It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Saturday, 24 October 2020
LIC IPO may spill over to next fiscal as govt looks at valuation of insurer
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हर स्त्री में छिपा है मां दुर्गा का रूप, नवरात्रि के इस दिन को अपने संकट मिटाने और जीवन में सुख, समृद्धि व सुरक्षा का माध्यम बनाएं
भगवती दुर्गा के 108 नामों में आद्या (मूल, आरंभ) है, तो चिता (मृत्युशैया) भी। लोकमानस में देवी के कई रूप हैं। कुछ स्नेहशील और ममतामय हैं, तो कुछ हिंसक और डरावने भी। उनका सर्वाधिक शांत, सुंदर और कांतिमय रूप ‘गौरी’ है और सबसे उग्र, हिंसक और क्रूर रूप देवी ‘काली’ का है। अपने इन्हीं विविध रूपों और नामों के साथ मां दुर्गा पूजी जाती हैं। इसकी दो तरह से व्याख्या की जा सकती है-
हर स्त्री है दुर्गा
देवी की आठ भुजाओं और उनमें सुशोभित अस्त्र-शस्त्रों की तुलना आज या पहले की स्त्री से करें। हम देखेंगे कि हमारे समाज में स्त्रियों पर बहुआयामी कर्तव्य और उत्तरदायित्व का बोझ रहा है और उन्होंने पूरी सफलता, सामर्थ्य और निष्ठा के साथ उनका निर्वहन भी किया है। स्पष्ट है कि स्त्री-अस्मिता के सर्वोत्तम प्रतीक के रूप में देवी आराधना धार्मिक दृष्टि से ही नहीं अपितु सामाजिक दृष्टि से भी तर्कसंगत होगी।
परिवर्तन की प्रेरक
देवदत्त पटनायक कहते हैं कि देवी जब अपना रूप बदलती हैं, तो वे परिवर्तन के लिए प्रेरित करती हैं। सर्जक भंजक में परिवर्तित हो सकता है। भंजक रक्षक में बदल सकता है। जो हानि पहुंचाता है वह संरक्षण कर सकता है। जो इच्छा करता है वह संयम भी दिखा सकता है। देवी हमारे इर्द-गिर्द की दुनिया हैं। देवी हमें प्रेरित करती हैं। वे हमारे भीतर इच्छा पैदा करती हैं।
नवदुर्गा का नवाचार
नवदुर्गा के नौ रूपों में शैलपुत्री को स्वाभिमानी और दृढ़ इच्छाशक्ति संपन्न, ब्रह्मचारिणी को स्थिरमना और संघर्षशील और चंद्रघंटा को कल्याणकारिणी माना जाता है। इसी तरह कूष्मांडा गर्भ धारण करने वाली, स्कंदमाता और कात्यायनी-स्वरूप संततियों के माता-पिता और पालनहार, कालरात्रि जड़ जीवन से मुक्त होकर एक चेतना सम्पन्न मोक्ष की प्राप्ति आदि की द्योतक है।
भगवती का आठवां रूप महागौरी और नौवां रूप सिद्धिदात्री अर्थात ज्ञान अथवा बोध देने वाली देवी का है। ये देवी दुर्गा के सबसे दुर्लभ रूप हैं जिनके साक्षात्कार के लिए परम सिद्ध होने की आवश्यकता है। सूक्ष्मता से देखें तो एक आम भारतीय नारी में भी ये दुर्लभ रूप उपस्थित हैं, किंतु उनका सम्पूर्णता के साथ दर्शन से करने के लिए अपेक्षित धैर्य की आवश्यकता है।
परिवर्तन का अवसर
नवरात्र एक ऐसा पर्व है जो साल में तीन बार मनाया जाता है। इसमें चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र और गुप्त नवरात्र शामिल हैं। उत्सवधर्मिता और धार्मिक महत्ता की दृष्टि से शारदीय नवरात्र को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। बहरहाल, इस वर्ष वैश्विक महामारी के मद्देनज़र ज़ाहिर है कि सारी दुनिया पर असर पड़ा है। त्योहार और सामाजिक-धार्मिक जीवन पर भी इसके तात्कालिक प्रभाव पड़े हैं। ऐसे में हमारे आस्था सम्बंधी विधानों और सामाजिक आचरण में थोड़ा-बहुत अंतर भी आया है।
देवी दुर्गा इस संकट की घड़ी में हमें अपने विकारों और विचारों दोनों को शुद्ध करने का अवसर और शक्ति देंगी, इसका दृढ़ विश्वास है। अत: ये नौ दिन संकट मिटाने और जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा आने का माध्यम बनाएं।
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चुकंदर से बनाए लाल या गुलाबी कलर, हरा कलर बनाने के लिए पालक के ताजा पत्तों का करें इस्तेमाल
कई ऐसे व्यंजन हैं जिन्हें अलग-अलग रंगों में बनाना चाहते हैं, लेकिन फूड कलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। कुछ प्राकृतिक फूड कलर घर पर ही बना सकते हैं। फल-सब्ज़ियों से घर पर ही तैयार फूड कलर सिंथेटिक फूड कलर के मुक़ाबले बहुत बेहतर होते हैं और स्वास्थ्य के लिहाज़ से सुरक्षित भी।
