लाइफस्टाइल डेस्क. ताजी सब्जियों का सेवन किसे पसंद नहीं होता। खासतौर पर जब वे घर में ही उगाई गई हों। आइए कुछ चुनिंदा सब्जियों के बारे में जानते हैं जिन्हें बिना किसी खास मेहनत के उगाया जा सकता है। क्या आप जानते हैं कि सब्जियों के हिस्सों से फिर से ताजी सब्जियां उगाई जा सकती हैं? बागवानी विशेषज्ञ आशीष कुमार आपको बताएंगे कि घर में कैसे सब्जियों से ही फिर सब्जियों को उगा सकते हैं...
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आलुओं को यदि बहुत समय तक इस्तेमाल न किया जाए तो वे अंकुरित होने लगेंगे। उन आलुओं को बेकार समझकर फेंके नहीं बल्कि 3-4 टुकड़ों में काट लें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आलू के हर टुकड़े में कम से कम एक अंकुरण जरूर हो। इन कटे हुए टुकड़ों को अच्छी तरह छाया में सुखा लें ताकि वे काले व सख्त हो जाएं। ऐसा करने से जब इन्हें गाड़ेंगे तो वे गलेंगे नहीं और कीड़ा भी नहीं लगेगा। इन टुकड़ों को 5 से 8 से.मी. की गहराई पर गाड़ें और आंख ऊपर की तरफ ही रखें। गाड़े हुए आलू के टुकड़े के ऊपर सिर्फ 2-3 इंच तक ही मिट्टी डालें। जड़ पकड़कर जैसे ही आलू ऊपरी सतह में दिखने शुरू हो जाएं तब ऊपर से और मिट्टी डालकर उन्हें ढक दें। आलू के पौधे की खुदाई 60-70 दिन में करके आलू निकाल सकते हैं।
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इसे सूरन भी कहते हैं। यह एक प्रकार का कंद-मूल है, जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। घर के बागीचे में इसके कटे हुए कंद 4-5 से.मी. गहराई में गाड़ दें। इससे नए पौधे अंकुरित हो जाते हैं। जिमीकंद में फाइबर, विटामिन-सी, विटामिन-बी 6, विटामिन- बी 1 और फॉलिक एसिड होता है। साथ ही इसके कंद में पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है।
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पुदीने के पौधे छोटे और फैलने वाले होते हैं जिन्हें आसानी से गमलों में उगाया जा सकता है। जब भी पुदीना लाएं तो इसके पत्तों को निकालकर डंठलों को गमले में गाड़ दें। 7-8 डंठल इकट्ठे गाड़ें ताकि कोई एक जड़ पकड़ ले। इससे नया पौधा आसानी से तैयार हो जाएगा।
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हरे पत्तेदार प्याज को आम बोलचाल की भाषा में स्प्रिंग अनियन के नाम से जाना जाता है। हरे प्याज की सब्जीसे खाने में जायका बढ़ता है। जब प्याज की गांठ अंकुरित होने लगे तो उसे गमले या बागीचे में गाड़ दें और हफ्ते में कम से कम दो बार पानी जरूरी डालें। प्याज की गांठ बनने से पहले इसकी हरी पत्तियों का इस्तेमाल सब्जी में कर सकते हैं। इसमें विटामिन-ए, सी, बी, कॉपर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैगनीज व थाइमीन भरपूर मात्रा में होते हैं।
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अरबी को भी घर के बाग़ीचे में आसानी से लगाया जा सकता है। इसके कंद को क्यारियों में गाड़ दें। इससे नए पौधे निकल आते हैं। इसके पत्ते बड़े होने पर तोड़ लें। इसके पत्तों की पकौड़ी व सब्जी बनती है। ये विटामिन, खनिज, फाइबर और कार्बोहाईड्रेट से भरपूर होते हैं। अरबी में विटामिन-ए, सी, ई, बी-6 तथा फोलेट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें आलू से तीन गुना अधिक फाइबर होता है।
नोट- अनुपयोगी प्लास्टिक की बाल्टी, टब, डिब्बे, पुराना टायर या खाली ड्रम को सब्जि़यां उगाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
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