ताजा और गर्म डोसा खिलाना चाहती हैं।
भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं। आर्थिक मंदी के बावजूद हमारा देश इससे धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहा है। इसी बीच पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने देशवासियों के साहस और उम्मीद को बढ़ाने के लिए ‘हिम्मत है तो जीत है’ कैंपेन शुरू किया है। आप इस लिंक पर गीत को देख सकते हैं - https://www.youtube.com/watch?v=AUFsVgp2MuE
इस कैंपेन के अंतर्गत लिखा गया यह गीत इस मुश्किल दौर में चुनौतियों से जूझ रहे आम लोगों की हिम्मत और उम्मीद की कहानियों को बयां करता है। दो महीने तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत एक रोचक और प्रेरणादायक गीत के साथ हुई।
इस गीत के बोल, समाज के हर वर्ग के लोगों को प्रभावित करते हैं। यह गीत लोगों को मुश्किल हालातों में मजबूत बने रहने की प्रेरणा देता है। लोगों का हौसला बनाए रखने और उनमें एकजुटता की भावना को बढ़ाने के लिए पीएफआई ने इस अभियान की शुरुआत की है।
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा कहती हैं, ''सुरक्षित रहने के लिए हमें मास्क पहनने, फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और हाथ धोते रहने की जरूरत है। इसके साथ ही आगे बढ़ने के लिए हमें हिम्मत और हौसला रखना भी जरूरी है। इस तरह हम अपनी गरिमा बरकरार रखते हुए हम इस मुश्किल दौर से निकल सकेंगे।
पूनम के अनुसार, ''हिम्मत है तो जीत है, हमारे जीवन का प्रतिबिंब है क्योंकि भारत आगे आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। हमारा गीत उस संकल्प और एकजुटता को बयां करता है जो इस महामारी के दौरान 1.3 अरब आबादी को एक साथ लाएगा। इसे सुनिए, गाइए और साझा कीजिए। इस कठिन समय में जब हम हर किसी की, खासकर सबसे कमजोर लोगों की मदद करेंगे तभी हम सब मजबूत और सुरक्षित बनेंगे। भारत के लोगों के लिए पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का मंत्र है , हिम्मत है तो जीत है''।
इस अभियान को जाने-माने फिल्म और थिएटर निर्देशक फिरोज अब्बास खान ने निर्देशित किया है। इस गीत और कैंपेन को तैयार करने व इसके निर्माण में क्रिएटिव एजेंसी एसटीसीएच इंटीग्रेटेड मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है।
एंथेम के अलावा, दो महीने तक चलने वाले कैंपेन ‘हिम्मत है तो जीत है’ में साहस और धैर्य की वास्तविक कहानियों को सेलिब्रेट किया जाएगा। इनमें फ्रंटलाइन वर्कर्स से लेकर कोविड सर्वाइवर्स तक शामिल होंगे।
इस महामारी के शुरुआती दौर में पीएफआई ने इमरजेंसी रिस्क कम्युनिकेशन को अंजाम देने में भारत सरकार के सिटीजन इंगेजमेंट प्लेटफार्म माय गव इंडिया (My Gov India) को सपोर्ट किया था। पीएफआई ने #TogetherAgainstCOVID के तहत मास्क का उपयोग, सुरक्षित रहने के उपाय, कोविड को लेकर मिथक और सोशल डिस्टेसिंग से जुड़ी शैक्षिक सामग्री तैयार की थी।
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काली मिर्च का इस्तेमाल पुलाव और सब्ज़ियों का ज़ायका बढ़ाने के लिए क्या जाता है। पर ये सिर्फ़ स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि सेहत भी दुरुस्त रखती है। इसे भोजन में शामिल करके कई समस्याओं को दूर रखा जा सकता है।
हल्दी और काली मिर्च को मिलाकर दूध में डालकर पी सकते हैं। यह पेय आमतौर पर गंभीर सर्दी से पीड़ित व्यक्तियों को दिया जाता है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन ए और कैरोटीनॉयड से युक्त होता है जो बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है।
पाचन में लाभदायक
काली मिर्च पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है। जब इसे चबाकर खाया जाता है, तो हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेट से निकलता है और यह प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड आंतों को साफ़ करने और पेट व आंत के अन्य रोगों से बचाव करने में मदद करता है। अपने खाने में एक चुटकी काली मिर्च ज़रूर शामिल करें।
क़ब्ज़ से बचाती है
भोजन में रोज़ाना थोड़ी-सी काली मिर्च के इस्तेमाल से क़ब्ज़ की समस्या को दूर किया जा सकता है। हर दिन काली मिर्च खाने से कोलन कैंसर, क़ब्ज़, दस्त और कई प्रकार की बैक्टीरिया संबंधी बीमारियों से बचाव होता है। ध्यान रहे, इसका अधिक सेवन भी न करें। हर रोज़ केवल एक चुटकी ही पर्याप्त है।
झुर्रियां कम करती है
यह स्किन प्रॉब्लम (पिगमेंटेशन) को होने से रोकती है और त्वचा के मूल रंग को बनाए रखने में मदद करती है। अगर बहुत कम उम्र से काली मिर्च का सेवन करते हैं तो झुर्रियां और त्वचा संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं। यह समय पूर्व बुढ़ापे और काले धब्बों को भी रोकती है।
वज़न घटाने में सहायक
एक चुटकी काली मिर्च को ग्रीन टी में मिलाकर दिन में दो से तीन बार पिएं। इस मसाले में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की प्रचुर मात्रा होती है, जो अतिरिक्त फैट को टूटने में मदद करता है। इससे शरीर के मेटाबॉलिज़्म में भी सुधार होता है।
कैसे करें सेवन
- सलाद में एक चुटकी नमक के साथ इसे भी छिड़का जा सकता है। सूखे तले हुए खाद्य पदार्थ और काली मिर्च का उम्दा मेल होता है। तले आलू या चिप्स आदि के ऊपर चुटकीभर काली मिर्च पाउडर डालकर सेवन करें।
- जब आप कोई भी सूप बनाएं तो उसका स्वाद बढ़ाने के लिए उस पर थोड़ी-सी काली मिर्च छिड़क दें। इससे आपकी सर्दी ठीक होगी और स्वाद भी बढ़ेगा।
- फ्राइड चावल में कुछ अतिरिक्त स्वाद के लिए काली मिर्च डालें, और ज़ायके में अंतर देखें।
- ताज़ा पिसी काली मिर्च को किसी भी चीज़ में डाला जा सकता है। सलाद, सूप से लेकर पास्ता और यहां तक कि छाछ में भी काली मिर्च का सेवन किया जा सकता है।