हेल्थ डेस्क. किसी विशेष फूड या रेसिपी के साथ हम अक्सर उससे जुड़े हुए इतिहास की बात क्यों करते हैं? दरअसल किसी भी डिश का इतिहास से भी गहरा नाता रहता है। कई मामलों में हम वैश्विक हो गए हैं, लेकिन एक अच्छी बात यह भी है कि खाने के मामले में हम अब भी देसी बने हुए हैं। इसलिए जब भी बात परंपराओं की होगी, तो इतिहास अपने आप जुड़ ही जाएगा। आज फूड हिस्टोरियन आशीष चोपड़ा बघेली कुज़ीन के बारे में बता रहे हैं। बघेली कुज़ीन से मेरा परिचय तीन दशक पहले मेरे मित्र और रीवा के महाराज पुष्पराज सिंह के माध्यम से हुआ था। पुष्पराज सिंह महाराजा मार्तंड सिंह के बेटे हैं।बघेल शब्द तेरहवीं शताब्दी में आया। मोहम्मद गौरी के आक्रमण के बाद गुजरात के पाटन से सोलंकी राजपूत सतना के पास गहोरा में आकर बस गए। उस दौरान सोलंकी लोगों ने अपना सरनेम बदल लिया और बघेल हो गए।
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It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
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