हेल्थ डेस्क. प्रदूषण मौत के आंकड़े बढ़ा रहा है। दुनियाभर में हर साल 70 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हो रही है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है, इन आंकड़ों में 6 लाख बच्चे भी शामिल हैं। हवा, पानी, फल और सब्जियों में जहर घुल रहा है। लेकिन घर में छोटी-छोटी सावधानी बरतकर इसके असर और मौत के आंकड़ों को कम किया जा सकता है। हर साल 2 दिसंबर को नेशनलपॉल्यूशन कंट्रोल डे भोपाल गैस त्रासदी में जान गंवाने वाले लोगों की याद में मनाया जाता है। इस मौके पर जानिए हवा में घुलते जहर के असर को कैसे कम करें...
कैसे इंसानों तक पहुंच रहा 'जहर'
हवा को प्रदूषित करने की बड़ी वजह है फैक्ट्री और कारखानों से निकलने वाला धुआं, एसपीएम यानी सस्पेंडेड पार्टिक्युलेट मैटर, सीसा और नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि। जगह-जगह फेंके और जलाए जा रहे कूड़े से निकल रही गैसें हवा में मिलकर इसे जहरीला बना रही हैं। फैक्ट्रियों और कारखानों से निकला कचरा नदियों में जा रहा है जो डायरिया, टाइफॉयड और हैजा जैसी बीमारियों को फैला रहा है। प्रदूषण की हुए कई शोध बताते हैं यह न सिर्फ जान ले रहा है बल्कि बच्चों के दिमाग पर बुरा असर छोड़ रहा है, गर्भ में पल रहा भ्रूण भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। यह मिस्कैरेज का खतरा बढ़ाता है।
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