It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Saturday, 11 April 2020
After 6 yrs, gold ETFs witness inflows of over Rs 1,600 cr in 2019-20
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How economic crisis due to Covid-19 is different from 2008 meltdown
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लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन जारी डांस परफॉर्मेंस, किचिन और रूम में डांस कर रहे कलाकार
दुनिया भर में कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग के चलते लॉकडाउन लगाया गया है। जिसके चलते सभी तरह के काम बंद है। रूस में भी बाकी देशों की ही तरह कोरोनावायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन जारी है। ऐसे में यहां के मशहूर मिखाइलोव्स्की थिएटर में भी पब्लिक परफॉर्मेंस फिलहाल के लिए बंद है। लेकिन बावजूद इसके थिएटर की तरफ से रोजाना एक शो प्रसारित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
खास बात यह है कि यह परफॉर्मेंस कभी किचन तो कभी घर से प्रसारित की जा रही है। दरअसल, यह कलाकार रोजमर्रा का काम करते हुए डांस परफॉर्मेंस भी कर रहे हैं। कई कलाकार ऑनलाइन आकर लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ इसके लिए पैसे भी नहीं ले रहे हैं। हाल ही में थिएटर ने इसका एक वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है, जिसे सभी लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
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आपसी प्यार, आदर और विश्वास खो चुके रिश्तों को लॉकडाउन में करें रिफ्रेश, जानिए वह बातें जो करना और जो नहीं
आज की मॉडर्न सोशलाइज और सोशल मीडिया के ओत-प्रोत बिजी लाइफ में हम रिश्तों के सही मायने भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि रिश्तों में प्यार की मिठास, आपसी आदर और विश्वास इस कदर खोते जा रहे हैं कि अपनेपन का भाव कम हो गया है। हम रिश्तों को जीने के बजाए एक फॉर्मलिटीज समझ निभा रहे हैं।
समय का करें सदुपयोग
इन खामियों की वजह अक्सर हम समय की कमी बताते हैं, लेकिन ये लॉकडाउन का वक्त हमें समय ही समय दे रहा है। ऐसे में हमेशा सोशल लाइफ जीने वाले हम लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का सदुपयोग करना चाहिए, जिससे आप रिश्ते को रिफ्रेश कर पाएंगे।
क्या करें
- फैमिली की पुरानी यादें पुराने एल्बम और फैमिली प्रोग्राम की सीडी देख साथ में क्वालिटी टाइम बिताएं।
- कोई एक्टिविटी करें जैसे डांस, सिंगिंग, योगा, या फिर कोई गेम जिसे सब एकसाथ खेल सकें।
- महिलाओं को किचन से स्पेस दें। पुरुष कुछ दिन शेफ की भूमिका निभाएं। कुछ नया बनाएं तो बेहतर।
- सकारात्मक और आध्यात्मिक माहौल बनाने की कोशिश करें। बच्चों को धार्मिक ग्रंथों, पुराणों से अवगत कराएं।
- बच्चों के साथ कम से कम एक घंटे सबकी पसंद के टॉपिक की किताबें पढ़ें। उनसे विचार बांटें।
क्या न करें
- पूरे समय घर में होने के कारण बच्चों को मस्ती करने से डांटे नहीं। उनके मन पर बुरा असर पड़ेगा।
- आप आइसोलेशन में हैं, तो बाहर के काम ना होने का दुख ना करें और घर का माहौल खराब ना करें।
- घर के कामों में मदद ना कर सकें तो घर के काम भी ना बढ़ाएं। हरदम खुश रहें, व्यस्त और मस्त रहें।
- सिर्फ टीवी और मोबाइल में ही व्यस्त न रहें। दूसरी गतिविधियों में भी अपना वक्त लगाएं तो बेहतर होगा।
- अपनी रुटीन को न बिगाड़ें, जैसे नहाने, खाने और सोने का समय। यह रुटीन आगे मदद करेगा।
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खाली वक्त में दिखाएं क्रिएटिविटी, इन तरीकों से सजा सकते हैं घर की दीवार
घर की दीवारों को सजाने के लिए अगर आप किसी बेहतरीन आइडिया की तलाश में हैं तो यहां बताए ये चार उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। इन आइडियाज का उपयोग ऑफिस की दीवारों को नया लुक देने के लिए भी किया जा सकता है।
कर्सिव हैंड राइटिंग
दीवार की खूबसूरती बढ़ाने के लिए कर्सिव हैंड राइटिंग भी अच्छा आइडिया हो सकता है। अगर आप कैलिग्राफी जानते हैं तो यही वक्त है जब इस आर्ट से दीवार को आकर्षक बनाया जा सकता है। लोग आपकी तारीफ करते नहीं थकेंगे। आप चाहें तो अपनी पसंद के कोट लिखें या बच्चों की आदतों पर आधारित वाक्यों को यहां लिखिए। इससे आपकी राइटिंग स्किल का भी निखरेगी।
पेंट करें
फोटो फ्रेम से दीवार सजाने का आइडिया तो पुराना है। क्याें न रंग-बिरंगे कलर से दीवारों पर कोई मॉडर्न आर्ट बनाया जाए। इस काम में आप बच्चों की मदद भी ले सकते हैं। इस तरह उन्हें भी आपके साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका मिलेगा। लिविंग रूम व स्टडी रूम में इस तरह का प्रयोग बहुत अच्छा साबित होगा।
सिल्क से सजाएं
आपके हॉल या लिविंग रूम को रिच लुक देने के लिए आपकी कोई खूबसूरत साड़ी या कढ़ाईदार कपड़ा काम आ सकता है। इससे बने फूलों की डिजाइन रूम को एकदम रॉयल लुक देगी। इसके लिए सिल्क जैसे फैब्रिक का इस्तेमाल करें। सिल्क से बने फ्लोरल या ज्योग्राफिकल पैच वर्क भी दीवार पर अच्छे लगते हैं।
कपड़े का उपयोग
स्कार्फ, चादर या स्टोल जैसे किसी अच्छे प्रिंट वाले कपड़े से हार्ट शेप कटवर्क बनाकर आप दीवार को डिजाइनर लुक दे सकते हैं। इसके लिए प्लेन या बड़े प्रिंट अच्छा विकल्प है। फ्लोरल प्रिंट कपड़े से बने पीस भी अच्छे लगेंगे। कपड़े का बेस रंग दीवार के रंग से कंट्रास्ट भी अच्छा लगता है। अगर दीवार का रंग व्हाइट है तो व्हाइट के अलावा हर कलर इस वॉल की शान बढ़ाएगा।
