It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Saturday, 5 September 2020
Women participation in equity markets grows during Covid-19 pandemic
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सर्दी, खांसी, सिरदर्द और गले की खराश दूर करने के लिए पिएं लेमन चाय, सांस की बीमारी में फायदेमंद है मुलेठी की चाय
सुबह-सुबह चाय के प्याले से ही हम भारतीयों को ताज़गी मिलती है। यही चाय अगर तन-मन में स्फूर्ति लाने के साथ-साथ सेहत के लिए फ़ायदेमंद औषधीय गुणों से भरपूर भी हो, तो सोने पर सुहागा ही कहा जाएगा।
चाय हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा है, इसलिए इसे स्वास्थ्यवर्धक बनाना ज़रूरी है। इसके लिए रोज़ाना की चाय में साधारण चाय पत्तियों की जगह या उनके साथ कई औषधियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ऐसी चाय का हर दिन संतुलित मात्रा में सेवन किया जाए, तो वह रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और रोगों से बचाती है। औषधीय गुणों से भरपूर कुछ ऐसी ही स्वाद और सेहत वाली चाय के बारे में बता रहे हैं। इन औषधीय तत्वों को अपने बाग़ीचे में भी लगा सकते हैं।
लेमन चाय
यह चाय नींबू के अलावा लेमन ग्रास की पत्तियों से भी बना सकते हैं। लेमन ग्रास को बीजों या तना कटिंग के माध्यम से लगा सकते हैं। सामान्य चाय बनाते वक़्त इसकी पत्तियां डाली जा सकती हैं या फिर सिर्फ़ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर भी पी सकते हैं।
इसकी चाय सर्दी, खांसी, सिरदर्द और गले की खराश में बहुत फ़ायदेमंद है। इसी तरह लेमन बेसिल यानी नींबू तुलसी की पत्तियों से भी लेमन चाय बना सकते हैं।
अश्वगंधा चाय
अश्वगंधा की जड़ों में एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी, जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं। इससे चाय बनाने के लिए एक गिलास पानी में एक इंच लंबी अश्वगंधा की जड़ डालकर उबालें।
जब पानी उबल जाए, तो उसे कप में छानें। फिर उसमें एक छोटा चम्मच शहद और स्वादानुसार नींबू का रस मिलाएं। अश्वगंधा चाय बच्चों, बुज़ुर्गों और महिलाओं, सभी के लिए फ़ायदेमंद है।
सनाय चाय
सनाय बहुवर्षीय झाड़ीनुमा औषधीय पौधा है जिसकी पत्तियों और फलियों में कई ख़ास गुण होते हैं। इसकी चाय बनाने के लिए एक गिलास पानी हल्का गर्म करें और उसमें सनाय की 4-5 पत्तियां डालकर उबालें।
फिर उसमें आधा छोटा चम्मच शहद डालकर मिलाएं। इस चाय के सेवन से क़ब्ज़ में लाभ मिलता है। बवासीर के मरीज़ों के लिए भी हितकारी है।
अनंतमूल चाय
अनंतमूल बहुवर्षीय लता है। इसकी जड़ की चाय शीतलता प्रदान करती है और यकृत रोग, पेचिश, शरीर की जलन, अस्थमा में बहुत उपयोगी तथा रक्त शोधक है। इसकी जड़ों में एंटीऑक्सीडेंट, मधुमेहरोधी, एंटीलेप्रोटिक, एंटी थ्रोम्बोटिक और एंटी एंजियोजेनिक गुण पाए जाते हैं।
अनंतमूल की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में एक जड़ का टुकड़ा या 1 ग्राम पाउडर उबालें। इसे उबालते वक़्त थोड़ी-सी चाय की पत्ती भी डाल सकते हैं। शरीर की जलन और अस्थमा में इसकी चाय बहुत फ़ायदेमंद है।
मसाला चाय
चाय पत्ती और दूध वाली चाय बनाते वक़्त अक्सर लोग पानी में काली मिर्च, सौंठ, तुलसी, दालचीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, लौंग, पीपरामूल, जायफल व लौंग का मसाला डालते हैं।
अगर इन सबकी जगह तुलसी की प्रजाति में रामतुलसी या अरण्यतुलसी डाली जाए, तो ग़ज़ब का स्वाद आएगा। इनकी पत्तियों में रोगाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और ज्वररोधी गुण पाए जाते हैं।
मुलेठी चाय
