ट्रांसजेंडर महिला उरूज हुसैन ने नोएडा के सेक्टर 119 में अपने कैफे की शुरुआत की। उन्हें उम्मीद है कि उनके इस कैफे ने ट्रांसजेंडर समुदाय के अन्य लोगों को भी अपना बिजनेस स्थापित करने की प्रेरणा मिलेगी। उरूज ने अपने कैफे का नाम 'स्ट्रीट टेंपटेशंस' रखा है। उन्हें वर्कप्लेस पर कई बार लोगों के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा। इस उत्पीड़न से तंग आकर उरूज ने अपना कैफे खोला। वे कहती हैं यह कैफे सभी के साथ समान व्यवहार करने के लिए जाना जाएगा।
हुसैन ने अपने इस काम की शुरुआत से पहले हॉस्पिटेलिटी, इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग और कई तरह के जॉब किए। उसके बाद उसने खुद अपने काम की शुरुआत करने का फैसला किया। उरूज के अनुसार ''मेरे कैफे में किसी को उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ेगा। मेरे पेरेंट्स भी इस काम से मुझ पर गर्व करेंगे''।
उरूज को लगता है कि अभी कई चुनौतियों का सामना करना बाकी है। लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपना हौसला कम नहीं करना चाहतीं। उरूज ने लॉकडाउन के दौरान कई सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों की भी खूब मदद की। उसने 22 साल की उम्र तक एक लड़के के रूप में अपना जीवन गुजारा। फिर 2014 में अपना जेंडर चेंज कराया। वे लड़की बनकर खुश हैं और खुद को आजाद महसूस करती हैं।
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