It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Friday, 3 April 2020
Bond market disappointed with borrowing plan of Centre, states
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SBI MF becomes largest fund house with average assets of Rs 3.74 trn
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FPI investment limits rise in stocks after govt decision on sectoral caps
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Nifty posts 6.7% weekly drop as investors continue to fret over Covid-19
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Coronavirus outbreak eats into stock valuations, market plunges 34%
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HUL pips HDFC Bank to 3rd spot in market capitalisation; RIL remains on top
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Investor wealth erodes Rs 4.82 trn as Covid-19 cases continue to spike
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Crude jumps 26% on MCX, bullion gains on hope of end to Saudi-Russia rift
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Covid-19: SIP inflows may be hit as investors' incomes come under pressure
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RBI shortens forex, money market trading hours amid coronavirus lockdown
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कोरोना की निराशा के बीच आशा की किरण बनी महिता नागराज, जरूरतमंदों तक पहुंचा रही जरूरी सामान
देश भर में फैल रहे कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते दुनिया ही नहीं देश भर के लोग प्रभावित हो रहे हैं। कोरोनावायरस के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए 14 अप्रैल तक देश भर में 21 दिन का लॉक डाउन जारी है। ऐसे में कई लोगों पर इस लॉक डाउन का काफी प्रभाव पड़ रहा है। खासकर की बुजुर्ग जिन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, वह घर में ही रह रहे हैं। ऐसे में उन तक चीजें ना पहुंचने के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दोस्तो ने विदेश से मांगी मदद
बुजुर्गों को हो रही इस परेशानी का एहसास महिता नागराज को तब हुआ जब यूके में रह रही उनकी दोस्त ने उन्हें फोन किया। उनकी दोस्त ने बेंगलुरु में रह रहे अपने माता-पिता तक ग्रॉसरी पहुंचाने के लिए महिता की मदद मांगी। इस पर महिता ने दोस्त को तसल्ली दी और खुद जाकर उनके माता-पिता तक जरूरी सामान पहुंचाया। लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, 2 दिन बाद अमेरिका में रहने वाली महिता की एक और दोस्त का कॉल आया। इस बार भी उनकी दोस्त ने बेंगलुरु में रह रहे अपने माता-पिता तक दवाइयां और सामान पहुंचाने के लिए उनकी मदद मांगी।
घर-घर जाकर मदद करने का किया फैसला
इस पर महिता को ख्याल आया कि कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होने के कारण डॉक्टरों ने बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी है। ऐसे में उनके बहुत से दोस्त और रिश्तेदार जो विदेश में रह रहे हैं, अपने माता- पिता को लेकर काफी चिंता में है। इस बारे में विचार करते हुए उन्होंने बुजुर्गों की मदद के लिए उनके दरवाजे तक जरूरी सामान, दवाइयां और राशन पहुंचाने का मन बना लिया।
देशभर में पहलने लियाअभियान का रूप
इसी सोच के साथ पेशे से डिजिटल मार्केटर और एक बच्चे की मां 38 वर्षीय महिता ने इस आइडिया को फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उनके दोस्त, किसी भी अन्य बुजुर्ग या जरूरतमंद व्यक्ति को किसी भी तरह की मदद की जरूरत हो तो उनसे बेहिचक संपर्क करें। इस पोस्ट के बाद महिता को मदद के लिए ना सिर्फ विदेश में रह रहे दोस्तों के फोन आए, बल्कि बहुत से ऐसे लोगों ने भी उनसे संपर्क किया जो उनकी इस पहल का हिस्सा बनकर जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद करना चाहते थे। जिसके बाद इस पहल ने देखते - देखते पूरे देश में एक केयरमोंगर (caremonger) अभियान का रूप ले लिया।
फेसबुक पर बनायापब्लिक ग्रुप
महिता कहती है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें लोगों की इतनी ज्यादा प्रतिक्रिया मिलेगी। इस पहल के बाद उन्हें पूरे बेंगलुरु से फोन आए। खास बात यह थी कि फोन करने वाले यह सभी लोग बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाओं और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहते थे। इसी क्रम में महिता ने 17 मार्च को फेसबुक पर केयरमोंगर इंडिया नामक एक पब्लिक ग्रुप शुरू किया, जिसमें अभी तक 2000 से भी ज्यादा वॉलिंटियर जुड़ चुके हैं। इस ग्रुप के बनने के 1 दिन के अंदर ही बेंगलुरु ही नहीं बल्कि चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और उड़ीसा के लोग भी इसमें शामिल हो चुके हैं।
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Market Wrap, April 2: Here's all that happened in the markets today
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RBI shortens business hours of money markets, cites impact of lockdown
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More pain ahead for the auto sector? Here's what top brokerages say
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NCR, Mumbai stare at up to $1.7bn per week loss due to shutdown: Barclays
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Thursday, 2 April 2020
Cipla surges 8% on completing Phase-3 study of asthma generic drug
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Auto stocks decline as March sales plunge amid coronavirus lockdown
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Indian rupee may stabilise in 2021, to stay weak in near-term: Reuters Poll
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OMCs, paint stocks decline after oil posts biggest one-day gain; ONGC rises
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Stocks to watch: Oil-linked counters, RIL, RBL Bank, Tata Power, Tata Steel
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Market Ahead, April 3: All You Need To Know Before The Opening Bell
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Biodiesel industry faces coronavirus heat as meat exports drop sharply
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Malaysian palm oil down 1.03% on heightened concerns over demand
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PSBs rescue pvt peers as states pull out deposits after RBI cut rates
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ETFs liquidate at quickest pace since 2017 as coronavirus roils markets
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Investment banking fee drops 34% to $222 million in Q1 of FY20
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Who owns what: Portfolio of developers who could bear brunt of lockdown
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Silver lining for OMCs: Low crude oil prices signal structural gains
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Covid-19: Supply of pulses to ease soon as Nafed ties up with dal mills
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Amid coronavirus lockdown, gold finance companies may be less impacted
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FY20 sees 62% spike in equity fundraising, over Rs 20k cr raised by IPOs
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Covid-19 impact: Consumer lending may be most disrupted by lockdown
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किसी से खुलकर बात करना प्यार नहीं होता, चीजों को लेकर प्रैक्टिकल रहे और रिश्ते में दबाव न बनाएं
इस कॉलम में हमारी रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. निशा खन्ना पाठकों की समस्याओं/ जिज्ञासाओं का समाधान करती हैं। पाठकों के नाम गोपनीय रखे जाते हैं।
सवाल: मैं नौ साल से एक रिश्ते में थी, हमारे बीच झगड़े भी हुए लेकिन फिर भी हम साथ थे। मगर पिछले छह महीने से कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अब वह कहता है कि यह रिश्ता आगे नहीं चल सकता। दोस्त वाला रिश्ता रहेगा। मुझे नहीं समझ आ रहा कि उसके दिल में क्या है? मैं क्या करुं?
