Saturday, 1 August 2020

ATF price hiked 3 pc; no change in LPG, petrol, diesel rates

ATF prices are revised on 1st and 16th of every month based on average of benchmark international price and foreign exchange rate in the preceding fortnight

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Friday, 31 July 2020

India's June crude oil imports lowest in over five years; exports also drop

Crude oil imports last month dropped about 19 per cent from a year earlier to 13.68 million tonnes

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Gold price today continues upward trend at Rs 53,200, silver at Rs 65,000

In New Delhi, the price of 22-carat gold rose to Rs 52,200 per 10 grams, and in Chennai to Rs 51,250

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कोरोना को हराने वाली 105 साल की असमा बीवी की कहानी, बेटी से संक्रमण फैला और तीन महीने तक इलाज के बाद अब घर लौटीं

केरल के कोल्लम में रहने वाली 105 साल की असमा बीवी 3 माह तक कोरोना से लड़ने के बाद घर लौटी हैं। असमा केरल की सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर हैं। उन्हें 20 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। असमा बीवी को कोरोना का संक्रमण उनकी बेटी से हुआ था।

बेटी का कहना है कि पूरे इलाज के दौरान मां ने कोरोना का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उम्र अधिक होने के कारण वह पहले ही कई तरह की दिक्कतों से जूझ रही थीं, इस दौरान डॉक्टर्स में लगातार नजर बनाए रखी।

स्वास्थ्य मंत्री ने उनके जज्बे की तारीफ की
असमा बीवी ने जिस तरह कोरोना का डटकर मुकाबला किया है, उसके लिए केरल की स्वास्थ्यमंत्री केके शैलजा ने उनकी तारीफ की है। स्वास्थ्यमंत्री ने कहा, उन्होंने इस उम्र में जो जज्बा दिखाया वह काबिलेतारीफ है। स्वास्थ्यमंत्री ने डॉक्टर्स, नर्स और हेल्थ वर्कर्स का भी शुक्रिया अदा किया।

केरल में बुधवार को कोरोना के 903 मामले सामने आए। इसमें हेल्थ वर्कर भी शामिल हैं। संक्रमितों का आंकड़ा 21,797 तक पहुंच गया है।

अप्रैल में केरल के थॉमस बने थे देश के सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर
असमा बीवी से पहले सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर केरल के 93 साल के थॉमस अब्राहम रहे। थॉमस ने अप्रैल की शुरुआत में कोरोना को मात दी थी और देश के सबसे उम्रदराज कोरोना सर्वाइवर बने थे। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में अधिक उम्र वाले कोरोना सर्वाइवर के मामले सामने आए।

93 साल के थॉमस अब्राहम अपनी 88 वर्षीय पत्नी मरियम्मा के साथ।

अब्राहम एक किसान हैं। उनके साथ उनकी 88 वर्षीय पत्नी मरियम्मा का इलाज कोट्‌टायम मेडिकल कॉलेज में हुआ था।



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A 105-year-old woman becomes Kerala's oldest COVID-19 survivor 105-year-old Asma Biwi, who defeated Corona


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घर के काम में व्यस्तता के बीच ना करें हाथ और पैरों की अनदेखी, इन आसान नुस्खों से करें हाथ-पैरों की देखभाल

कोरोना के कारण बार-बार हाथ धोना मजबूरी बन गई है। वहीं महिलाओं को घर के कार्यों के चलते खुद की देखभाल का वक़्त नहीं मिल पा रहा है। इसलिए समय निकालिए और हाथ-पैरों की देखभाल पर ध्यान दीजिए।

रूखापन दूर करें

एक चम्मच ग्लिसरीन को गुलाब जल में मिलाकर रख लें। इस मिश्रण को सोते समय हाथ-पैरों पर लगा लें। इससे हाथ-पैरों में नमी बनी रहेगी और वे कोमल बनेंगे। इसके साथ ही एक चम्मच शक्कर में नींबू का रस मिलाकर हाथ-पैरों की मालिश करें और कुछ देर बाद गुनगुने पानी से धो लें। ग्लिसरीन, गुलाब जल और नींबू के रस के मिश्रण से नियमित मालिश करने से पैर मुलायम रहते हैं।

कच्चे दूध की मालिश

दूध उबालने से पहले उसे थोड़ा-सा निकालकर फ्रिज में रख लें। जब भी समय मिले इस दूध को हाथ-पैरों पर मल लें और धीरे-धीरे मालिश करें। इससे हाथ-पैरों पर जमी गंदगी दूर होती है, साथ ही त्वचा मुलायम बनती है। अगर तैलीय त्वचा की समस्या नहीं है तो चेहरे पर भी कच्चे दूध की मालिश कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को रोज़ दुहरा सकते हैं या फिर 1-2 दिन के अंतराल में भी कर सकते हैं।

कपड़े धोने के बाद

यदि डिटर्जेंट/साबुन युक्त पानी में हाथ-पैर अधिक समय तक रहते हैं तो उन्हें नुक़सान पहुंचता है। कपड़े धोने के बाद सादे पानी से हाथ ठीक से धोकर मलाई, मक्खन, देशी घी, नारियल का तेल या ग्लिसरीन आदि अच्छी तरह से हाथों पर मलें। इससे हाथों का रूखापन दूर होगा।

पैरों की मालिश

पैर रूखे-रूखे और बेजान लगते हों तो गुनगुने पानी में नारियल या जैतून का तेल और थोड़ा-सा नमक डालकर पैर कुछ देर उस पानी में रखें। फिर पांव बाहर निकाल कर तौलिए से हल्के हाथों से पोंछकर सुखाएं। पैर सूखने के बाद मॉइश्चराइज़र या नारियल तेल से धीरे-धीरे मालिश करें। गुनगुने पानी से पैरों को आराम भी मिलेगा और संक्रमण व गंदगी भी दूर होगी।



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Do not ignore your hands and feet in the midst of busy work at home, take care of hands and feet with these easy tips


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शीशे में करीब से देखिए चेहरा, गौर कीजिए कि आपकी त्वचा आपकी सेहत के बारे में क्या संकेत दे रही है?

चेहरे पर मुंहासे, होंठ फटना या त्वचा पर खुजली होना आम समस्याएं लगती हैं। कई दफ़ा सोचते हैं कि प्रदूषण, मौसम या हॉर्मोन में बदलाव इसके कारण हैं। परंतु हर बार ऐसा नहीं होता है। ये अंदरूनी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो त्वचा पर नजर आने लगती हैं। कुछ ऐसी ही त्वचा संबंधी समस्याएं आपको बता रहे हैं, जो आम लगती हैं, लेकिन असल में ये आपकी सेहत का हाल बताती हैं।

आंखों के नीचे काले घेरे

अधिक नींद लेना, ज्यादा थकान, ज्यादा देर तक जागते रहना, टीवी या लैपटॉप/कंप्यूटर स्क्रीन पर अधिक वक़्त बिताना या अनियमित जीवनशैली के कारण बहुत से लोग काले घेरों की समस्या से पीड़ित हैं। आमतौर पर आंखों के नीचे काले घेरे बढ़ती उम्र के कारण भी होते हैं। इसके अलावा कई बार यह समस्या आनुवंशिक भी होती है। आंखों में खिंचाव की वजह से काले घेरे बन सकते हैं। आंखों में सूखापन भी वजह बन सकती है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन या धूप के कारण हो सकते हैं।

क्या करें : काले घेरों का उपचार इनके कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ उपाय आप कर सकते हैं, जैसे- कोल्ड टी की थैली लगाना और पर्याप्त नींद लेना। कोल्ड कंप्रेस लगाने से सूजन कम हो जाती है और रक्त वाहिकाओं को सिकुड़ने में मदद मिलती है। हरी सब्ज़ियां और विटामिन-ई युक्त आहार लें। कई बार हीमोग्लोबिन की कमी के कारण भी ये घेरे हो सकते हैं, इसलिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे पालक, सेब, किशमिश, चुकंदर आदि आहार में शामिल करें।

होंठों का फटना

मौसम के कारण होंठ फटना आम बात है, जो लिप बाम या क्रीम से ठीक हो जाते हैं। अगर होंठ हमेशा फटते रहते हैं और इनमें दर्द भी होता है, तो ये डिहाइड्रेशन यानी कि शरीर में पानी की कमी होने का संकेत है। ऐसे में अधिक से अधिक पानी पिएं। होंठ फटने का कारण लिप एक्जिमा भी हो सकता है।

क्या करें : होंठ पर जीभ और लार न लगाएं और न इन्हें दांतों से चबाएं। अगर फटे होंठ ठीक नहीं हो रहे हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करें।

गाल पर लाल चकत्ते

अगर गाल पर या नाक के ऊपरी हिस्से पर लाल चकत्ते हो जाते हैं तो यह ल्यूपस की समस्या है। गंभीर सूजन वाली इस बीमारी में चेहरे पर तितली आकार के लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। आमतौर पर धूप के संपर्क में आने से इन चकत्तों की समस्या और भी बढ़ जाती है। इन लाल चक्कतों के साथ-साथ बुखार, खुजली और ठंड में उंगलियों की त्वचा हल्की नीली होने जैसी समस्या हो सकती है।

क्या करें : इस स्थिति में त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामश लेना ही अच्छा होगा।

त्वचा में खुजली

अगर शरीर के किसी भी हिस्से की त्वचा में लगातार खुजली होती है, खुजलाने के बाद भी नहीं रुकती, त्वचा लाल हो जाती है और खुजली के कारण नींद भी प्रभावित होती है, तो इसका कारण एटॉपिक डर्मेटाइटिस हो सकता है। ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। आमतौर पर ये एलर्जी या हे-फीवर की वजह से होती है।

क्या करें : कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखें, जैसे देर तक नहीं नहाएं, पसीना, धूल, डिटर्जेंट, परागकणों से दूर रहें। किन खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, यह डॉक्टर की मदद से पता करें। सौम्य साबुन से नहाएं। नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से सुखाएं। दिन में दो बार त्वचा को मॉइस्चराइज़ करें। वज़न कम करने और व्यायाम करने से त्वचा की खुजली कम हो सकती है। इस सबके बावजूद खुजली कम नहीं हो रही है, तो लिवर और किडनी की बीमारी भी कारण हो सकती है। ऐसे में जांच कराना बेहतर विकल्प है।