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घर बैठें करें फैमिली की नए-नए व्यंजनों की फरमाइशें पूरी, सुबह- शाम के नाश्ते में लीजिए नए और स्वादिष्ठ व्यंजन का आनंद
इस वक्त सभी घर में ही समय बिता रहे हैं, तो नए-नए व्यंजनों की फरमाइशें होती ही होंगी। ऐसे में सुबह या शाम के नाश्ते में नए और स्वादिष्ठ व्यंजन बना सकते हैं। ये हैं तो पुराने लेकिन स्वाद में नए हैं। इन्हें बनाने के लिए किसी खास सामग्री की जरूरत नहीं है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों से इन्हें बना सकते हैं।
पोहा पैनकेक
क्या चाहिए
पोहा: 1 कप, सूजी: कप, दही: 1 कप, भूनी मूंगफली: 2 बड़े चम्मच दरदरी कुटी हुई, जीरा-राई: इच्छानुसार, प्याज: 1 बारीक कटा हुआ, नारियल चटनी: 2 बड़े चम्मच, हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच बारीक कटा, इनो: 1 पाउच, तेल: 2 बड़े चम्मच, नमक, अदरक, हरी मिर्च और मीठी नीम की पत्तियां।
ऐसे बनाएं
पोहे को चंद मिनट के लिए पानी में भिगोएं। फिर छलनी से छानकर पानी निथार लें और मिक्सर में पीस लें। इसमें नमक, सूजी और दही डालकर मिलाएं। पैन में तेल गर्म करें। इसमें राई, मीठी नीम की पत्तियां, हरी मिर्च, जीरा व प्याज डालकर भूनें। अब मूंगफली डालें और भूनें। इसे पोहे के मिश्रण में मिलाएं। इसमें नारियल की चटनी और हरा धनिया मिलाएं। अब पैन गर्म करें और मिश्रण से छोटे पैनकेक बनाएं। दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेकें। पैनकेक को सॉस के साथ परोसें।
रस्क केक
क्या चाहिए
रस्क या टोस्ट: 10 से 12, संतरे का रस: 1 कप, क्रीम: 1 कप, खसखस का शरबत: 2 बड़े चम्मच, गुलाब का शरबत: 2 बड़े चम्मच, वनिला एसेंस: 4-5 बूंदें, टूटी फ्रूटी: 2 बड़े चम्मच।
ऐसे बनाएं
एक बड़ी थाली में सभी रस्क या टोस्ट फैलाकर रखें। अब इन पर संतरे के रस को अच्छी तरह से फैला दें। अब क्रीम को दो बराबर भागों में बांटकर एक में खसखस का शरबत और दूसरे में गुलाब का शरबत मिलाएं। इसके बाद क्रीम के इन दोनों भागों में वनिला एसेंस मिलाएं। खसखस वाली क्रीम और गुलाब शरबत वाली क्रीम को अलग-अलग पाइपिंग बैग में भरें और थाली पर रखे रस्क या टोस्ट के ऊपर डालकर सजाएं। अब इन्हें ऊपर से टूटी फ्रूटी डालकर फ्रीजर में सेट होने रख दें। स्वादिष्ठ टोस्ट या रस्क केक परोसें।
चटपटे टोकोज
क्या चाहिए
गेहूं का आटा: 1 कप, बारीक सूजी: 2 बड़े चम्मच, अजवायन: छोटा चम्मच, चाट मसाला: छोटा चम्मच, तेल: 2 बड़े चम्मच, नमक: स्वादानुसार।
भरावन के लिए- आलू: 2 बड़े उबले हुए, प्याज: 1 बारीक कटा, चावल का आटा या ब्रेडक्रम्ब्स: थोड़ा-सा, हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच कटा हुआ, हरी मिर्च: 1 बारीक कटी हुई, कुटी लाल मिर्च/ चिली फ्लेक्स: 1 छोटा चम्मच, नमक, हल्दी, अनारदाना, गरम मसाला: स्वादानुसार, तिल: 2 बड़े चम्मच, तेल।
ऐसे बनाएं
आटे में सूजी, नमक, अजवायन, चाट मसाला और तेल डालकर सख्त गूंध लें। भरावन के लिए बोल में चावल का आटा, आलू, प्याज़, मसाले मिलाकर गूंधें। अब आटे की छोटी-छोटी रोटियां बेलें। कटर से छोटी- छोटी पूड़ी काटें। इन पर भरावन रखें और टाकोज की तरह दोनों तरफ से मोड़ें और थोड़ा-सा पानी लगाकर चिपकाएं। टाकोज पर तिल चिपकाकर गर्म तेल में तल लें। इस पर सॉस लगाकर सर्व करें। अगर तलना नहीं चाहते, तो थोड़ा-सा तेल लगाकर बेक भी कर सकते हैं।
ब्रेड मैजिक पिज्जा
क्या चाहिए
ब्रेड: 6-8 टुकड़े, पालक-प्याज़ के पत्ते: 1-1 कप बारीक कटे, गाजर-शिमला मिर्च: 1-1 कप बारीक कटी, मक्का दाने: 1 बड़ा चम्मच, मक्खन: 2 बड़े चम्मच, चीज: 2 बड़े चम्मच, मिली-जुली अंकुरित दालें: कप, नमक, काली मिर्च: स्वादानुसार, वेज मेयोनीज: 1 बड़ा चम्मच, हरी चटनी: 2 बड़े चम्मच।
ऐसे बनाएं
सभी सब्ज़ियां, मक्का दाने, दालें, नमक, काली मिर्च और मेयोनीज डालकर मिलाएं। दो ब्रेड को कटर से मनचाहे छोटे आकार में काट लेंं। अब अलग से एक ब्रेड पर मक्खन और हरी चटनी लगाएं। इस पर सब्ज़ियों का तैयार मिश्रण लगाएं। ऊपर से चीज कीसकर फैलाएं। कटे हुई ब्रेड पर चीज के ऊपर रखें। बाकी ब्रेड को भी इसी तरह से काटकर बनाएं। इन्हें प्रीहीट ओवन में 180 डिग्री पर बेक करें। सॉस के साथ सर्व करें।
अदरक की पूड़ियां
क्या चाहिए
अदरक: 40 ग्राम छिली हुई, उड़द दाल: 50 ग्राम भीगी हुई, मैदा: 2 कप, अजवायन: छोटा चम्मच, जीरा: 1 छोटा चम्मच, हल्दी: छोटा चम्मच, काली मिर्च: छोटा चम्मच दरदरी कुटी, इलायची: चुटकीभर, घी: 5 बड़े चम्मच, नमक: स्वादानुसार।
ऐसे बनाएं
अदरक, उड़द दाल और थोड़ा-सा पानी डालकर मिक्सर में बारीक पीस लें। एक बर्तन में मैदा, हल्दी, जीरा, काली मिर्च, अजवायन, इलायची पाउडर, नमक, घी, अदरक और दाल का पेस्ट डालकर मिलाएं। इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंध लें। फिर 15-20 मिनट के लिए आटे को एक तरफ रखें। कड़ाही में तेल गर्म करें। अब आटे की लोइयां बनाकर छोटी-छोटी पूड़ियां बेलें। गर्म तेल में पूड़ियां धीमी आंच पर तलें। स्वादिष्ठ पूड़ियां चटनी के साथ परोसें। इन्हें दो महीने तक रख सकते हैं।
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Friday, 10 April 2020
‘वर्क फ्रॉम होम’ यानी घर-परिवार के साथ दफ्तर के काम, चुनौतियों के बीच ऐसे बिठाएं काम और घर में समन्वय
कोरोना के खतरे के चलते अधिकतर कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है। ये जहां एक तरह की सुविधा है वहीं महिलाओं के लिए थोड़ी समस्या भी खड़ी करती है। बच्चों और परिवार के साथ घर से कार्य करना जरा मुश्किल-भरा होता है। थोड़ी योजना बनाकर इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे...