मुलेठी की जड़ों में कैल्शियम, प्रोटीन, वसा और ग्लिसराइजिक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक मौजूद होते हैं। साधारण चाय तैयार करते वक़्त मुलेठी की जड़ का एक छोटा टुकड़ा या चुटकी भर मुलेठी पाउडर डाल सकते हैं। इस चाय का सेवन रोज़ाना दो से तीन बार करें।
इसके सेवन से वात, कफ, पित्त दोष शांत होते हैं। ये कई रोगों में रामबाण का काम करती है। मुलेठी सूक्ष्म जीवाणुओं से लड़ने में मददगार होती है। इससे श्वास रोग दूर रहते हैं। मुलेठी सूखी जड़ और पाउडर के रूप में आसानी से मिल जाती है।
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यूके की आर्टिस्ट बेकेह स्टोनफॉक्स पेपर की कतरन से बनाती हैं पोर्ट्रेट, दिन की रोशनी के साथ रंग बदलती हैं इनकी बनाई कलाकृतियां
यूके की 45 वर्षीय बेकेह स्टोनफॉक्स पेपर की रंगीन कतरनों द्वारा मुश्किल से मुश्किल आकृतियां बनाने में माहिर हैं। कागज के छोटे से छोटे टुकड़े का भी ये उपयोग कर लेती हैं। वैसे तो ये आर्ट वर्क लंबे समय से कर रही हैं, लेकिन बीते पांच वर्षों से ये दुनिया की नजरों में छा गई हैं।
इनके आर्ट कलेक्शन में काल्पनिक ह्यूमन कैरेक्टर से लेकर विभिन्न प्राणी जैसे डॉगी, कैट, गोरिल्ला, हॉर्स आदि हैं, इनको देखकर लगेगा जैसे ये अब बोलने ही वाले हों। रंगीन कागज से बनी इनके पोर्ट्रेट की खासियत यह है कि ये दिन की कम-ज्यादा होती रोशनी के अनुसार रंग बदल लेते हैं।
स्टोनफॉक्स कागज की कतरनों को चोटी जैसा गूंथकर किसी का भी चेहरा या पूरी आकृति बना देती हैं। इनका कहना है कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं, जिसे वे अपने आर्ट से न बना सकें।
बेकेह स्टोनफॉक्स ने अभी तक केवल पुरुषों तथा प्राणियों की आकृतियां ही बनाई थीं। लेकिन अब वे महिलाओं के विभिन्न पोज पर काम कर रही हैं।
इनके पोर्ट्रेट की खासियत यह भी है कि यह थी-डी तकनीक से प्रेरित हैं। जैसे-जैसे दिनभर में सूरज की रोशनी कम-ज्यादा होती है, पोर्ट्रेट के रंग अपने आप कम या ज्यादा होने लगते हैं। इनमें कभी शाइनिंग आती है तो कभी हल्के रंग दिखने लगते हैं।
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नेल्स की मजबूती के लिए रोज करें जैतून के तेल की मालिश, हमेशा नेल पेंट लगाकर न रखें वरना नाख़ून पीले पड़ सकते हैं
नेलपॉलिश लगाने से पहले इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि नाख़ून ढंग से कट हों, सही शेप में और मज़बूत हों। इसके साथ ही सही तरीक़े से लगा नेल पेंट नाख़ूनों को ख़ूबसूरत बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए नेल पेंट लगाते समय हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. नेल पेंट लगाने से पहले और बाद में बेस और टॉप कोट अवश्य लगाएं। ऐसा करने से नेल पेंट नाख़ूनों पर लंबे समय तक टिका रहेगा।
2. नेल पॉलिश का दूसरा कोट लगाने से पहले शुरुआती कोट अच्छे से सूखने दें।
3. नेल पॉलिश को पहले नाख़ूनों के बीच में लगाएं फिर आसपास के हिस्से पर लगाएं।
4. स्किन टोन के हिसाब से नेल पॉलिश का चुनाव करना चाहिए। ऐसा करने से नेल पॉलिश अधिक खिलती है।
5. लाइट स्किन टोन पर हल्के रंग की नेल पॉलिश ज़्यादा खिलती है और डार्क स्किन टोन पर गहरे रंग की नेल पॉलिश ज़्यादा अच्छी लगती है।
6. नेल पॉलिश लगाते हुए अगर वह त्वचा पर लग जाती है तो ईयर बड पर नेल पॉलिश रिमूवर लगाएं और उसकी सहायता से रिमूव करें।
7. नेल पॉलिश को जल्दी सुखाने के लिए उसे लगाने के बाद उंगलियों को कुछ देर के लिए बर्फ़ वाले पानी में डुबोए रखें। इससे नेल पॉलिश जल्दी सूख जाएगी।
8. जल्दी सूखने वाली नेल पेंट्स का इस्तेमाल न करें। उनमें ज़्यादा रसायन होने के चलते आपके नाख़ून ख़राब भी हो सकते हैं।
9. हमेशा नेल पेंट लगाकर न रखें। इससे नाख़ून पीले पड़ सकते हैं।