चेहरे पर मुंहासे

माथे पर मुंहासे बालों में अधिक डैंड्रफ के कारण हो सकते हैं। इसके अलावा तनाव या ठीक तरह से नींद न ले पाना भी वजह हो सकती है। जिनको यह समस्या होती है उनका पाचनतंत्र सही नहीं होता। अगर ठुड्डी पर लगातार मुंहासे निकल रहे हैं तो ये हॉर्मोन की समस्या हो सकती है। ऐसा सही तरह से पीरियड्स न होने पर भी होता है। अगर चेहरे और कान के किनारों पर मुंहासे निकल रहे हैं तो हॉर्मोन का असंतुलित होना कारण हो सकता है।

क्या करें : हो सकता है कि कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट्स और शैंपू त्वचा को नुक़सान पहुंचा रहे हों। ऐसे में इन्हें बदलकर देखिए। गालों पर मुंहासे निकलने की वजह आहार में शक्कर की अधिक मात्रा का सेवन करना है। ऐसे में कम प्रोसेस्ड शुगर लें। इसके बावजूद मुंहासों की समस्या बनी हुई है, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

त्वचा का पीला पड़ना

त्वचा और आंखों का पीला पड़ना पीलिया और हैपेटाइटिस जैसी बीमारी का संकेत है। इसकी भी वजह से त्वचा में चकत्ते और खुजली हो सकती है।

क्या करें : यदि आपको ऐसे लक्षण दिखते हैं तो तुरंत जांच के लिए जाएं और दवा लेना शुरू करें।



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Pimples,dry skin, red patches and dry lips are the indication of skin problems,try these tips to overcome from these problems


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Pledged holdings among suspended firms valued at over Rs 1.85 trn: BSE data

A suspended company is one in which the shares can no longer be bought or sold on the stock exchange

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Investors with physical securities can tender shares in buybacks: Sebi

The clarification came after Sebi received representations from investors, expressing concerns that they have not been able to participate in open offers, buybacks

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Oil set for fragile recovery as economies limp towards normalcy: Survey

The poll projected global demand to contract by between 7.2 and 8.5 million barrels per day (bpd) this year, versus last month's 6.5-8.7 million bpd prediction

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MF investors hike passive play via ETFs, June inflows up 4x sequentially

Industry estimates suggest over Rs 700 crore of fresh flows in July

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कामकाजी महिला की पीएम से अपील- झाड़ू पर क्या लिखा होता है कि महिलाएं ही चलाएंगी? पुरुष हाथ क्यों नहीं बंटाते?

क्या झाड़ू के हैंडल पर लिखा होता है कि इसे केवल महिलाएं ही चलाएंगी? क्या वॉशिंग मशीन और गैस स्टोव के मैनुअल में भी ऐसा कुछ लिखा होता है? फिर क्यों ज्यादातर पुरुष घर के कामों में हाथ नहीं बंटाते हैं? कमोबेश हर घर से जुड़े ये सब सवाल उस ऑनलाइन याचिका के अंश हैं जो कोरोनाकाल में घर और रसोई में अचानक बढ़े महिलाओं के कामकाज को लेकर दायर की गई है।

पिटीशन मुंबई में रहने वाली सुबर्णा घोष ने फाइल की है। इस पर तकरीबन 71 हजार से ज्यादा लोग अपने हस्ताक्षर कर चुके हैं। घोष चाहती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने किसी संबाेधन में इस मामले पर कुछ बोलें। इस मसले का कोई उपाय सुझाएं और पुरुषों से कहें कि वे भी घर के कामों में अपनी जिम्मेदारी समझें।

सुबर्णा घोष ने शुरू की ऑनलाइन मुहिम

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सुबर्णा पर घर और ऑफिस के कामकाज का बोझ आ पड़ा। याचिका उन्हीं के अनुभवों का सार और उनके ही घर की कहानी है। बल्कि यूं कहें-एक तरह से घर-घर की कहानी है। तमाम महिलाएं ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर रही हैं। घरेलू कामकाज की जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं के ऊपर होती है। खाना बनाना, साफ-सफाई, कपड़े धोना, तह करना, बिस्तर इत्यादि वही करती हैं। सुबर्णा एक चैरिटी संस्था भी चलाती हैं। उनके पति बैंकर हैं।

ऑनलाइन पिटीशन का मकसद- लोगों की सोच में आए बदलाव

वह कहती हैं कि यह अपेक्षा भी महिलाओं से ही की जाती है कि इतना सब कुछ करने के बाद वे अपने ऑफिस का काम भी पूरा करें। लॉकडाउन के दौरान उन्हें खुद भी अपने कामकाज से सबसे ज्यादा समझौता करना पड़ा। उनके दफ्तर के काम पर असर पड़ा। वर्क फ्रॉम होम और घर का कामकाज। वह बुरी तरह से थक जाती थीं। परिवार में संतुलन बिगड़ने लगा था। उन्होंने इसकी शिकायत भी की। हालांकि, बाद में ऐसी स्थितियों में कुछ बदलाव आया। घोष के मुताबिक यह एक मूलभूत सवाल है। लोग इस पर बात क्यों नहीं करना चाहते हैं? लोगों की सोच बदलना ही इस याचिका का मकसद है।

मोदी को संबोधित करते हुए इन पंक्तियों में बताई ‘मन की बात’

  • लॉकडाउन के बहाने से यह बात याद आई
  • घरबंदी मर्दों को क्या किसी ने नहीं समझाई
  • घर का काम औरत का है, बोलके उसने ठुकराया
  • जीडीपी की बात छोड़ो, अपनों ने भी भुलाया
  • तब सोचा क्यों न मोदीजी से बात चलाएं
  • कि अगले स्पीच में मर्दों को ये याद दिलाएं
  • घर का काम हर दिन है सबका
  • लॉकडाउन में फिर काम क्यों बढ़ता?
  • भागीदारी ही है जिम्मेदारी
  • क्या बराबरी नहीं इंडिया को प्यारी?


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The working woman's appeal to the PM- What is written on the broom that only women will run? Why don't men share hands?


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Sebi extends usage of digital signature certification till Dec 31

The extension has been granted after Sebi received a representation from the Institute of Company Secretaries of India

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Market Wrap, July 31: Here's all that happened in the markets today

On a weekly basis, Sensex fell 1.36 per cent while NSE's Nifty slipped 1 per cent

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Thursday, 30 July 2020

Zee Ent, GAIL India, Bharti Infratel may be excluded from Nifty: Report

The Nifty50 broad-based index is reviewed twice a year based on six-month data ending January 31 and July 31.

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Ipca Lab hits 52-week high in a range-bound market; stk surges 9% in 3 days

According to Analysts at Phillip Capital, the company's revenues could grow 18 per cent year-on-year (YoY) to Rs 1,272.5 crore in June quarter of FY21

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Lakshmi Vilas Bank freezes at 5% lower circuit on Rs 112 crore Q1 loss

The bank said its tier 1 capital has turned negative, which prompted the auditors cast doubts if it can continue as a going concern. The tier 1 capital ratio is at a (-) 1.83 per cent

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Essel Propack jumps 18% after Q1 net profit rises 14% YoY to Rs 46 crore

Essel Propack's revenue from operations climbed 17.72 per cent to Rs 741.49 crore

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Tata Motors trades flat ahead of Q1 earnings; here's what to expect

In Q1FY21, Tata Motors' stock rose 44.2 per cent as compared to S&P BSE Sensex's 18.48 per cent gain in the same period

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Torrent Pharma leaps 10%, nears 52-wk high as Q1 net profit jumps 49% YoY

In terms of markets, while its India revenues grew marginally by 2% on a year-on-year (YoY) basis to Rs 925 crore, up from Rs 907 crore in Q1 of FY20, its US revenues fell by 1% to Rs 373 crore

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RIL slips nearly 2% after June quarter result; here's what brokerages say

For the April-June period, RIL reported a profit befote tax (PBT) of Rs 8,542 crore against Rs 14,366 crore in the year-ago period.

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Stocks to watch: RIL, SBI, Tata Motors, Sun Pharma, Indian Oil, Wipro, LVB

Here's a list of stocks that may remain in focus today

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Outlook on Crude oil, natural gas by Bhavik Patel of Tradebulls Securities

Crude oil bulls look exhausted

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Here's a Bear Spread strategy for Nifty Bank index by HDFC Securities

Short term trend has turned negative as Bank Nifty has closed below its 5 and 20-day SMA

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Stock calls by Nilesh Jain of Anand Rathi: Buy Glenmark Pharma, Tata Elxsi

Glenmark's stock has reclaimed its short term 21-DMA

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MARKET LIVE: SGX Nifty gains 60 pts; RIL Q1 numbers in focus today

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Market Ahead, July 31: Top factors that could guide markets today

The June quarter results by Reliance Industries will be a major focus in the markets today. Besides, investors will also react to global cues, Covid-19 trends and other corporate results

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Gold price today: Rs 53,000 per 10 gm; silver falls to Rs 63,000 a kg

In New Delhi, the price of 22-carat gold rose to Rs 51,800 per 10 gram, and in Chennai to Rs 51,030

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Market Wrap,July 30: Here's all that happened in the markets today

BSE Sensex slipped 335 points, or 0.88 per cent, to settle at 37,736 levels. IndusInd Bank (down over 5.6 per cent) ended as the biggest loser on the index

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किसी ने दोस्तों को ग्रीटिंग कार्ड भेजने का चलन शुरू किया तो कहीं डिनर पार्टी से फ्रेंडशिप के सेलिब्रेशन की नींव पड़ी, अमेरिका में खुशकुशी की कहानी भी प्रचलित हुई

अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने वाले फ्रेंडशिप डे की शुरुआत दुनियाभर में अलग-अलग समय पर हुई लेकिन मकसद एक ही था एक दिन अपने दोस्त के नाम। इसे इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे का नाम दिया गया। इस दिन की शुरुआत कैसे हुई इसकी 3 कहानियां हैं। तीनों ही काफी दिलचस्प हैं। इस साल फ्रेंडशिप डे 2 अगस्त को मनाया जाएगा। जानिए इस खास दिन की शुरुआत से जुड़ी 3 कहानियां...