रंग दो तरह से तैयार कर सकते हैं, पहला तरल और दूसरा पाउडर के रूप में। इन्हें ग्रेवी, स्क्वैश, केक, पेस्ट्रीज़, कुकीज़, आइसक्रीम, स्मूदीज़, जलेबी, पास्ता, चावल, मैकरोनी, मीठे व्यंजन, मठरी-नमकीन आदि में डाल सकते हैं। तरल रंगों को कम मात्रा में बनाकर लगभग 15 दिन से एक महीने तक फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं और पाउडर को 2-3 महीने तक। जब पाउडर रंग का इस्तेमाल करना हो तो उसे थोड़े-से गुनगुने पानी में घोलकर मिलाएं और उपयोग करें।
नारंगी फूड कलर
तरल
नारंगी गाजर को छील लें और थोड़े-से पानी के साथ मिक्सी में बारीक पीस लें। फिर इसका गूदा छलनी से छानकर रस अलग कर लें। इस रस को 2 कप पानी के साथ तब तक उबालें, जब तक ये आधा न रह जाए। इसे ठंडा करके फ्रिज में स्टोर करें।
पाउडर
नारंगी गाजर को पतला-पतला काटकर धूप या माइक्रोवेव में सुखा लें। जब इसमें बिल्कुल नमी न बचे, तो बारीक पीस लें। फिर छलनी से छानकर बारीक पाउडर निकाल लें।
लाल या गुलाबी रंग
तरल
चुकंदर को पानी के साथ मध्यम आंच पर इतना उबालें कि चुकंदर गल जाए। इसे चम्मच से मसल लें और इसका रस छान लें। थोड़ा-सा चुकंदर का रंग डालने पर गुलाबी रंग मिलेगा और थोड़ा ज़्यादा डालने पर लाल रंग।
पाउडर
चुकंदर छीलकर कद्दूकस कर लें या पतला काट लें। प्लेट में फैलाकर छांव या माइक्रोवेव में सुखाएं। कड़क होने पर पीसकर पाउडर बना लें।
पीला रंग
तरल
क़रीब 1-2 चम्मच हल्दी को 2 कप पानी के साथ तब कर उबालें, जब तक पानी आधा न रह जाए। इसे ठंडा करके फ्रिज में स्टोर करें। अगर डिज़र्ट जैसे कप केक के लिए रंग बना रही हैं, तो इसे 1/3 कप शक्कर के साथ उबालें।
पाउडर
सूखे पीले रंग के लिए हल्दी पाउडर सबसे अच्छा विकल्प है। इसके अलावा झटपट रंग तैयार करने के लिए थोड़े-से गुनगुने पानी में केसर की 12-15 पत्तियां 20 मिनट भिगोकर रखें। छानकर चटक पीला रंग तैयार होगा।
हरा रंग
तरल
कड़ाही में पालक के कटे पत्ते और थोड़ा-सा पानी डालकर 4-5 मिनट पकाएं। जब पालक गल जाए तो इसे मिक्सर में पीसकर छान लें। हरा रंग तैयार है। चाहें तो रस में थोड़ा पानी मिलाकर मिश्रण आधा होने तक पकाएं।
पाउडर
पालक, बथुआ, हरे धनिए के पत्तों को धोकर हवा में सुखाएं। फिर इन पत्तियों को माइक्रोवेव में सुखाकर बारीक पीसें। धूप में सुखाने से इनका रंग हल्का पड़ सकता है।
पर्पल और नीला रंग
ब्लू बैरीज़ को पानी में इतना पकाएं कि मिश्रण पककर आधा हो जाए। फिर इसका गूदा मसलकर रस छान लें और फ्रिज में स्टोर करें। वहीं 1/2 कटोरी पर्पल कलर में 1/4 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाने से नीला रंग तैयार हो जाएगा।
नोट
तरल रंग बनाते वक़्त फल और सब्ज़ियों का रस निकालकर पानी के साथ धीमी आंच पर इतना पकाएं कि ये पककर आधा रह जाए। इस तरह तैयार करने से रंग जल्दी खराब नहीं होगा।
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Friday, 23 October 2020
जैतून के तेल में थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर अंडरआर्म्स पर हल्के हाथों से स्क्रब करें, संतरे के छिलकों के पाउडर में गुलाबजल मिलाकर लगाएं
अमूमन महिलाओं की शिक़ायत रहती है कि उनकी आर्मपिट्स यानी बग़लें शरीर की बाक़ी त्वचा के मुक़ाबले गहरे रंग की होती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसी समस्या है तो कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इस मुश्किल को दूर किया जा सकता है।
गहरे रंग या काले अंडरआर्म्स के कारण महिलाएं हर तरह की ड्रेसेस पहनने के अपने शौक़ को पूरा नहीं कर पातीं। वहीं साफ़ और बेदाग़ आर्मपिट आत्मविश्वास बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं। दुर्गंध युक्त व गहरी या काली दिखने वाली आर्मपिट कई बार शर्मिंदगी का कारण बनती हैं।
क्या हैं कारण...
क ई बार अधिक पसीने के कारण आर्मपिट का रंग गहरा हो जाता है और उनसे दुर्गंध आने लगती है। वहीं अन्य कारणों की बात करें तो बार-बार वैक्सिंग कराना, हेयर रिमूवल क्रीम का अधिक इस्तेमाल, डियोड्रेंट के कारण, टैलकम पाउडर का अधिक इस्तेमाल आदि। इन सभी कारणों की वजह से आर्मपिट का रंग सामान्य त्वचा के रंग से गहरा हो जाता है।
कैसे साफ़ कर सकते हैं...
