It simply sucks. I don't personally read blog posts word by word, so how can I except you to read them too? I known ther are people who are kind enough to read a 10,000 word long blog article from start to finish, but I think that's a minority.why waste your time ? Let me..
Tuesday, 4 August 2020
हिजाब पहनकर बैलेट करने वाली दुनिया की पहली लड़की स्टेफनी कार्लो, मां ने एकेडमी शुरू कर बेटी को बनाया स्टार
स्टेफनी कार्लो 18 साल की रशियन ऑस्ट्रेलियन डांसर हैं। कई डांस स्कूलों से रिजेक्ट होने के बाद कार्लो की मॉम ने अपनी बेटी को बैलेट सिखाने के लिए खुद शुरू की एकेडमी। आज उन्हीं की बदौलत देश-दुनिया में स्टेफनी कार्लो छाई हुई हैं।
कार्लो के पेरेंट्स ने इस्लाम धर्म उस वक्त अपनाया जब कार्लो की उम्र नौ साल थी। कार्लो जाहरा लारी को अपनी प्रेरणा मानती हैं। जाहरा दुनिया की पहली ऐसी महिला हैं जो हिजाब पहनकर आइस स्केटिंग करती हैं।
हालांकि इस डांस को सीखते हुए उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वे हिजाब के साथ पूरी दुनिया को अपने डांस से प्रभावित करेंगी।
पॉइंट मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में कार्लो ने कहा जब जाहरा हिजाब पहनकर आइस स्केटिंग कर लेती हैं तो मैं हिजाब पहनकर डांस क्यों नहीं कर सकती। मुझे लगता है कि बैलेट ही मेरा जीवन है। मैं इसके बिना कुछ नहीं हूं।कार्लो ने महज दो साल की उम्र से बैलेट सीखने की शुरुआत की थी। उनकी मां कहती हैं बचपन में कार्लो उस वक्त भी डांस करती थीं, जब वो ठीक से चल भी नहीं पाती थी। डांस के प्रति उसकी लगन को देखकर मैंने उसे डांस क्लास में एडमिशन दिलाने का फैसला किया।हर वक्त हिजाब पहनने की वजह से कार्लो को किसी भी बैलेट क्लास में एडमिशन नहीं मिला। इस बात से कार्लो बहुत दुखी हुई। तब उनकी मां ने अपनी बेटी के लिए बैलेट एकेडमी की स्थापना की। 1991 में कार्लो सिडनी में स्थापित ऑस्ट्रेलियन चिल्ड्रंस ग्रुप ''वीगल्स'' की सदस्य बनीं। इनके साथ डांस करते हुए कार्लो ने डांस से जुड़ी बारीकियां सीखीं।कार्लो का सपना है कि वे एक बैलेट कंपनी और परफॉर्मिंग आर्ट्स स्कूल खोलें जहां हर धर्म और हर उम्र के लोग इस डांस फॉर्म को सीख सकें। कार्लो ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में एक अभियान की शुरुआत की है ताकि हिजाब पहनने वाली लड़कियों को भी अन्य लड़कियों की तरह अपने सपने पूरे करने का हौसला मिल सके।कार्लो 2019 में हॉटे हिजाब के न्यू हेरिटेज कलेक्शन का हिस्सा बनीं थीं। वे फैशन डिजाइनर टेरेसे क्लेमेंस के साथ लेवोनो कैंपेन में भी शामिल हुईं। कार्लो जब 14 साल की थीं तो स्पोर्ट्स फैशन ब्रांड ''बीजोर्न बोर्ग'' ने उनके डांस से प्रभावित होकर उन्हें स्कॉलरशिप दी जिससे उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर हुईं।कार्लो चाहती हैं उनकी कहानी से प्रभावित होकर वे लड़कियां भी आगे बढ़े जिन्हें ये लगता है कि वे कुछ नहीं कर सकतीं। वे कहती हैं लड़कियों को खुद पर विश्वास रखना चाहिए। कामयाबी हासिल करने का यही सही तरीका है।
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