पहली कहानी : एक व्यापारी ने एक-दूसरे को कार्ड देने की परंपरा शुरू की
एक प्रचलित कहानी के मुताबिक, इस दिन की शुरुआत करने का श्रेय एक व्यापारी को जाता है। 1930 में जोएस हॉल नाम के व्यापारी ने सभी लोगों के लिए एक ऐसा दिन तय किया जब दो दोस्त एक-दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड दें और इस दिन को यादगार बनाएं। जोएस हॉल ने इसके लिए 2 अगस्त का दिन चुना। बाद में यूरोप और एशिया के कई देशों में फ्रेंडशिप डे मनाने की परंपरा शुरू हुई।

दूसरी कहानी : डिनर पार्टी करके फ्रेंडशिप डे की नींव रखी
फ्रेंडशिप डे से जुड़ी दूसरी कहानी के मुताबिक, 20 जुलाई 1958 को डॉ. रमन आर्टिमियो ने एक डिनर पार्टी के दौरान अपने दोस्तों के साथ मित्रता दिवस मनाने का विचार रखा था। पराग्वे में हुई इस घटना के बाद विश्व में फ्रेंडशिप डे मनाने की परंपरा पर खासा ध्यान दिया गया।

तीसरी कहानी : अपने दोस्त के मरने की याद में खुदकुशी की
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत साल 1935 में अमेरिका से हुई थी। एक प्रचलित कहानी के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने एक इंसान को अगस्त के पहले रविवार को मार दिया था। इस खबर से आहत होकर उसके दोस्त ने खुदकुशी कर ली। इसके बाद सरकार ने ही अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे रूप में मनाने की घोषणा की।



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Friendship Day 2020: Know What Is The Three Real Story Of Friendship Day? What is Friendship Day and how did it start?


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India gold demand drops 70% in Q2 to hit 11-year low on price, Covid impact

World Gold Council data shows demand dropped to 63.7 tonnes in the April-June quarter this year. Back in 2009, demand had plunged to as low as 40 tonnes following Lehmann crisis

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Panel urges SC not to ask NMDC, MML to meet iron ore shortfall in Karnataka

CEC says existing mines and upcoming ones will be able to meet the demand

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TCS, Infosys, and Dr Reddy's shares hit fresh record highs

Dr Reddy's rallied 5 per cent to Rs 4,524 today, surging 12 per cent in the past two trading days after the company reported a strong operational performance in Q1FY21.

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Wednesday, 29 July 2020

SBI Q1FY21 preview: Stake sale gain from SBI Life to cushion Covid-19 blow

Amid declining interest income and lower net profit sequentially, analysts see India's largest public sector bank's business growth to be modest in the recently concluded quarter

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Iran runs out dollars, India's basmati rice exports may fall 20%

Islamic Republic ordered nearly 30 per cent of India's basmati rice exports in financial year 2019-20, buying 1.3 million tonnes

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Fuel prices unchanged for fourth day in India over stability in oil market

Oil companies kept petrol and diesel prices unchanged on Thursday taking global cues where benchmark crude oil prices have remained static around $43 a barrel for the past few days now

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बच्चों को समझाने के लिए उनके दोस्त बनकर देंखें, अपनी बात करने के तरीके में प्यार घोलकर आप भी जीत सकते हैं उनका दिल

बच्चों को अनुशासित कैसे किया जाए, शायद सभी अभिभावक इस अजब दुविधा से दो-चार होते होंगे। सवाल कई हैं बच्चों को बाहरी माहौल और टीवी-इंटरनेट जैसे माध्यमों के दुष्प्रभावों से बचाना है, किंतु उन्हें इस सबसे पूरी तरह दूर भी नहीं रखा जा सकता।

बच्चे किससे मिल रहे हैं, दोस्ती कर रहे हैं, अभिभावकों के लिए हर समय निगरानी करते रहना मुमकिन नहीं है।

बच्चे सही दिशा में जाएं इसका एकमात्र तरीक़ा है कि उनमें सकारात्मक अनुशासन और अच्छे संस्कार डाले जाएं। समस्या फिर सामने खड़ी हो जाती है - तरीक़ा कैसा हो? डांट-डपट और सज़ा से उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

डांट की वजह से बच्चे शुरू-शुरू में बात तो मान जाते हैं, लेकिन कुछ समय बाद इससे उनके मन में खटास पैदा होने लगती है और वे माता-पिता से कटने लगते हैं।

उनके मन में यह सोच पैदा हो जाती है कि बड़े उनकी बात और ज़रूरतें नहीं समझेंगे और उन्हें फिर से चुप करा दिया जाएगा।

इसी से शुरू होता है बच्चों का बातें छुपाना। ऐसा न हो इसके लिए व्यवहार और शब्दों में बदलाव ज़रूरी हैं। जानिए कुछ प्रभावी तरीक़े।

शब्दों को थोड़ा बदलें

किसी को भी नियंत्रण में रहना पसंद नहीं होता, बच्चों को भी नहीं। ज़्यादातर अभिभावक बच्चे को हमेशा ‘क्या नहीं करना है’ बताते हुए देखे जाते हैं। जैसे कि ‘सोफे पर नहीं कूदना है’, ‘बाहर मत खेलो’, ‘रात 9 बजे के बाद कोई टीवी नहीं’।

जब ऐसा किया जाता है तो बच्चे अधिक प्रतिरोध दिखाते हैं। अभिभावक यही बातें दूसरे ढंग से भी कह सकते हैं। ‘बेटा सोफा बैठने के लिए है’, ‘अभी बाहर बहुत गर्मी/बारिश है, हम बाद में बाहर जाएंगे’।

अपने बोलने के तरीक़े में बदलाव करें, और इसका सीधा असर बच्चों की मानसिक स्थिति पर देखें। इससे वे आपकी बात सुनेंगे भी और मानेंगे भी।

लहजे में प्यार घोलें

जब आप प्यार से अपनी बात कहते हैं तो आपकी बात आसानी से पहुंचती है। चिल्लाने या ऊंची आवाज़ में बात करने से बच्चा उस वक़्त डरकर मान तो जाता है, लेकिन लंबे समय में इसका असर उल्टा होने लगता है।

माता-पिता होने के नाते आपको यह समझना होगा कि जब आप ख़ुद ग़ुस्से में होते हैं तो आप किसी को सकारात्मक सीख नहीं दे सकते हैं। इसलिए शांत होकर और प्यार से बैठाकर उसे समझाएं।

भावनाओं को समझें

व्यक्ति को सहजता से सुना जाना बहुत आवश्यक होता है। आप ख़ुद सोचिए, जब आप परेशान हों और आपके आसपास कोई न हो जो आपकी बात सुन सके तो कैसा महसूस होगा?

ऊपर से आपको उदास या चिड़चिड़े होने के लिए बार-बार टोका भी जाए? यही ग़लती हम बच्चों के साथ करते हैं। हम उनकी बात सुने बिना ही उन्हें शरारती, बात न मानने वाला, बुरा बच्चा, आदि कहने लगते हैं।

कुछ समय के लिए बच्चों के पास बैठें और उनकी बात सुनें। जब उन्हें महसूस होता है कि उनकी बात को सुना जा रहा है, तो वे आपसे जुड़ाव महसूस करते हैं।

बच्चों के साथ कनेक्शन होना सकारात्मक पैरेंटिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जो बच्चे माता-पिता के सामने अपनी भावनाएं सहजता से व्यक्त कर पाते हैं, वे बड़े होने पर अकेलापन महसूस नहीं करते। साथ ही, वे दूसरों की भावनाओं को भी समझ पाते हैं।

दोस्त की भूमिका निभाएं

अगर सकारात्मक अनुशासन की इन तकनीकों पर अमल किया जाए तो निश्चित रूप से परिणाम पुरानी डांट-फटकार की अनुशासन विधियों से कहीं बेहतर मिलेंगे।

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा उनसे हर बात साझा कर सके, लेकिन वे ख़ुद एक दोस्त की भूमिका निभाने में कामयाब नहीं हो पाते।

अभिभावक के लिए ज़रूरी है कि वे बच्चे की इच्छाओं और जिज्ञासाओं को समझें और जानें कि वह किस नज़रिए से दुनिया को देख रहा है।

उसे प्रोत्साहित करें कि वह अपने मन की बातों को आपके साथ साझा करे और आप भी खुले दिल और दिमाग़ के साथ उन्हें स्वीकार करें और बिना डांट-फटकार के उसको सही रास्ता दिखाएं।



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To understand children, see them as friends, you can win their hearts by dissolving love in the way you talk.


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LIC's portfolio up 34% in FY21 at Rs 5.79 trn; RIL, Infy top contributors

The study is based on 351 companies' data from Capitaline Plus, where LIC held over 1 percentage point stake in the June quarter. These companies accounted 72% of total m-cap of BSE-listed companies

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Gold jewellery demand in India slumps 74% in June quarter on Covid-19

The strict lockdown imposed in late March eclipsed the gold buying festival of Akshaya Tritiya

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Glenmark Pharma surges 6% as S&P Global sees stable cash flow in 2 years

Glenmark's operating cash flows, lower capital investments, and plans to channel proceeds from the sale of non-core assets to pay debt should improve its ratio of funds from operations to debt

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Bharti Airtel gains 2%, nears all-time high post June quarter results

The firm posted an over two-fold jump in profit before tax (PBT) of Rs 372 crore for the quarter before exceptional items

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ट्रांसजेंडर राजकुमारी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी 8 बच्चों को गोद लेकर कर रहीं परवरिश, कोरोना काल में 1 लाख लोगों को बांट चुकी हैं अनाज

ट्रांसजेंडर्स को आज भी हमारे समाज में वो सम्मान नहीं मिला है, जिसकी वो हकदार हैं। कई परेशानियों का सामना करने के बाद भी आए दिन हम उन ट्रांसजेंडर्स के बारे में सुनते हैं जो समाज के लिए मिसाल बने हुए हैं।

ऐसी ही ट्रांसजेंडर महिलाओं में से एक हैं राजकुमारी जो जीवन में कड़े संघर्ष के बाद भी आज समाज के लिए मिसाल बनी हुई हैं।

उनके माता-पिता ने उन्हें ये कहकर निकाल दिया था कि वे परिवार पर कलंक हैं। इसके बाद भी राजकुमारी ने हार नहीं मानी और अपने पैरों पर खड़ी हुईं।