1. नहाते समय लूफा का प्रयोग करें। इससे सफ़ाई बेहतर तरीक़े से होती है बिना अलग से साबुन का इस्तेमाल किए।
2. अंडरआर्म्स को हमेशा अच्छे मॉइश्चराइज़र से नम रखें।
3. बहुत चुस्त या कसे हुए कपड़े न पहनें। इससे पसीना सूखने में दिक़्क़त होती है और इस वजह से फंगल इंफेक्शन का ख़तरा रहता है।
4. कोशिश करें कि घर में हमेशा सूती कपड़े पहनें। इससे पसीना जल्दी सूखता है और संक्रमण का ख़तरा नहीं रहता।
5. जैतून के तेल में थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर अंडरआर्म्स पर हल्के हाथों से स्क्रब करें। ऐसा करने से मृत त्वचा निकल जाएगी और अंडरआर्म्स साफ़ नज़र आएंगे। ऐसा हफ़्ते में 1-2 बार किया जा सकता है।
6. दो चम्मच खीरे के रस में कुछ बूंदें नींबू के रस की मिलाकर अंडरआर्म्स पर मसाज करें।
7. संतरे के छिलकों के पाउडर में गुलाबजल डालकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को अंडरआर्म्स पर 10-15 मिनट लगाकर रखें और फिर धो लें।
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Market regulator clears the deck for proposed share buyback in NTPC
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Market Wrap, Oct 23: Here's all that happened in the markets today
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Tech Mahindra Q2 net profit drops 5% YoY to Rs 1,065 crore
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YES Bank, TTML, Suzlon among 282 stocks that hit upper circuit on BSE
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इस तरह स्टोर करें अपना किचन नाइफ सेट, नाइफ ब्लॉक को किचन काउंटर पर रखें और मैग्नेटिक नाइफ बार को किचन की दीवारों पर सजाएं
नाइफ सेट को रखने के लिए किचन में जगह तय करना जरूरी है ताकि जरूरत पड़ने पर आपको इसे ढूंढना न पड़े। इसी तरह किन चीजों को काटने के लिए किस तरह के नाइफ की जरूरत पड़ती है, ये भी जान लें। सब्जियों से लेकर सलाद की सही कटिंग इन नाइफ सेट की मदद से आसानी से की जा सकती है। नाइफ के ये सेट आपका किचन वर्क कम करने में मदद करेंगे।
वुडन नाइफ ब्लॉक
ज्यादातर कुक्स काउंटर पर नाइफ ब्लॉक्स ही रखते हैं।
फायदे
ब्लॉक्स नाइफ को सुरक्षित और व्यवस्थित रखते हैं। इसमें हर छुरी की अलग जगह होती है। ये काउंटर पर आकर्षक लगते हैं और आपका नाइफ कलेक्शन दिखाते हैं।
नुकसान
इनकी कीमत ज्यादा होती है। नाइफ को ब्लॉक में स्टोर करने से पहले धोना जरूरी है वरना बैक्टीरिया पनप सकते हैं।
मैग्नेटिक नाइफ बार
होम किचन को गुरमे किचन जैसा लुक देते हैं। प्रोफेशनल्स भी इसका इस्तेमाल करते हैं।
फायदे
छोटे किचन के लिए अच्छा विकल्प है क्योंकि ये काउंटर पर जगह नहीं लेते और दीवार पर लगते हैं।
नुकसान
ब्लॉक्स और प्लास्टिक गार्ड की तरह आसान नहीं हैं। इसे इंस्टॉल करने में आपकी स्किल्स काम आएंगी। इसे सही लेवल पर लगाने से ही सुविधा होगी।
प्लास्टिक नाइफ एज गार्ड
छुरी स्टोर करने का सस्ता विकल्प, इसके ब्लेंड्स कन्सील्ड रहते हैं।
फायदे
आपके पास कोई खास कलेक्शन नहीं है और ना ही कलेक्शन दिखाने का शौक है तो प्लास्टिक नाइफ गार्ड्स अच्छा विकल्प हैं। ये छोटी से छोटी छुरी से लेकर सबसे बड़ी शेफ छुरी को भी सुरक्षित रखते हैं।
नुकसान
ये प्लास्टिक से बने हैं। इसलिए एनवाॅयरोनमेंट फ्रेंडली विकल्प नहीं हैं।
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Tyre stocks on a roll. JK Tyre soars 27% in 2 days, Ceat hits 52-week high
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Indo Count Industries extends rally on strong September quarter results
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Tata Elxsi hits fresh record high; stock surges 42% in one month
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Thursday, 22 October 2020
Bernstein initiates coverage on Bharti Airtel with an 'outperform' rating
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How US presidential election outcome will impact global financial markets
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Aditya Birla Fashion to raise Rs 1,500 crore from Flipkart; stk jumps 6.5%
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Jet Airways hits upper circuit for 12th straight day, zooms 108% in 20 days
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Nestle India to announce Q3 numbers today; here's what to expect
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SBI Cards slips 15% in 2 days on asset quality concerns; should you sell?
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Crompton Greaves Consumer surges 15% on healthy September quarter results
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शादी के बाद झगड़े या नाराजगी से बचने की दोनों करें पहल, एक दूसरे को समझें ताकि शादीशुदा जिंदगी मजे से चलती रहे
विवाह से पहले होने वाले पति-पत्नी एक-दूसरे से ढेरों वादे करते हैं। लेकिन परिस्थितियां बदलने पर जब ये वादे पूरे नहीं होते तो दोषारोपण का दौर शुरू हो जाता है। इस कारण रिश्ता कमज़ोर होने के साथ ही आने वाला कल भी बिगड़ने लगता है। ऐसा न हो इसके लिए कुछ बातों को गांठ बांध लेना ही बेहतर है।
कमिटमेंट क्यों टूटते हैं