जवाब: कई बार देखा गया है कि किसी रिश्ते में प्यार तो होता है, लेकिन साथी एक-दूसरे के अनुकूल नहीं होते। ऐसे में प्यार होने के बावजूद रिश्ता निभाना कठिन हो जाता है। आपके केस में मुद्दा कंपेटिबिलिटी (तालमेल) के अभाव का है या कुछ और, यह समझना होगा। रिश्ते की शुरुआत में सब अच्छा चलता है, लेकिन जब शादी का दबाव बनता है, तब कई बार लोग रिश्ते तोड़ देते हैं। आपके मामले में अगर प्यार है, तो फिर दोनों के बीच असमानताओं पर काम करने की कोशिश करें। आप इस रिश्ते को थोड़ा वक्त दें। इस दौरान अगर आप और वो महसूस करते हैं कि रिश्ते में सुधार हुआ है तो आगे बढ़ें। फिलहाल ज्यादा कोशिश न करें। उन चीजों पर ध्यान केन्द्रित करें जो आपको खुश करती हैं। उस पर निर्भर न हों।
सवाल: मैं पिछले दो साल से एक रिश्ते में हूं, हम दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। वह मुझसे शादी करना चाहता है। उसके माता-पिता भी इस रिश्ते के लिए तैयार हैं। लेकिन उसकी टाइप-2 डायबिटीज के कारण मेरे पैरेंट्स इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं हैं। मुझे उसकी बीमारी से कोई दिक्कत नहीं है। मैं बहुत ज़्यादा संशय की स्थिति में हूं। कुछ उपाय बताइए।
जवाब: डायबिटीज होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन आपके पैरेंट्स की चिंता भी उनके नजरिए से ठीक है। मेरा सुझाव है कि आप अपने माता-पिता को लड़के से मिलने के लिए कहें। अच्छी और अनुशासित लाइफस्टाइल के साथ डायबिटीज से ग्रसित लोग भी अच्छा जीवन जीते हैं। अपने माता-पिता से इस विषय पर चर्चा करें। अपने माता-पिता से पूछें कि क्या कोई और वजह तो नहीं है रिश्ते को अस्वीकार करने की? समय के साथ आपके पैरेंट्स भी इस बात को समझेंगे।
सवाल: मैं डेढ़ साल से एक रिश्ते में थी। उस लड़के को मैं पिछले चार साल से जानती थी। हम दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्छे से समझते भी थे, लेकिन कुछ समय पहले जाति को लेकर तकरार शुरू हो गई। वह अपने परिवार में इस संबंध में बात कर चुका है, लेकिन बातचीत सकारात्मक नहीं रही। मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब: किसी भी रिश्ते में सम्मान होना सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर दोनों में वाकई प्यार और सम्मान है, तो फिर आपका साथी परिवार को मना लेगा। लेकिन अगर वह यह मानकर चल रहा है कि परिवार वाले नहीं मानेंगे तो फिर आप इसको लेकर बहुत ज्यादा सकारात्मक ना रहें। अगर आपका साथी खुद ही स्टैंड नहीं ले रहा है, तो फिर रिश्ते की बुनियाद पर ही सवाल खड़े होते हैं। आपको सच स्वीकार कर लेना चाहिए। मेरी सलाह है कि रिश्ते पर ध्यान देने के बजाय अपने आप पर ध्यान दें। अपनी रुचि के अनुसार काम करें, इससे तनाव कम करने में मदद मिलेगी।
सवाल: मैं अपने पूर्व सहकर्मी से प्यार करता हूं। हालांकि उसका प्रेमी था, लेकिन उसने मुझे भी अपने बॉयफ्रेंड की तरह ही ट्रीट किया। लड़की उस लड़के के साथ खुश नहीं है, इसके बावजूद वह उसी रिश्ते में है। मैं अब उस ऑफिस में नहीं हूं, लेकिन हम अब भी दोस्त हैं। मैंने उसे प्रपोज़ भी किया, लेकिन उसने साफ़ जवाब नहीं दिया। मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब: मेरा आपसे सवाल है कि क्या वाकई वह आपसे प्यार करती हैं या मामला एकतरफा है? खुलकर बात करना, अपनी बातें शेयर करना या अच्छी तरह से ट्रीट करना (जैसे बॉयफ्रेंड को करते हैं) प्यार नहीं होता। रही बात उनके बॉयफ्रेंड की, तो यह उनका फैसला है कि वह क्या करना चाहती हैं। दोस्त होने के नाते आप उन्हें सही सलाह दे सकते हैं, लेकिन वह आपसे प्रेम करती हैं या नहीं, यह जानने के बाद ही आप आगे बढ़िए। मेरे ख्याल से आपको इस रिश्ते का सच परखने के लिए तीन महीने का वक्त देना चाहिए। चीजों को लेकर प्रैक्टिकल होना चाहिए। रिश्ते में किसी भी तरह का दबाव न बनाएं।
रिलेशनशिप से जुड़ा सवाल rasrang@dbcorp.in पर मेल कर सकते हैं।
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लॉकडाउन के दौरान घर पर करें समय का सदुपयोग, नए चीजों को सीखते हुए गुजारे वक्त
सारी दुनिया एक बड़ी समस्या से जूझ रही है, ऐसे में देश में लॉकडाउन है। सभी को घर के भीतर ही रहने की सलाह दी जा रही है। जो नौकरीपेशा हैं या अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं, उन्हें सारे दिन घर पर रहना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। पर चिंता न करें, समय का बेहतर सदुपयोग करने और उसे मजे से गुजारने के लिए हम कुछ उपाय लेकर आए हैं।
सोचिए जरा
नौकरी के दौरान हम सब किस तरह छुट्टी का इंतजार किया करते थे। आज जब घर रहने की जरूरत है तो ऊब होने लगी है। पहले सोचते थे छुट्टी मिल जाए तो घर को सजाएंगे, नए-नए प्रकार के भोजन बनाएंगे या दोस्तों से बतियाएंगे। पर आज जब ये सब करने का मौक़ा है तो समय को यूं ही जाया किए जा रहे हैं। इसलिए सोचिए कि क्या कुछ किया जा सकता है।
अभिनय दिखाएं
एक्टिंग, मिमिक्री या गम्भीर थिएटर करने का मन सबका होता है लेकिन वक्त नहीं मिलता। अब मौका मिला है, तो वर्चुअल थिएटर का आयोजन कीजिए और कला को निखारिए।
लेखन आजमाइए
इस समय छोटा-मोटा कुछ लिखने का समय मिल सकता है। और अगर आपके मित्र समूह में आपके जैसी रुचि अन्य लोगों में भी है, तो एकाध शब्द या विषय आपस में बांट लें और उस पर कुछ लिखकर एक-दूसरे से साझा करें। नए-नए शब्दों की जानकारी बांटकर अपना शब्दज्ञान भी बढ़ा सकते हैं।
किस्सों की साझेदारी
कभी फुर्सत मिलेगी तो किताब पढ़ेंगे और दोस्तों, परिजनों को अच्छी कहानियां सुनाएंगे- अगर आपने भी ऐसा सोचा था, तो उसे विचार को यथार्थ में उतारने का समय अभी है। चाहें तो बुक क्लब बनाएं, वीडियो पर रीडिंग सेशन रखें या फिर कहानियां वॉट्सएप पर साझा करें, मर्जी आपकी है।
वीडियो कॉल से जुड़ें
जाहिर है, पार्टी, मौज-मस्ती, घूमने-फिरने की कमी खल रही है तो उन्हें वीडियो कॉल करें और एक-साथ जुड़े। इस दौरान मिलकर अंताक्षरी खेल सकते हैं या कॉलिंग करते हुए नई-नई रेसिपीज़ बना सकते हैं। इससे समय भी कटेगा और खालीपन भी महसूस नहीं होगा। और भई, वीडियो कॉलिंग तो है ही ना। एक समय तय कीजिए और मिलकर फोन पर गपशप कीजिए।
व्यायाम न भूलें
ये समय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का है। ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि घर के सभी सदस्य व्यायाम-योग को दिनचर्या में शामिल करें। यदि योग नहीं करना चाहते तो रस्सी कूद सकते हैं या नृत्य कर सकते हैं। ये सभी आपको चुस्त-दुरुस्त रखने में कारगर हैं। इसलिए दिन का कुछ समय शरीर को स्वस्थ और सेहतमंद बनाने के लिए दें।
नया सीखें
यदि मन में डांस, पेंटिंग जैसा कुछ नया सीखने की इच्छा है, तो ऑनलाइन वीडियोज से इस इच्छा को पूरा किया जा सकता है। दिन का कुछ समय नया सीखने में लगाएं। इसके अलावा नई-नई रेसिपीज बनाना पसंद है तो उसका वीडियो बनाकर दोस्तों, करीबियों के साथ साझा कर सकते हैं।
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Wednesday, 1 April 2020
Oil market shock to affect global supply chains, energy sector: IEA
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FIIs keep off Indian debt with record sell-off amid coronavirus outbreak