घर से निकल जाने के बाद उन्होंने समाज के ताने भी सहे लेकिन लोगों के डर से जिंदगी में कभी निराशा को गले नहीं लगाया। राजकुमारी ने कई अनाथ बच्चों को गोद लिया। उन्होंने कई जरूरतमंदों की शादियां भी करवाईं।

राजकुमारी ने आठ बच्चों को गोद लिया और मां की तरह उनकी जिम्मेदारी संभाली है।

राजकुमारी अपनी मेहनत से इकट्‌ठे किए गए पैसों से गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करती हैं। गरीबों के पालन पोषण के लिए अपनी आमदनी से वे 75% हिस्सा दान करती हैं।

वे कभी मदद से पीछे नहीं हटती हैं। राजकुमारी ने अब तक आठ बच्चों को गोद लिया और मां की तरह उनकी जिम्मेदारी संभाली है।

उनका सारा खर्च भी वे खुद ही उठाती हैं। इसके अलावा इस महिला ने 1000 लड़कियों की शादी करवा कर समाज में एक मिसाल कायम की है।
राजकुमारी को लोगों के घर जाकर नाचते या गाते हुए जो गहने मिलते हैं, उन्हें वे आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को दे देती हैं।

राजकुमारी कोरोना काल में लोगों को 1 लाख का अनाज बांट चुकी हैं।

जब से कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ है तब से आज तक गरीबों के बीच वे 1 लाख का अनाज बांट चुकी हैं। इसी के साथ उन्होंने लोगों को कपड़े भी बांटे।
राजकुमारी के अनुसार मेरी खुद की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। इसके बाद भी मैं रोज बीस लोगों का पेट भरती हूं।



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Even after the financial status of the transgender princess is not correct, raising 8 children, raising food, has distributed food grains to 1 lakh people during the Corona period


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IndiGo tanks 4% on record Q1 net loss of Rs 2,844 crore, recovers later

The airline recouped morning losses and was trading 1.73 per cent higher ahead of its Board meeting, scheduled for later today, to consider raising Rs 2,000 crore

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BPCL dips 5% on profit-booking as govt extends bidding deadline by 2 months

In the past two weeks, the stock of the state-owned oil marketing company has rallied 23 per cent.

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महिलाओं की उलझन भरी जिंदगी को आसान बनाने के 5 नियम,  तनाव से आजाद होकर मजे से गुजारें जिंदगी

महिलाओं की ज़िंदगी में दौड़-भाग कभी कम नहीं हो सकती। तो क्यों न इन उलझनों को सुलझाने के कुछ नियम बनाएं ताकि आप तनाव मुक्त रहकर मजे से जिंदगी गुजार सकें। इसकी शुरुआत आज से ही करें।

1. ठहराव के दो पल
इसे पॉज़ कह सकते हैं। कुछ ख़रीदने से पहले, बाहर का कुछ खाने से पहले, किसी भी फ़ैसले से पहले पॉज़ लें और फिर अमल करें। कुछ लोग तो पार्किंग में वाहन खड़ा करके, दो मिनट सोचते हैं फिर बाहर आते हैं। ये दो मिनट का ठहराव उनके कामों की सूची ही दुरुस्त नहीं करता, उन्हें तनाव भुलाने में मदद भी करता है।

2. भोजन व्यवस्था सरल बनाएं
रसोई में जाकर सोच की मुद्रा अपनाने या घर के हर सदस्य के पीछे घूमकर क्या बनाऊं का फ़ैसला कराने के बजाय, सुबह ही तय कर लें कि तीनों समय क्या बनेगा। अपनी रसोई में सामान भी ऐसे ही जमाएं कि जो तय करें, उसकी सामग्री फटाफट मिले और आप भोजन बनाकर चिंतामुक्त हों।

3. दर्द के बिंदु की खोज
हम सबके पास तकलीफ़ पैदा करने वाले काम, लोग या रूटीन होते हैं। अपने दर्द का सिरा पकड़ते हुए, उसकी जड़ तक पहुंचे। एक बार पीड़ा के सिरे को जान लिया, तो समझने की तैयारी कीजिए कि किस काम, इंसान या वजह से आपको तकलीफ़ होती है। उससे बचकर रहें।

4. धीमी प्रगति से दोस्ती करें
ख़ुद पर कामयाबी का या जल्दी-जल्दी काम करने का दबाव न बनाएं। रोज़ जो कुछ सीख रही हैं, उसे कहीं लिखती जाएं। विकास मीलों की छलांग में भी है, तो एक सेंटीमीटर आगे बढ़ने में भी।

5. अपने नियम ख़ुद बनाएं
जीवन को सुलझा हुआ रखने में ये सबसे बड़ी मदद होगी। ख़ुद तय करें कि क्या करेंगी, क्या बिलकुल भी नहीं करेंगी। जैसे एक मां ने तय किया कि जब बच्ची सोएगी, तो वो मौक़े का फ़ायदा उठाकर कपड़े-बर्तन नहीं धोएगी, बल्कि अख़बार या किताब पढ़ेगी।



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5 rules to make women's confused life easier, freedom from stress


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दादा और पोते के प्यार को बताती लघुकथा ''ऑनलाइन'', मदन ने उस भिखारी की दुआ किस तरह ली, दर्शा रही है लघुकथा ''भगवान को भाेग से''

लघुकथा : ऑनलाइन
लेखिका : शर्मिला चौहान

दादा जी को ‘ऑनलाइन’ रहते बच्चों से शिक़ायत थी। लेकिन टाइम पास के लिए ख़ुद ऐसा करना उन्हें बहुत भाया।
कोरोना के चलते पिछले तीन-चार महीनों से बुज़ुर्गों के कट्टा समूह में निराशा छाई हुई थी। पहले रोज़ मिलकर दुनियाभर की बातें करते, एक-दूसरे का सुख-दुख साझा करते और किसी न किसी बहाने से चाय-नाश्ते का लुत्फ़ भी उठाते। अपने जन्मदिन पर घर से बना नाश्ता लाकर सब एक साथ मज़े करते थे।

लेकिन मार्च से सब अपने-अपने घरों में क़ैद हो गए थे। ऐसा बताया गया है कि यह वायरस बच्चों और बुज़ुर्गों को जल्दी चपेट में लेता है, इस कारण सभी अपने-अपने घरों में बंद पड़े थे।
एक शाम, समूह के कुछ लोग अपनी-अपनी बालकनी से एक-दूसरे को देखकर हाथ हिलाकर ख़ुश हो रहे थे ।

गुप्ता जी के पोते अंकित ने देखा तो पूछा, ‘दादाजी... आप लोग बहुत दिनों से मिले नहीं हैं न?’ इस पर दादाजी ने हां में सिर हिलाया।
‘आप सभी के पास फोन है न... आप लोगों ने वॉट्सएप समूह भी बनाया है तो आज आप सब ऑनलाइन वीडियो बातचीत करना,’ यह कहते हुए अंकित ने सभी को सूचना दी।

अब आधे घंटे बाद दादाजी के कमरे से ज़ोर-ज़ोर से बातें करने और खिलखिलाने की आवाज़ें आ रही थीं। सबको ऐसा लग रहा था कि वे आमने-सामने आकर बात कर रहे हैं।

‘क्यों दादाजी, अब कैसा लग रहा है? ऑनलाइन काम अच्छा है कि नहीं...?’ अंकित ने शरारती मुस्कान के साथ पूछा।
‘अरे..!

हम बुड्ढों को तो मज़ा आ गया। पर तू इस पर अपना समय मत बर्बाद किया कर, अपनी पढ़ाई में मन लगा, ये हमारे जैसे ख़ाली बैठे लोगों का टाइम पास है।’
इसके बाद दादा-पोते की हंसी गूंजने लगी और कोरोना का डर थोड़ी देर के लिए छूमंतर हो गया।

लघुकथा : भगवान को भोग
लेखक : नवीन गौतम

अरे! हलवाई का सब सामान आ गया न? मदन ने अपने छोटे भाई उमेश से पूछा। उमेश बोला, ‘हां भैया, आ गया। हलवाई और उसके आदमी भी आ गए हैं, बस अभी 2-3 घंटे में खाना बनाकर दे देंगे।’
आज मदन बहुत ख़ुश था। आज उसके पांच वर्षीय बेटे का मुंडन संस्कार था।

मेहमानों की आवाजाही शुरू हो गई थी। वे दोनों मेहमानों के स्वागत सत्कार में लगे हुए थे। मुंडन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे का था, अतः तय समय पर संस्कार पूरा करने नाथू भी आ गया था। पूजा सम्पन्न हुई। उधर नाथू भी अपना उस्तरा लेकर सीढ़ियों पर आ बैठा था।

मुंडन शुरू हुआ तो कामिनी ने अपने बेटे के उतरे हुए सारे केश अपनी झोली में ले लिए। तभी पुजारी जी ने आवाज़ लगाई, ‘श्रीमान! खाना तैयार हो गया हो तो ले आइए, भगवान को भोग लगाएंगे।’ ‘जी पंडित जी’ कहकर मदन भोग लेने के लिए सामने की धर्मशाला की ओर दौड़ पड़ा।

मदन ने दाल-बाटी, चूरमा का भोग पत्तल में रखा और मंदिर की बढ़ गया। वह धीमे-धीमे क़दमों से मंदिर की तरफ़ बढ़ ही रहा था कि तभी किसी ने पीछे से आवाज़ लगाई, ‘बाबूजी! सुबह से भूखा हूं, कुछ खाने को दे दो।’ मदन ने मुड़कर देखा तो एक फटेहाल भिखारी कातर दृष्टि से उसे ताक रहा था।

उसकी दीन-हीन दशा देखकर मदन के मन में करुणा उमड़ पड़ी पर अभी वह असमंजस में था कि भोग कैसे दे दे। लेकिन मदन भावुक हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि शायद ईश्वर भी यही चाहते हैं, तभी तो उसके भोग ले जाते समय वह सामने आया।

उसने दाल-बाटी, चूरमा का भोग भिखारी की ओर बढ़ाकर कहा, ‘बाबा! लो खाना खा लो।’ भिखारी बहुत ख़ुश हुआ और जल्दी-जल्दी खाना खाते हुए अपने दोनों हाथ बार-बार ऐसे उठा रहा था मानो वह उसे ढेर सारा आशीर्वाद दे रहा हो।