दरअसल शादी के पहले सबकुछ अच्छा लगता है। ज़िम्मेदारियां नहीं होती, रोक-टोक नहीं होती, लेकिन शादी के बाद परिवार में रहना, रिश्ते निभाना, समय की कमी होना आदि सामान्य बातें होती हैं। कई बार नौकरी में दबाव, परिवार का प्रेशर, ख़र्च बढ़ना आदि कई मुश्किलें सामने आती हैं। इसलिए धीरे-धीरे कमिटमेंट कमज़ोर पड़ने लगते हैं और वास्तविकता से दो-चार होना पड़ता है। इसलिए झगड़े या नाराज़गी से पहले इस बात को समझें कि अब ज़िम्मेदारी दोनों की है। एक के निभाने से रिश्ता नहीं निभेगा, दोनों की साझेदारी ज़रूरी है।
मामला बराबरी का है
मान लीजिए कि पति ने शादी के पहले वादा किया कि वो शादी के पहले ही साल विदेश यात्रा पर ले जाएगा, लेकिन विवाह के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर ऐसा सम्भव नहीं हो पाया, तो ऐसे में वादा खिलाफ़ी का इल्ज़ाम देने या बार-बार शर्मिंदा करने के बजाय स्थिति को समझना ज़रूरी है। इस बात को समझना होगा कि जब सब सामान्य होगा तब आप बाहर जाएंगे। आख़िर आप दोनों ही गृहस्थी की गाड़ी को चलाते हैं तो दोनों को ही समझदारी से काम लेना होगा।
बंधन नहीं प्रेम समझें
कई बार देखा जाता है कि एक-दूसरे से किए वादों को लेकर दोनों साथी एक-दूसरे को इस क़दर ताने मारते हैं कि जैसे उन्होंने प्रेम में जो वादा किया था वो अब उनके लिए बंधन बन गया है। इसलिए ऐसा करना सरासर ग़लत है। यदि किसी कारणवश कोई साथी दूसरे की बात नहीं मान पा रहा है तो उसे समझें न कि उसे पहले किए वादों की याद दिलाएं। अन्यथा उसे यही लगेगा कि उसने वादा करके ग़लती कर दी।
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Cochin Shipyard leaps 5% after Radhakishan Damani picks up 0.5% stake
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Stocks to watch: Tech Mahindra, Bharti Infratel, Nestle, JSW Steel, Mphasis
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Market Ahead, October 23: Top factors that could guide markets today
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Stock picks by Nilesh Jain of Anand Rathi: Buy Adani Gas, Aarti Industries
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MARKET LIVE: SGX Nifty flat; Ambuja Cements, Bharti Infratel in focus today
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Here's a Bull Spread Strategy on L&T by Nandish Shah of HDFC Securities
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Gold prices today at Rs 54,120 per 10 gm, silver trends at Rs 63,000 a kg
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26 साल की लैटी ने 14 बच्चों को गोद लिया, किसी के लिए बनीं मां तो किसी के लिए निभाया बड़ी बहन का फर्ज
महज 26 साल की लैटी मैकमास्टर अब 14 बच्चों की मां हैं। इंग्लैंड की लैटी ने तंजानिया के इन 14 बच्चों को अधिकारिक रूप से गोद लिया है। लैटी 18 साल की उम्र में तंजानिया आईं थीं, तब से यहीं बस गईं हैं। अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद लैटी ने खाली समय का इस्तेमाल करने के बारे में सोचा। वह बैग पैक करके अफ्रीकाई देश तंजानिया आ गईं। यहां की स्थिति के बारे में उन्होंने इंटरनेट पर काफी रिसर्च की थी। वह एक महीने के लिए तंजानिया आईं थीं, लेकिन यहां के हालात देखकर वह काफी भावुक हो गईं।
उन्होंने देखा कि हजारों बच्चे अपना जीवन सड़कों पर गुजारते हैं। इनमें से कई बच्चे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के शिकार हैं। इसके बाद लैटी ने यहीं बसने का फैसला किया। महज 18 साल की उम्र में लैटी के इस निर्णय ने जाहिर तौर पर उनके माता-पिता को चिंता में डाल दिया। वह उस अनाथालाय में तीन साल तक रुकीं।
तीन साल बाद कुछ कारणों से उस अनाथालय को बंद करने की नौबत आ गई। उसके बाद लैटी ने वहां के 9 बच्चों को गोद ले लिया। तंजानिया में रहकर वह 14 बच्चों के साथ अनाथालय चला रही हैं। लैटी ने इसके लिए एक चैरिटी संस्था बनाई है। इंग्लैंड में वह इसके लिए चैरिटी इकट्ठी करती हैं। लैटी कहती हैं कि इन 14 बच्चों में कुछ के लिए वह मां की तरह हैं तो कुछ के लिए बड़ी बहन की तरह।
उन्होंने तंजानिया में रहकर यहां की स्थानीय भाषा स्वाहिली भी सीख ली है। उन्होंने इन बच्चों से वादा किया है कि वह उन्हें अच्छी शिक्षा देंगी और बेहतर जिंदगी की नींव रखने में मदद करेंगी।
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उपवास के दौरान नौ दिन तक दूध या दही ज़रूर लें, वजन अधिक हो तो पूरी के बजाय रोटी ही खाएं ताकि वेट न बढ़े
नवरात्र के व्रत में आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहे, इसके लिए फलाहार में पोषण जोड़ सकते हैं। कैसे, आइए जानते हैं।
व्रत में पोषण करें पूरा
कोरोना के इस दौर में लोग नवरात्र का व्रत भी रखेंगे, परंतु अभी एक चिंता का विषय है- रोग-प्रतिरोधक क्षमता। भूखे रहने पर यह क्षमता प्रभावित होती है। दरअसल, जब भोजन नहीं करते या ज़रूरत से कम करते हैं, तो शरीर पर अधिक भार पड़ता है। शरीर को काम तो सभी करने होते हैं, किंतु भोजन और पोषक तत्व सीमित मिलते हैं और उन्हीं में उसे सारा काम चलाना पड़ता है। ऐसे में व्रत कैसे रखना है ताकि रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मज़बूत बनी रहे, आइए, इसके बारे में जानते हैं।
दूध से मिलेगा पोषण
व्रत में दूध और दही का उपयोग बहुत आसानी से किया जा सकता है। फलों का उपयोग भी किया जाता है। आलू, साबूदाना और सिंघाड़े के आटे का उपयोग किया जाता है। इसमें दूध का सेवन बहुत ज़रूरी है। दूध या दही का सेवन दिन में 3 छोटे कप या 2 गिलास ज़रूर करें। इस दूध या दही को केले के साथ ले सकते हैं, आलू की टिक्की के साथ ले सकते हैं या फिर साबूदाने की खीर बनाकर ले सकते हैं, ये पसंद पर निर्भर करता है। दूध पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी 12 देगा। वहीं दही इनके साथ-साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त रखेगा।