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Equity fundraising sees 62% spike in FY20; coronavirus could hit IPOs
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Commodity traders urge Sebi to restore trading hours till 11.30 pm
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Covid-19: Edible oil refineries halve operating capacity over seed shortage
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Market Wrap, April 1: Here's all that happened in the markets today
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कोरोना से लड़ना है तो जीवनशैली में सुधार कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं
पंद्रह दिन का लॉकडाउन बाकी है। बीते छह दिनों से हमारी शारीरिक क्रिया कम हो गई है। यह सेहत के लिए ठीक नहीं है। बैठे-बैठे खाने को हम मजबूर जरूर हैं, लेकिन इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। किसी भी रोग से लड़ना है, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्तम होनी चाहिए। संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए घर में ही रहने, हाथों को बार-बार धोने, मास्क का इस्तेमाल करने के नियम का पालन तो हम कर ही रहे हैं, अब चलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इसे अपनी जीवनशैली और खान-पान में सुधार लाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। घर पर रहकर इसे कैसे सुधारना है, आहार विशेषज्ञ से जानिए।
दिनचर्या दुरुस्त करनी होगी
हम घर पर हैं, तो जीवनचर्या का कुछ तय नहीं है। कुछ लोग देर रात तक जाग रहे हैं, सुबह देर से उठ रहे हैं, ठंडा भोजन खा रहे हैं। इस ख़राब दिनचर्या से कई परेशानियां हो सकती हैं जैसे अपच, कब्ज़, खट्टी डकारें आदि। मधुमेह या हृदय रोगियों की समस्या भी बढ़ सकती है। इस मुश्किल समय में ख़ुद पर संयम रखना ज़रूरी है। न सिर्फ़ शारीरिक, बल्कि मानसिक दबाव भी हम सब पर है।
स्वस्थ रहने के स्तम्भ
पर्याप्त और अच्छी नींद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। ऐसे में जब हम घर पर हैं, तो कोशिश होनी चाहिए कि हम रात में भरपूर नींद लें और सुबह जल्दी उठें। दिनचर्या को नियमित करने की कोशिश करें। सुबह जल्दी उठेंगे, तो रात को जल्दी नींद आएगी। नींद के नियमन से आप ख़ुद को स्वस्थ, तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करेंगे। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। मधुमेह, मोटापे, हृदय रोग और रक्तचाप के मरीज़ों को अपनी अवस्था नियंत्रित रखने के लिए भी पर्याप्त नींद ज़रूरी है।
सेहत के लिए पानी
स्वस्थ रहने के लिए दूसरी आवश्यक वस्तु है पर्याप्त मात्रा में पानी। कई बार एक ही जगह बैठे रहने, टीवी देखने आदि के कारण ज़्यादा चलना नहीं हो पाता, इसलिए हो सकता है कि आपको प्यास भी कम लगे। पर इसका ये अर्थ नहीं है कि आप पानी न पिएं। गर्मी बढ़ रही है और पानी की ज़रूरत भी। शरीर की हर क्रिया के सुचारू रूप से चलने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है। पानी की कमी के कारण शरीर में अजीब-सी थकान और भारीपन महसूस हो सकता है, साथ ही आलस भी आ सकता है। जिन्हें गुर्दे या दिल की परेशानी है, वे अपने चिकित्सक की बताई गई मात्रा में ही तरल पदार्थ लें।
व्यायाम ही गतिविधि है
जब हम घर के अंदर हैं, तो किसी और गतिविधि की गुंजाइश नहीं है। योग या कोई और व्यायाम सीखे हों, तो करें। अपने आप इस समय कुछ नया न आज़माएं। गाने लगाकर डांस या कार्डियो कर सकते हैं। मानसिक संतुलन और संतुष्टि के लिए 10-15 मिनट आंखें बंद करके ध्यान ज़रूर लगाएं। मंत्र का जाप भी आपके मन को शांत रखेगा। सुबह-शाम दोनों समय 15-15 मिनट का व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखेगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इज़ाफ़ा करेगा।
भोज्य पदार्थ बनाएंगे मजबूत
वैसे तो सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता शरीर को होती है परंतु रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन सी, विटामिन डी और जिंक अधिक ज़रूरी है। इसलिए ऐसे भोजन व खाद्य पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें जिनमें इन तत्वों का समावेश हो। प्रोटीन की मात्रा एवं गुणवत्ता सही करने के लिए आटे को दूध में गूंध कर उपयोग करने से गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों बढ़ जाते हैं। इसी प्रकार पोहे या उपमा में मूंगफली का उपयोग या इडली के साथ सांभर का उपयोग या चावल के साथ दाल या खिचड़ी भी आपके प्रोटीन की मात्रा को बेहतर बना देगा। प्रोबायोटिक्स वो तत्व हैं जो पाचन को बेहतर बनाते हैं। ये दही, इडली, खमण आदि में मिलते हैं।
समय का ख्याल रखिए
उठने के दो घंटे के भीतर नाश्ता कर लें। हर 3-4 घंटे के अंदर खाना लें। उदाहरण के तौर पर सुबह का नाश्ता, दोपहर में 1-2 बचे के बीच दोपहर का खाना, शाम को चाय के साथ कोई न कोई थोड़े-से स्नैक्स जैसे पोहा, उपमा लीजिए और रात का खाना 7 से 8 बजे तक जरूर लें।
दिनचर्या में शामिल करें
- ओमेगा-3 फैटी एसिड : ओमेगा-3, फैटी एसिड बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। इनका स्रोत हैं खड़ी दालें जैसे मोठ, लोबिया, मूंग, राजमा, चने, छोले आदि। पूरे हफ़्ते की भोजन योजना बनाते समय किसी समय में छोले और राजमा को ज़रूर शामिल करें। खड़ी दालों को अंकुरित करके खाएं, तो और बेहतर। अंकुरित दालों से रेशे, विटामिन जैसे ए, ई, बी कॉम्पलेक्स एवं कई खनिज प्राप्त हो जाएंगे। आजकल सब्ज़ी न मिलने की स्थिति में यह प्रक्रिया बहुत फायदे की रहेगी। अंकुरित दालों से आप खिचड़ी, चीला, बड़े भी बना सकते हैं। और तो और इन्हें पीसकर आटा मिलाकर पराठे भी बन सकते हैं या मिर्च, नींबू या नमक के साथ चटनी भी बनाई जा सकती है।
- विटामिन-सी : विटामिन-सी खट्टे फलों में पाया जाता है। टमाटर, संतरे, आंवला, हरी मिर्च, नींबू विटामिन-सी के अच्छे स्रोत हैं। आंवले का किसी ने किसी रूप में रोज़ाना सेवन करें। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी मिलेगा, साथ ही साथ इससे खाने से प्राप्त होने वाला लौह लवण यानी आयरन शरीर में ढंग से अवशोषित हो जाएगा। और कुछ न भी मिले हरी मिर्च तो आसानी से उपलब्ध है और यह अच्छी मात्रा में विटामिन सी देती है।
- विटामिट-डी: शरीर में पर्याप्त विटामिन-डी रोगों से लड़ने की क्षमता देता है। इसके लिए प्रतिदिन 20 से 25 मिनट घर की बालकनी, छत या घर में जहां धूप हो वहां इस तरह से खड़े हो जाएं कि धूप सीधेे शरीर पर आए।
- जिंक: सूखे मेवे, तिलहन दालें जैसे तिल, तरबूज़ व खरबूज़ के बीज, अलसी, सूरज मुखी या कद्दू के बीजों के सेवन कर सकते हैं। इनमें जिंक के साथ आयरन, कैल्शियम, ओमेगा-3, फैटी एसिड व बीमारियों से लड़ने के कई तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इन्हें प्रतिदिन दो छोटे चम्मच खाएं।
भोजन योजना
ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल न करें, जिन्हें पचाना मुश्किल होता हो, जैसे नूडल्स आदि। सुपाच्य, रेशेदार और ताज़ा खाना खाएं। कुछ सुझाव हैं...