मदन ख़ुशी के आंसू पोंछते हुए वापस धर्मशाला की ओर बढ़ गया। ‘अरे! इतनी देर से कहां थे आप? भगवान को भोग लग गया क्या?’ कामिनी ने पूछा, तो मदन ने सीढ़ियों पर बैठकर पूरी तन्मयता से भोजन करते उस व्यक्ति को देखकर कहा, ‘हां! लग गया, भगवान को भोग लग गया।’

कविता : सुख-दुःख

लेखक : कपिल कुमार कुर्वे

मैं और वह
घूम रहे थे
समुद्र के तट पर
उसने कहा
सुनाओ
कोई मनभावन कविता
सुख की दु:ख की
अपने जीवन की
मैंने तट की रेत पर
अपनी अंगुली से
लिखा सुख, दुःख
और
कुछ पल बाद
लहरों ने
मिटा दिया
सुख को दुःख को
मैं देख रहा था
पर समझ नहीं पाया
सुख पहले मिटाया गया
या दुःख...।
मैंने जीवन नहीं लिखा था
न ही मैं इसे मिटते देख पाया
उसकी आंखों में देखकर
कहा मैंने,
‘यही कविता थी
और ऐसी ही
होती है कहानी।’



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The short story "Online", depicting the love of grandfather and grandson, how Madan prayed to that beggar, showing the short story "God with impulse"


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Stocks to watch: RIL, HDFC, Bharti Airtel, IndiGo, Dabur India, TVS Motor

Here's a list of stocks that may remain in focus today.

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11,300 key level for Nifty ahead of F&O expiry: CapitalVia Global Research

The level of 11,000 might act as support

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MARKET LIVE: Indices likely to open flat; all eyes on RIL, HDFC Q1 results

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Market Ahead, July 30: All you need to know before the opening bell

The quarterly results announcement by Reliance Industries and HDFC will be the major market mover today. Analysts expect a dent in RIL's retail and energy verticals in the June quarter

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Gold price jumps to Rs 52,700 per 10 gm, silver at Rs 66,050 a kg

In New Delhi, the price of 22-carat gold rose to Rs 51,500 per 10 gram, and in Chennai to Rs 50,740

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शरीर से दुर्गंध क्यों आती है, वैज्ञानिकों ने ढूंढा कारण, कहा- आदिमानव के समय से आर्मपिट में पाई जाने वाली बैक्टीरिया दुर्गंध फैलाने वाला एंजाइम बनाती हैं

शरीर से दुर्गंध क्यों आती है, वैज्ञानिकों ने इसका कारण पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है इसका कारण एक एंजाइम है जिसे आर्मपिट (बगल) में पाई जाने वाली बैक्टीरिया बनाती हैं। यही शरीर से दुर्गंध के लिए जिम्मेदार होता है। शोधकर्ताओं ने इसे बीओ एंजाइम नाम दिया गया है। यह रिसर्च ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क ने यूनिलिवर के साथ मिलकर की है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्ट्रेफायलोकोकस होमिनिस बैक्टीरिया खास तरह रसायन रिलीज करती है जो दुर्गंध की वजह बनता है। यह बैक्टीरिया आदिमानव के काल से इंसानों में है। इसलिए पीढ़ी तरह पीढ़ी इसने आर्मपिट में अपनी जगह बनाई है।

डियोड्रेंट तैयार करने में मदद करेगी यह रिसर्च
शोधकर्ता डॉ. गॉर्डन जेम्स के मुताबिक, यह रिसर्च कई नई बातें सामने लाई है। जैसे उस एंजाइम को खोजा गया जो सिर्फ आर्मपिट की बैक्टीरिया बनाती हैं। यह लाखों सालों से इंसानों में मौजूद हैं। इसकी पहचान होने के बाद अब एंजाइम के मुताबिक, डियोड्रेंट तैयार किए जाएंगे ताकि इसे न्यूट्रिलाइज या खत्म किया जा सके।

बैक्टीरिया को बिना नुकसान पहुंचाए दुर्गंध कंट्रोल करने की तैयारी
शोधकर्ता डॉ. माइकल रुडेन के मुताबिक, बीओ एंजाइम की संरचना को समझने के साथ हम उन बैक्टीरिया को भी समझ पाए हैं जो इसे एंजाइम को तैयार करती हैं। इससे यह जानकारी भी मिली है कि शरीर की दुर्गंध कैसे काम करती है और इसे कैसे रोका जा सकता है बिना बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाए बगैर।

शरीर का तापमान नियंत्रित करने वाली ग्रंथि के कारण ये बैक्टीरिया पनपीं
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस बैक्टीरिया की वजह है शरीर की एपोक्राइन ग्रंथि। यह ग्रंथि स्किन से जुड़ी होती है और बालों के जरिए शरीर से पसीना बाहर निकालती है। यह ग्रंथि आर्मपिट, चेस्ट और जननांगों के आसपास पाई जाती है। ये शरीर के बेहद जरूरी हैं क्योंकि इनकी मदद से शरीर का तापमान नियंत्रित किया जाता है।



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Scientists Have Found The Reason Why Bad Smell Coming From Body


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IndiGo reports Q1 loss at Rs 2,844 crore, revenue dips 92% YoY to Rs 768 cr

The company said closure of scheduled operations till May 24, 2020 and lower capacity deployment thereafter on account of Covid-19 significantly impacted the quarterly results

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India FY21 steel consumption to fall at least 10% due to Covid-19: Report

The agency further noted that consolidation in the Indian steel sector that began in 2018 will continue in 2020

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Maruti Suzuki posts 1st quarterly consolidated loss in 15 yrs at Rs 268 cr

The company sold 76,599 vehicles in Q1FY21, down 81 per cent from 4,02,600 units sold in Q1FY20

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Dr Reddy's Labs rallies 4% to hit a record high on healthy Q1 numbers

The company's consolidated revenues rose 15 per cent to Rs 4,418 crore, mainly due to growth in US formulations

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Nifty PSU Bank index rallies 4% ahead of PM Narendra Modi's review meeting

UCO Bank, Central Bank of India and Bank of Maharashtra surged more than 5%, while Bank of India, Union Bank of India, PNB, IOB, Bank of Baroda and SBI were up in the range of 2% to 4% on the NSE

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Tuesday, 28 July 2020

Cement stks extend gains on strong performance by sector majors in June qtr

JK Lakshmi Cement, UltraTech Cement, HeidelbergCement India, Dalmia Bharat and JK Cement were up in the range of 2 per cent to 4 per cent on the BSE

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वो बारिश-सी लड़की : अनाहिता की चुलबुलाहट एक अजनबी को कैसे खींच लाई उसके करीब, पढ़िए इस कहानी में

खिड़की से देखते हुए लग रहा था मानो पेड़ बेतहाशा दौड़े जा रहे हैं, मगर मंज़िल कहां है, पता नहीं। मेरी ज़िंदगी भी कुछ ऐसी ही है, एक दौड़ है जिसमें मैं भागे जा रहा हूं। भागना कितना आसान है न! जब कुछ समझ नहीं आए तो भाग जाओ। पर तब कहां जाए इंसान, जब ख़ुद से भागना ही ज़रूरी हो। पिछले पांच सालों में ये मेरा तीसरा ट्रांसफ़र है। बस भाग रही है ज़िंदगी और भाग रहा हूं मैं- ख़ुद से, अपनी उन यादों से।

सोचते-सोचते तृष्णा का चेहरा दिमाग़ में आया और एक बार फिर से मैंने आंखें बंद कर लीं। ‘सर, ओ सर, आपका स्टॉपेज आ गया। सो गए क्या?’ कंडक्टर ने झकझोरा तो मैं अपने ख़्यालों से बाहर आया। अपना सामान उतारकर मैं अपने गंतव्य की ओर चल पड़ा। आजकल मुझे ये नए शहर अजनबी-से नहीं लगते, क्योंकि मैंने अपनों को अजनबी होते देखा है।

‘अच्छा, तो तुम हो शिवम?’ मेरी मकान मालकिन ने ऊपर की मंज़िल की चाबी मुझे थमाते हुए कहा। ‘लंबी दूरी से आए हो, थक गए होगे। चाय पीकर जाओ।’ उन्होंने कहा।

‘नहीं, धन्यवाद।’ और मैं अपनी औपचारिकता वाली मुस्कान देकर चला आया। कितनी अजीब है ये दुनिया, यहां मुखौटे लगाकर घूमना ही पड़ता है, नक़ली हंसी, नक़ली चेहरा और नक़ली प्यार। एक बार न चाहते हुए तृष्णा फिर से याद आ गई। नए घर को सहेजने में शाम हो गई। जब भूख का एहसास हुआ तो नीचे चला गया। सोचा कि आसपास दुकान होगी ही। नीचे कुछ ही दूरी पर एक किराने की दुकान थी, एक लड़की दुकानदार से बहस कर रही थी।

‘अरे भैया, ये तो अच्छी लूट है! इस पर एमआरपी 50 रुपए लिखा है और आंटी जी से आप 60 रुपए ले रहे हो!’ वह बोल रही थी।

‘फ्रिज में रखा है, ठंडा भी तो है। उसके भी तो पैसे लगेंगे।’ दुकानदार ने कहा तो वह बोली, ‘अच्छा अंकल, ये कब से हो गया? ठंडा करने के भी चार्ज करने लगे? अभी बताती हूं, कंज़्यूमर कोर्ट वाले पहचान वाले हैं मेरे, उन्हें फोन लगाती हूं।’

‘अच्छा बिटिया, रहने दो। लो बहन जी आप 50 में ही लो।’ दुकानदार की यह बात सुनकर वो ऐसे मुस्कुराई मानो कोई जंग जीत ली हो उसने। ‘क्या चाहिए?’ दुकानदार ने मेरी तरफ़ देखते हुए पूछा।