रात का भोजन ऐसा हो
यह भी ध्यान दें कि दोपहर और रात के खाने में किसी भी प्रकार की रोटी को शामिल करना ज़रूरी है। ऐसे में साबूदाना या सिंघाड़े के आटे की रोटी का उपोग करें। अगर वज़न नियंत्रण में है, तो रोटी की जगह सिंघाड़े की पूड़ी या पराठा भी खा सकते हैं। कुछ लोग उबले आलू को सिंघाड़े के आटे के साथ मिलाकर पूड़ी आदि व्यंजन बनाते हैं। अगर वज़न अधिक है तो ऐसे में रोटी का ही उपयोग करें।
ज़रूरी विटामिन मिलेंगे
सिंघाड़े का आटा रेशे से भरपूर होता है जो बहुत सारे खनिज देगा, इसलिए दिन में कम से कम एक समय के खाने में साबूदाने की जगह पर सिंघाड़े का आटा उपयोग करें। ये भी ध्यान रखें कि केला, पपीता आदि ऊर्जा देते हैं, इसलिए व्रत के तीनों समय के आहार यानी कि सुबह के नाश्ते और दोपहर व रात के भोजन में फलों का उपयोग भी अवश्य करिए। इस समय मौसंबी, पपीता, केला ले सकते हैं। इनसे विटामिन सी, फाइबर, विटामिन ए और अन्य विटामिनों की आवश्यकता पूरी हो जाती है।
दालों की दूर होगी कमी
व्रत में दालों का उपयोग नहीं किया जाता, ऐसे में कम से कम एक मुट्ठी मूंगफली, बादाम और काजू का मिश्रण ज़रूर लें। पूरे दिन में अपने खाने में एक चम्मच तिल का उपयोग ज़रूर करें। चाहें तो तिल को आटे में गूंध सकते हैं, साबूदाने की खिचड़ी या आलू की टिक्की में मिलाकर भी ले सकते हैं। पर ध्यान रहे कि तिल को चबाकर ज़रूर खाएं ताकि इसका पूरा फ़ायदा मिले।
रात के समय का पोषण
रात में सोने से पहले एक कप दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर अवश्य लीजिए। पर्याप्त पानी पीना आवश्यक होगा। साथ ही शुद्ध और साफ़ हवा में सैर करें या छत पर ज़रूर टहलें।
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Tech Mahindra Q2 preview: Analysts see up to 14.7% YoY fall in net profit
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Despite Covid, Indian adults see wealth rise 0.7% in H1-20: Credit Suisse
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Chennai Petroleum freezes in 20% upper circuit on healthy Q2 results
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Vedanta gains 6% as board to consider interim dividend on Saturday
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Bajaj Auto Q2 PAT dips 27% YoY at Rs 1,194 crore; margin expands
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Colgate Palmolive: Weak macros, competition from HUL key overhang on stock
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Wednesday, 21 October 2020
Asian Paints slips over 1.5% ahead of Q2 result; here's what to expect
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विंग कमांडर डॉ. विजयलक्ष्मी रमनन का निधन, वायुसेना की पहली महिला अधिकारी जिन्हें विशिष्ट सेवा मेडल ने नवाजा गया
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर डॉ. विजयलक्ष्मी रमनन का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। वे वायुसेना की पहली महिला अधिकारी थीं। वे 2 अगस्त 1955 को वायुसेना में बतौर अधिकारी कमीशन हुई थीं। 22 अगस्त 1972 को वे विंग कमांडर बनीं और 28 फरवरी 1979 को रिटायर हो गईं थीं। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल ने नवाजा गया था।
उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से 1943 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। मेडिसिन के लिए बालफोर मेमोरियल मेडल और सर्जरी के लिए मद्रास विवि का पुरस्कार भी मिला था। वायुसेना के विभिन्न अस्पतालों में उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया। उन्होंने युद्धों के दौरान घायल हुए सैनिकों का भी इलाज किया। साथ ही प्रशासनिक दायित्वों को भी बखूबी अंजाम दिया।
विजयलक्ष्मी को साल 1971 में स्थायी कमीशन दिया गया। अगस्त 1972 में विंग कमांडर की रैंक के रूप में पदोन्नति मिली थी। पांच वर्ष बाद साल 1977 में उन्हें विशिष्ट सेवा पदक मिला था। 24 वर्षों तक वायुसेना की सेवा करने के बाद फरवरी 1979 में विजयलक्ष्मी रमणन सेवानिवृत्त हो गईं थीं। रमणन कर्नाटक संगीत में भी प्रशिक्षित थीं। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में आकाशवाणी कलाकार के रूप में भी काम किया था।
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Aurobindo Pharma declines 6% on USFDA warning letter for Dayton facility
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Hemisphere Properties shares locked in 5% lower circuit on debut
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Sagar Cements surges 8%, hits 52-week high on robust Q2 results
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JK Tyre gains 9% on strong operational performance in September quarter
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Stocks to watch: Asian Paints, Bajaj Auto, Biocon, Vedanta, ZEEL, KPIT Tech
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Onion prices shoot up in Pune amid supply crunch due to damaged crop
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Gold prices today at Rs 54,100 per 10 gm, silver trends at Rs 63,500 a kg
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Trading strategies for copper and zinc by Bhavik Patel of Tradebulls Sec
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Market Ahead, October 22: Top factors that could guide markets today
