लाइफस्टाइल डेस्क. गुरुवार सुबह 8.04 बजे से 10.56 बजे तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। यह भारत समेत एशिया के कुछ देश, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा। ग्रहण भले ही एक खगोलीय घटना है लेकिन कई देशों में इससे जुड़ी मान्यताएं अलग हैं। जैसे अमेरिका में मान्यता है कि भालू ने जब सूरज को खाया तो सूर्य ग्रहण और जब चंद्रमा को शिकार बनाया चंद्र ग्रहण पड़ा। भारत में भी ग्रहण के दौरान भोजन न करने की मिथकीय मान्यता है। कहते हैं इस दौरान खाना जहरीला हो जाता है। ऐसी ही मान्यताएं दूसरे देशों में हैं जो कई काफी अलग हैं, पढ़िए इनके बारे में....
अफ्रीका : ग्रहण की वजह सूरज और चंद्रमा के बीच युद्ध
सूर्य ग्रहण को लेकर अफ्रीका की एक मान्यता बेहद दिलचस्प है। यहां के बाटाममलिबा कबीले के लोगों का मानना है कि सूर्य ग्रहण पुराने झगड़े को खत्म करने का एक मौका है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण की वजह सूरज और चांद के बीच युद्ध होना है। जब भी सूर्य ग्रहण की घटना होती है बाटाममलिबा कबीले के लोग इकट्ठा होते हैं अपने मतभेद को भुलाते हैं। साथ ही सूरज और चांद से भी ऐसा ही करने की गुजारिश करते हैं।
चीन : सूर्य को ड्रैगन से बचाने के लिए छोड़ते हैं पटाखे और तीर
प्राचीन चीनी मान्यता के मुताबिक, जब ड्रेगन सूर्य निगल जाता है तो सूर्य ग्रहण पड़ता है। ऐसे मौके पर चीन के लोग ड्रैगन को डराने और भगाने के लिए आसमान की ओर तीर फेंकते हैं। शोर और रोशनी फैलाने के लिए पटाखे छोड़े जाते हैं। यह परंपरा 19वीं शताब्दी में जारी रही। ग्रहण पड़ने पर चीनी सेना ने पुरानी परंपरा को याद करते हुए आसमान में कैनन दागे।
मेक्सिको : गुस्साए चांद ने आसमान छोड़ने की तैयारी की
यहां टेवा समुदाय के लोगों का मानना है जब सूर्य का गुस्सा हो जाता है तो सूर्य ग्रहण पड़ता है। वह इस हद तक नाराज होता है कि आसमान को छोड़कर जाने का फैसला ले लेता है। ग्रहण की घटना के बाद लोग सूर्य को धन्यवाद अदा करते हैं क्योंकि उसका गुस्सा ठंडा हो चुका है और वापस आसमान में अपनी जगह चमक रहा है।
यूरोप : भेड़िया सूरज और चांद को दौड़ाता है
उत्तरी यूरोप के स्कैंडिनेविया में माना जाता है कि आसमान में दो भेड़िए हैं। एक सूरज और चांद के पीछे दौड़ता है। भेड़िया सूरज या चांद में जिसको पकड़ता है उससे जुड़ा ग्रहण पड़ता है। ग्रीस में सूर्य ग्रहण को ईश्वर का श्राप भी कहा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण से पहले देवता एक राजा को सजा देने वाले थे। लेकिन राजा को सजा से बचाने के लिए कैदी या किसान को कुछ समय के लिए राजा बनाया गया था। उसे सजा मिलने के बाद ग्रहण खत्म होता है और वास्तविक राजा वापस गद्दी संभालता है।
कोरिया : राजा के आदेश परकुत्तों ने सूर्य को चुराने की कोशिश की
कोरियाई जातक कथाओं में इसे राजा का आदेश माना जाता है। मान्यता है कि एक राजा ने कुत्तों को आदेश दिया था कि वे चांद को चुरा लाएं। लेकिन काफी कोशिशों के बाद वे पूरी तरह सफल नहीं हो पाए और सूर्य का कुछ हिस्सा भी ले पाए। यह घटना सूर्य ग्रहण की वजह बनी।
भारत : ग्रहणकाल में सब कुछ हो जाता है अशुद्ध
हमारे देश में ग्रहण के दौरान खाने से दूरी बनाने की मान्यता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि ग्रहण के समय गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को खतरा रहता है। इसलिए मान्यता के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को किसी भी तरह की धार वाली चीज इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के किसी भी अंग पर कट का निशान रह जाता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चंद्रग्रहण के समय लोगों को नहाना चाहिए और अपने आस-पास मौजूद सभी नकारात्मकता को दूर कर देना चाहिए।
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