कभी लुईस कार्टर हॉलीडे पार्टीज या रिटायरमेंट सेंटर्स में गिफ्ट करने के लिए विंटर कैप बनाती थीं। लेकिन जब महामारी की शुरुआत हुई तो 91 साल की कार्टर ने अपने इस हुनर से दूसरों की मदद करने के बारे में सोचा। अब वे रंग-बिरंगे वुलन कैप अपने हाथों से बुनकर साउथ डेकोटा के चैंबरलिन में स्थित सेंट जोसेफ इंडियन स्कूल के स्टूडेंट्स को गिफ्ट करती हैं। उन्होंने एक मिशन के तौर पर लॉकडाउन के दौरान अपने इस काम को जारी रखा।
कार्टर कहती हैं - "जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो मुझे ये लगने लगा कि मैं खुद को दिन-रात इस घर में लॉक करके कैसे रहूंगी। फिर मैंने कलरफुल कैप बनाना शुरू किया। ये काम मेरे लिए मजेदार था। मुझे ये लगा कि मैंने अपने वक्त को बर्बाद करने के बजाय इसका सही इस्तेमाल किया"।
कार्टर एक रिटायर्ड ओंकोलॉजी नर्स स्पेशलिस्ट हैं। कार्टर को डोम शेप वाले कैप बनाना पसंद है। इस तरह के एक कैप को बनाने में लगभग छ: घंटे का समय लगता है। कार्टर से जब यह पूछा जाता है कि आपने अपने काम के लिए सेंट जोसेफ इंडियन स्कूल के बच्चों को ही क्यों चुना तो वे कहती हैं- ''मैं इस स्कूल में कैप डोनेट करने से पहले भी ठंड का मौसम शुरू होते ही डोनेशन के तौर पर कुछ राशि देती थी ताकि यहां के बच्चे अपने लिए वुलन कैप खरीद सकें। फिर मुझे लगा कि मैं इन बच्चों के लिए इससे बेहतर भी कुछ कर सकती हूं। तब मैंने खुद कैप बुनने की शुरुआत की''।
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