जिम्बाब्वे में गरीबी की वजह से अधिकांश लड़कियों की महज 10 साल की उम्र में ही शादी हो जाती है। इन लड़कियों को बाल विवाह से मुक्त कराने का प्रयास एक ताइक्वांडो खिलाड़ी कर रही हैं। वे स्पोर्ट्स के जरिये ऐसे ही लड़कियों को जीने की नई दिशा दे रही हैं। 17 साल की नटसिरैश मरीसा 5 साल की उम्र से मार्शल आर्ट सीख रही हैं। वे न सिर्फ लड़कियों बल्कि उनकी मां को भी ताइक्वांडो सिखाती हैं। साथ ही बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाने के प्रति जागरूक भी करती हैं।
मरिसा ने बताया -''जिम्बाब्वे में ताइक्वांडो सीखने वाली लड़कियों और महिलाओं की कमी है। मैं इन सभी को मार्शल आर्ट सिखाना चाहती हूं''। मरीसा अपनी क्लास में आने वाले सभी लोगों को पहले स्ट्रेचिंग, किकिंग और पंचिंग सिखाती हैं। क्लास खत्म होने के बाद वे बाल विवाह से होने वाले नुकसान के प्रति भी उन्हें आगाह करती हैं। जिन लड़कियों की शादी हो चुकी है, वे अपने बच्चों के साथ भी यहां ताइक्वांडो सीखने आती हैं।
शादी के बाद अपने साथ होने वाले शोषण की घटनाएं ये लड़कियां खुद यहां आकर बताती हैं। इन लड़कियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। कई बार वे बलात्कार का शिकार होती हैं तो कहीं गर्भावस्था के दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इनमें से कई ऐसी लड़कियां भी हैं जो शादी के बाद गरीबी के चलते भुखमरी का सामना करती हैं। मरीसा के इन प्रयासों की वजह से एक युवा लड़की शादी के बाद पति का विरोध सहते हुए भी एक बार फिर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है। मरीसा अपनी एक क्लास में 15 स्टूडेंट को ताइक्वांडो सिखाती हैं। उनके पेरेंट्स को अपनी बेटी के इस काम पर गर्व है।
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