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MARKET LIVE: SGX Nifty trends suggest a flat start; Vedanta in focus
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Bajaj Auto Q2: Analysts see 10- 26% YoY dip in PAT; margin expansion likely
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Nifty outlook & trading ideas by Gaurav Garg of CapitalVia Global Research
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ऐश्वर्या यह अवॉर्ड जीतने वाली देश की पहली लड़की, 11 साल की उम्र में शुरू की थी फोटोग्राफी
ऐश्वर्या श्रीधर नवी मुंबई में रहती हैं। वे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर के अलावा वाइल्डलाइफ प्रजेंटेटर और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर भी हैं। 23 साल की ऐश्वर्या को 2020 वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया है। वो यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लड़की हैं।
'लाइट्स ऑफ पैशन' टाइटल वाली उनकी फोटो ने दुनिया भर के 80 से अधिक देशों की 50,000 एंट्रीज में पहली पोजिशन हासिल की। ऐश्वर्या ने बिहेवियर इनवर्टेब्रेट्स कैटेगरी में यह पुरस्कार जीता।
ऐश्वर्या को इससे पहले सेंक्चुरी एशिया यंग नेचरलिस्ट अवॉर्ड और इंटरनेशनल कैमरा फेयर अवॉर्ड भी मिला है। वो यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की लड़की हैं। ऐश्वर्या अपने करिअर, रोल मॉडल और इस क्षेत्र में आने वाली लड़कियों के लिए क्या कहती हैं, जानिए उन्हीं की जुबानी:
'मुझे बचपन से वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का शौक था। मेरे डैडी बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी के मेंबर हैं। उनके साथ मैं कई जगह जाती थी। तभी मुझे ये शौक लगा। जब मुझे डैडी ने मेरे बर्थडे पर पहला कैमरा गिफ्ट किया तो मैंने छोटी-छोटी चीजों की फोटोग्राफी करनी शुरू की। ग्रेजुएशन के बाद मैं वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनी।'
ऐश्वर्या कहती हैं, ''जंगल में फोटोग्राफी के दौरान मुझे डर नहीं लगता। लेकिन, कई बार पत्तों के नीचे या घने जंगलों में सांप छिपे होते हैं। तभी मुझे डर लगता है। वरना मैं किसी जानवर से नहीं डरती। मैं अपने इस काम से बहुत प्यार करती हूं। यही मेरा पैशन है। जिस इमेज के लिए मुझे अवॉर्ड मिला, वो मैंने पिछले साल जून में खींची थी। मैंने एक पेड़ देखा जो ढेर सारे जुगनुओं से भरा था। ये देखकर मुझे ऐसा लगा, जैसे सितारे जमीन पर उतर आए हैं। तब मैंने ये फोटो लिया।''
वो बताती हैं, ''मैंने 11 साल की उम्र से फोटोग्राफी की शुरुआत की। मम्मी-डैडी ने पूरा सपोर्ट किया। अगर देश में वुमन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर की बात करूं तो कई लड़कियां या महिलाएं इस क्षेत्र में आने से हिचकिचाती हैं। मैं उन सबसे कहना चाहती हूं कि एक महिला होने के नाते अपने सपनों और पैशन को पूरा करने से पीछे न हटें। इस काम की शुरुआत के लिए आप सबसे पहले किसी ट्रेनी या किसी कॉलेज, इंस्टीट्यूट से फोटोग्राफी सीखिए।''
ऐश्वर्या कहती हैं, ''अपनी मेहनत सीखने में लगाइए। अगर आप सही तरीके से सीखेंगी तो फोटोग्राफी में भी परफेक्शन दिखने लगेगा। हर हाल में अपना आत्मविश्वास बनाए रखें। जब आप पूरी इच्छाशक्ति के साथ जिंदगी की परेशानियों का सामना करते हैं, तो हर काम आसान हो जाता है।''
उन्होंने कहा, "वैसे तो जंगलों में प्रकृति के बीच रहना मुझे बहुत अच्छा लगता है। लेकिन, यहीं से मैंने जीवन के कई सबक भी सीखे। एक बार मैं जंगल में पक्षियों की फोटो ले रही थी। मैं इतनी खो गई थी कि पता ही नहीं चला कि जहां खड़ी हूं, वहां दलदल है। फोटो लेने के बाद मैं कदम भी नहीं चल पा रही थी। उस वक्त मैंने ये सीखा कि फोटाेग्राफी के साथ ही आसपास के माहौल का ध्यान रखना भी जरूरी है ताकि सुरक्षित रह सकें। जीवन में धैर्य रखना भी जरूरी है। जब आप अपनी इच्छाओं के बारे में कम सोचते हैं, तो जीवन सबसे अच्छा होता है।"
उन्होंने अपने रोल मॉडल के बारे में बताया- ''ऐसे कई वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं, जिन्हें मैं अपना रोल मॉडल मानती हूं। इनमें राधिका रामासामी, लतिका नाथ, अश्विका कपूर और कल्याण वर्मा शामिल हैं। इनकी फोटोग्राफी मुझे प्रेरित करती है। फिलहाल मैं बंदरों पर एक डॉक्यूमेंट्री बना रही हूं। मैं भविष्य में वाइल्ड लाइफ टीवी प्रजेंटेटर बनना चाहती हूं। साथ ही डिस्कवरी और एनिमल प्लेनेट जैसे चैनलों के जरिये सारी दुनिया को वाइल्ड लाइफ की सैर कराने का सपना देखती हूं।''
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सामान की खरीदारी में बच्चों की मदद लें, उनसे साफ-सफाई के छोटे-मोटे काम करवाएं ताकि वे घर साफ रखने की सोच अपना सकें
हर त्योहार और उत्सव से बच्चों को जोड़ना बहुत ज़रूरी है। इससे उन्हें दूर नहीं रखें क्योंकि यही वह समय होता है जब वे बहुत कुछ सीख सकते हैं।
ये समय संभलकर तैयारियां करने का है। घर की जमावट, सजावट, ख़रीदारी आदि की योजनाएं बनानी हैं और बहुत ध्यान भी रखना है। वहीं बच्चे घर में ही स्कूल अटेंड कर रहे हैं। सो, इस साल उन्हें न सिर्फ महामारी जैसे ख़तरों का सामना करते हुए रहने बल्कि इसी दौरान उत्सव की तैयारी करना भी सिखाया जा सकता है। हर साल वे स्कूल जाने के कारण घर की सफ़ाई आदि में हाथ नहीं बंटा पाते थे, इस बार पर्व के आधार से लेकर पूरे विस्तार में वे शामिल हो सकते हैं। त्योहार की तैयारियों के साथ-साथ वे इनके मायने और कौशल सीख सकते हैं।
ख़रीदारी में मदद लें