10. रात को सोते समय नाख़ूनों पर जैतून के तेल से पांच मिनट मसाज ज़रूर करें। ऐसा करने से नाख़ून मज़बूत बनेंगे और उनकी ग्रोथ भी अच्छी होगी।
11. नेल पॉलिश के दो कोट से ज़्यादा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से नेल पॉलिश जल्दी उतर जाती है।
12. जैल नेल्स और आर्टिफिशियल नेल्स से दूर रहें। ये नाख़ूनों को कमज़ोर बनाते हैं।
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महिलाएं अपनी बेहतरी का पैमाना खुद तय करें, दूसरों की देखादेखी करके नहीं बल्कि अपने दम पर आगे बढ़ें
जब तक हम नहीं चाहेंगे, ख़ुद में कमियां निकालने का सिलसिला यूं ही बरक़रार रहेगा। और ये कमियां दूसरों से तुलना करने पर ही निकलती हैं। मुकाबला करना है, तो ख़ुद से कीजिए।
जो चाहती हैं वही करें
किसी के जीवन, शोहरत, कौशल आदि से ख़ुद की तुलना करने के बजाय ख़ुद से ख़ुद की तुलना कीजिए और देखिए कि आप स्वयं को किस मुकाम पर चाहती हैं। जब हम दूसरों से अपनी तुलना करते हैं, तो अंतत: अपने अंदर सारी नकारात्मक ऊर्जा और भावनाएं भर लेते हैं, जिनका असर ज़िंदगी पर पड़ने लगता है। ऐसे में पहले ये जानें कि आप जीवन में कैसा बनना चाहती हैं। फिर ख़ुद को वैसा ही तराशने की कोशिश करें।
बेहतरी का पैमाना स्वयं तय करें
गृहिणी कई काम एक साथ कर सकती है, घर और वित्त प्रबंधन में अच्छी होती है, ये योग्यता किसी कामकाजी महिला में हो, ऐसा ज़रूरी नहीं। आप कितनी क़ाबिल हैं इसका पैमाना आपको ही तय करना है। इसके लिए किसी से तुलना करने की जरूरत नहीं है।
प्रेरणा लेकर खुद को बेहतर बनाएं
ख़ुद को लगातार बेहतर बनाते जाने की कोशिश हममें आत्मविश्वास तो लाती ही है, हमें दूसरों की होड़ से भी दूर करती है। कोई बहुत अच्छा काम कर रहा है, या किसी ने कोई ज़बर्दस्त कामयाबी हासिल की है, तो उसे देखकर प्रेरित होना ज़रूरी है, लेकिन उसकी तरह बनने की कोशिश का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि किन्हीं दो लोगों की ज़िंदगी एक जैसी नहीं हो सकती। प्रेरणा लेकर अपने मुताबिक़ बेहतरी लाएं।
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हरी सब्जियां काटने के लिए करें पिज्जा कटर का इस्तेमाल, आइस ट्रे में स्टोर करें जूस और फलों के टुकड़े
हमारे घर में ऐसे कई सामान होते हैं जो मूल कार्यों के अलावा भी कई तरह से इस्तेमाल में लिए जा सकते हैं। इनकी मदद से आप अन्य कार्यों को और आसान बना सकते हैं।
1. पिज़्ज़ा कटर का इस्तेमाल
धनिया और बाकी हर्ब्स चाकू से उतने बारीक नहीं कटते। उन्हें पिज़्ज़ा कटर की मदद से काटें। इससे वे आसानी से और बारीक कट जाएंगे।
2. हेयर ड्रायर निकाले स्टिकर
हेयर ड्रायर सिर्फ़ बाल सुखाने के काम ही नहीं आता बल्कि इसकी मदद से डिब्बे या दीवार पर चिपके स्टिकर को भी आसानी से निकाल सकते हैं। कुछ देर तक ड्रायर से गर्म हवा स्टिकर पर डालें, तो वह निकलने लगेगा।
3. माइक्रोवेव से रसीले नींबू
नींबू में रस यदि कम लग रहा हो तो उसे कुछ देर के लिए माइक्रोवेव में रखकर गर्म कर लें। इससे उसका पूरा रस आसानी से निकल आएगा। इसके अलावा पुराने स्पंज को बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए उसे गीला करके कुछ देर के लिए माइक्रोवेव करें।
4. आइस ट्रे में फल-जूस
बर्फ जमाने के अलावा आइस ट्रे में नींबू का रस फ्रिज़ व स्टोर करके रख सकते हैं। इसके अलावा अंगूर, संतरे, स्ट्रॉबेरी खीरे के टुकड़े आदि को भी फ्रिज़ कर सकते हैं।
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खाडजू साम्बे महिलाओं को देती हैं वाटर सर्फिंग की ट्रेनिंग, वे चाहती हैं लड़कियाें के प्रति समाज का नजरिया बदले
वेस्ट अफ्रीका में सेनेगल की रहने वाली खदीजा खाडजू साम्बे की उम्र 25 साल है। वे सेनेगल की पहली महिला प्रोफेशन सर्फर हैं।
