लाइफस्टाइल डेस्क. घर में दो जगह बेहद अहम होती हैं, जिन्हें देखकर हम अच्छा महसूस करते हैं। इनमें पहले है घर के प्रवेश वाला हिस्सा, जो घर के चेहरे को उजागर करता है और दूसरा है बेडरूम जहां जाकर आपको सुकून महसूस होना चाहिए। ये दोनों ही हिस्से यदि बिखरे या अस्त-व्यस्त होंगे तो मन भी अनमना-सा रहेगा। इन्हें कैसे ठीक रखना है? बता रही हैंरिनी शर्मा।
कार्य के तीन हिस्से होंगे, अतिरिक्त सामान को हटाना, हर सामान को उसकी निश्चित जगह पर रखना यानी उसकी जगह तय कर देना तीसरा और सबसे जरूरी कार्य उस जगह को साफही बनाए रखना।
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अमूमन घर में घुसते ही नजर कैबिनेट/टेबल पर जाती है, जिस पर कई चीजें पड़ी धूल खाती हैं। इसमें पुराने अखबार, शादी के कार्ड, वाउचर, पुराने बिल आदि शामिल हैं जिन्हें फेंकना ही बेहतर है। प्रवेश के पास ही ढेर सारे जूतों के अलावा बच्चों के खिलौने, मैग्जीन, चाबियां आदि दिखाई देते हैं। यहां पुराने गुलदान या कोई बड़ा सजावटी सामान भी रखा होता है, जिसे प्रवेश से हटाया जाना चाहिए क्योंकि यहां सौम्य रूप वाली वस्तुएं बेहतर लगेंगी।
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- बेतरतीब पड़े जूते, चाबियों के गुच्छे, बैग। (चाबियों का होल्डर भीतर ही होना चाहिए।)
- वो सामान जो पुराना हो गया है या टूट-फूट गया है।
- अक्सर लोग परिवार की तस्वीर एंट्रेंस या ड्रॉइंग रूम में लगाना पसंद करते हैं। ये सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। इससे बाहरी व्यक्तियों को घर में कितने सदस्य हैं इसकी जानकारी मिल जाती है।
- पर्स, मोबाइल, रुपए आदि को बाहर न रखें। इन्हें रखकर भूल जाने पर इनका यहां-वहां होना मुश्किल में डाल सकता है।
- घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने आईना न लगाएं।
- सुनिश्चित करें कि दरवाजा खोलते-बंद करते समय आवाज न करता हो। दरवाज़े पर कहीं कोई टूट-फूट भी नहीं होनी चाहिए।
- द्वार के ठीक सामने ऐसी कोई वस्तु न रखें, जिससे घर में प्रवेश में बाधा आती हो।
- प्रवेश द्वार के पास सुंदर और आसानी से पढ़े जा सकने वाले अंदाज में नामपटि्टका लगाएं।
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- दफ्तर के कार्य से सम्बंधित फाइल आदि को कमरे में न रखें।
- कुछ लोगों को किताबें पढ़ने का शौक होता है। उनके बिस्तर के आसपास एक-दो किताबें हमेशा नजर आती हैं। लेकिन यदि किताबों का ढेर लगा रहता है उन्हें सही जगह पर रखें।
- व्यायाम के उपकरण कमरे के बाहर ही रहें तो बेहतर है। इन्हें इनकी सही जगह पर रखने की आदत डालें।
- इस बात का ख्याल रखें कि आपका कमरा बच्चों के खेलने की जगह नहीं है जहां खिलौने बिखरे रहें।
- खिलौनों को बच्चों के कमरे में रखें न कि अपने कमरे में पड़े रहने दें।
- बेड-टी के शौकीन हैं तो कप और नाश्ता आदि करने के बाद प्लेट्स को सिंक में रखें।
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- प्रवेश पर एक-दो कुर्सी या बेंच रखना सुविधाजनक होगा। बाहरी व्यक्ति को यहां बैठाया जा सकता है।
- एक छोटा जूतों का स्टैंड रख सकते हैं।
- प्रवेश द्वार के पास एक डिब्बा रखें। यदि घर में पालतू है और हर वक़्त उसे बांधकर नहीं रखते तो उसका बेल्ट यहां-वहां रखने के बजाय इस डिब्बे में रख सकते हैं।
- सजावट के लिए प्रवेश के ठीक सामने वाली दीवार पर कोई खुशनुमा चित्र ही लगाना काफी होगा।
- प्रवेश द्वार से ठीक अंदर आते ही पौधे रख सकते हैं। ये द्वार के बाहर भी रखे जा सकते हैं।
- पानी के सकोरे में ताज़ा फूल रख सकते हैं। सजावट की एकाध वस्तु रखें। लैम्प आदि रखना उचित नहीं है।
- द्वार पर रोशनी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। रोशनी लाल रंग की नहीं होनी चाहिए।
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- पसंदीदा तस्वीरें रखें या कोलाज टांग सकते हैं।
- काम की चीजें जैसे दवा, पानी की बोतल, नाइट लैंप आदि रखा जा सकता है।
- अलार्म के लिए अलार्म घड़ी ही रखें। इससे अलार्म बंद करके सुबह से फोन के इस्तेमाल से बच सकेंगे।
- छोटी डायरी रखें, जिसमें अगले दिन के कार्यों की प्लानिंग लिखी जा सके।
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