- सुबह चाय के साथ बिस्कुट के बजाय 5-6 बादाम, 2-3 अखरोट लें, तो फ़ायदेमंद होगा। मधुमेह की दिक़्क़त नहीं है तो इनके साथ अंजीर या खजूर ले सकते हैं।
- नाश्ते में प्रोटीन लें जैसे दूध और दलिया, दही और पराठा, पूरा पका हुआ अंडा और पराठा, अंकुरित दालें और उसके साथ पोहा या उपमा में एक वस्तु ले सकते हैं।
- मौसमी फल संतरा, तरबूज़, खरबूज़, पपीता ले सकते हैं। इनको 11 बजे के आसपास टीवी देखते, बैठे हुए या आराम करते वक़्त ले सकते हैं।
- दोपहर के खाने में रोटी, चावल या दालिया के साथ रोज़ दही का सेवन करने की कोशिश करें। चाहें तो उसमें छौंक लगा सकते हैं। भोजन में दाल अवश्य लें। यदि दाल बनाने का मन न हो तो चार हिस्सा आटे में एक हिस्सा बेसन मिलाकर उसकी रोटी लें।
- मौसमी सब्ज़ियां ही खाएं। सभी फल और सब्ज़ियां अच्छी तरह से धोएं या नमक के पानी में धोएं उसके बाद ही उपयोग करें। इन्हें फ्रिज में स्टोर करें।
- शाम की चाय के साथ भुने चने, भुनी मूंगफली और मुरमुरे का मिश्रण या पॉपकॉर्न ले सकते हैं। बेसन या दाल का चीला, अंकुरित दालों की चाट भी चाय के साथ ले सकते हैं।
- रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले खाएं। रात में हल्का भोजन लीजिए। दाल, रोटी और सब्ज़ी स्थान पर इडली, सांभर और चटनी लें। दलिया और सब्ज़ियों का मिश्रण खाएं।
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बच्चों को नई- नई चीजों के बारे में जानकारी देने के साथ ही जिम्मेदार भी बनाएं
माता और पिता बच्चों को व्यस्त रखने के लिए रोजमर्रा से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी दे सकते हैं, साथ ही कुछ नई तरकीबें भी निकाल सकते हैं।
खानपान की चीजें पहचानें
अक्सर देखने में आता है कि बच्चों को खाने की चीज़ों के नाम ही पता नहीं होते। ख़ासतौर पर दालों के नामों की बात आते ही वे समझ ही नहीं पाते कि वे कौन-सी दाल खा रहे हैं। वे सिर्फ़ उन्हें रंगों से जानते हैं। इसलिए अभी जब समय है और कुछ मनोरंजक करना है तो अलग-अलग कटोरी में दाल रखकर उन्हेंउनके नाम बताएं। उन्हें पहचान कराएं और उनसे पूछें भी। नाम पहचान करने को खेल की तरह भी खेल सकते हैं। सही नाम बताने पर इनाम के तौर पर बच्चों को मनपसंद नाश्ता बनाकर दे सकते हैं।
नाप-तौल सिखाएं
याद कीजिए बचपन में पावभर सामान मंगाने पर दिमाग़ में आता था कि पावभर कितना होता है। फिर जाना कि 250 ग्राम को पावभर कहा जाता है। ये सवाल बच्चों के मन में अक्सर आते हैं। इसलिए उन्हें ये जानकारी देना ज़रूरी है। इसी के साथ टी स्पून, टेबल स्पून, 1/4 कप क्या और कितना होता है ये भी बताएं। ये सब जानना उनके लिए रोचक होगा।
अपने काम खुद करें
बच्चे अक्सर जूते के फीते और टाई बांधने के लिए माता-पिता पर निर्भर रहते हैं। मदद की आदत उन्हें आत्मनिर्भर नहीं बनने देती। अब जब वक़्त है तो उन्हें ये कार्य ख़ुद करने के लिए कहें। पहले उन्हें सिखाएं और बाद में उनसे बंधवाकर देखें। इससे जब दिनचर्या सामान्य होगी तो आपके हिस्से के कुछ काम कम होंगे और बच्चे भी अपना कार्य ख़ुद करना सीखेंगे।
काम को मजेदार बनाएं
बच्चों के कपड़े तह करना उन्हें अलमारी में जमाकर रखने जैसे कार्यों से अब मुक्त हो जाइए। ये कार्य बच्चों के हवाले कर दें। पहले उन्हें बताएं कि किस कपड़े को कैसे तह करना है उसके बाद जब वो अच्छी तरह से तह करना सीख जाएं तो उन्हें अलमारी में जमाना सिखाएं। इसके साथ ही उन्हें उनकी स्कूल यूनीफॉर्म को इस्त्री करना भी सिखा सकते हैं।
बागवानी सिखाएं
बच्चों को संवेदनशील बनाना और प्रकृति को क़रीब से जानने का मौक़ा देना चाहते हैं तो उन्हें बाग़वानी सिखाएं। उन्हें गुड़ाई करते वक़्त साथ रखें, पौधों को पानी कितना देना चाहिए, किस समय देना चाहिए। इस सबकी जानकारी दें। इससे बच्चे पौधों की देखभाल के प्रति ज़िम्मेदार बनेंगे। इसके साथ ही बच्चों को घर की डस्टिंग की ज़िम्मेदारी भी दे सकते हैं।
कहानी-किस्सों का साथ दें
बच्चों को दोपहर में सोने की आदत नहीं होती। ऐसे में घर के बड़े जैसे नाना-नानी, दादा-दादी दोपहर के वक़्त उन्हें कहानियां सुना सकते हैं। इसके अलावा अपने अनुभव बता सकते हैं। इससे बच्चे जीवन के मूल्य और बड़ों के संघर्ष को जान सकेंगे।
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Tuesday, 31 March 2020
योग से मजबूत करें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, एक्सपर्ट से जानें नीरोग बनने का तरीका
लाइफस्टाइल डेस्क. हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बहुत आवश्यक होता है। लेकिन इसके लिए संतुलित और पौष्टिक खान-पान के साथ योग भी मददगार हो सकता है।जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट केमुख्य योग अधिकारीडॉ. राजीव राजेश से जानें योग से नीरोग रहने का तरीका:
मत्स्यासन
मत्स्यासन पीठ के बल लेट जाएं। हाथों को शरीर के बाजू में रखें, हथेलियां जमीन पर पूरी तरह जमाकर। अब धीरे-धीरे सीने को उठाएं, गर्दन का सहारा लेते हुए सिर के ऊपरी हिस्से को यूं टिकाएं कि बाज़ुओं से ऊपरी पीठ तक शरीर एक कर्व बन जाए। इस स्थिति में कोहनियां और हथेलियां जमीन पर टिकी होनी चाहिए। चार-पांच सांस तक रूकें फिर धीरे-धीरे सिर को पुन: फर्श पर सीधा कर टिका लें।
इस आसन को करने का दूसरा तरीका पद्मासन की मुद्रा का भी है, जिसमें लेटने के बाद पैरों को पद्मासन में बांधा जाता है। हाथों की मदद से तस्वीर अनुसार पीठ को ऊपर उठाएं और पैरों व सिर के बल शरीर को संतुलित करें। अब बाएं पैर के पंजों को बांएं हाथ से और दाएं पैर को दाएं हाथ से पकड़ें। इस दौरान, कोहनियां और घुटने जमीन से सटे होने चाहिए। इस अवस्था में रहते हुए धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। करीब 30 सेकंड तक इसी अवस्था में रहें।
मत्स्यासन से लाभ
शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा, फेफड़े मजबूत बनेंगे। रक्तसंचार बेहतर होगा। यह दिल की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा है। गर्दन की तकलीफ़ वाले या हृदय रोगी इसे न करें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए (दंडासन में) बैठ जाएं। दोनों हाथों को ज़मीन पर रखें। सांस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी सीधी करें। अब तस्वीर अनुसार बायां पैर मोड़ें और पंजे को कूल्हे की ओर दाएं घुटने के पीछे ले जाएं। दाएं पैर को इस तरह मोड़कर रखें कि तलवे ऊपर की ओर खुले रहें (चित्र देखें)। अब बांयां हाथ ज़मीन पर रखते हुए शरीर को इस पर टिकाएं। वहीं दाएं हाथ की कोहनी बाएं पैर के घुटने पर रखें। अब शरीर को बांईं ओर खींचें। इस मुद्रा में 20-30 सेकंड के लिए रुकें। विपरीत दिशा में इस योगासन को दोहराएं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन से लाभ