सेनेगल में उन्होंने अपने घर के करीब लड़कियों और महिलाओं को सर्फिंग सीखाने के लिए ट्रेनिंग स्कूल खोला है। साम्बे कहती हैं ''मैं बचपन से पुरुषों को वाटर सर्फिंग करते हुए देखती थीं और सोचती थी कि महिलाएं इस काम को क्यों नहीं कर सकतीं''।
महिलाओं को इस क्षेत्र में लाने के लिए साम्बे ने खुद सर्फिंग सीखना शुरू किया। इस हुनर के माध्यम से वे अफ्रीकी महिलाओं को सर्फिंग सीखाती हैं और उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
रयूटर्स की फोटो जर्नलिस्ट जोहरा बेंसेमरा ने साम्बे की ट्रेनिंग ओर उनके द्वारा अन्य महिलाओं को सर्फिंग सीखाने पर एक ड्रॉक्यूमेंट्री बनाई है।
साम्बे कहती हैं मैं रोज सुबह उठकर सबसे पहले यही सोचती थीं कि ऐसा क्या करूं जिससे सारी दुनिया में नाम कमाया जा सके। मुझे अपने लक्ष्य पर कायम रहना है और किसी भी हाल में पीछे नहीं हटना है।
साम्बे का मानना है कि दूसरों की मर्जी के अनुसार अपने कामों को तय न करें, बल्कि जो आपका दिल कहे वो करके नाम कमाएं। यह सर्फर आने वाली पीढ़ी को अपने प्रयासों से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
साम्बे के ट्रेनिंग स्कूल का नाम 'ब्लैक गर्ल सर्फ' है। वे लड़कियों को प्रोत्साहित करती हैं ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सकें। वे चाहती हैं कि लड़कियां समाज के बंधनों को तोड़कर वाटर सर्फिंग में नाम कमाएं और ये बता दें कि पुरुषों के लिए कहे जाने वाले इस काम को वे भी बखूबी कर सकती हैं।
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आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 47 शिक्षकों को किया सम्मानित, इनमें से 18 अध्यापिकाओं ने ये सम्मान पाकर बढ़ाया महिलाओं का गौरव
आज शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया। इन सबको बधाई देने के साथ ही कोविंद ने भविष्य में इन्हें अच्छे काम करने की प्रेरणा भी दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल समारोह में 47 अध्यापकों को सम्मानित किया, उनमें 18 अध्यापिकाएं हैं यानी लगभग 40% महिला टीचर्स को ये सम्मान मिला है। उन्होंने टीचर्स को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आप सभी की प्रतिबद्धता और मेहनत का परिणाम है।
आप सभी ने शिक्षा के स्तर में अपनी गुणवत्ता को बढ़ाकर अपने-अपने विषयों को इतना रुचिकर बनाया कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को इससे लाभ हुआ है। कठिन समय में भी आप सभी ने मेहनत कर बच्चों के विश्वास को लगातार बढ़ाया। जिन महिलाओं को ये सम्मान मिला, उनके नाम इस प्रकार हैं :
1. गीता कुमारी : राजस्थान
2. सिंधु प्रभु देसाई : गोवा
3. मीशा घोषल : पश्चिम बंगाल
4. रूही सुल्ताना : जम्मू कश्मीर
5. स्नेहिल पांडे : उत्तर प्रदेश
6. ज्योति अरोड़ा : दिल्ली
7. संगीता सोहनी : महाराष्ट्र, मुंबई
8. सपना सोनी : दुर्ग, छत्तीसगढ़
9.सुधा पेन्नुली : उत्तराखंड
10. ईशिता डे : झारखंड
11. अर्चना गुरुंग : सिक्किम
12. निरुपमा कुमारी : झारखंड
13. थनकलता थनकप्पन : केरल
14. पद्मा प्रिय वुमाजी : हैदराबाद, तेलंगाना
15.सुरेखा जगन्नाथ : कालाबुर्गी, कर्नाटक
16. सरस्वती आर सी : चेन्नई, तमिलनाडु
17. जोशी सुधा गौतमभाई : अहमदाबाद, गुजरात
18. शेम्मलार शानमुघम : बेंगलुरु
उत्तरप्रदेश में उन्नाव की रहने वाली स्नेहिल पांडेय ये सम्मान पाकर बहुत खुश हैं। स्नेहिल उन्नाव के नवाबगंज ब्लॉक के इंग्लिश मीडियम प्रायमरी स्कूल में सीनियर टीचर हैं। उन्होंने गांव के स्कूल में इंग्लिश सबजेक्ट को अपनी शैली से आसान व रूचिकर बनाया। उन्हीं के प्रयासों से नवाबगंज गांव के बच्चे इस विषय को पढ़ने में रूचि लेने लगे हैं।