ये उपाय आजमाएं
सुबह काम जल्दी शुरू कर सकती हैं। सुबह उठने के बाद कॉफी या चाय पीने के साथ ही काम को शुरू कर दें, हालांकि यह आपके ऑफिस के समय से थोड़ा पहले का समय होगा लेकिन इससे आपको ही फायदा होगा। सुबह की ताजगी और शांति में काम जल्दी व बेहतर होगा।
सुपर वूमन न बनें
घर के अधिकतर कार्य महिलाओं को ही करने पड़ते हैं। ऐसे में एक बात का ख्याल रखें कि आप सुपरवूमन नहीं बल्कि सामान्य इंसान हैं। सारे कार्य करने की कोशिश न करें तो ही बेहतर है। ढेर सारा काम करने के बाद, दफ्तर के काम को करने की ऊर्जा नहीं बचेगी, इससे आप तनाव व अवसाद में रहेंगी।
जो सुबह चूक गए तो
दोपहर बाद, जब घर के अन्य सदस्य नींद लेने की योजना बना रहे हों और बच्चे टीवी देख रहे हैं तो इस समय का पूरा इस्तेमाल करें। इस दौरान दफ्तर के जरूरी काम पहले करें। जैसे- कॉन्फ्रेस कॉल, मेल लिखना या प्रोजेक्ट संबंधित कार्य करना।
चिंता का वक्त नहीं है
कुछ बातों को लेकर चिंता करना बंद कर दें। जैसे बच्चे आजकल बहुत अधिक टीवी देखने लगे हैं। काम के कारण उन पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं, ऐसा सोचकर दोषी महसूस न करें। ध्यान रखें कि ये समय आपके लिए परीक्षा का भी है और सभी के साथ वक्त बिताने का भी। इसलिए चिंता छोड़कर मन लगाकर काम करें।
चुनौतियों का सामना
घर से काम करते हुए उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) में बाधा आए बिना काम का प्रबंधन करना सबसे बड़ी चुनौती है। बच्चे मानते हैं कि जब आप घर पर हैं, तो आप उनकी गतिविधियों में भी भाग लेंगी। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे आपके काम के महत्व को समझें। आप उन्हें रंग भरने और बोर्ड गेम, ड्रॉइंग जैसे काम दे सकती हैं। जब आप काम करें, तो बच्चों से स्पर्धा रखते हुए टाइमलाइन के साथ कुछ लेखन का अभ्यास कराएं।
समन्वय कैसे बैठाएं
बच्चों को संभालना मुश्किल होता है ख़ासतौर पर तब जब आप काम करने बैठती हैं। अब जब सभी सदस्य घर पर हैं तो उन्हें बच्चों को संभालने की ड्यूटी दें। कोशिश करें कि समय को बांटकर कार्य करें। उदाहरण के तौर पर...