इससे रीढ़ की हड्डी का दबाव कम होता है। ये प्रतिरक्षा प्रणाली सहित शरीर के आंतरिक कार्यों में सुधार करता है। ख़राब पाचन शरीर में विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिंस) का कारण बनता है, जिससे संक्रमण होता है। ये आसन पाचन संबंधी समस्याएं दूर करता है। इससे पेट की चर्बी कम होती है, शरीर का लचीलापन बढ़ता है।
उत्कटासन
सीधे खड़े हो जाएं। अब शरीर और सिर दोनों को सीधा रखते हुए ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं। दोनों पैरों को पास-पास रखें। दोनों हाथों को सीधा रखें। अब सांस अंदर लेते हुए, दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और दोनों को आपस में जोड़ें। अब धीरे-धीरे घुटनों को सामने की ओर मोड़ें और कूल्हों को पीछे और नीचे की ओर लाएं। कूल्हों को फर्श के समानांतर लाने का प्रयास करें। गर्दन और रीढ़ की हड्डी को ताने रखें। इसे करते वक्त शरीर का आकार ऐसा लगेगा जैसे कि एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हुए हैं। इस आसन को एक मिनट तक क्षमता अनुसार करें। इस प्रक्रिया को विपरीत दोहराकर सामान्य अवस्था में आएं और फिर कुछ देर के लिए सुखासन में बैठ जाएं।
उत्कटासन से लाभ
शरीर का संतुलन सुधारता है। रक्तसंचार को दुरुस्त करता है और चर्बी घटाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से उत्कटासन का अभ्यास करना फ़ायदेमंद है।
सुखासन
फर्श पर योग मैट बिछाकर बैठ जाएं। पैरों को घुटने से मोड़कर पालथी बांधकर आराम से रहें। रीढ़ की हड्डी, सिर और गर्दन को बिना खिंचाव बनाए सीधा रखें। दोनों हाथों को ध्यान की मुद्रा में घुटनों पर रखें। अब आंखें बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला रखें। गहरी सांस लें और छोड़ें। इस आसन को 10-15 मिनट या क्षमता के अनुसार करें।
सुखासन से लाभ
इस आसन से तनाव के लिए ज़िम्मेदार हॉर्मोन का स्राव कम करने में मदद मिलती है। इससे हृदय गति संतुलित होती है और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं कम करने में भी मदद मिल सकती है।
इसका रखें ध्यान
अगर रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई समस्या, घुटनों में दर्द, हर्निया या फिर अल्सर है, तो इन योगासन को बिल्कुल न करें।
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लॉकडाउन के बीच मलेशिया महिला मंत्रालय की सलाह, महिलाएं घर पर मेकअप करें लेकिन पतियों को परेशान न करें; विरोध शुरू
वीमेन डेस्क. मलेशियाई सरकार कोरोनावायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के निर्देश जारी कर रही है। लेकिन मलेशिया के महिला मंत्रालय कानया कैंपेन #WomenPreventCOVID19 विवादों में आ गया है। महिला मंत्रालय ने सलाह दी है कि लॉकडाउन के दौरान महिलाएं घर परमेकअप करें लेकिन पतियों को परेशान न करें। देशभर में महिलाएं इस लिंगभेद टिप्पणी की आलोचना कर रही हैं।
लॉकडाउन में डोरेमोन की आवाज निकालें महिलाएं
मलेशिया का महिला मंत्रालय फेसबुक और इंस्टाग्राम पर महिलाओं को टिप्स दे रहा है कि वे लॉकडाउन के दौरान कैसे रहें। इसी कड़ी में मंत्रालय ने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, लॉकडाउन के दौरान महिलाएं पतियों को परेशान न करें। मंत्रालय का लक्ष्य लॉकडाउन के दौरान घरेलू कलह के मामलों पर रोक लगाना था। इसके बाद एक और पोस्ट में लिखा, लॉकडाउन में महिलाओं को फेमस कार्टून कैरेक्टर डोरेमोन की आवाज निकालनी चाहिए। इस दौरान साफ कपड़ों में रहें। किचन और कमरों को साफ रखें।
सोशल मीडिया से हटाईं पोस्ट
विवाद बढ़ने पर मंत्रालय ने सोशल मीडिया से कुछ पोस्ट हटाईं। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, अच्छे से तैयार और मेकअप करके कैसे कोरोनावायरस से बचाव कर सकते हैं, जरा हमें बताएं। एक दूसरे यूजर ने लिखा, ये 2020 है, आगे बढ़ें और महिलाओं से जुड़े जरूरी मुद्दों पर ध्यान दें।
जेंडर असमानता को बढ़ावा दे रही पोस्ट
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर महिलाओं का कहना है कि इस तरह की पोस्ट जेंडर असमानता को बढ़ावा दे रही हैं। एक यूजर लिखती हैं कि घरेलू हिंसा से कैसे निपटें मंत्रालय को इस पर अपनी सलाह जारी करनी चाहिए।
लॉकडाउन में शोषण के मामले बढ़े
मलेशिया में महिलाओं से जुड़े घरेलू हिंसा और शोषण मामले बढ़े हैं। मलेशिया में घरेलू हिंसा से जूझने वाली महिलाओं के बनाई गई हेल्पलाइनके आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन की शुरुआत (18 मार्च) से अब तक ऐसे 50 मामलों में बढोतरी हुई है।
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रोजाना कई कीटाणुओं के बीच गुजरता है हमारा दिन, ऐसे में स्वच्छ जीवनशैली रखे बीमारियों से दूर
लाइफस्टाइल डेस्क. कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए हमने हाथों को अच्छी तरह से धोना तो सीख लिया पर अपने दैनिक जीवन में हम स्वच्छता का कितना ध्यान रखते हैं इसकी जांच भी कर ही लेते हैं। घर पर भी, दफ़्तर में और बाहरी जीवन में भी, देखिए कि हम कीटाणुओ से कितने दूर या कितने पास हैं-
घर का टीकाकरण
हमें घर जितना साफ लगता है असल में ये उतना साफ होता नहीं है। घर के ऐसे कई हिस्से और चीज़ें हैं जिन्हें हर कोई बार-बार छूता है। ऐसे में इन पर कीटाणुओं का होना आम बात है। इन्हें हम हर तरह के हाथों से छूते हैं और वही हाथ अपने चेहरे पर लगाते हैं या उन्हीं हाथों से खा लेते हैं। इनमें मौजूद कीटाणु हमें बीमार बना सकते हैं।
यहां छुपते हैं कीटाणु
घर के स्विच बोर्ड, दरवाजों के हैंडल, वॉशबेसिन,पोछे के कपड़े, चादरें, तकिए के खोल, तौलिए, कंघी, घर के कोने, टीवी या एसी के रिमोट कंट्रोल, पानी की बोतल, फ्रिज और उसका हैंडल, सोफे, फर्श से कुछ ऊपर की दीवारें, सीढ़ियों या बालकनी की रेलिंग, टेलीफोन आदि में कीटाणु छुपे रहते हैं।
संक्रमण और बीमारियां
घर और शरीर की ठीक से सफाई न की जाए तो संक्रमण और बीमरियां जकड़ सकती हैं। हल्के से लेकर तेज बुखार, खांसी, ज़ुकाम, सिरदर्द, गले में खराश, टाइफॉइड जैसी दिक्कत हो सकती हैं।
ऐसे सफाई रखें
- बिस्तर की चादरें, सोफे के कवर और तकिया के खोल हर हफ्ते धो दें। इन्हें गर्म पानी में साफ करें। तकियों को हर दो साल में बदल दें।
- घर के हर सदस्य के लिए अलग-अलग तौलिया रखें। रोजाना इस्तेमाल करने के बाद इन्हें धोकर धूप और हवा में सुखाएं। इसके लिए हर सदस्य दो-दो तौलिया रख सकता है।
- वॉशबेसिन को रोजाना साफ करने की कोशिश करें। अगर हाथ पोछने के लिए टिशू रख रहे हैं तो इसे बंद होल्डर में रखें।
- बाहर से आकर जूते और चप्पल घर के अंदर न लेकर आएं। अगर घर पर चप्पल पहनते हैं तो इसे घर के लिए ही रखें। हर दो-तीन दिन में इसको साफ करें।
- रोजाना कीटाणुनाशक पदार्थ से घर साफ करें। दरवाजों की कुंडी, स्विच, प्लग आदि भी इससे रोजाना साफ करें।
सलाह