‘एक नूडल्स का पैकेट दे दो,’ मैंने कहा तो वह लड़की मेरी तरफ़ देखकर बोली, ‘सुनो, इन्हें एमआरपी देखकर ही देना। पता नहीं ये न कह दें कि दुकान में रखा है तो उसका भी चार्ज लगाएंगे।’ ये कहकर वो मुस्कराती हुई चली गई। अगले दिन में पार्क में टहल रहा था कि किसी ने पीछे से कंधे पर थपथपाया। ये तो वही लड़की थी। ‘तो एमआरपी पर लिया कि ज़्यादा पैसे दिए?’ उसने पूछा।

लोगों से मैं तब ही बात करता हूं, जब मुझे ज़रूरत लगे। एक दूरी बनाना पसंद है मुझे, या यूं कहूं कि मुझे ये रिश्ते नापसंद हैं। ‘एमआरपी पर,’ ये कहकर मैंने अपने क़दम तेज़ कर लिए ताकि उसे पीछे छोड़ सकूं। रविवार का दिन था, सुबह-सुबह हल्की बारिश थी। कॉफ़ी का मग लिए मैं खिड़की पर बैठ गया।

बाहर देखा तो फिर से वही लड़की दिखी। बच्चों के साथ पानी की नाव बनाकर खिलखिला रही थी। न जाने क्यों रश्क़-सा हो गया मुझे। कुछ लोग कितने ख़ुशनसीब होते हैं न, जिनकी ज़िंदगी में कोई दुख नहीं होता। मैं भी क्यों उस जैसा नहीं हूं जो पानी में काग़ज़ की नाव चलाकर भी ख़ुश हो ले।

बारिश मुझे भी कितनी पसंद थी और तृष्णा को भी... वह फिर से याद आ गई। न जाने क्यों कॉफ़ी का स्वाद कसैला हो गया और मैं वहां से हट गया। अगले दिन मेरे नए ऑफिस का पहला दिन था। मैं अपनी सीट पर आकर बैठा ही था कि मेरे सामने वाली सीट पर बैठी वो मुस्करा रही थी।

‘सो, इंट्स योर फर्स्ट डे! बाय द वे, आई एम अनाहिता। लगता है तुम पीछा कर रहे हो मेरा। पहले मेरी ही सोसाइटी में, फिर गार्डन में और अब सेम ऑफिस... कल खिड़की से मुझे ही देख रहे थे।’ उसने मुस्कुराकर कहा।

‘न... नहीं तो।’ मैंने अचकचाते हुए कहा तो वह हंस पड़ी। ‘किडिंग यार, रिलैक्स,’ उसने कहा और चली गई।

लंच टाइम में भी वह मेरे पास आकर खड़ी हो गई। उसका बार-बार आना मुझे पसंद नहीं आ रहा था, अपने अकेलेपन में ख़लल मुझे पसंद नहीं। वह कुछ बोल रही थी और मैं टेबल से उठ खड़ा हुआ। मैं जानता था कि जो मैं कर रहा हूं वो सही नहीं, न ही सभ्यता है, पर ऐसा ही हूं मैं।

अगले दिन वह पार्क में दिखी, मुस्कराई भी मगर मेरे चेहरे पर सन्नाटा ही पसरा रहा। जब भी वह मुझे अपनी सोसाइटी में या पार्क के आसपास दिखती, लोगों से घुलती-मिलती ही दिखती। बच्चे तो उसके आगे-पीछे घूमते थे। ऑफिस में भी सबकी चहेती थी अनाहिता।

तृष्णा... वह भी तो ऐसी ही थी, हंसमुख और सबकी चहेती। सब कहते थे कि मैं बहुत क़िस्मतवाला हूं। क़िस्मतवाला...!! ‘तृष्णा’- ये नाम मेरा सुख-चैन सब ले गया। मेरा सिर घूमने लगा मानो सब कुछ तहस-नहस हो जाएगा। मैंने अपना सिर टेबल पर रख दिया। ‘शिवम, आर यू ऑल राइट?’ पास बैठे कलीग ने पूछा तो मैंने कहा कि बस माइग्रेन की वजह से है।

अनाहिता ने शायद सुन लिया था, एक गोली और पानी की बोतल पकड़ाते हुए कहने लगी, ‘ले लो, आराम मिलेगा। और हां, जितना सोचोगे, दर्द उतना ही बढ़ेगा।’ मैंने उसकी आंखों में झांका। पहली बार उन आंखों में दर्द की वही लकीर दिखी, जिसे वह न जाने कब से जी रही है। ये दर्द मुझे पहचाना-सा लगा।

‘तृष्णा, ये क्या कह रही हो तुम, मैं प्यार करता हूं तुमसे। तुम जानती हो कि मैं नहीं रह पाऊंगा तुम्हारे बिना, मैं मर जाऊंगा तृष्णा।’ मैं गिड़गिड़ाया था उसके सामने।

‘प्लीज़ शिवम, डोंट डू दिस, नथिंग इज़ वर्किंग। हम दोनों अलग हैं, ज़िंदगी से मेरी चाहतें अलग हैं और तुम्हारी अलग। मैं अब इस रिलेशनशिप को और आगे नहीं ले जाना चाहती। मैं और समीर एक-दूसरे के साथ ख़ुश हैं। ट्राई टु अंडरस्टैंड।’

समीर मेरा बॉस, तृष्णा मेरा प्यार। सब कुछ अच्छा था मेरी ज़िंदगी में। फिर न जाने कब ये हो गया।

तृष्णा चली गई। पांच सालों का वह साथ, जीने-मरने की क़समें, वफ़ाओं की वो बातें, सब झूठ था। आज जब उसे मुझसे बेहतर, उसकी हर इच्छा को पूरा करने वाला मिल गया, वह चली गई मुझे छोड़कर, मेरे प्यार को दुत्कार कर। कुछ टूट गया, कुछ चटक गया है मेरे अंदर। और तब से आज तक मैं भाग रहा हूं।

बादल घिर आए थे। बारिश हो रही थी और शाम भी हो गई। सब ऑफिस से आज पहले ही निकल गए थे। बाहर अनाहिता दिख गई। वह थोड़ी परेशान लग रही थी। मैंने उसे अनदेखा करते हुए अपनी बाइक आगे बढ़ा ली, मगर कुछ सोचकर वापस आ गया।

‘क्या हुआ?’ मैंने पूछा। ‘आई विल मैनेज, तुम जाओ। घर जा रहे थे न?’ उसने अनमने ढंग से कहा।

‘बताओ? सॉरी, मैं थोड़ा अपनी धुन में था।’ शायद उसने मुझे जाते देख लिया था। मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई। ‘वो कैब नहीं आ रही और रात भी होने को है।’ अनाहिता ने कहा।

‘चलो, बैठो, मैं छोड़ देता हूं।’ मैंने कहा। ‘आर यू श्योर?’ उसके चेहरे पर वही पुरानी मुस्कान थी और वह बाइक पर बैठ गई।

कुछ तो अलग था इस लड़की में। जितना हंसती है उतना ही गहरा दर्द है उसकी आंखों में। ये दर्द जो सहन करता है, जो महसूस करता है, वही समझ सकता है। हर मुस्कराहट के पीछे ख़ुशी ही हो ये ज़रूरी तो नहीं। कल रात काफ़ी बारिश हुई थी, इसीलिए सुबह मौसम बहुत सुहावना था। मैं पार्क में टहलने के लिए निकल गया।

मैं राउंड लगा ही रहा था कि अचानक से मुझे अनाहिता के चिल्लाने की आवाज़ आई। शायद फिसल गई थी। मैंने उसे सहारा दिया और हॉस्पिटल लेकर पहुंचा। ‘देखिए फ्रैक्चर हुआ है, प्लास्टर चढ़वाना है और चलना-फिरना बिल्कुल बंद। सुनिए मिस्टर, अपनी वाइफ़ का ख़्याल रखिएगा, इन्हें थोड़े दिन कंप्लीट रेस्ट करना है।’ डॉक्टर ने दवाई की पर्ची पकड़ाते हुए कहा।

‘शी इज़ नॉट माय वाइफ़!’ ‘ही इज़ नॉट माय हस्बैंड’

हम दोनों साथ में ही बोले, डॉक्टर मुस्करा दिया। अनाहिता कराह रही थी, मैंने उससे पूछा, ‘सुनो, तुम्हारे घर पर फोन कर देता हूं, तुम्हारी देखभाल के लिए कोई आ जाएगा।’

‘मैं अनाथ हूं, मेरा कोई नहीं है। जिसने जन्म दिया, उसने बचपन में ही कूड़े के ढेर पर फेंक दिया। अनाथालय में बड़ी हुई। और जब बड़ी हुई तो इस जिस्म के लिए गिद्धों ने मुझे नोचने की क़वायद शुरू कर दी। किसी तरह से उनके चंगुल से भाग निकली और तब से आज तक भाग ही रही हूं, एक जगह से दूसरी जगह, जैसे तुम...!! भाग रहे हो न?’

अनाहिता ने मेरी नज़रों में झांकते हुए कहा। मेरा दिल धक् से रह गया, ये लड़की जो पूरा दिन पटर-पटर करती है, जिसकी बातें लोगों को हंसाती रहती हैं, अपने अंदर इतना गहरा घाव लेकर घूम रही है! मुझे आज अपना दर्द छोटा लग रहा था।

मैं अनाहिता को घर ले आया। उसकी दवाइयां सिरहाने रखीं और उससे पूछा, ‘सुनो, तुम्हें भूख लगी है?’ ‘हां, मैं नूडल्स खाऊंगी, बनाने आते हैं तुम्हें। मुझे पता है।’ उसने जिस अंदाज़ में कहा, मुझे हंसी आ गई। थोड़ी देर में मैं नूडल्स की दो प्लेटें लेकर उसके सामने था।

अचानक कुछ टकराने की ज़ोर की आवाज़ आई। खिड़की खुली थी, मैं खिड़की बंद करने गया। बारिश फिर से शुरू हो गई थी। अचानक कुछ याद आ गया, मैंने जेब से पर्स निकाला, उसमें तृष्णा की तस्वीर थी। मैं मुस्कराया और तस्वीर के टुकड़े करके खिड़की से बाहर फेंक दिए। ‘क्या कर रहे थे खिड़की पर?’ अनाहिता ने पूछा।

‘कुछ नहीं, अतीत की खुरचन कुछ बाक़ी थी, आज उसे झाड़ दिया।’ मेरे होंठों पर मुस्कान थी।

‘अच्छा मैं चलता हूं।’ मैंने उसे कहा और सीढ़ियों से उतरने लगा। अचानक कुछ याद आया और मैं फिर से ऊपर चला गया। अनाहिता मुझे लौटता देख हैरान थी।

‘सुनो अनाहिता... तुम सही थीं! और हां, कुछ ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना, अब मैंने भागना छोड़ दिया है, सोच रहा हूं कि अब थोड़ा थम जाऊं।’ और वह फिर मुस्करा दी।



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That rain-girl: how Anahita's fizzle pulled that stranger close to her, know this story


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Nestle India slips 3% post June quarter nos; here's what brokerages say

The company reported an 11.14 per cent increase in net profit at Rs 486.60 crore for the quarter ended June 2020, helped by an increase in sales.

