83 साल की जून टर्नर को उनकी वीरता के लिए सम्मानित किया गया। हैनले प्रांत में स्टोर चलाने वाली टर्नर ने 28 साल के लूटेरे पर जमकर लाठी बरसाई, जिसके चलते उसे भागना पड़ा। पिछले हफ्ते हुए इस वाकये को बताते हुए टर्नर ने कहा - ''ये मेरा पैसा है, तुम इसे नहीं ले जा सकते। इस वीरता के लिए उन्हें एम्प्लीफॉन अवार्ड फॉर ब्रेव बिटन्स दिया गया''।
ये अवार्ड हर साल उन लोगों को दिया जाता है जो अपने साहस का परिचय देते हुए जान की बाजी लगाते हैं। टर्नर तीन पोता-पोतियों की दादी हैं। वे पिछले 45 सालों से अपनी दुकान चला रही हैं। इस आरोपी का नाम एरोन माउंटफोर्ड था जिसके खिलाफ दुकान में लगे कैमरे में सबूत मिलने की वजह से उसे दो साल की जेल हुई।
सीसीटीवी फुटेज में टर्नर लूटेरों को लाठी से पीटती हुई दिख रही हैं। वे काउंटर के आसपास उनके पीछे भाग रही हैं। जून कहती हैं उस लूटेरे को उम्मीद नहीं थी कि मैं उसे मार भी सकती हूं। मेरी फुर्ती देखकर वह भी हैरान हो गया। मैंने वहीं किया जो उस वक्त मुझे सही लगा। हालांकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस काम के लिए वीरता पुरस्कार मिलेगा।
जून ने बताया कि वह लूटेरा दुकान में आया और कहने लगा कि मुझे यहां रखा पैसा चाहिए। वह काउंटर से पैसे निकालने लगा। जून के पास अपनी मेहनत की कमाई बचाने का कोई और दूसरा तरीका नहीं था। उसने अपनी लाठी से लूटेरे को मारना शुरू किया।
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