पूरी दुनिया में फैली महामारी की वजह से लोगों का एक दूसरे से मिलना कम हुआ है। कोरोना के चलते हर उम्र के लोगों के बीच डिप्रेशन तेजी से बढ़ा है। ऐसे में भव्या दोषी अपने वेंचर 'द डूडल डेस्क' के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान लोगों के अहसास बयां कर रही हैं।
भावना कहती हैं ''ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपने मैसेज के जरिये ये बताया कि वे अपनी फीलिंग किस तरह से शेयर कर रहे हैं। मेरे पॉजिटिव डूडल्स और मैसेज लोगों को कोरोना काल में सकारात्मक रहने का संदेश देते हैं''।
उनके इंस्टाग्राम पेज पर दो लाख फॉलोअर्स हैं। इनमें से 81% महिलाएं हैं। उनके पेज पर कलरफुल डूडल्स और स्ट्रॉन्ग मैसेज देखते ही बनते हैं। एमबीए पासआउट भव्या दोषी अपनी इस कला को खुशी जाहिर करने का जरिया मानती हैं।
भव्या के अनुसार, ''मैंने इस पेज की शुरुआत उस वक्त की जब 2015 में मेरे पैरेंट्स इस दुनिया में नहीं रहे। ये मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था। उस वक्त मैंने अपनी जॉब छोड़ दी और ऐसी कई किताबें पढ़ी जिससे मोटिवेशन मिल सके''।
भव्या के पापा डॉक्टर थे जो लोगों की हर तरह से मदद करते थे। वे कहती हैं ''मैंने अपने प्रयासों से मैंने एक बार फिर लोगों की मदद करने की कोशिश की है। मैंने लोगों की सोच को सही दिशा देने के लिए ही अपने डूडल के साथ मैसेज लिखना शुरू किया है''।
पिछले कुछ सालों से भव्या पेपर पर डूडल बना रहीं थीं। फिर उसका फोटो लेकर ऑनलाइन पोस्ट करती थीं। लेकिन अब वे लैपटॉप पर डूडल बनाने में एक्सपर्ट हो गईं हैं।
गुरूग्राम की रहने वाली भव्या का यह आर्ट जापानी और कोरियन आर्टिस्ट के 'कवाई डूडल्स' से प्रेरित है। भव्या अपने काम के जरिये मुश्किल वक्त में लोगों का साथ देना चाहती हैं। भव्या कहती हैं ''जब आप लोगों को प्यार और सम्मान देते हैं तो बदले में आपको भी प्यार और आदर ही मिलता है''।
इस वक्त वे टी शर्ट्स, पोस्टर्स, कॉफी मग्स, सिपर्स और उन सभी चीजों पर डूडलिंग कर रही हैं जो सुबह से शाम तक हमारे काम आती हैं। इन छोटी-छोटी चीजों के माध्यम से वे लोगों को खुश करना चाहती हैं।
##लोगों को डूडलिंग सीखाने के लिए उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर कुछ वीडियोज अपलोड किए हैं। भव्या ने अपनी वेबसाइट पर एक 'हैप्पी क्लब' बनाया है जिसके 3000 सदस्य हैं।
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