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IndusInd Bank soars 7% on in-line June quarter result, capital raising plan

The lender's Board approved to raise capital, via preferential issue, of up to Rs 3,288 crore.

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NIIT Technologies surges 7%, nears 52-week high post June quarter results

The company secured fresh business of $186 million during the quarter, which included a large deal along with two more significant deals

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चेहरे पर अनार लगाने से दूर होगी टैनिंग, काबुली चने और हल्दी लगाने से दाग-धब्बे होंगे दूर और चमकेगा चेहरा

त्वचा की सफ़ाई को लेकर अक्सर लोग लापरवाही बरत जाते हैं। चेहरा धोना ही काफ़ी समझते हैं या क्लींज़र लेते वक़्त कुछ भी ले आते हैं, यह सोचकर कि ज़रा-सा तो लगाना है। इस तरह की लापरवाही त्वचा से उसकी चमक छीन लेती है।

इसलिए त्वचा की सफ़ाई का ख़्याल रखें। इसके लिए घर के बने क्लींज़र काफ़ी मददगार हैं। ये त्वचा को साफ़ रखने के साथ उसे ठंडक और चमक देते हैं।

1. अनार

अनार का सेवन शरीर की सेहत के लिए जितना फ़ायदेमंद होता है, उतना ही इसका रस रूप को लाभ पहुंचाता है। अनार का रस टैनिंग को काफ़ी हद तक कम कर देता है। अनार का थोड़ा-सा रस ठंडे दूध में मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। ऐसा हफ्ते भर तक रोज़ करने से त्वचा खिल उठेगी और साफ़ होने के साथ ही टैनिंग भी दूर हो जाएगी।

2. तरबूज़

तरबूज़ त्वचा को एक्सफोलिएट करने के साथ ही उसे मुलायम भी बनाता है। चेहरा धोने के लिए साबुन या फेसवॉश की जगह तरबूज़ का मुलायम हिस्सा 20 मिनट तक चेहरे पर हल्के हाथों से रगड़ें और उसके बाद धो लें। इससे चेहरे की खोई हुई नमी वापस आ जाती है।

3. शक्कर

शक्कर को दरदरा पीसकर पानी या तेल में मिलाकर चेहरे की मसाज करें और फिर धो लें। यह सबसे आसान तरीका है त्वचा को साफ़ और मुलायम बनाने का।

4. नारियल का तेल

नारियल का तेल एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल है। इसके इस्तेमाल से त्वचा को प्राकृतिक रूप से साफ़ कर सकते हैं। नारियल के तेल को हथेली में रगड़कर थोड़ा गुनगुना कर लें। फिर उसे चेहरे पर लगाकर गोल-गोल घुमाते हुए मालिश कर लें। फिर तौलिये को गुनगुने पानी में भिगोकर चेहरे को क़रीब 1 मिनट के लिए ढंक लें। उसके बाद सूखे तौलिये से पोंछ लें। इससे चेहरा मुलायम भी बनेगा।

5. गुलाबजल

त्वचा पसीने में नमी खो देती है। उसे दोबारा ताज़ादम और नम करने में गुलाबजल मददगार होता है। रुई में थोड़ा-सा गुलाबजल लेकर चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें। ऐसा रोज़ करने से त्वचा में नमी बनी रहेगी और वह साफ़ नज़र आएगी।

6. दही और बेसन

2 बड़े चम्मच बेसन, 1 बड़ा चम्मच दही और चुटकी-भर हल्दी पाउडर को मिलाकर लगाएं और सूखने के बाद धो लें। इस पैक को हफ्ते में 2-3 बार लगा सकते हैं।

7. काबुली चना और हल्दी

2 बड़े चम्मच काबुली चना पाउडर, एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर और थोड़ा-सा दूध लें। इन तीनों का मिश्रण बनाकर चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद चेहरा धो लें। यह पैक हफ्ते में 2 बार लगा सकते हैं। ये त्वचा को निखारेगा और दाग़-धब्बे भी दूर करेगा।

8. सेब का सिरका

एक हिस्सा सेब के सिरके को दो हिस्से पानी में मिलाकर रुई से अपने चेहरे पर अच्छी तरह से लगाएं। फिर 15 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी और फिर गुनगुने पानी से धो लें। इससे त्वचा को तत्काल चमक मिलेगी। रोज़ाना इस प्रक्रिया को दोहराकर देखें, जल्द ही फर्क़ महसूस होगा।

9. दूध

दूध न सिर्फ़ हड्डियों के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के साथ ही चेहरे को मुलायम और नम रखता है। थोड़ा दूध हथेलियों पर लेकर चेहरे पर मसाज करें या फिर थोड़ा-सा दूध नहाने के पानी में मिला लें।



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Applying pomegranate on the face will remove tanning, applying chickpea and turmeric will remove stains and brighten the face.


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HDFC Q1 preview: Higher provisions, tepid credit growth could hit earnings

The HFC is also likely consider issuance of secured redeemable, non-convertible debentures, in various tranches, aggregating up to Rs 45,00 crore on a private placement basis

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Tata Coffee soars 16% as net profit grows 77% YoY in June quarter

Consolidated total income, on the other hand, rose 26 per cent year-on-year (YoY) at Rs 592 crore

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हिजाब पहनकर बॉक्सिंग सीखाने वाली ब्रिटेन की पहली महिला हैं जाहरा बट, घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को देती हैं ट्रेनिंग

जाहरा बट ब्रिटेन की बॉक्सिंग कोच हैं। वे नॉटिंघमशायर के एस्प्ले में रहती हैं। जाहरा को प्रेग्नेंसी के बाद डिप्रेशन ने घेर लिया। तब उन्होंने स्पोर्ट्स के जरिये डिप्रेशन दूर करने का प्रयास किया। तीन बच्चों की मां जाहरा घरेलू हिंसा का शिकार हुई महिलाओं को बॉक्सिंग सिखाती हैं।

वे ट्रेनिंग के दौरान भी अपना हिजाब नहीं हटाती हैं। इसकी वजह बताते हुए वह कहती हैं मैं नहीं चाहती कि हिजाब हटाकर लोगों के भद्दे कमेंट्स सुनूं। 40 वर्षीय जारा ने बॉक्सिंग को अपना फुल टाइम करिअर बनाया। एक बॉक्सर के तौर पर उन्हें मिलने वाले पॉजिटिव मैसेज पाकर वे काफी खुश हैं।
वे कहती हैं ये संदेश मुझे लोगों के कमेंट्स का सामना करने की हिम्मत देते हैं। जाहरा को इस बात का दुख है कि हिजाब की वजह से उन्हें लोगों के भेदभाव का सामना करना पड़ता है। वे कहती हैं ये मेरे लिए दुखदायी है। वो भी तब जब मैं आत्मनिर्भर हूं।
लोगों की बातें सुनने से जाहरा की भावनाएं आहत होती हैं। इससे मेरे परिवार को यह लगता है कि मैं एक ऐसा काम कर रही हूं जो कई बार मेरे तनाव की वजह भी बन जाता है। हालांकि जाहरा इन कमेंट्स से दूर अपने काम पर फोकस करना पसदं करती हैं।
वे कहती हैं-मैं कोशिश करती हूं कि लोगों की बातों का असर मेरे काम पर न हो। जारा महिलाओं की मदद करने के लिए उन्हें बॉक्सिंग सीखाना पसंद करती हैं। वे कहती हैं अगर मैं महिलाओं की मदद करूंगी तो हो सकता है बॉक्सिंग सीखकर वे भी किसी की मदद करें।
इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है और मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। जाहरा के अनुसार अब तक लोगों ने उन्हें सिर्फ स्ट्रीट फाइट करते हुए ही देखा है। जब वे लोगों को अपने इस काम के बारे में बताती हूं तो वे कहते हैं आप तो एक अच्छी महिला हैं। फिर इस मारधाड़ वाले काम को करने की क्या जरूरत है।
जाहरा लॉकडाउन के दौरान वन टू वन क्लासेस लेना चाहती हैं। इसके साथ ही जूम पर ग्रुप सेशन की शुरुआत करना चाहती हैं। 2014 में जाहरा पहली ऐसी कोच बनी जो एमैच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन में हिजाब पहनकर बॉक्सिंग सीखाती है।
लॉकडाउन के शुरू होने के बाद जारा ने 2.6 चैलेंज की शुरुआत की। उन्होंने एक नेशनल स्टॉकिंग चैरिटी पलादिन के लिए 26 दिन के अंदर रोज 6 किमी तक रनिंग करके पैसे जुटाए। जाहरा के तीनों बच्चों को अपनी मां पर गर्व है।


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Zahra Butt is the first woman in Britain to teach boxing wearing a hijab, training women suffering from domestic violence


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Stocks to watch: Maruti, Bharti Airtel, IndiGo, Nestle, RBL Bank, TVS Motor

Here's a list of stocks that may remain in focus today

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महिलाओं में लगातार बढ़ता तनाव बन रहा मेंटल डिसऑर्डर की वजह, साइकोथैरेपी और काउंसिलिंग से मिल सकती है निजात

विश्व में हो रहे अध्ययनों से पता चलता है कि आम जीवन में तनाव की मात्रा बढ़ गई है। वजह है कोरोनावायरस और उसके चलते पैदा हुए हालात।

अभी बीमारी का भय तो है ही, लगातार सतर्क रहने और सावधानियों का पालन करने की विवशता भी है। शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं और ज़्यादातर वक़्त घर पर ही कट रहा है।