कोविड के समय बच्चों को घर के बाहर ले जाना सुरक्षित नहीं है। ऐसे में सामान की सूची तैयार करते वक़्त उन्हें साथ रखें। ऑनलाइन ख़रीदारी कर रहे हैं, तो उन्हें सामान दिखाएं। कपड़े, कोई मशीन या अन्य ज़रूरी सामान ख़रीदते वक़्त किन बातों का ख़्याल रखना है और कैसे सही सामान चुनना है, इसकी जानकारी दे सकते हैं। ज़रूरत के सामान में क्या ज़रूरी है और क्यों कुछ ग़ैरज़रूरी है, इसकी समझ भी उन्हें अभी दी जा सकती है।
घर की सफ़ाई
घर की साफ़-सफ़ाई सबसे मेहनत का काम है। कुछ छोटे-छोटे काम बच्चों से भी करा सकते हैं। उन्हें किताबें, सजावट का सामान या छोटे-छोटे सामान साफ़ करने के लिए दे सकते हैं। अगर वे झाड़ू या पोंछा करने में मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें छोटी जगहों को साफ़ करने दें। इससे उन्हें आपकी मेहनत का अंदाज़ा होगा। उन्हें उनका सामान साफ़ और व्यवस्थित करने के लिए भी कह सकते हैं। साथ ही उनके कपड़े तह करने के लिए भी कह सकते हैं। इससे वे अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे और घर साफ़ रखने की सोच भी अपना सकेंगे।
नाश्ते की तैयारी
मठरी, गुझिया आदि बनाते वक़्त उन्हे साथ रखें। जब इनका आटा गूंधें, तो उन्हें दादी-नानी के घर के किस्से सुनाते चलें। इसे कैसे बनाते हैं ये भी बता सकते हैं। पहले के समय में और आज के समय में क्या बदला है बच्चों को बातों-बातों में बताते चलें। लड़का हो या लड़की, खाना बनाना और त्योहार के ख़ास नाश्ते की जानकारी दोनों को होना चाहिए। अगर बच्चे इन्हें ख़ुद बनाएंगे, तो बेहतर तरीक़े से जुड़ पाएंगे। इसलिए एक चकला-बेलन उन्हें भी थमा सकते हैं।
इतिहास बताते चलें
बहुत कम बच्चे हैं जो त्योहार बनाने के पीछे मौजूद इतिहास और कहानियों की जानकारी रखते हैं। पूजा का सामान लगाते वक़्त या घर व्यवस्थित करते वक़्त बच्चे को साथ बैठाएं और कहानियां सुनाएं। उन्हें किस्से सुनाएं और उनसे मिलने वाली सीख भी बताएं। इससे बच्चे त्योहारों का महत्व समझेंगे और संस्कृति से जुड़ सकेंगें।
सजावट से रचनात्मक बनेंगे
सजावट और क्राफ्ट बच्चों को बहुत पसंद होते हैं। अगर वो इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो इससे उनकी रचनात्मकता बढ़ेगी। उन्हें उनकी रचना दिखाने के लिए आज़ाद रखें और जो उन्होंने बनाया है उसे भी सजाएं। क्राफ्ट रचनात्मक बनाता है और मस्तिष्क के लिए व्यायाम का काम भी करता है।
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स्किन क्लींजर भी है सरसों का तेल, मेकअप रिमूवर की तरह कर सकते हैं इसका इस्तेमाल, इससे दांतों की शाइनिंग बढ़ती है
सरसों के तेल में खाना बनाना हार्ट के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन ठंड के मौसम में इसे ब्यूटी एजेंट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
-1. ठंड में स्किन को डीप क्लीन करने के लिए इससे बेहतर क्लेंजर नहीं है। मेकअप रिमूवर की तरह भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. यह दांतों को साफ करने वाला नैचुरल एजेंट भी है। नींबू के रस और नमक के साथ मस्टर्ड ऑइल मिक्स करके दांतों पर मालिश करने से दातों में शाइनिंग और मजबूती आती है।
3. बालों में इन दिनों केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स बहुत लगाए जाते हैं। केमिकल के असर को कुछ हद तक कम कर संतुलन बनाए रखने के लिए ठंड के मौसम में हर हफ्ते बालों में मस्टर्ड ऑइल की वॉर्म मसाज करने से बाल झड़ना और फ्रिज़ी हेयर की समस्या काफी हद तक थम जाती है।
4. चेहरे पर एक्ने और रैशेस हैं तो मस्टर्ड ऑइल की कुछ बूंदें लेकर 10 से 15 मिनट तक मसाज करने से स्किन हेल्दी बनी रहेगी और ग्लो भी करेगी। इस तेल में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ भी होती हैं, जिससे स्किन साफ रहती है। ठंड के दिनों में मस्टर्ड ऑइल की मसाज से स्किन पर मौजूद डार्क स्पॉट्स और पिग्मेंटेशन कम होता है।
5. ठंड के मौसम में ड्राय और पैची स्किन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सुबह फेस वॉश करने से पहले ही मस्टर्ड ऑइल की कुछ बूंदों से चेहरे की मसाज कर लें। दिनभर स्किन मॉइश्चुराइज्ड रहेगी और ग्लो भी बना रहेगा।
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Market Wrap, Oct 21: Here's all that happened in the markets today
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Fin sector must reduce reliance on banking system for fundraise: Sebi chief
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UltraTech Cement trades firm on strong operational performance in Q2
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No merit in relaxing 10% cap on single stock investment: Sebi chief
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Newgen Software zooms 20% on robust September quarter results
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Metal shares extend gain on demand recovery; Jindal Steel, Tata Steel up 4%
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मां दुर्गा को चढ़ाएं स्टफ्ड रसगुल्ले का प्रसाद, इसे बनाने के लिए नारियल के बूरे में मावे से बनी बॉल्स को अच्छी तरह से लपेट लें, कुछ देर फ्रिज में रखकर ठंडा सर्व करें
चाशनी में नहाया श्वेत रसगुल्ला बच्चों से लेकर बड़े-बुज़ुर्ग तक बड़े शौक से खाते हैं। लेकिन यदि आप खाने को नए अंदाज़ में चखने-चखाने में यकीन रखते हैं, तो रसगुल्ले का यह नया कलेवर आपको भा जाएगा।
खोया पेड़ा बनाने के लिए सामग्री :
खोया- 200 ग्राम
केसर- 8-10 रेशे
दूध- 1 छोटा चम्मच
शक्कर- 100 ग्राम,
नारियल का बूरा- जरूरत के अनुसार
विधि :
