महिलाएं अपनी सुरक्षा के लिए अब हैंड ग्रेनेड रखेंगी और खुद को किसी खतरे में देख इसका इस्तेमाल भी कर सकेंगी। यह हैंड ग्रेनेड जैसा दिखने वाला पीस वायरलेस टेक्नोलॉजी और सिम कार्ड ऑप्शन पर काम करता है।
इसे ताइक्वांडो में सात बार ब्लैक बेल्ट जीत चुकी वाराणसी की रचना चौरसिया ने वैज्ञानिक श्याम चौरसिया के साथ मिलकर तैयार किया है।
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रेरित होकर काशी की रहने वाली रचना ने इसे बनाया है। रचना ने पीएमओ को लेटर लिखकर इस डिवाइस के बारे में बताया है। अगर पीएमओ की ओर से सहमति मिली तो जल्दी ही इसका डिमोंन्स्ट्रेशन लेकर वे इस डिवाइस को मार्केट में लाएंगी।
उनका कहना है कि ग्रेनेड में सिम कार्ड लगा है जिसमें पुलिस, परिजन सहित सात लोगों के नंबर सेव रहते हैं। बटन दबाकर फेंकते ही सभी को कॉल चली जाएगी जिससे उन्हें लोकेशन पता चलेगा।
एक अन्य बटन दबाते ही फायरिंग की तेज आवाजें निकलेंगी जिससे लोगों का ध्यान आकर्षित होगा और वे महिला की मदद को दौड़ सकेंगे। फायरिंग करने पर इससे सिर्फ तेज आवाज आती है। इसे बनाने में 650 रुपए खर्च आया है। इसका वजन करीब 50 ग्राम है। चार्ज करने पर यह करीब एक हफ्ते तक काम करता है। इस डिवाइस के सभी पार्ट इंडियन हैं।
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