यूके की 45 वर्षीय बेकेह स्टोनफॉक्स पेपर की रंगीन कतरनों द्वारा मुश्किल से मुश्किल आकृतियां बनाने में माहिर हैं। कागज के छोटे से छोटे टुकड़े का भी ये उपयोग कर लेती हैं। वैसे तो ये आर्ट वर्क लंबे समय से कर रही हैं, लेकिन बीते पांच वर्षों से ये दुनिया की नजरों में छा गई हैं।
इनके आर्ट कलेक्शन में काल्पनिक ह्यूमन कैरेक्टर से लेकर विभिन्न प्राणी जैसे डॉगी, कैट, गोरिल्ला, हॉर्स आदि हैं, इनको देखकर लगेगा जैसे ये अब बोलने ही वाले हों। रंगीन कागज से बनी इनके पोर्ट्रेट की खासियत यह है कि ये दिन की कम-ज्यादा होती रोशनी के अनुसार रंग बदल लेते हैं।
स्टोनफॉक्स कागज की कतरनों को चोटी जैसा गूंथकर किसी का भी चेहरा या पूरी आकृति बना देती हैं। इनका कहना है कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं, जिसे वे अपने आर्ट से न बना सकें।
बेकेह स्टोनफॉक्स ने अभी तक केवल पुरुषों तथा प्राणियों की आकृतियां ही बनाई थीं। लेकिन अब वे महिलाओं के विभिन्न पोज पर काम कर रही हैं।
इनके पोर्ट्रेट की खासियत यह भी है कि यह थी-डी तकनीक से प्रेरित हैं। जैसे-जैसे दिनभर में सूरज की रोशनी कम-ज्यादा होती है, पोर्ट्रेट के रंग अपने आप कम या ज्यादा होने लगते हैं। इनमें कभी शाइनिंग आती है तो कभी हल्के रंग दिखने लगते हैं।
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