रंजना अग्रवाल पिछले पांच सालों से उत्तरप्रदेश में रहने वाले ट्रांसजेंडर्स को मुश्किलों का सामना करते हुए देख रही हैं। इस समुदाय के लिए आश्रय स्थल बनाने की खातिर उन्होंने अपने गहने बेच दिए। इन्हें बेचकर जो दो लाख रुपए मिले, उससे वे ऐसा आश्रय स्थल बना रही हैं जिसमें कम से कम 20 ट्रांसजेंडर्स के रहने का इंतजाम हो सकेगा।
रंजना ने ये जमीन बुलंदशहर के खुर्जा के बाहरी इलाके में खरीदी। उन्होंने बताया - ''मैंने पिछले पांच सालों के दौरान यह देखा कि इन समुदाय को आश्रय की समस्या का सामना करना पड़ता है। इन्हें लोग किराए का घर भी नहीं देते और न ही इन्हें आसानी से नौकरी मिलती है''।
रंजना एक एनजीओ की सचिव हैं जिनका नाम महिला कल्याण चेतना समिति है। हालांकि वे अपने पति, दो बेटों और ससुराल वालों के साथ खुद भी किराए के मकान में रहती हैं। लेकिन जब उन्होंने ट्रांसजेंडर्स के रहने की समस्या को करीब से जाना तो सबसे पहले उनके रहने की व्यवस्था पर ध्यान दिया। यह ट्रांसजेंडर्स के लिए उत्तर प्रदेश का पहला आश्रय स्थल होगा। रंजना इसे सही दिशा में उठाया गया पहला कदम मानती हैं।
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