- घर की सफाई के दौरान मुंह और नाक को ढककर रखें और आंखों पर चश्मा लगाएं ।
- हाथों में दस्ताने पहनें। सफाई के बाद गुनगुने पानी से नहाएं ।
- बंद डस्टबबन का इस्तेमाल करें। कूडते को रोजाना फेंकते और डस्टबिन को साफ रखें।
- पोछे का कपड़ा इस्तेमाल करने के बाद गर्म पानी से धोएं । ऐसे पोछे का इस्तेमाल करने की कोशिश करें इनमें हाथ न लगाना पड़े जैसे कि मॉप।
- कंघा, रिमोट,दरवाजों का हैंडल आदि छूने के बाद हाथों को साबुन से साफ करें।
कीटाणुमुक्त रसोई
रसोई की साफ-सफाई न रखने पर यहां भी कीटाणु अपना ढेरा जमाने लगते हैं, जो कई तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं। इसलिए रसोई की सफाई बेहद अहम हैं। इसके लिए एक दिन नहीं बल्कि रोज की आदत बनानी होगी।
यहां छुपते हैं कीटाणु
रसोई की वह सतह जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आती है, जैसे प्लेटफॉर्म, सिंक टॉप, स्टोव, किचन के तौलिए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि ऐसी जगहें कीटाणुओं का घर बन सकती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि टॉयलेट या कचरे के डिब्बे की तुलना में किचन सिंक में अधिक बैक्टीरिया होते हैं।
संक्रमण और बीमारियां
रसोई की सफाई में अनदेखी या लापरवाही कॉकरोच,चींटियों और चूहों को आकर्षित करती है जो बीमारियों को न्योता है। संक्रमित भोजन से फूड पॉइजनिंग, पेट में संक्रमण और भी कई बीमारियां हो सकती हैं।
ऐसे रखें सफाई
- भोजन बनाने और खाने से पहले अपने हाथ धोएं। भोजन की तैयारी से पहले भी हाथों को सही तरह से धोना जरूरी है। डस्टबिन का उपयोग करने के बाद हाथों को धोएं।
- खाना पकाने वाले स्थान को साफ रखें। सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थों को काटने के बाद स्थान को साफ़ करें व चॉपिंग बोर्ड को धोकर रखें। बचे हुए भोजन के कण और गीलापन मक्खियों और कीड़ों को आकर्षित करते हैं।
- सिंक और काउंटर / स्लैब जैसे क्षेत्रों में हर दिन कुछ हल्के एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स या साफ कपड़े में कीटाणुनाशक द्रव डालकर साफ करें। फ्रिज, अवन या माइक्रोवेव जैसे उपकरणों को सप्ताह में कम से कम एक बार क्लीनर से साफ करें।
- बर्तन पोछने वाले कपड़े को काटीणुनाशक द्रव अच्छी तरह से साफ करें। हालांकि, समय-समय पर डिश क्लॉथ और स्पंज को बदलते रहना चाहिए। दिन में एक बार फ़र्श की अच्छी तरह से सफाई बैक्टीरिया के विकास को कम कर सकती है।
सलाह
- फ्रिज में खाने की वस्तु रखने से पहले ये सुनिश्चित करें कि भोजन का तापमान कमरे के तापमान के बराबर या उससे कम हो। गर्म भोजन को फ्रिज में रखने से भोजन समान रूप से ठंड़ा नहीं होता है और फूड पॉइिनिंग का कारण बन सकता है।
- भोजन को फ्रिज में रखते समय ढकें , खुलते में बचा हुआ भोजन बैक्टीररया की चपेट में आता है।
- सब्जी और मांसाहारी वस्तुओं के लिए अलग- अलग चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करें। इस्तेमाल के बाद इन्हे धोएं।
स्वच्छ हो बाथरूम
बाथरूम घर का वो हिस्सा है जिसका साफ रहना बहुत जरूरी है। बाथरूम में मौजूद नल, वॉशबेसिन, फ्लश बटन, साबुन या हैंड वॉश की बोतल आदि पर घर के सभी सदस्य हाथ लगाते हैं। इसमें मौजूद कीटाणु एक हाथ से दूसरे हाथ में फैलते हैं। हाथों के ही जरिए हम इन्हें बाथरूम से रसोई तक ले जाते हैं। इसलिए इसकी सफाई पर भी गौर फरमाएं।
यहां हैं कीटाणु
जिस बाथटब में आप नहाते हैं, उसी बाथटब में हजारों कीटाणु मौजूद होते हैं। वॉशबेसिन, नल, फर्श, टॉयलेट सीट, हैंडवॉश की बोतल, साबुन, टूथब्रश, दरवाजे पर टंगे कपड़े व अन्य रखा सामान आदि भी कीटाणुयुक्त होते हैं।
बीमारियां
गंदे शौचालय से सबसे ज्यादा संक्रमण होने की आशंका होती है। खासतौर पर महिलाएं इस संक्रमण की चपेट में आ सकती हैं जिसके कारण गर्भावस्था, मासिक धर्म या नियमित रूप से रोजमर्रा की जिंदगी में जटिलताएं हो सकती हैं। साथ ही आंत का संक्रमण, फेफड़े और त्वचा में संक्रमण, विषाणु संक्रमण और यौन रोग जैसी भयानक बीमारी होने का भी ख़तरा बना रहता है। अगर आप गंदी टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको दाद, क्लैमाइडिया या एसटीडी, यूटीआई जैसी बीमारियां होने का खतरा बन सकता है।
ऐसे करें सफाई
- हर सदस्य नहाने के बाद बाथरूम साफ करके निकले तो भी इसे साफ रखा जा सकता है।
- टॉयलेट सीट के पास रखे टूथब्रश में काफी कीटाणु छुपे होते हैं। नमी के कारण इनमें कीटाणु पनपते हैं जो एक बार में पानी से भी साफ नहीं होते। इसलिए वही ब्रश इस्तेमाल करें शिसमें ढक्कन लगा हो। ब्रश गीला न हो इसका भी ध्यान रखें। या फिर इसे बाथरूम में रखने से बचें।
- बाथरूम के लिए एक अलग सेचप्पल रखें।
- वॉशबेसिन पर रखा हैंडवॉश और साबुन भी रोज साफ करते रहें।
- वॉशबेसिन और नल रोजाना डिटर्जेंट से साफ करें। गीले साबुन में कीटाणु जल्दी पनपते हैं, इसलिए खुली साबुनदानी रखें।
- टॉयलेट का ढक्कन लनाने के बाद ही फ्लश करें। एक शोध के अनुसार टॉयलेट का ढक्कन खोलकर फ्लश करने से इसमें मौजूद जिवाणु और कीटाणु हवा में रह जाते हैं जो कि छह फीट तक फैलने में सक्षम होते हैं। आसपास की सतहों पर भी ये फैल सकते हैं।
- फर्श और टॉयलेट सीट, फ्लश बटन, नल शिन्हें रोज छूते हैं, इन्हें गर्म पानी और डिटर्जेंट से साफ करें। बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें।
साफ-सुथरी हो डेस्क
दफ़्तर में जिस डेस्क पर हम काम करते हैं, उसमें कई कीटाणु मौजूद होते हैं। इसके अलावा भी कई चीजें हैं जिनमें दफ़्तर के सभी कर्मचारियों के हाथ लगते हैं। ऐसे में इन पर कीटाणु रहना आम बात है।
यहां हैं कीटाणु
दफ़्तर की मेज (डेस्क) की सफाई के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े से पूरा दफ्तर साफ किया जाता है जिसके कारण इसमें अनगिनत कीटाणु हो जाते हैं। इसी गंदे कपड़े के कारण डेस्क पर कीटाणुओं की तादाद बढ़ जाती है। सबसे अधिक गंदगी कम्प्यूटर के की-बोर्ड में जमा होती है। जिन हाथों से की- बोर्ड इस्तेमाल करते हैं, उन्हीं हाथों से अपना चेहरा समेत पानी की बोतल, पेन, कम्प्यूटर, माउस, कुर्सी आदि भी छूते हैं।
यहां भी छुपे हैं
दरवाजों के हैंडल और स्विच बोर्ड को सभी कर्मचारी हाथ लगाते हैं, जिससे अनगिनत कीटाणु इस पर चिपक जाते हैं। एक हाथ से दूसरे हाथ पर कीटाणु पहुंच जाते हैं और उन्हीं हाथों से हम की-बोर्ड, माउस, कप, पैन आदि छू लेते हैं।
संक्रमण का कारण है
इससे सर्दी, ज़ुकाम, हल्के से लेकर तेज़ बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, टाइफॉइड, पेट दर्द, फूड पॉइज़निंग आदि बीमारियां जन्म लेती हैं।
ये सावधानियां बरतें
- अपनी डेस्क खुद साफ करें। इसके लिए साफ कपड़े में थोड़ा-सा विनेगर और पानी लेकर इस्तेमाल करें।
- डेस्क साफ करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- कम्प्यूटर का माउस, की-बोर्ड और बटनों को सैनिटाइजर से साफ करें। पानी की बोतल रोज साफ करें।