इसी तरह कलबुर्गी, कर्नाटक की सुरेखा जगन्नाथ ने साइंस में किए गए उनके प्रयोग के आधार पर 100 से अधिक पुरस्कार जीते हैं। वे स्टूडेंट के लिए साइंस को अधिक रूचिकर बनाने के उद्देश्य से अनेक प्रयोग करने के लिए जानी जाती हैं।
मूल रूप से श्रीनगर नौशेरा क्षेत्र की रहने वाली रूही सुल्ताना को राष्ट्रपति ने आज पुरस्कृत किया। रूही प्राथमिक विद्यालय डंगर पोरा, तेलबल श्रीनगर में टीचर हैं। वे उर्दू और कश्मीरी विषयों के लिए एक कंटेंट क्रिएटर के तौर पर स्कूली शिक्षा से जुड़ी हैं।
रूही दीक्षा में ई-कंटेंट क्रिएटर के रूप में काम करती हूं और श्रीनगर में ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस भी उपलब्ध कराती हैं। उन्होंने स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए प्ले वे मेथड का इस्तेमाल किया है।
##मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए 6 मई से 25 जून के बीच नामांकन मांगे थे, जिसके तहत तीन स्तरीय प्रक्रिया के बाद शिक्षक इस पुरस्कार के लिए चयनित किए गए।
शिक्षकों को पहले खुद को ऑनलाइन नामांकित करना होता है। उसके बाद जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की समिति उनका चयन करती है।
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Friday, 4 September 2020
Foreign investors pour $6 bn into India stocks despite sinking economy
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Gold price today at Rs 50,678 per 10 gm, silver trends at Rs 67,266 a kg
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New margin norms to hit traditional brokers, more suited for online brokers
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REC seeks shareholders' nod to raise borrowing limit to Rs 4.5 trillion
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Gold price declines marginally to Rs 51,770/10 gram; silver down by Rs 738
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Market Wrap, Sept 4: Here's all that happened in the markets today
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भाई-बहन ने साइकिल को आटा चक्की के साथ अटैच कर बना डाली 'साइकिल चक्की', सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को कहा जा रहा 'गजब का अविष्कार'
इन दिनों आटा पीसने के लिए जिम साइकिल का उपयोग करने वाली महिला का एक वीडियो ऑनलाइन वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो की खूब तारीफ हो रही है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण से शेयर किया है। उन्होंने इस वीडियो की तारीफ करते हुए लिखा- 'गजब का अविष्कार'।
वीडियो में दिख रही महिला का नाम सीमा पांडे हैं जो झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने घर में इंजीनियर भाई की मदद से इस मशीन का अविष्कार किया। इस वीडियो में एक महिला रूपांतरित की गई जिम साइकिल को चला रही है।
इस साइकिल को आटा चक्की के साथ अटैच किया गया है। इससे महिला की एक्सरसाइज भी हो रही है और आटा भी पीस रहा है।
लॉकडाउन में आप इस आटा चक्की की मदद से घर में ही आटा पीस सकते हैं। साथ ही वेट लॉस करने का यह तरीका लोगों को खूब पसंद आया। शरण ने अपने ट्विटर पर लिखा - 'काम और एक्सरसाइज दोनों एक साथ'। इस वीडियो में की गई कमेंटरी की भी शरण ने तारीफ की।
इस वीडियो को अब तक 6 लाख व्यूज और 4,500 लाइक्स मिले हैं। कई ट्विटर यूजर ने इस चक्की पर अपने कमेंट करते हुए लिखा - 'जुगाड़ का बेहतरीन उदाहरण'।
##किसी ने इसे सबसे अच्छा आइडिया बताया तो कोई इसे अच्छा प्रयोग कह रहा है। कई लोगों ने यह भी पूछ लिया कि इसे कहां से खरीद सकते हैं? क्या ये चक्की ऑनलाइन उपलब्ध है?