- परिवार के किसी अन्य सदस्य कोे बच्चों को नहलाने-धुलाने, तैयार कराने की ड्यूटी दी जा सकती है।
- यदि बच्चे थोड़े समझदार हैं तो दोपहर का भोजन तैयार करने के लिए उनकी मदद ले सकती हैं। उनसे सब्जियां साफ करवा सकती हैं। इससे मदद मिलेगी और काम भी जल्दी होगा।
- यदि भोजन की तैयारी सुबह नाश्ते के बाद ही कर लेंगी तो इससे दोपहर में सारा काम एक साथ करने का तनाव कम होगा।
- आप और पति दोनों ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं ऐसे में कार्यों में बांटने में हिचकिचाएं न। पति सुबह का नाश्ता बना सकते हैं। ऐसे में आपका वक़्त बचेगा और इस समय का उपयोग आप ईमेल आदि को चेक करने में बिता सकती हैं।
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Coronavirus: BSE cautions market intermediaries against cyber attacks
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Sebi to provide clarity to MFs over treatment of corporate defaults
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Vegetable & fruit arrivals at mandis see sharp decline amid lockdown
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India-focused agri-input players with strong balance sheet better placed
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Thursday, 9 April 2020
Equity and credit markets can retest recent lows, warns Chris Wood
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Inflows into equity MFs surge to one-year high of Rs 11,485 cr in March
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Debt schemes see worst ever outflows in FY20; liquid funds suffer most
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Vegetable, fruit arrivals at mandis drop by up to 95% despite bumper crop
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Basmati prices up 5% during 21-day lockdown even as exports take a huge hit
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Market Wrap, April 9: Here's all that happened in the markets today
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Plantations stare at huge losses with few hands to harvest standing crops
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Titan Company locked in upper circuit of 10% post Q4 business update
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ड्यूटी के घंटे बढ़ गए हैं, घर में बच्चों से दूर रहती हैं, कई बार वीडियो कॉल से ही संपर्क;फिर भी जुबां पर एक ही बात “ड्यूटी फर्स्ट”
काेराेना संक्रमण के संकट में प्रशासन के अधिकारी, पुलिस, डाॅक्टर और अन्य जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग ड्यूटी निभा रहे हैं। अब चौबीसों घंटे ड्यूटी चल रही है। खासकर महिला ऑफिसर के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है, उन्हें ड्यूटी के साथ परिवार को भी संभालना है। महिला ऑफिसर्स कैसे दोहरी ड्यूटी निभा रही हैं, पढ़ें उन्हीं की जुबानी…
परिवार से वीडियो कॉल से ही संपर्क हो रहा
पुलिस की डयूटी टाइम की सीमा नहीं हाेती। कई बार तो 24 घंटे की ड्यूटी हो जाती हैं लेकिन ड्यूटी और फर्ज पहले हैं। अम्बाला में अकेली रह रही हूं और हसबैंड कोलकाता में आईपीएस ऑफिसर हैं। मूलरूप से नोएडा की हूं और इन-लॉज फैमिली चंडीगढ़ में है। लॉकडाउन की वजह से उनसे काफी टाइम से मिलना नहीं हो पाया। रोज उनसे वीडियो कॉल के जरिए बात कर लेती हूं। -निकिता खट्टर, आईपीएस, सदर थाना में बताैर ट्रेनी एसएचओ
सेनिटाइजर लेकर वेलकम करती हैं पाेतियां
पेट्राेलिंग के दौरान ज्यादातर समय बाहर ही रहना पड़ता है। इसलिए जब भी आसा सिंह गार्डन में अपने घर पहुंचती हूं तो हॉर्न की आवाज सुनकर 6-7 साल की दोनों पोतियां रहमत और हरजप सेनिटाइजर और पानी लेकर वेलकम करती हैं। फ्रैश होने के बाद ही परिवार वालों से मिलती हूं। मैं तो बाहर डयूटी कर रही हूं और मेरी वजह से परिवार को परेशानी न हो इसलिए बहुत ध्यान रखती हूं।
घर जाकर काफी देर तक बेटे को गोद भी नहीं उठा पाती
मेरे पेरेंट्स की उम्र 60 से ऊपर है। मेरा बेटा दाे साल का है। घर जाने में एक बार असुरक्षा का भाव तो आता है। कई बार तो बेटे को गोद में उठाने से भी डर लगता है। कोरोना संक्रमण के कारण वर्किंग ज्यादा बढ़ गई है। सिचुएशन को संभालने के लिए फील्ड में रहना पड़ता है। जब घर पहुंचती हूं तो सबसे पहले शूज़ बाहर उतारती हूं। अंदर जाकर किसी से मिलने की बजाय सबसे पहले कपड़े चेंज करके और खुद के सेनिटाइज करने के बाद फैमिली से मिलती हूं। सोच रखा है कि अगर सिचुएशन और खराब हुई तो घर जाने की बजाय बाहर रहने का इंतजाम करना हाेगा। कुछ दिन फैमिली से नहीं मिलेंगे। क्योंकि फैमिली के लिए किसी भी तरह का रिस्क नहीं ले सकते.. लेकिन ड्यूटी फर्स्ट।
बेटा कहता है- मम्मी बाहर जाती हो ध्यान रखा कराे
डर अपनी जगह है लेकिन फैमिली को भी पता है कि ड्यूटी तो निभानी ही है। जब भी घर से निकलती हूं तो 8 साल का बेटा देव कहता है- मम्मी अपना ख्याल रखना। जब भी घर लौटती हूं सबसे पहले अपने कमरे में जाकर वर्दी अलग रखती हूं। मुंह-हाथ धोकर फिर अपने बेटे और हसबैंड से मिलती हूं। घर के बाहर ही सेनिटाइजर रखा हुआ है और आते-जाते सभी खुद को सेनिटाइज करते हैं। थाने में हर रोज 7-8 शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में लोगों से डीलिंग भी ज्यादा हाेती है। मंगलवार को भी एक महिला अपने बच्चाें के साथ थाने पहुंची तो उनको समझाया गया कि बच्चाें को बाहर ना निकालाे और जितना हो घर मेें रहकर खुद को सुरक्षित रखाे। लेकिन लोगों को समझ नहीं आती कि यह वक्त ठीक नहीं है।
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Sun Pharma regains Rs 1 trillion m-cap after surging 38% in four days