- डेस्क पर खाना न खाएं। भोजन के तिनके डेस्क या की-बोर्ड पर छूट जाते हैं जिससे कीटाणु पनपते हैं।
- पेन जैसी चीज़ों को मुंह में न लें।
सलाह
- दरवाजे का हैंडल, कॉफी मशीन, फिल्टर, स्विच बोर्ड छूने के बाद हाथ धोएं ।
- अधिक सावधानी के लिए टिशू से दरवाजे का हैंडिल पकड सकते हैं।
- चाय आदि का झूठा कप अपनी डेस्क पर न रखें।
- कूडेदान का उपयोग सिर्फ कचा डालने के लिए करें, थूंकने या हाथ धोने के लिए नहीं।
- सफाई कर्मचारी के लिए दरवाजा खोल सकते हैं त़ाकि उनके हाथों की गंदगी हैंडिल पर न आए। इस बारे में उनको सचेत कर सकते हैं।
दफ़्तर में भी रह ख्याल
दफ़्तर में कार्य करने वाले दिन का अधिकतर समय वहां बिताते हैं। ऐसे में दफ़्तर के बाथरूम का इस्तेमाल करना सामान्य है। इस दौरान साफ-सफाई का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। जरा-सी लापरवाही कई तरह के संक्रमण पैदा कर देती है। इसलिए सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है और इसे आदत में शामिल करना उससे भी जरूरी है।
संक्रमण के कारण
टॉयलेट को फ्लश किए बिना ही इस्तेमाल करना, हाथ धोए बिना फ्लश बटन दबाना, फ्लश करके अच्छी तरह से हाथ न धोना, वॉशरूम के तौलिए से हाथ पोंछना। इसके अलावा दरवाजे हैंडल को दिन में कई बार लोगों द्वारा छुआ जाता है। इन सभी चीजों का इस्तेमाल करने वाले लोग बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं और संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं
टॉयलेट सीट पर सबसे ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं, जिनके संपर्क में आने पर सिरदर्द, त्वचा की बीमारियां, श्वसन समस्याओं से आसानी से प्रभावित हो सकते हैं। महिलाओं में यूटीआई यानी पेशाब में संक्रमण हो जाता है। महिलाओं में यह समस्या 20 से 40 की उम्र के बीच अधिक देखने को मिलती है। इससे उनकी किडनी पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।
सावधानियां और बचाव
- टॉयलेट सीट को रोज साफ किया जाना चाहिए।
- टॉयलेट के हैंडल, फ्लश बटन, दरवाजे के हैंडल, नल व लाइट की बटनों को कीटाणुनाशक वाइप से साफ करना चाहिए।
- बाथरूम में हाथ साफ करने वाला तौलिया सबसे ज्यादा इस्तेमाल में आता है। यही वजह है कि यह तौलिया सबसे अधिक गंदा होता है। इसलिए पेपर नैपकिन का इस्तेमाल करें।
- इलेक्ट्रिक हैंड ड्रायर से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए नैपकिन से हाथ पोछें।
- हाथों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।
सलाह
- बाथरूम इस्तेमाल करने से पहले और बाद में फ्लश करना न भूलें।
- बाथरूम के इस्तेम़ाल के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं ।
- बाथरूम से बाहर निकलने के बाद हाथों से नाक,आंख को छूने से बचें।
- संक्रमण से बचने के लिए कार्य करने के दौरान बीच-बीच में सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- महिलाओं को बथरूम जाने से पहले फ्लश करके टॉयलेट सीट पर पानी डालकर सूखे नैपकिन से साफ करना चाहिए।
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बीएचयू शोधकर्ताओं ने विकसित की 'स्ट्रीप तकनीक', इससे कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट 1 घंटे में मिलेगी, दावा; 100 % सटीक परिणाम
हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस की जांच 'स्ट्रीप तकनीक' से की जा सकेगी। जांच रिपोर्ट 1 से 4 घंटे में मिल जाएगी। बीएचयू में शोध कर रहींछात्राओं ने यह तकनीक विकसित की है। शोध छात्राओं की मदद से इसे बनाने वाली डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की प्रो.गीता राय का दावा है कि जांच की यह तकनीक बिल्कुल नई है। यह वायरस के प्रोटीन की जांच करती है। इसमें गलत रिपोर्ट आने की आशंकानहीं है। डॉ गीता राय के मुताबिक, इस तकनीक से सिर्फ यूनिक वायरस को सर्च किया जाएगा इसलिए यह 100 प्रतिशत सही होगा।
यह तकनीक सिर्फ कोरोना के स्ट्रेन को पकड़ती है
प्रो. गीता राय के मुताबिक, इस तकनीक को रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी- पीसीआर) कहा जाता है। यह ऐसे प्रोटीन सिक्वेंसको पकड़ती है जो सिर्फ कोविड-19 के वायरस में मौजूद है और जो किसी और वायरल स्ट्रेन में नहीं है। गीता राय की टीम में डोली दास, खुशबूप्रिया और हीरल ठक्कर ने इसकी खोज की है।
आईसीएमआर को भेजा प्रस्ताव
प्रो. गीता राय ने इस तकनीक को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने के लिए सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और इंडियनकाउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ इंडिया (आईसीएमआर) को प्रस्ताव भेज दिया है। कोविड-19 के संक्रमण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए जांच कीगति को बढ़ाने में तकनीक बेहद कारगर होगी। इससे न सिर्फ सटीक जांच होगी बल्कि रिपोर्ट भी एक से चार घंटे के भीतर प्राप्त किया जासकेगी। इस तकनीक के कारण जांच बेहद कम कीमत में हो सकेगी।
तकनीक का पेटेंट फाइल किया गया
प्रो. गीता राय ने तकनीक का पेटेंट भी फाइल कर दिया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय के मुताबिक, देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोईकिट नहीं है जो कि ऐसे प्रोटीन सिक्वेंस को टार्गेट करके जांच कर रहा हो।
100 फीसदी सही जांच का दावा
प्रो. गीता राय के मुताबिक, अभी तक जो भी किट बनाई गई हैं वो इस सिद्धांत पर आधारित नहीं थीं। इस तकनीक के माध्यम से हम 2 से 3 लाख तक की मशीनों पर जांच कर सकते हैं जो किसी भी शहर में भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में यह तकनीक काफी सरल और सस्ती साबित होगी।
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FMCG shares in focus; Hindustan Unilever, Nestle India near record highs
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Monday, 30 March 2020
कोरोना पीड़िता बोलीं- जब गांधीजी बरसों जेल में रह सकते हैं, तो मैं दो-तीन हफ्ते एकांतवास में क्यों नहीं?
लाइफस्टाइल डेस्क. 13 मार्च को दिल्ली की 50 वर्षीया टूरिस्ट गाइड इटली की एक महिला को दिल्ली के म्यूजियम ले गई थी। अगले ही दिन गाइड को बुखार आया। जांच में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद महिला ने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया और डॉक्टरों के निर्देश पर इलाज करवा रही हैं। उनका कहना है कि यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। सिर्फ थोड़ी सी सावधानी रखनी है। गांधीजी और नेल्सन मंडेला सालों जेल में रह सकते हैं तो मैं दो-तीन हफ्ते एकांतवास में क्यों नहीं रह सकती? बताया कि वे एक हफ्ते से संक्रमण मुक्त होने के लिए बंद कमरे में कैसे दिन गुजार रही हैं....
