भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर डॉ. विजयलक्ष्मी रमनन का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। वे वायुसेना की पहली महिला अधिकारी थीं। वे 2 अगस्त 1955 को वायुसेना में बतौर अधिकारी कमीशन हुई थीं। 22 अगस्त 1972 को वे विंग कमांडर बनीं और 28 फरवरी 1979 को रिटायर हो गईं थीं। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल ने नवाजा गया था।
उन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से 1943 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। मेडिसिन के लिए बालफोर मेमोरियल मेडल और सर्जरी के लिए मद्रास विवि का पुरस्कार भी मिला था। वायुसेना के विभिन्न अस्पतालों में उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम किया। उन्होंने युद्धों के दौरान घायल हुए सैनिकों का भी इलाज किया। साथ ही प्रशासनिक दायित्वों को भी बखूबी अंजाम दिया।
विजयलक्ष्मी को साल 1971 में स्थायी कमीशन दिया गया। अगस्त 1972 में विंग कमांडर की रैंक के रूप में पदोन्नति मिली थी। पांच वर्ष बाद साल 1977 में उन्हें विशिष्ट सेवा पदक मिला था। 24 वर्षों तक वायुसेना की सेवा करने के बाद फरवरी 1979 में विजयलक्ष्मी रमणन सेवानिवृत्त हो गईं थीं। रमणन कर्नाटक संगीत में भी प्रशिक्षित थीं। उन्होंने बहुत ही कम उम्र में आकाशवाणी कलाकार के रूप में भी काम किया था।
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