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ऑनलाइन पढ़ाने से बच्चे बोर न हों, इसलिए कोई पीपीटी से तो कोई टीचर्स साइंस एक्सपेरीमेंट्स के जरिए पढ़ा रहीं
नेशनल इन्फॉरमेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नाेलॉजी अवार्डी और केंद्रीय विद्यालय दप्पर की हेडमास्टर हरमिंद्र कौर सूरी दिन में 12 घंटे बच्चाें की ऑनलाइन क्लास ले रही हैं। वह वाट्सएप ग्रुप के जरिए इंद्रपुरी स्थित घर से ही कक्षा पहली से 5वीं तक के 300 विद्यार्थियों को अलग-अलग विषयों पर पढ़ा रही हैं। अभिभावकों को भी ग्रुप से जोड़ा गया है। लॉकडाउन से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो, इसलिए उन्होंने शेड्यूल बनाया हुआ है।
एनसीईआरटी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में ले रही हिस्सा
ऑनलाइन टीचिंग के लिए टेक्नाेलॉजी का कैसे प्रयोग हो, इसके लिए वह सीआईईटी एनसीईआरटी नई दिल्ली की तरफ से आयोजित की जा रही वीडियो कान्फ्रेंस में भी हिस्सा लेकर सुझाव और जानकारियां ले रही हैं। सोमवार को हिंदी, मंगलवार को इंग्लिश, बुधवार काे मैथ्स, वीरवार काे ईवीएस, शुक्रवार को हैंड्स ऑन एक्टीविटी और शनिवार को सभी एसाइनमेंट के उत्तर पूछे जा रहे हैं। उन्होंने स्कूल के सभी स्टाफ को ऑनलाइन टीचिंग के लिए स्काइप और जूम एप के जरिए कनेक्ट किया है। बुधवार को हरमिंद्र सूरी ने जूम एप के जरिए साइंस एक्सपेरीमेंट्स ऑनलाइन करके दिखाए और बच्चों को जानकारियां दी।
पीपीटी काे साउंड और पिक्चर से बनाया राेमांचक
काेराेना से बचाव काे लेकर स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही हैं। आर्मी पब्लिक स्कूल की इंग्लिश टीचर मधु सिंह ने बुधवार काे 12वीं के स्टूडेंट्स काे टाइगर किंग के बारे में पीपीटी के माध्यम से बताया। मधु सिंह ने बताया कि स्कूल की अपनी वेबसाइट बनी हुई है। जिस पर स्कूल की टीचर्स पीपीटी के माध्यम से अपने विषय के अनुसार लैसन अपलोड करते हैं। पिक्चर्स व साउंड के जरिए लैसन की पीपीटी बनाई जाती है। इससे बच्चे रूचि लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। लैसन पढ़ने के बाद बच्चे टीचर काे अपनी प्रश्न पूछ सकते हैं। कम्प्यूटर विभाग की तरफ से टीचर्स की हेल्प की जाती है।
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तालाबंदी के तनाव को कम करने में उपयोगी होंगे अनुलोम विलोम और भ्रामरी प्राणायाम
कोराेना वायरस से जुड़ी खबरें और घर में रहते हुए बदली दिनचर्या की वजह से तनाव होना स्वाभाविक है। अगर आप भी स्ट्रेस फील कर रहे हैं तो ये दो प्राणायाम करें। इसके और भी कई फायदे हैं।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम
विधि : सुखासन या पद्मासन में बैठें। अपने बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें। तर्जनी और मध्यमा को दोनों भौहों के बीच में, अनामिका और छोटी उंगली को नाक के बाएं नासिका पर, और अंगूठे को दाहिनी नासिका पर रखें। अपने अंगूठे को दाईं नासिका पर रखकर धीरे से दबाकर, बाईं नासिका से सांस लें। अब बाईं नासिका को अनामिका और छोटी उंगली के साथ धीरे से दबाएं। दाहिने अंगूठे को दाईं नासिका से खोलकर दाईं नासिका से सांस बाहर निकालें। फिर दाईं नासिका से सांस लीजिए और बाईं ओर से सांस छोड़िए। इस तरह नाड़ी शोधन प्राणायाम का एक दौर पूरा हुआ। इस तरह बारी-बारी से दोनों नासिका के माध्यम से सांस लेते हुए 3 से 5 राउंड पूरे करें।
लाभ : अनुलोम विलोम प्राणायाम को नियमित तौर पर करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं, एलर्जी की समस्या और सायनस की दिक्कत दूर होती है। शरीर में रक्त का संचार सुधरता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में सहायक है। मधुमेह जैसी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
सावधानी : हर सांस छोड़ने के बाद उसी नासिका से सांस भरे जिस नासिका से सांस छोड़ी हो। अपनी आंखें पूरी तरह बंद रखें और किसी भी दबाव या प्रयास के बिना लंबी, गहरी और आरामदायक सांस लेना जारी रखें।
- भ्रामरी प्राणायाम
विधि : सबसे पहले सुखासन, पद्मासन या सिद्धासन किसी भी एक आसन में बैठ जाएं। अब हल्की सांस अंदर लें। तर्जनी अंगुली से अपने कानों को बंद कर लें। अब एक लम्बी गहरी सांस लें और सांस को छोड़ते हुए तेज स्वर में भिनभिनाने की आवाज निकालें (जैसे मधुमक्खी की आवाज आती है)। इस दौरान मन को शांत रखें। यह पूरा एक चक्र हुआ। इस प्रकार 5 से 10 चक्र पूरा करें। आप उंगली को पुनः दबा या छोड़ सकते हैं।
सावधानी : यदि कान में दर्द या संक्रमण हो तो इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए। भिनभिनाने वाली आवाज निकालते हुए अपने मुंह को बंद रखें। प्राणायाम करते समय अपने चेहरे पर दबाव न डालें और अपने मन को शांत रखें।
लाभ: सभी प्रकार के मानसिक रोग जैसे तनाव, क्रोध, चिढ़चढ़ापन आदि दोष दूर होते हैं।
इससे मन शांत और प्रसन्न रहता है। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन आदि रोगों में लाभ मिलता है। मन को एकाग्र करने एवं आत्मविश्वास को बढ़ाने में यह प्राणायाम लाभकारी है। अनिद्रा रोग से छुटकारा मिलता है।
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Auto stocks extend gains; Nifty Auto index surges 20% in three days
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Amid market weakness, delivery-based trades hit an 11-month high in March
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ब्रिटेन के सबसे बड़े परिवार में नए मेहमान की एंट्री, नानी बन चुकी 44 साल की महिला ने 22वें बच्चे को जन्म दिया
ब्रिटेन के सबसे बड़े परिवार में नन्हा मेहमान आया है। 44 साल की सू रैडफोर्ड ने हाल ही में 22वें बच्चे को जन्म दिया है। एक साल पहले उन्होंने अपनी 21वींसंतान को जन्म दिया था। तब सू ने कहा था कि यह उनका आखिरी बच्चा है। हालिया जन्मी बच्ची की तस्वीर 48 वर्षीय पति नोयल रेडफोर्ड ने इंस्टाग्राम अकाउंटपर शेयर की है।