एकांतवास में प्राणायाम और कसरत ने तरोताजा कर दिया
मेरा नाम मृगनयनी (बदला नाम) है। जांच में कोरोना की पुष्टि के बाद मैंने 24 मार्च से खुद को घर के एक कमरे में एकांतवास में रखा है। मेरा 20 साल का बेटा दूसरे कमरे में रह रहा है और वही मेरा शेष दुनिया से संपर्क का माध्यम है। डॉक्टर ने कहा कि मैं घर में एकांतवास कर सकती हूं और बुखार के लिए पैरासिटामोल ले सकती हूं। सांस में तकलीफ हो, तो अस्पताल में भर्ती होने की बात कही। 27 मार्च तक तीन दिन बुखार आया।
इस बीच, दो दिन नाक के बाईं ओर से सांस में ऐसा तीखापन था, जैसे जलती फुलझड़ी अंदर चली गई हो। पिछले तीन दिन से बुखार खत्म हो गया है। मैं गले की खराश के लिए तुलसी, अदरक, काली मिर्च, लौंग के काढ़े का इस्तेमाल कर रही हूं। प्राणायाम ने मुझे ताकत दी। कई अधूरे काम पूरे किए। अधूरा उपन्यास पढ़ा। तीन ब्लॉग भी लिखे। कमरे में ही कसरत कर रही हूं। मेरी आप सभी से अपील है कि कोरोना के बीमार को घृणा की नजर से मत देखना। यह बीमारी नहीं बल्कि सावधानी का दूसरा रूप है।
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कोरोनावायरस से लड़ाई के खिलाफ 12वीं की छात्रा ने दान किए ढाई लाख रुपए, केरल बाढ़ में भी की थी मदद
लाइफस्टाइल डेस्क. देश भर में फैल रहे कोरोना वायरस के मद्दे नजर कई एहतियातन कदम उठाएं जा रहे हैं। इस महामारी का देश पर खासा असर देखने को मिल रहा है। इसके चलते अर्थव्यवस्था, कारोबार और पढ़ाई पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है। कोरोना के प्रकोप से कई लोगों की नौकरी जा चुकी है। इसकी वजह से कई लोगों को अपनी जीविका चलाने में भी कई परेशानियों का भी सामना कर पड़ रहा है। ऐसे में इन लोगों की मदद के लिए प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी की अपील पर तमाम लोग सामने आ रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री ने पीएम केयर के जरिए देशवासियों से पीडितों और जरूरतमंदों के लिए मदद मांगी है। इस क्रम में देशभर के कई लोग सहायता के लिए आगे आ रहे है। इसी कड़ी में 12वीं में पढ़ने वाली एक बच्ची ने सहायता राशि देकर सभी के लिए एक मिसाल पेश की है।
केरल बाढ़ में भी दिए 1 लाख 65 हजार
आंध्र प्रदेश की रहने वाली संस्कृति ने पीएमआरएफ मदद के तौर पर में ढाई लाख रुपए दान किए हैं। प्रधानमंत्री राहत कोष में अपनी बचत राशि दान करने वालों की सूची में अब कक्षा 12 में पढ़ने वाली एक लड़की का भी जुड़ गया है। संस्कृति भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वाई सत्य कुमार की बेटी हैं। खास बात यह है कि संस्कृति इसके पहले भी केरल में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को सहायता के लिए 1 लाख 65 हजार रुपए की राशि दान कर चुकी हैं। पिता वाई सत्य कुमार ने अपनी बेटी की इस पहल की जानकारी ट्विटर के जरिए दी है। इस बारे में बताते हुए संस्कृति ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को लिखा, 'आप संकट के समय में आगे आकर एक अच्छा कार्य कर रहे हैं। मैं कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करते हुए पीएमआरएफ में ढाई लाख रुपए दना करना चाहूंगी।'
देश भर से लोग आ रहे सामने
देशभर में हजार का आंकड़ा पार कर चुके कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में कई लोग आगे आ रहे हैं। इससे पहले रतन टाटा ने भी कोरोना से मुकाबला करने में मदद करते हुए 500 करोड़ राशि दान की है। वहीं, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने भी 25 करोड़ की सहायता राशि दान की हैं। इसके अलावा सीबीएसई और जेएनयू के कर्मचारियों ने भी अपनी एक दिन की सैलरी प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करने का फैसला किया है। हाल ही में सीआरपीएफ ने भी अपने सभी जवानों की एक दिन की सैलरी पीएमआरएफ में दान की है।
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घर-परिवार को छोड़ देश के लिए आगे आई स्वाति रावल, इटली में फंसे 263 भारतीयों को वापस लाईं वतन
लाइफस्टाइल डेस्क. कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। इसके चलते दुनिया ही नहीं बल्कि पूरे देश में दहशत का माहौल बना हुआ है। सभी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने स्तर पर काम पर रहे है। इसकी वजह से देश में हुए 21 दिन के लॉकडाउन का खासा असर देखने को मिल रहा है। कहीं मन से तो कहीं सख्ती से इस लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। ऐसे में सभी अपनी सुरक्षा के लिए घर पर ही रहने को ही प्राथमिकता दे रहे है। वहीं, महिलाएं भी इन हालातों में अपने घर और घर के लोगों की सुरक्षा और देखरेख में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं,जो बच्चे और परिवार की जिम्मेदारी से पहले अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश की सेवा में तत्पर है।
देश सेवा में लगी कैप्टन स्वाति रावल
देश में इस महामारी से बने रहे हालातों के बीच कई महिलाएं ऐसी हैं,जो घर- परिवार से दूर रह कर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की सेवा में दिन-रात लगी हुई है। इन हालातों के बीच अपने कर्तव्य को निभाती यह महिलाएं किसी हीरो से कम नहीं। अपने कर्तव्य और लोगों की मदद में लगी ऐसी ही एक महिला की खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में बन रहे हालात के मद्देनजर विदेश में फंसे देशवासियों को वापस लाने का काम बड़े स्तर पर जारी है। इसी कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एयर इंडिया के महिला पायलट कैप्टन स्वाति रावल की काफी सराहना की जा रही है। हाल ही में इटली में फंसे 263 भारतीयों को देश वापस लाने वाली टीम की सदस्य कैप्टन स्वाति रावल की खुद पीएम ने ट्विटर पर तारीफ की।
15 सालों से उड़ा रही हैं विमान
एयर इंडिया 777 की कमांडर स्वाति एक बच्चे की माँ भी हैं। वह पिछले 15 सालों से विमान उड़ा रही हैं। यह पहली बार नहीं है कि स्वाति रावल चर्चा में हो, इसके पहले भी वह साल 2010 में मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली एक फ्लाइट का हिस्सा रहीं, जिसकी सभी क्रू मैंबर्स महिलाएं थीं। स्वाति शुरु से ही फाइटर पायलट बनना चाहती थीं, लेकिन 15 साल पहले वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलट के लिए कोई जगह नहीं थी। इसी वजह से उन्होने प्लेन उड़ाने के अपने इस सपने को पूरा करने के लिए बतौर कमर्शियल पायलट शुरूआत की। इसी काम को करते हुए स्वाति एयर इंडिया की इस फ्लाइट को इटली की राजधानी रोम से 263 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर नई दिल्ली लाई थी।
प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
उनके इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद भी एयर इंडिया के पायलट और क्रू की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “एयर इंडिया की इस टीम पर बेहद गर्व है, जिसने मानवता के लिए बेहद साहस और जज्बा दिखाया है। उनके उत्कृष्ट प्रयासों की भारत भर में कई लोगों ने प्रशंसा की है।" इसके पहले नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीटके जरिए इस फ्लाइट का नेतृत्व कर रहीं कैप्टन स्वाति रावल और कैप्टन राजा चौहान के साथ ही पूरे क्रू की तारीफ की।
दुनियाभर में 7 लाख से ज्यादा संक्रमित
दुनियाभर के 199 देशों में फैल चुका कोरोनावायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। वायरस से अब तक 33 हजार 993 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सात लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। वहीं, एक लाख 51 हजार से ज्यादा ठीक हुए हैं। इटली की नेशनल सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक, देश में 24 घंटे में 756 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 10,779 हो गया है और संक्रमण के मामले 97 हजार से ज्यादा हो गए हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ा सकती है। इटली में 9 मार्च से 3 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। अमेरिका में 24 घंटे में 518 लोगों की मौत हुई है। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में मौतों का आंकड़ा एक हजार से ज्यादा हो गया है। उधर, ब्रिटेन के डिप्टी चीफ मेडिकल अफसर जेनी हैरीज ने रविवार को चेतावनी दी कि देश में कोरोना दूसरे फेज में है। यहां 6 महीनों का लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
देश में 1200 पहुंची संख्या
वहीं, देश में कोरोनावायरस के आज 51 नए मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु में 17, महाराष्ट्र में 12, मध्यप्रदेश में 8, गुजरात में 6, जम्मू-कश्मीर में 3, आंध्रप्रदेश में 2, जबकि राजस्थान, पंजाब और अंडमान-निकोबार में 1-1 संक्रमित मिले हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 1200 हो गई है। 32 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के अनुसार हैं। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 1024 ही है। इनमें से 95 ठीक हो गए हैं। बीते दो दिनों में नए मरीजों की संख्या में कुछ कमी देखी जा रही है। सोमवार को 116 नए मामले सामने आए। इससे पहले शनिवार को 143 और शुक्रवार को सबसे ज्यादा 151 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं।
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प्लास्टिक के गुब्बारे में महिला ने खुद को किया कैद, सुपरमार्केट पहुंचीं और एक सहायक की मदद से शॉपिंग की
वीमेन डेस्क. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए ब्रिटेन की महिला ने अनोखा तरीका अपनाया है। हेर्ने बे की रहने वाली केंट चर्चा में हैं। केंट ने सेल्फ आइसोलेशन के लिए खुद को एक बड़े प्लास्टिक के गुब्बारे में कैद कर लिया। वहीं कहीं भी कईं तो सभी की नजरें उन पर टिक गईं। हाल में उनका एक वीडियो जारी हुआ जिसमें वह शॉपिंग करती नजर आ रही हैं। वह एक सुपरमार्केट पहुंचीं और एक सहायक की मदद से शॉपिंग की।
शॉपिंग करने से रोका गया
ब्रिटेन में लॉकडाउन के तीसरे दिन केंट अपने घर से शॉपिंग करने के लिए निकलीं। सुपरमार्केट में उन्हें इस तरह से अंदर जाने से रोका लेकिन केंट अंदर गईं और एक सहायक की मदद से शॉपिंग की। कुछ समय बाद स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड की मदद से ने उन्हें बाहर निकाला गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
प्लास्टिक के बैलून में कैद महिला का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यूजर्स इसे सेल्फ आइसोलेशन का अजीबो-गरीब तरीका बता रहे हैं तो कुछ इसे महिला की मजबूरी करार दे रहे हैं।
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Sunday, 29 March 2020
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