कोरोना महामारी की वजह से कई बिजनेस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फूड इंडस्ट्री भी इनमें से एक है। हालांकि बदलती जरूरतों और तकनीकी के संगम ने हमारे लिए कई नए विकल्प तैयार कर दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है, क्लाउड किचन।
क्लाउड किचन एक प्रकार का ऐसा रेस्टोरेंट है जहां सिर्फ टेक अवे ऑर्डर ही दिए जा सकते हैं। इसे घर के किचन से लेकर प्रोफेशनल किचन तक में शुरू किया जा सकता है। इसमें स्विगी और जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी एप से ज्यादातर ऑनलाइन ऑर्डर आते हैं।
आप ऑफ लाइन बाजार भी खोल सकते हैं जैसे कि किसी रेस्टोरेंट को रेगुलर सप्लाय करना, हॉस्टल और कार्पोरेट ऑफिसेस तक रोज लगने वाले टिफिन की जरूरत को पूरा करना, पार्टियों के कैटरिंग ऑर्डर लेना आदि। त्योहारों के समय कुछ खास तरह के पकवानों के ऑर्डर ले सकते हैं जैसे होली में गुझिया के ऑर्डर लेना आदि।
क्लाउड किचन शुरू करने के लिए बहुत कम पूंजी की जरूरत होती है। घर से यह काम शुरू करने के लिए सिर्फ 25,000 रुपयों के निवेश की जरूरत पड़ती है। प्रोफेशनल स्तर पर शुरू करने पर इसमें चार लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है।
यह खर्च मुख्य रूप से किराया, बर्तन, किचन के उपकरण और कर्मचारियों के वेतन पर होता है। क्लाउड किचन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे चलाने में तकनीक अहम किरदार निभाती है। तकनीक की सहायता से ऑर्डर लेने से ऑर्डर डिलीवर करने तक, बिल पेमेंट से लेकर पूरी स्टॉक एंट्री तक की सभी चीजों का आसानी से ध्यान रख सकते हैं।
ऐसे करें अपने क्लाउड किचन की शुरूआत
1. अपने आसपास के क्षेत्र में सर्वे करें कि कौन से खाद्य पदार्थ सबसे ज्यादा बिकते हैं। या अगर आप कोई प्रोडक्ट बहुत अच्छा बनाती हैं तो उसकी मांग होगी या नहीं होगी। कीमतों का भी अध्ययन करें।
2.क्लाउड किचन का काम करने से पहले तय करें कि घर से काम करना है या बाहर जगह लेना है। यह काम घर से भी किया जा सकता है, बस आपका घर शहर के व्यवसायिक क्षेत्र में होना चाहिए।
3. बड़ी मात्रा में खाना बनाने के लिए अलग बर्तनों और किचन के अन्य उपकरणों की जरूरत होगी। इसे अपनी जरूरत के अनुसार खरीद लें। जरूरत महसूस हो तो कर्मचारियों की नियुक्ति कर लें।
4. आपको अब दो दस्तावेजों फूड लाइसेंस और गुमास्ता की जरूरत होगी। फूड लाइसेंस ऑनलाइन और गुमास्ता प्रमाण पत्र नगर निगम कार्यालय से मिलता है।
5. अपने क्लाउड किचन को फूड डिलीवरी करने वाले ऐप जैसे स्विगी और जोमैटो पर रजिस्टर करना होगा। इसके अलावा आप ऑफ लाइन बाजार भी खोज सकते हैं।
6. इस कारोबार को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप फ्रीलांसर सोशल मीडिया मैनेजर रख सकते हैं, जिसका खर्च 4-5 हजार रुपए महीना होता है। अगर कारोबार सालाना से अधिक हो गया तो जीएसटी नंबर भी लेना होगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3i349PO
No comments:
Post a Comment