नहीं बन पा रहा बर्थ सर्टिफिकेट
कोरोना के खौफ के बीच मां और बेटी दोनो स्वस्थ हैं। बेटी का वजन 3 किलो है। ब्रिटेन में जन्म के 42 दिन के अंदर पेरेंट्स को बच्चे का रजिस्ट्रेशन करानाअनिवार्य होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए जहां बच्चे का जन्म हुआ है उस जिले के रजिस्ट्री ऑफिस में जाना होता है लेकिन इस समय कोरोना महामारी के कारणरजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कैंसिल कर दी गई है।
सबसे बड़ा बेटा 30 साल का
सू और नोएल की सबसे बड़ी संतान क्रिस है। वह 30 साल के हैं। उनकी बहन सोफिया की उम्र 25 साल है। इसके बाद, कोहले (23), जैक (23) डेनियल (20),ल्यूक (18), मिली (17), कैटी (16), जेम्स (15), एली (14), एमी (13), जॉश (12), मैक्स (11), टिली (9), ऑस्कर (7), कैस्पर (6), हैली (4), फोबी (3), आर्ची(18 महीने) और बोनी (8 महीने) हैं। सू और नोएल की 17वीं संतान अब इस दुनिया में नहीं हैं। बेटा क्रिस और बेटी सोफिया अब अपने घर में शिफ्ट हो गए हैं।सोफिया खुद तीन बच्चों की मां बन चुकी हैं।
10 बेडरूम के घर में रहता है परिवार
2004 के पहले तक यह परिवार 170 पाउंड (करीब 15000 रुपए) के किराए के मकान में रहता था। पिता नोइल का बेकरी का बिजनेस है और परिवार 10 बेडरूमके घर में रहता है। परिवार हर हफ्ते सिर्फ खाने पर ही 32 हजार रुपए से अधिक खर्च करता है। परिवार में रोज 18 किलो कपड़े धुलते हैं और घर में हमेशासफाई चलती रहती है।
नसबंदी के दोबारा सर्जरी कराई
'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, रैडफोर्ड का इतने बड़े परिवार का गुजारा बेकरी बिजनेस से चलता है। 9वें बच्चे के बाद परिवार के मुखिया नोएल ने नसबंदी कराली थी, लेकिन और बच्चों की चाहत में दोबारा सर्जरी करवाई।
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बिना किताबों के भी घर में बहुत कुछ सीखा जा सकता है, टीवी- मूवी और जीवन के उदाहरण से दे बच्चों को सीख
शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया को रोचक और अर्थपूर्ण बनाना है। अत: जरूरी नहीं कि उसकी प्राप्ति चार दीवारों वाली कक्षा में ही हो। खासकर वर्तमान में निर्मित परिस्थतियों की बात करें तो यह मजबूरी भी है और वरदान भी।
मजेदार तरीकें से सिखाएंविज्ञान और गणित
लॉकडाउन की वजह से स्कूल नहीं खुल रहे हैं। बच्चों का मन पढ़ने में भी नहीं लग रहा। ऐसे में आप उन्हें बहुत कुछ घर बैठे खेल-खेल में बहुत कुछ सिखा सकते हैं। मुख्यत: दो विषय हैं, जिन्हें सीखना जरूरी है विज्ञान और गणित। इन्हीं दो को सीखने के लिए किसी माध्यम यानी कि भाषा का इस्तेमाल होगा। हमारे आसपास जो भी उपलब्ध है, वह विज्ञान है उसे नापने के लिए गणित की आवश्यकता है। जानिए, घर बैठे आप बच्चों को किस किस तरह का ज्ञान दे सकते हैं, जिसे वे मनोरंनात्मक तरीके से लेंगे।
विज्ञान की बात
वनस्पति विज्ञान सिखाने का भी यह सही मौका है। बच्चों को इस विधा में विभिन्न तरह के बीज बोना सिखाएं। इस समय घर में मौजूद मैथीदाना, धनिया, राई को छोटे छोटे पॉट्स में बच्चों को बोना बताएं और उनकी देखभाल करने का भी बोलें। इससे उनकी रुचि वनपस्ति विज्ञान की तरफ बढ़ेगी और वे बेहतर तरीके से जीवन विज्ञान भी सीखेंगे।
बढ़ाएं भाषा ज्ञान
इसी तरह रसोईघर में मौजूद सामग्री की लिस्ट बनाकर उनके हिंदी अंग्रेजी नाम पता करें और लेबल बना लें। उन्हें सरल विधियां बताकर खाना पकाने दें। शब्दकोश की मदद से शब्दों की अंताक्षरी शब्द श्रृंखला पर्यायवाची शब्द आदि खोजने के लिए प्रोत्साहित करें। इसी तरह भाषा ज्ञान बढ़ाने के लिए गुणवत्ता भरे ऑडियो-वीडियो सुनें और देखें।
टीवी, मूवी से सीख
अब अगर बात किताब पढ़ने की ही आए तो उसे न सिर्फ पढ़ें बल्कि बच्चों से कहें कि वे उसका रिव्यू भी लिखें। उसी तरह प्रेरणास्पद मूवी देखकर वे मूवी रिव्यू लिखें या उस पर चर्चा करें। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों की जानकारी हासिल की जा सकती है। टेलीविजन पर कोई मैच की सीरीज देखकर उन्हें अपनी राय देने को कहें।
खेल-खेल में
छोटे बच्चों को गणित संबंधी पाठ खेल-खेल में समझाए जाएं। लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरम और अन्य पहेलियों से अंकों का ज्ञान करवाएं। शहर के वार्ड, जोन व क्षेत्र की जानकारी देकर बच्चों की रुचि उनके अपने शहर के प्रति बढ़ाई जा सकती है। उनका समाजिक विज्ञान बढ़ेगा। उन्हें काल्पनिक परिस्थतियां बताएं और उन पर प्रतिक्रिया देने को कहें।
जीवन के उदाहरण
बच्चों को असल जिंदगी के उदाहरणों से बड़ी आसानी से तथ्य सिखाए जा सकते हैं। छोटी उम्र के बच्चों को कहानियों के माध्यम से बहुत सी बातें समझाई जा सकती हैं। इस चर्चा में दादा जी के बचपन, आपके बचपन और आज के समय में उपलब्ध सुविधाएं, वस्तुओं के मूल्य और अन्य विकसित उपकरणों की बात की जा सकती है।
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Wednesday, 8 April 2020
Gold-backed ETFs see $23 billion inflow during March 2020 quarter: WGC
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IDBI Bank surges 10% on fund raise plan, proposal to sell stake in IFLI
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Cipla surges 15% on USFDA nod for first generic Proventil HFA inhaler
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Brent can jump to $40 by 2020-end; India should stockpile crude oil now
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Covid-19 impact: Missing disinvestment targets will have consequences
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Stocks to watch: Titan, Marico, IDBI Bank, HDFC Bank, Cipla, Future Group
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Market Ahead, April 9: Top Factors That Could Guide Markets Today
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Nifty outlook & top trading ideas by CapitalVia Global Research