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Oil holds near $44/barrel, heads for biggest weekly drop on demand concerns
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Granules India rallies 8% in a weak market, hits fresh all-time high
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Hindustan Foods, DFM Foods hit 52-wk highs, rally over 100% from March lows
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This software company's stock has more than doubled in the past month
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AstraZeneca Pharma India hits fresh record high, up 15% in 8 trading days
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महामारी दे रही बाल विवाह को बढ़ावा, भूखमरी, बेरोजगारी और महंगाई की वजह से कम उम्र में बेटियों की शादी करने को मजबूर हुए मां-बाप
कोरोनो वायरस महामारी के कारण गरीबी की मार झेल रहे हताश परिवारों द्वारा पूरे एशिया में हजारों लड़कियों को शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर बाल विवाह की बात करें तो यह परंपरा न सिर्फ भारत बल्कि इंडोनेशिया, पाकिस्तान और वियतनाम आदि देशों में सदियों से जारी है।
लेकिन कम उम्र में शादी के आंकड़े बेहतर शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में फैली जागरूकता की वजह से कम हुए हैं।
एक एनजीओ 'गर्ल्स नॉट ब्राइड' की हेड शिप्रा झा के अनुसार, ''बाल विवाह को रोकने के लिए अब तक जो प्रयास किए गए हैं, वो कोरोना महामारी के चलते असफल होते नजर आ रहे हैं''।
वैसे भी हमारे समाज में फैली लैंगिक असमानता की वजह से बाल विवाह को रोक पाना मुश्किल था। ऐसे में महामारी ने इसे बढ़ावा दिया। गरीबी, शिक्षा की कमी, महंगाई और बेराेजगारी ने अभिभावकों में असुरक्षा की भावना को बढ़ाया है। इसके चलते अभिभावक बाल विवाह की ओर एक रूख कर रहे हैं।
यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के अनुसार ''पूरी दुनिया में हर साल लगभग 1 करोड़ 20 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है''।
'1 स्टेप 2 स्टॉप चाइल्ड मैरिज कैंपेन' की हेड रोली सिंह कहती हैं ''फिलहाल महामारी का दंश झेल रहे लोग मुश्किल हालातों को देखते हुए अपनी बेटियों का बाल विवाह कर रहे हैं''।
पिछले महीने में 275 पूर्व वैश्विक नेताओं, शिक्षा विशेषज्ञों, और अर्थशास्त्रियों ने विश्व बैंक जैसी सरकारों और संगठनों से आग्रह किया कि वे कोविड जनरेशन से होने वाले नुकसानों को सुनिश्चित करें क्योंकि इसका असर जिस तरह से शिक्षा और रहन-सहन के गिरते स्तर पर हो रहा है, वह चिंतनीय है।
जिन परिवारों में बाल विवाह हो रहा है, वहां शिक्षा ही एक मात्र ऐस उपाय है जो उन्हें बाल विवाह के नुकसानों को समझा सकता है। बेहतर शिक्षा पाकर ही ये लड़कियां बाल विवाह का विरोध करके जीवन में आगे बढ़ सकती हैं।
कोरोना के बढ़ते कुप्रभावों का असर उन मासूम बच्चियों पर भी हो रहा है जिनके माता-पिता को पैसों का लालच देकर बेटियों की शादी के लिए मजबूर किया जाता है।
हालांकि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने की बात कहीं है। वहीं वियतनाम में कानून के मुताबिक लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है। लेकिन यूनिसेफ की मानें तो यहां हर 10 में से 1 लड़की की शादी 18 की उम्र से पहले ही हो जाती है।
लोकल चैरिटी ब्लू ड्रैगन चिल्ड्रंस फाउंडेशन के अनुसार, ''ऐसे कई परिवार हैं जहां 14 साल की उम्र में लड़कियों को शादी के लायक मान लिया जाता है और जितनी जल्दी हो सके उनकी शादी कर दी जाती है। महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के कारण बाल विवाह के आंकड़ों में तेजी आई है''।
यूनिसेफ का कहना है कि ''बाल विवाह को रोककर हम गरीबी की वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस परंपरा को खत्म कर सकते हैं। कम उम्र में लड़कियों की शादी करने के बजाय अगर उन्हें पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया जाए तो वे अपने परिवार की देखभाल सही तरीके से कर पाएंगी''।
