लाइफस्टाइल डेस्क. मां बनने के बाद नौकरी पर लौटना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है। यह दोनों ही स्थिति में लागू होता है। अगर रेगुलर जॉब करती हैं तो मैटरनिटी लीव से जॉब पर लौटना होगा। और अगर पहले भी वर्क-फ्रॉम-होम करती थीं तो फिर से काम शुरू करना होगा। हो सकता है कि आपके रेगुलर जॉब में ही आपको घर से काम करने का विकल्प मिल जाए। स्थिति कोई भी हो, एक छोटे बच्चे के साथ जॉब करना थोड़ा मुश्किल तो है। इसमें सबसे बड़ी बाधा आती है जब आपको अपने काम और बच्चे की देखरेख के बीच सामंजस्य बैठाना होता है। इसके साथ घर के रोजमर्रा के काम तो होते ही हैं। आप बतौर नई मां कैसे वर्क-फ्रॉम-होम जॉब और बच्चे की देखभाल को मैनेज कर सकती हैं। gharsenaukri.com की डिजिटल कंटेंट हेड रूमानी सैकिया फुकन से जानिए टिप्स...
- काम की प्राथमिकताएं तय करें: आपका बच्चा आपकी पहली प्राथमिकता है और बच्चे को पूरे ध्यान की आवश्यकता है। इसके बाद आते हैं घर के काम और जॉब से जुड़े हुए काम। इन्हें बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए आपको तय करना होगा कि क्या ज्यादा जरूरी है। यह आप अपने काम ही डेडलाइन के आधार पर तय कर सकती हैं। आमतौर पर घर के रोजमर्रा के कामों जैसे साफ-सफाई या शॉपिंग आदि को तीसरे नंबर पर रखना ठीक होता है।
- टास्क लिस्ट बनाएं: टास्क लिस्ट बनाकर आपको यह जानने में मदद मिल सकती है कि क्या करना है, क्या हो गया है और क्या बाकी है। इसमें आपके ऑफिस से लेकर घर के काम तक हो सकते हैं। साथ ही बेबी से जुड़े काम जैसे डॉक्टर को दिखाना, टीकाकरण, दवाई आदि, को भी इसमें रखें। इसकी शुरुआत में आदत डालना मुश्किल हो सकता है लेकिन बच्चे के साथ होने पर आपके दिमाग में एक साथ बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे में टास्क लिस्ट जरूरी हो जाती है।
- काम का सही समय तय करें: अलग-अलग बेबी के सोने का समय अलग-अलग होता है। हालांकि बच्चे थोड़े-थोड़े समय के लिए ही सोते हैं, लेकिन फिर भी आपको दिन का ऐसा समय देखना होगा जब बच्चा सबसे लंबे समय के लिए सोता है। चूंकि वर्क-फ्रॉम-होम में समय की फ्लेक्जिबिलिटी होती है, इसलिए यह तरीका कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा दूध पीने के बाद, यानी पेट भरा होने पर भी बच्चा शांत रहता है। काम पूरा करने के लिए इस वक्त का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सही वर्कस्पेस चुनें: काम करने के लिए एक तय स्थान होना जरूरी है, जहां आप एकाग्र होकर काम कर सकें। क्योंकि आपको काम के लिए समय कम ही मिल पाएगा इसलिए एकाग्रता और भी जरूरी हो जाती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि जो भी जगह तय करें वह आपके बेबी के आस-पास ही हो।
- परिवार की मदद लें या मेड रखें: भारतीय परिवारों की खासियत यही है कि सब एक-दूसरे का साथ देते हैं। जॉब करने में आपको अपने सास-ससुर की मदद मिल सकती है। लेकिन किन्हीं कारणों से अगर आप न्यूक्लियर फैमिली में रह रही हैं तो जरूरत पड़ने पर मेड या आया भी रख सकती हैं। ये घर के रोजमर्रा के काम करने के लिए तो हो ही सकती हैं, लेकिन अगर दिन में बच्चे की वजह से कम समय मिल पाता है, तो उसे संभालने के लिए कुछ घंटे के लिए आया रखी जा सकती है।
- आप मां हैं, सुपरवुमन नहीं: सबसे जरूरी बात खुद पर उम्मीदों का बोझ न डालें। एक साथ कई काम करने का दबाव न झेलें। सबकुछ एक साथ पर्फेक्ट नहीं हो सकता। जॉब करना, बच्चे संभालना और घर को भी अच्छा रखना, कभी-कभी यह सब एकसाथ नहीं किया जा सकता।
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