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MARKET LIVE: SGX Nifty indicates a gap-up start for Indian indices
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FMCG to remain pricey for a long time despite coronavirus outbreak
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Street may be ignoring potential headwinds for Jubilant due to lockdown
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Market rally loses steam over fears of extended lockdown
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Sebi relaxes guidelines for investment through non-FATF countries
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With no one to take them to mandis, most farm commodities fall below MSP
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4 साल पहले सड़क पर भीख मांगने वाली रीता आज हैं सेलिब्रिटी, इंस्टाग्राम पर हैं एक लाख से अधिक फॉलोवर
इंसान की तकदीर बदलने के लिए एक तस्वीर ही काफी है। 13 की रीता गैवियोला इसकी उदाहरण हैं। 4 साल पहले रीता फिलीपींस की सड़कों पर भीख मांगतीनजर आती थीं लेकिन आज फैशन मॉडल और ऑनलाइन सेलेब्रिटी हैं। इंस्टाग्राम पर एक लाख से अधिक फॉलोवर हैं। कहानी 2016 में शुरू हुई जब फिलीपींस केलुकबान शहर में फोटोग्राफर टोफर क्वींटो पहुंचे। टोफर रीता की नेचुरल ब्यूटी से प्रभावित हुए और तस्वीर ली। उन्होंने तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया,यह वायरल हो गई और रीता की जिंदगी बदल गई। रीता के 5 भाई-बहन हैं। मां घरों में काम करती हैं और पिता कबाड़ इकट्ठा करते हैं।
मॉडलिंग के साथ एक्टिंग में भी बनाया करियर
4 साल पहले जब फोटोग्राफर टोफर क्वींटो ने रीता तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो उसे कई ब्यूटी क्वींन ने पसंद किया और आर्थिक रूप से मदद भी की। तस्वीर वायरल हुई तो कई फैशन ब्रांड ने रीता को मॉडलिंग असानमेंट ऑफर किए। कुछ समय बाद रीता टीवी शोज में भी नजर आईं। रीता बेडजाओ नाम की अल्पसंख्यक समुदाय हैं इसलिए सोशल मीडिया यूजर ने उनका नाम बेडजाओ गर्ल रखा।
रियल्टी शो बिग ब्रदर में काम किया
मिस वर्ल्ड फिलीपींस 2015, मिस इंटरनेशनल फिलीपींस 2014 और मिस अर्थ 2015 ने सोशल मीडिया पर रीता के फिगर और नेचुरल ब्यूटी की तारीफ की। रीता जब चर्चा में आईं तो उन्हें रियल्टी शो बिग ब्रदर ऑफर किया गया। इस शो ने उन्हें नई ऊंचाइयां दीं और परिवार को आर्थिकतौर पर मजबूत बनाया।
अमेरिकी फैन ने गिफ्ट किया नया घर
2018 में रीता ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया था। जिसमें उन्होंने अपने नए घर की जानकारी दी थी। इस घर को बनवाने में उनके अमेरिकी फैन ग्रेस ने आर्थिक मदद की थी। रीता इन दिनों सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरों से चर्चा में बनी रहती हैं। फिलहाल उनकी प्राथमिकता पढ़ाई पूरी करना है।
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कोरोना को हराने में जुटे आम से खास, महिला विधायक और महिला आरक्षक खुद अपने हाथों से सिल रहीं मास्क
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में आम से लेकर खास सभी अपने-अपने स्तर पर योगदान दे रहे हैं। देश में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों के मद्देनजर इसकी रोकथाम और पीड़ितों को मदद पहुंचाने के लिए सभी आगे आ रहे हैं।
ड्यूटी करने के बाद सिलती है मास्क
इसी बीच मध्य प्रदेश के खुरई देहात थाने में तैनात एक महिला आरक्षक चर्चा का विषय बनी हुई है। दिन भर ड्यूटी करने के बाद घर लौटते ही महिला आरक्षक थाने में तैनात पुलिसकर्मियों और परिजनों के अलावा आम जनों के लिए खुद अपने हाथों से मास्क बनाती हैं। यही नहीं अपने हाथों से मास्क बनाने के बाद आरक्षक सृष्टि श्रोतिय बिना मास्क के नजर आने वाले हर व्यक्ति को यह मास्क निशुल्क बांटती है।
थाना प्रभारी रोहित मिश्रा ने बताया कि महिला आरक्षक ने लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजर और मास्क की कमी को देखते हुए खुद ही मास्क तैयार करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में सृष्टि ड्यूटी पूरी करने के बाद मास्क तैयार करने में जुट जाती है। अपनी इसी मुहिम के चलते सृष्टि अभी तक कुल ढाई सौ मास्क जरूरतमंदों तक पहुंचा चुके हैं।
शेरगढ़ मीना कंवर खुद मास्क बनाने में जुटीं विधायक
ये हैं शेरगढ़ विधायक मीना कंवर राठौड़। लॉकडाउन के दौरान कोरोना को हराने में खुद भी जुट गईं हैं। वे घर में ही मास्क बना रही हैं। 2 हजार लोगों के लिए मास्क बनाकर दिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन की पालना का आह्वान किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य उम्मेदसिंह राठौड़ व निजी सहायक अक्षय शर्मा ने बताया कि विधायक केन्द्रीय कारागार की सदस्या भी है। इनमें से कुछ मास्क कैदियों को भी पहुंचाए जाएंगे।
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Market Wrap, April 8: Here's all that happened in the markets today
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कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में बच्चे भी आए आगे, पॉकेटमनी से कर रहे जरूरतमंदों की मदद
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में राज्य- केंद्र सरकार, बड़ी-बड़ी हस्तियां और आमजन ही नहीं, अब छोटे-छोटे बच्चे की मदद लिए आगे आ रहे हैं। हाल में कई ऐसे मामले सामने आए जहां बच्चों ने कई सालों तक अपने जोड़े हुए पैसे सरकार को दे दिए। ऐसा ही एक वाक्या मध्य प्रदेश के नीमच जिले में देखने को मिला। यहां 2 बच्चों ने कोरोना वायरस के कारण बने हालातों मैं लोगों की मदद के लिए जमा की गई अपनी पॉकेट मनी दान में दे दी ट्विटर पर इसका एक वीडियो भी सामने आया है जहां दो बच्चे पुलिस वालों को देश के लोगों की मदद के लिए यह पैसा दे रहे हैं।
