मेघालय में महिला कारखानों की श्रमिकों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन दिए जाएंगे। यहां 40 साल पुराने फैक्ट्री नियमों में संशोधन के बाद यह कदम राज्य मंत्रिमंडल द्वारा उठाया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, इस संशोधन के अनुसार, कारखानों के लिए सभी श्रमिकों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) दिए जाना जरूरी है।
राज्य के कैबिनेट मंत्री जेम्स पीके संगमा के अनुसार, चर्चा के बाद मेघालय की फैक्ट्रियों के नियम 1980 के नियम 25 और 78 (सी) में संशोधन के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने राज्य सरकार को फैक्ट्री एक्ट 1948 के तहत महिला कामगारों को सैनिटरी नैपकिन और सभी को पीपीई देने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद यह संशोधन किया गया।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस संशोधन में यह भी तय किया गया कि फैक्ट्री में महिला टॉयलेट में पर्याप्त मात्रा में और इंडियन स्टैंडर्ड के अनुरूप सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। इन्हें रोज रखने का भी उचित प्रबंध किया जाएगा।
यहां ये भी तय किया गया कि पैड को दैनिक आधार पर फिर से भरना होगा। उपयोग किए गए पैड्स को इकट्ठा करने के लिए डिस्पोजेबल बिन भी दिए जाएंगे। इन्हें रोज डिस्पोज करने की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
मेघालय में महिलाओं की सुविधा का ख्याल रखते हुए की जा रही इस पहल से पहले इसी साल अगस्त में हरियाणा सरकार ने घोषणा की थी कि गरीबी रेखा से नीचे की 10-45 साल की उम्र वाली महिलाओं और लड़कियों को लगभग 22.50 लाख मुफ्त सैनिटरी पैड हर महीने उपलब्ध कराए जाएंगे।
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