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Thursday, 3 September 2020
Adani Gas hits new high after ICRA upgrades Co's rating with stable outlook
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A gloom-and-doom scenario: Why Bond market loves India's tax mess
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CreditAccess Grameen up 9% on fund raising plans; CLSA initiates coverage
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Vodafone Idea hits 15-month high ahead of board meeting for fund raising
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KEC International gains 2% after Co secures new orders worth Rs 1,401 crore
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Stocks to watch: RIL, Infosys, Vodafone Idea, ITC, Tata Motors, KEC Int'l
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Trading strategies for crude oil and zinc by Tradebulls Securities
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Nifty outlook & stock calls by Anand Rathi: Buy TCS, Torrent Pharma
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Here's a Bull Spread Strategy on UPL by Nandish Shah of HDFC Securities
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MARKET LIVE: SGX Nifty down 100 pts; RIL in focus on Silver Lake deal buzz
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Market Ahead, September 4: All you need to know before the opening bell
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Gold price today at Rs 54,110 per 10 gm, silver trends at Rs 65,600 a kg
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BNP Paribas lists 8 large domestic stocks with potential to beat Sensex
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Axis MF launches global fund, aims to raise up to Rs 1,500 crore
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JSPL posts 21% growth in production and a 38% jump in sales in August
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Gems, jewellery exports to fall 25-30% this fiscal due to Covid-19: GJEPC
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Market Wrap, Sept 3: Here's all that happened in the markets today
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ब्रिटेन की प्रतिष्ठित मैगजीन ने केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा को 'टॉप थिंकर 2020' चुना, कोरोना काल में उनके प्रयासों से पाया ये सम्मान
ब्रिटिश पत्रिका प्रोस्पेक्ट ने दुनिया में केरल की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा को 'टॉप थिंकर 2020' के रूप में नामित किया है।
प्रॉस्पेक्ट पत्रिका ने 50 शीर्ष 50 विचारकों 2020 ’का चयन किया है। इसमें दार्शनिकों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों, वैज्ञानिकों और लेखकों को पाठकों द्वारा मतदान के आधार पर और विशेषज्ञों व संपादकों की पैनल की राय के आधार पर चुना गया है।
इस लिस्ट में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न को सूची में नंबर 2 पर रखा गया है। शैलजा का नाम कोरोना काल के दौरान राज्य में समय रहते उचित कदम उठाने के लिए शामिल किया गया।
पत्रिका के अनुसार, इस लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए 20,000 से अधिक वोट डाले गए। के के शैलजा इस लिस्ट में एकमात्र भारतीय महिला हैं। इस मैगजीन ने शैलजा की प्रशंसा करते हुए लिखा, '' साल 2018 में भी शैलजा ने केरल में फैले निपाह वायरस का डटकर सामना किया था''।
शैलजा राजनीति में आने से पहले एक शिक्षक थीं। उन्हें लोग 'शैलजा टीचर' भी कहते हैं। इससे पहले भी शैलजा द्वारा कोरोना को रोकने की दिशा में किए गए प्रयासों को तारीफ मिली है। ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अखबार 'द गार्जियन' ने भी कोरोना काल में शैलजा द्वारा किए गए कामों की प्रशंसा की थी।