गुल्लक तोड़ दिए पैसे
मुश्किल हालातों में अपनी दरियादिली दिखाते एक और बच्चे का वीडियो सामने आया है। यहां भी पुलिस स्टेशन पर एक 6 साल का बच्चा धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत की खातिर मदद के लिए आगे आया है इस बच्चे ने लॉकडाउन और महामारी के हालात को देखते हुए गुल्लक में जोड़ें अपने सारे पैसे मदद के लिए दान कर दिए वही जो पुलिस वाले ने पूछा कि वह पैसे क्यों दे रहा है तो इस पर बच्चा कहता है बांटने के लिए।
985 रुपए की राहत राशि
ईदगाह हिल्स क्षेत्र निवासी 9 वर्षीय चाहत कुकरेजा कक्षा तीसरी की छात्रा हैं। लेकिन इस उम्र में भी उन्हें समाज की मदद का जज्बा है। चाहत ने अखबारों में पढ़ा और न्यूज चैनलों पर देखा कि लोग संक्रमण से बचाव के कार्यों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में राशि भेज रहे हैं। उसने तुरंत गुल्लक फोड़ी और उसमें निकले 985 रुपए पिता राकेश कुकरेजा को दिए, जिन्होंने पैसे ऑनलाइन प्रधानमंत्री राहत कोष में भिजवाए। चाहत का गुल्लक फोड़ता वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हर किसी ने उसकी सराहना की। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैंं।
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Balrampur Chini extends gain as Icra reaffirms rating; soars 74% in 9 days
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बस! हफ्ताभर ही काफी है त्वचा के निखार के लिए, लॉकडाउन में घर बैठे घरेलू नुस्खों से करें त्वचा की देखभाल
वैश्विक महामारी के दौर में सुरक्षा को लेकर घर पर रहना जरूरी है। जरा सोचिए इस दौरान आप अपना ख्याल कितने बेहतर तरीके से रख सकती हैं। नौकरी के दौरान या बच्चों और घरवालों की देखभाल में व्यस्त होकर महिलाएं खुद पर ध्यान ही नहीं देती है। इसलिए अब जब पर्याप्त समय है तो क्यों न अपना ख्याल रखा जाए। तरकीबों तो बहुत हैं पर यह सोचना है कि कौन-सा उपाय कब करें। इसलिए हम पूरे हफ्ते की योजना आपके लिए लेकर आए हैं।
दिन 1
रुई को नींबू के रस में डुबोएं और फिर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे कम से कम 15-20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। अगर स्ट्रॉबेरी आसानी से मिल जाती हो या घर में रखी हो,तो स्ट्रॉबैरी और क्रीम मास्क भी लगा सकती हैं। स्ट्रॉबैरी एंटी-ऑक्सीडेंट, एस्ट्रिंजेंट और एंटी-इन्फ्लैमटरी गुणों के साथ त्वचा में कसावट लाने, त्वचा को टोन करने, मुंहासे के निशान को हल्का करने के लिए भी काफी प्रभावी है। स्ट्रॉबैरी प्यूरी लें, ताज़ी क्रीम या दही के साथ मिलाएं। इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। 10 मिनट बाद गर्म पानी से धो लें। इस मास्क को डीप फ्रीज करके स्टोर भी कर सकते हैं।
दिन 2
एक कटोरी में एक चम्मच दही और एक चम्मच टमाटर का गूदा मिलाएं। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने दें और फिर त्वचा को ठंडे पानी से धो लें।
दिन 3
एक कटोरे में एक पका हुआ केला मैश करें और थोड़ा नारियल तेल या शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। जब पेस्ट बनकर तैयार हो जाए तब उसे लगाने से पहले पानी से चेहरा साफ़ कर लें ताकि गंदगी निकल जाए। अब इस पेस्ट को चेहरे पर 15 मिनट तक लगाकर रखें। जब ये सूख जाए तब इसे गुनगुने पानी से धो लें।
दिन 4
दो बड़े चम्मच ऑलिव ऑयल के साथ एक कप शक्कर मिलाएं। यदि आप चाहें, तो लैवेंडर ऑयल भी जोड़ सकते हैं, जो प्राकृतिक ख़ुशबू देता है। मिश्रण को अच्छी तरह मिलाकर स्क्रब बनाएं। इसे चेहरे पर हल्के हाथों से रगड़ें। 5-10 मिनट बाद चेहरा धो लें।
दिन 5
3 से 4 बड़े चम्मच पानी में 8-10 पंखुड़ियों को तीन घंटे के लिए भिगोएं। भीगने के बाद पंखुड़ियों को पानी में मैश करें और फिर 2 बड़े चम्मच शहद मिला लें। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें, और फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।
दिन 6
मुल्तानी मिट्टी पाउडर में थोड़ी हल्दी, नींबू की 3 बूंदें और थोड़ा-सा गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगा लें। सूखने पर ठंडे पानी से धो लें। इसे पूरे शरीर पर भी लगा सकते हैं।
दिन 7
बोल में एक बड़ा चम्मच बेसन, एक छोटा चम्मच नमक और एक बड़े चम्मच आटे को मिला लें। अब तैयार मिश्रण को पूरे शरीर पर और चेहरे पर लगा लें। क़रीब 15-20 मिनट बाद जब ये मिश्रण सूखने लगे तब इसे हल्के हाथ से रगड़ कर छुड़ा लें और नहा लें। ये त्वचा को कोमल और कांतिमय बनाने में मददगार है।
ये भी करें
- हफ्ते में 2 बार पैडीक्योर भी कर सकती है। इसके लिए गुनगुने पानी में शैम्पू और नमक डालकर पैरों को 15-20 मिनट डुबोकर रखें। अब एड़ियों को प्यूमिक स्टोन से साफ़ करके मॉइश्चराइज़र लगा लें। इससे हाथ-पैर मुलायम बनेंगे और थकान भी दूर होगी। मैनीक्योर में स्टोन से साफ़ नहीं करना है। शेष प्रक्रिया वही रहेगी।
- तिल के तेल या ऑलिव ऑयल से शरीर की मालिश भी कर सकती हैं। इसके साथ ही उबटन बनाकर भी लगा सकती हैं।
- अगर तुरत-फुरत करना हो, तो एक चम्मच शहद में थोड़ी-सी मलाई लेकर मिला लें। इस मिश्रण को चेहरे और गर्दन पर करीब 5-10 मिनट तक लगाकर रखें और फिर ठंडे पानी से धो लें।
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Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900
The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM
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उषाशी का संबंध एक ऐसे परिवार से हैं जहां अधिकांश लोग शिक्षक हैं। उन्होंने बचपन से अपने घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल देखा। वे 1986 में शादी के...
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साउथ इंडिया में थेनी के पास वेंकटचलपुरम में राधिका का जन्म हुआ। वे शादी के बाद दिल्ली आ गईं। एक शौक के तौर पर राधिका ने ट्रैवल फोटोग्राफी क...