पैड वुमन के नाम से मशहूर सूरत की मीना मेहता अपने पति अतुल के साथ मिलकर हर रोज 200 कुपोषित बच्चों और जरूरतमंद बुजुर्गों को खाना खिला रही हैं। इससे पहले मीना पिछले आठ सालों से लड़कियों को हाइजीन किट और सैनिटरी नैपकिन बांट रही हैं। लेकिन उनके काम को सही पहचान लॉकडाउन के दौरान मिली।
मीना ने बताया कि कुपोषित बच्चों और बुजुर्गों को खाना खिलाने का ख्याल उन्हें उस वक्त आया जब वे पड़ोस में रहने वाले एक भिखारी से मिली। उस भिखारी ने बताया कि वह अपनी मासूम बच्ची को रोज थोड़ा सा तंबाकू खिला देता है ताकि वह खाना न मांगे। मीना को उसकी बात सुनकर बहुत दुख हुआ। तब से उसने खाना बनाकर बांटने की शुरुआत की।
मीना ने इस काम को शुरू में अकेले ही किया जिसे करते हुए उन्हें पूरा दिन लग जाता था। धीरे-धीरे जब दूसरे लोगों को उनके इस नेक काम के बारे में पता चला तो वे भी मीना की मदद के लिए आगे आए। कई बार उनके पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग राशन का सामान उनके दरवाजे पर रख जाते थे ताकि वे इस सामान से खाना बनाकर बांट सकें। मीना और अतुल खाने की मात्रा से ज्यादा उसकी गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं। वे दोनों मिलकर पौष्टिक भोजन बनाते हैं ताकि कुपोषित बच्चों को ताकत मिले और उनका वजन बढ़े।
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