संयुक्त राष्ट्र ने COVID-19 महामारी की सीमाओं पर काम कर रहे लोक सेवकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रखने के लिए शैलजा को आमंत्रित किया था।
इस मैगजीन ने दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डेन को रखा। कोरोना काल में जेसिंडा की चर्चा शुरू से ही रही है। यह उनकी समझदारी का असर ही है कि कोराेना वायरस का कम असर इस देश में देखा गया। जेसिंडा ने कोरोना अभियान में आम लोगों का साथ देकर इसे मिटान का हर संभव प्रयास किया।
इसके बाद इस लिस्ट में फ्रेंच इकोनॉमिस्ट और नोबल प्राइज वीनर एस्थर डूफलो, लेखक, कई बार बुकर प्राइज से सम्मानित किए गए हिलेरी मेंटल और पर्यावरणविद डेविड एटेनबोरो का नाम भी शामिल है। इस लिस्ट में पुरुषों के बजाय महिलाओं के नाम अधिक हैं। इसमें 26 महिलाओं के नाम शामिल हैं।
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कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए 3 अमेरिकी डांसर्स ने किया सराहनीय प्रयास, सारी दुनिया के डांस लवर इस मंच के जरिये बयां कर रहे अपनी भावनाएं
कोरोना वायरस महामारी और बाद में लॉकडाउन के कारण दुनिया भर के सिनेमाघर अभी भी बंद हैं। ऐसे माहौल में तीन साउथ अमेरिकी डांसर्स ने इंस्टाग्राम पर एक डिजिटल डांस-ऑफ की शुरुआत की है।
यहां अर्जेंटीना और ब्राजील से लेकर इजराइल और इटली तक के प्रतियोगी अपनी डांस क्लिप्स को पोस्ट कर सकते हैं। आप चाहे दुनिया में कहीं भी हो लेकिन इस मंच के माध्यम से डांस के द्वारा अपनी बात कह सकते हैं। ये डांस कॉम्पिटीशन 6 सितंबर को खत्म हो जाएगा।
जजेस डांस वीडियो का आकलन करते हैं
इस कॉम्पिटीशन ने दुनिया भर के डांसर्स को अपनी ओर आकर्षित किया है। लॉकडाउन के दौरान ये सभी प्रतिभागी अपने घर में रहते हुए इस प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते हैं। यहां जाने-माने एक्सपर्ट जजेस सारे डांस वीडियो का आकलन करते हैं।
इनके लिए दर्शक वोट भी कर सकते हैं। जो वीडियो एक दर्शक होने के नाते आपको पसंद आए, आप उसे लाइक करके डांसर्स का हौसला भी बढ़ा सकते हैं। स्टे होम डांस कॉम्पिटीशिन को शुरू करने वाली तीन डांसर्स में से एक अर्जेंटीना की फेसुन्डो लुक्वी हैं।
लोगों को यही मंच देने का प्रयास किया
वे कहती हैं ''लॉकडाउन के दौरान घर में रहते हुए भी ऐसे कई डांस लवर्स हैं जो अपनी भावनाएं लोगों के सामने लाने के लिए डांस की अलग-अलग मुद्राओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं। लेकिन उन्हें ऐसा कोई मंच नहीं मिल रहा था। हमने लोगों को यही मंच देने का प्रयास किया है''।
23 साल की लुकी कहती हैं ''जब हम इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहे थे तभी हमारे दिमाग में ये बात थी कि इस मंच को हमें सभी के लिए खुला रखना है। लुकी एक प्रसिद्ध बैलेट कंपनी की सदस्य भी हैं। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से डांसर्स ने कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास बखूबी किया है''।
##डांस सावधानी रखने की प्रेरणा देगा
किसी ने डॉक्टर का कोट पहने हुए डांस करके डॉक्टर्स को सम्मान दिया तो कोई मास्क लगाकर लोगों को ये हिदायत दे रहा है कि सभी को बिना मास्क के घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।
इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वाली 18 साल की जियोवाना सोरिया दो साल से लेटिन रिदम की स्टडी कर रही हैं। वे कहती हैं उनका डांस लोगों को कोरोना इंफेक्शन से बचने के लिए सावधानी रखने की प्रेरणा देगा।
एक कलाकार को समर्पित किया डांस
स्टे होम डांस कॉम्पिटीशिन के जरिये इंस्टाग्राम पर शानदार प्रदर्शन करने वाली 11 वर्षीय पाज़ श्ट्टेनहोफर क्लासिकल डांस में स्टडी कर रही हैं। वे कहती हैं ''मेरा परफॉर्मेंस रूसी फोटोग्राफर यूलिया आर्टेमयेवा को समर्पित है। उन्होंने बैलेरास की फूलों से तुलना करते हुए एक सीरिज बनाई''।
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