शिकागो में रहने वाली ब्रायना हिल लॉयोला यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ग्रेजुएशन कर रही हैं। वे 38 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौरान लॉ की परीक्षा देने गईं थी। वे जब कंप्यूटर पर ऑनलाइन परीक्षा में आए सवालों को हल कर रहीं थीं तब उन्हें लेबर पेन शुरू हुआ। ऐसे हालातों में उसके पास सीट छोड़ने का विकल्प नहीं था। अगर वे सीट से उठ जातीं तो उन पर चीटिंग का आरोप लग सकता था। उन्हें परीक्षा में फेल भी किया जा सकता था।
वैसे भी ऑनलाइन परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स को हमेशा कैमरे के सामने रहना पड़ता है। इसके चलते वह अपनी सीट पर डटी रहीं। इस महिला ने एक घंटे तक लेबर पेन सहते हुए पहला पेपर निपटाया। इसके बाद जब वह अपनी सीट से उठी तो उनकी एमनियॉटिक थैली फट चुकी थी। दो बारीक झिल्लियों से बनी यह थैली शिशु को गर्भाशय में सुरक्षित रखती है।
ब्रायना ने बताया कि उसके बाद मैंने ब्रेक लिया और अपने पति, मिड वाइफ व मॉम को फोन किया। मैं उस वक्त दर्द से कराह रही थी। उसके बाद मैं फिर से एग्जाम हाल में बैठी और एग्जाम दी क्योंकि मिड वाइफ ने फोन पर बता दिया था कि उन्हें अस्पताल पहुंचने में समय लगेगा।
ब्रायना कहती हैं मैं घर में मजाक किया करती थी कि मैं अपना एग्जाम हॉस्पिटल के बेड पर दूंगी। लेकिन मुझे इस बात का अहसास नहीं था कि मेरी डिलिवरी इस तरह होगी। एग्जाम खत्म होने के बाद वह अस्पताल में एडमिट हुईं और बेटे को जन्म दिया।
डिलिवरी के बाद दूसरे दिन भी ब्रायना का एग्जाम था। जब उसने ये बात हॉस्पिटल के स्टाफ को बताई तो उन्होंने ब्रायना को ऑनलाइन एग्जाम देने के लिए एक खाली कमरा उपलब्ध कराया। इस कमरे के बाहर 'डू नॉट डिस्टर्ब' का बोर्ड भी लगा दिया। एग्जाम के दौरान ब्रेक मिलने पर उसने अपने बेटे की देखभाल भी की।
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