नेपाल में कोरोना से दम तोड़ने वालों की अंत्येष्टि महिला सैनिक कर रही हैं। नेपाल जैसे हिंदू राष्ट्र में जहां महिलाओं के मृत शरीर को छूने पर भी पाबंदी है, वहां महिला सैनिकों को इस साहसिक काम की जिम्मेदारी दी गई है। 25 साल की महिला सैनिक रचना ने कहा - ''जब से मेरी ड़यूटी शुरू हुई है, तब से मैं अपने परिवार के साथ नहीं हूं, लेकिन मेरा परिवार और मेरे दोस्त खुश हैं। पिछले महीने अपने इस काम के पहले दिन ही मैं अस्पताल से श्मशान घाट तक छ: कोरोना पेशेंट को अंत्येष्टि के लिए लेकर आई थी''।
कोरोना से मृत मरीजों को अंत्येष्टि के लिए ले जाती महिलाओं को काठमांडू में पशुपति श्मशान गृह में देखा जा सकता है। नेपाल आर्मी के प्रवक्ता संतोष बी पोद्याल ने बताया कि ''महिलाओं को रोजगार देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए ये कदम उठाया गया है। इससे पहले महिलाएं हॉस्पिटल, इंजीनियरिंग और विपदाओं के बीच खुद को साबित कर चुकी हैं। पहली बार उन्हें मृतकों की अंत्येष्टि का मौका मिला है। हम ये कह सकते हैं कि इस तरह से वे अपनी सीमाओं से बाहर काम कर रही हैं''।
एक अन्य महिला सैनिक कृष्णा कुमारी ने बताया - ''मुझे इस काम को करते हुए खुद पर गर्व होता है''। हालांकि महिलाओं के लिए यह काम आसान नहीं है। लेकिन महामारी के बीच महिला सैनिकों ने अपने काम से ये साबित कर दिया है कि वे पुरुषों से कम नहीं हैं''।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VuB1If
No comments:
Post a Comment