- भरावन तैयार करने के लिए बोल में गुलकंद, बादाम, काजू और गुलाब की पंखुड़ियां डालकर मिलाएं। इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें।
- अब एक गहरे बर्तन में 500 मि.ली दूध उबालें। उबाल आने के बाद इसमें विनेगर डालें। 2-3 मिनट बाद इसमें से पनीर निकल आएगा। इस पनीर को छलनी में डालकर सारा पानी निथार लें।
- फिर ठंडा पानी डालकर हाथों से पनीर को मसलें और पानी निकाल दें। इसे थाली में निकालकर हाथों से अच्छी तरह से गूंधें। सूखे मेवों से तैयार गोलियों के ऊपर पनीर लपेटते हुए परत बनाएं। सभी गोलियों पर इसी तरह पनीर लपेट लें।
- अब चाशनी बनाने के लिए भगोनी में शक्कर में पानी डालकर आंच पर पिघलाएं। फिर इसमें दूध मिलाएं।
- पनीर और मेवे की गोलियां इस चाशनी में डालकर 10-12 मिनट तक उबालें। इन गोलियों को निकाल लें और ठंडा कर लें।
- इस बीच खोया पेड़े तैयार करने के लिए एक कटोरी में दूध में केसर घोलें। गर्म पैन में खोया लें और इसमें केसर वाला दूध डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
- फिर शक्कर डालकर दो मिनट तक मिलाते हुए पकाएं। इसे हल्का ठंडा कर लें और एक घंटे के लिए फ्रिज में रखें ताकि ये अच्छी तरह से जम जाए।
- अब पनीर और मेवे की गोलियों पर खोया लपेटते हुए परत बनाएं।
- सभी गोलियों पर इसी तरह खोया की परत लपेट लें और फिर नारियल के बूरे में इन्हें अच्छी तरह से लपेट लें।
- इन रसगुल्लों को 10 मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। स्टफ्ड रसगुल्लों का प्रसाद तैयार है।
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Larsen & Toubro Infotech surges 6% on healthy September quarter results
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Tuesday, 20 October 2020
Tata Teleservices (Maharashtra) zooms 72% in 3 days, hits 52-week high
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Hindustan Zinc jumps 4% as board approves dividend of Rs 21.30 per share
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HDFC Bank rises 6% in 4 days, hits 8-month high on strong Q2 results
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Stocks to Watch: Reliance Ind, Prabhat Dairy, Bajaj Finance, Motherson Sumi
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Banks, FMCG stocks may outperform in near-term: HDFC Securities
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Market Ahead, October 21: All you need to know before the opening bell
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MARKET LIVE: Sensex gains 150 points in pre-open, Nifty tests 12k
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Gold prices today at Rs 53,790 per 10 gm, silver trends at Rs 62,000 a kg
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Weekly stock picks by Religare Broking: Buy Bharat Forge, IndusInd Bank
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Sebi pulls up Prabhat Dairy for not co-operating with forensic auditor
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Equitas Small Finance Bank IPO subscribed 39% on first day of bidding
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नौ लड़कियों ने महिषासुर मर्दिनी स्रोत में शब्दों का सुंदर स्वरूप प्रस्तुत किया, इतने कठिन शब्दों का सटिक उच्चारण दिल छू लेने वाला है
वंदे गुरू परंपरा को बनाए रखने में कुलदीप एम पाई ने अपने संगीत और सुंदर कंपोजिशन से खास भूमिका निभाई है। वे एक भारतीय संगीतकार हैं। साथ ही म्युजिक प्रोड्यूसर, कंपोजर, और यू ट्यूबर के तौर पर भी जाने जाते हैं। उनके यू ट्यूब चैनल पर लगभग 1.62 मिलियन मेंबर्स हैं। उन्होंने महिषासुर मर्दिनी स्रोत की सुंदर प्रस्तुति संगीत में महारत हासिल इन नौ लड़कियों को सिखाई।
इन लड़कियों ने कठिन शब्दों का संगीत के माध्यम से जो सटिक उदाहरण प्रस्तुत किया है, वो तारीफ के काबिल है। इसे ट्विटर पर 10 करोड़ व्यूज मिल चूके हैं। यूजर्स इन लड़कियों द्वारा की गई प्रस्तुति को खूब शेयर कर रहे हैं।
जिन लड़कियों ने महिषासुर मर्दिनी स्रोत में शब्दों का सुंदर स्वरूप प्रस्तुत किया उनके नाम अबिरामी, छारूकेसी, ईशा, मृणालिनी, श्रेया, सिंधुजा, सूर्यागायत्री, श्री सम्मोहना, शिवा संकीर्थना हैं। कुलदीप एम पाई इन लड़कियों द्वारा महामारी में मिले सपोर्ट की सराहना करते हैं। कुलदीप की कंपोजिशंस पर सनातन धर्म का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।
वैसे भी नवरात्रि में महिषासुर मर्दिनी स्रोत का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्रि में मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी के साथ इस दौरान मां को मनाने व प्रसन्न करने के लिए महिषासुर मर्दिनी स्रोत का पाठ किया जाता है ताकि जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकें।
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Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900
The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM
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उषाशी का संबंध एक ऐसे परिवार से हैं जहां अधिकांश लोग शिक्षक हैं। उन्होंने बचपन से अपने घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल देखा। वे 1986 में शादी के...
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साउथ इंडिया में थेनी के पास वेंकटचलपुरम में राधिका का जन्म हुआ। वे शादी के बाद दिल्ली आ गईं। एक शौक के तौर पर राधिका ने ट्रैवल फोटोग्राफी क...