इन सब कारणों से मन पर तनाव हावी है, जिसकी परिणति बहसबाज़ी, चिड़चिड़ाहट, हताशा और ग़ुस्से के रूप में होती है।अक्सर हम सभी घर से बाहर कहीं घूमकर, दोस्तों से मिलकर तनाव दूर कर लेते हैं, लेकिन अभी इसमें अड़चनें हैं और यही सीमाएं मुश्किलें पैदा कर रही हैं ख़ासकर महिलाओं के लिए।

स्त्रियां क्यों हैं ज़्यादा प्रभावित
दरअसल, महिलाएं ज़्यादा भावुक और संवेदनशील होती हैं, इसलिए वे तनाव भी जल्दी लेती हैं। अपनी ज़िम्मेदारियों, रिश्तों, परिवार की वे अधिक परवाह करती हैं, उनके मन में बहुत कुछ चल रहा होता है। जब तनाव सहनशक्ति के बाहर हो जाता है, तो इसका परिवर्तित रूप शरीर और व्यवहार में दिखाई देने लगता है।

1980 से पहले भावनाओं के अनियंत्रित उबाल को ‘केवल स्त्रियों में होने वाला' हिस्टीरिया नामक मानसिक रोग माना जाता था। सिग्मंड फ्रायड ने इसे खोजा और परखा था।

वे महिलाएं जो तनाव, परेशानी और सदमे को कह नहीं पातीं, उनमें शारीरिक लक्षण उभरने लगते हैं, उसे अब कन्वर्शन डिसऑर्डर कहा जाता है।

कई तरह के तनाव हैं वजह
- पति-पत्नी के रिश्तों में दूरी, कड़वाहट महिलाओं को ज़्यादा प्रभावित करते हैं। इस तनाव के असर से कई दिक़्क़तें होती हैं।
- रिश्तों में शक या जीवनसाथी पहले की तरह ख़्याल नहीं रखता ऐसी निराशा से उपजा लंबा तनाव रोग का कारक बन सकता है।
- घरेलू झगड़े, पति के द्वारा शारीरिक व मानसिक ज़रूरतों की अवहेलना, घर में लगातार दुर्व्यवहार, प्रियजन की मृत्यु, सदमा, धनहानि, गंभीर आघात आदि कई कारण इस बीमारी की वजह बन सकते हैं।

ये हो सकते हैं लक्षण
- अचानक चिल्लाना, चिड़चिड़ाना या जल्दी ग़ुस्सा हो जाना जैसे सामान्य लगने वाले व्यवहार।
- तेज़ प्यास लगना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, अजीब-सी घबराहट, सांस लेने में समस्या, मांसपेशियां अकड़ने लगना या एकदम शिथिल पड़ जाना भी लक्षण हैं।
- अचानक ज़ोर-ज़ोर से हंसना या रोना, चक्कर आना, पेट में हवा का गोला घूमता हुआ या गले में दबाव महसूस होता है।
- कई बार हिचकियां आती हैं, हाथ-पैर में ऐंठन होती है। कुछ मामलों में रोगी बेहोश भी हो जाते हैं।
हालांकि ज़रूरी नहीं है कि ये सारे लक्षण एक साथ दिखाई दें। लक्षण समस्या की गंभीरता पर भी निर्भर करते हैं। इन स्थितियों में मनोविशेषज्ञ से परामर्श करना बेहतर है।

शुरुआत में ही ज़रूरी समझ
तनाव के लम्बे समय तक बने रहने की समझ न हो तो ये धीरे-धीरे मानसिक रूप से कमज़ोर कर देता है। इसका याद्दाश्त पर भी असर पड़ सकता है।

भूख धीरे-धीरे कम होने लगती है या ख़त्म हो जाती है। ऐसे में समय रहते रोग प्रबंधन करना बेहद ज़रूरी है। ये मरीज़ की स्थिति के अनुसार दवाइयों, साइकोथैरेपी, काउंसलिंग, हिप्नोथैरेपी से होता है।

हम क्या कर सकते हैं
- अगर कोई परिजन बहुत नाराज़ हो, अजीब-सा व्यवहार करे, तो उसे नाटक समझकर उस पर ग़ुस्सा न करें। इससे उसका तनाव और बढ़ जाएगा। परेशानी को समझने की कोशिश करें।
- इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति की भूख कम हो जाती है, ऐसे में उसके खान-पान पर नज़र रखें। उसे छोटे-छोटे भाग में हर दो घंटे में खिलाएं और साथ बैठकर खाएं।
- परेशानी, तकलीफ को व्यक्त न कर पाने के फलस्वरूप उपजा तनाव भावनाओं का ऐसा ज्वार लाता है कि पीड़ित उसे संभाल नहीं पाता और अजीबो-ग़रीब व्यवहार करने लगता है।

इसीलिए किसी को भी भावनाएं व्यक्त करने से रोकें नहीं, न ही उसका मज़ाक बनाएं बल्कि उसे संभालकर, बात कहने दें। मन का ग़ुबार निकल जाने दीजिए।



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Constant increasing stress in women can be the cause of mental disorder, psychotherapy and counseling can get relief


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Hold Nifty longs with 11,050 stop-loss: Vinay Rajani of HDFC Securities

Nifty is in continuation of an uptrend

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Retail investors to lose as Sebi, brokers tussle over new margin norms

From the investor and trader perspective, higher margin with the promise of yet another margin hike by year-end could mean lower trading volumes and lower prices in the cash segment

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Market Ahead, July 29: Top factors that could guide markets today

The expiry of derivative contracts of the July series tomorrow may keep today's session volatile

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Weekly stock picks by Religare Broking: Buy Godrej Consumer, Hero MotoCorp

Godrej Consumer's stock has been trading with a corrective bias for the last three weeks

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MARKET LIVE: Indices set to open higher; Maruti, Airtel, IndiGo nos today

Catch all the live market updates here

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Gold price today: Rs 52,465 per 10 gram, silver price at Rs 62,730 per kg

In New Delhi, the price of 22-carat gold rises to Rs 51,250 per 10 gram

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Mustard seed up 26% in four months on short supply, spike in oil demand

Apart from a spurt in mustard oil prices, consumers are also being sold contaminated products by traders out to make a quick buck

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आलिया भट्‌ट से लेकर कृति सेनन की खूबसूरती बढ़ा रही सिल्वर ज्वेलरी, कीमत में कम होने की वजह से फैशनेबल गर्ल्स की बनी पहली पसंद

बाॅलीवुड दीवाज जिस तरह की ज्वेलरी पहनना शुरू करती हैं, कुछ ही दिनों में वो एक ट्रेंड बन जाता है। वैसे भी बजट में कम होने की वजह से चांदी के गहने गोल्ड या डायमंड के तुलना में आसानी से खरीदे जा सकते हैं। इसे वेस्टर्न से लेकर साड़ी जैसे एथनिक वियर के साथ भी पहना जा सकता है। फैशन में इन रहने का ये लो बजट ऑप्शन गर्ल्स की पहली पसंद बना हुआ है।

सिल्वर ज्वेलरी सोनम की सिंपल ड्रेस को एलिगेंट लुक दे रही है।

सोनम कपूर

उन्हें सिल्वर ज्वेलरी इतनी पसंद है कि वे एयरपोर्ट लुक के साथ भी इसे कैरी करती हैं। बोहो मैक्सी ड्रेस हो या डेनिम्स और ओवरसाइज्ड टॉप सोनम अपने लुक को सिल्वर ज्वेलरी से एक्सेसराइज़ करना पसंद करती हैं। वैसे भी सोनम उन एक्ट्रेसेस में से एक हैं जिन्होंने वेस्टर्न आउटफिट्स के साथ भी सिल्वर ज्वेलरी पेयर करने की शुरुआत की थी।

ड्रेस के कलर से मैच करती हुई आलिया की ज्वेलरी उनकी खूबसूरती बढ़ा रही है।

आलिया भट्‌ट

आलिया की तरह सिल्वर झुमके एथनिक वियर के साथ खूब सूट करते हैं। व्हाइट से लेकर पेस्टल कलर की ड्रेस के साथ इसकी पेयरिंग अच्छी लगती है। अगर आप लाइट पीसेस की शौकीन हैं तो सिल्वर के स्टेटमेंट नेकपीस या रिंग्स ट्राय कर सकती हैं। आलिया भी अक्सर अपने फ्यूजन लुक को ऐसे ही लाइट सिल्वर पीसेस के साथ एक्सेसराइज करती हैं।

मलाइका पर सिल्वर चांदबाली सूट हो रही हैं।

मलाइका अरोड़ा

फैशन आइकॉन के रूप में अपनी खास पहचान रखने वाली ये एक्ट्रेस अपने लिए ज्वेलरी का सिलेक्शन भी सोच-समझकर करती हैं। इनके ज्वेलरी कलेक्शन में सिल्वर ज्वेलरी ना हो ऐसा मुमकिन ही नहीं है। उन्होंने इस खूबसूरत लहंगे के साथ भी सिल्वर की चांदबाली पहनी है जो उन पर सूट कर रही है। इसके साथ डायमंड के ब्रेसलेट की टीमिंग भी उपयुक्त है।

कृति पर ओवरसाइज्ड सिल्वर चांदबाली जंच रही है।

कृति सेनन

इंडियन वियर के साथ कृति को ओवरसाइज्ड सिल्वर ज्वेलरी खूब भाती है। अलग-अलग मौकों पर एक से बढ़कर एक आउटफिट में नजर आने वाली कृति ने ब्लू लहंगा-चोली के साथ सिल्वर मांगटीका और चांदबाली को पेयर किया है। ये लुक मिनिमल होने के साथ ही बेहद क्लासी और एलिगेंट भी है।

ईशा ने अपने साड़ी लुक को सिल्वर ईयरिंग्स से कंप्लीट किया है।

ईशा गुप्ता

अगर ज्यादा ज्वेलरी पहनना आपको पसंद नहीं तो ईशा की तरह आप भी सिल्वर चांदबाली को सिल्क की साड़ी के साथ पहन सकती हैं। इस ड्रेस के साथ हेवी चोकर न भी पहनें तो सिंपल पेंडेंड के साथ चेन पहन लें। इससे आपको सोबर लुक मिलेगा।



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Silver jewelry enhancing the beauty of Kriti from Aaliyah, due to low price, fashion girls became the first choice


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Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900

The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM