Sunday, 22 December 2019

महिलाओं की फाइनेंशियल प्लानिंग के 4 जरूरी कारण, करियर में अधिक ब्रेक और कम वेतन की स्थिति से बचने का प्रयास करें

लाइफस्टाइल डेस्क. महिलाओं की आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण के लिए राज्य और केंद्र सरकारें कई योजनाएं लाती रही हैं। इनमें आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाएं भी शामिल हैं। लेकिन महिलाओं को वित्तीय योजना के बारे में स्वयं जागरूक होने की सबसे अधिक जरूरत है। बिना इस जागरूकता के वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं हो सकती हैं। महिलाओं की वित्तीय योजना पूरी तरह से पुरुषों की तरह नहीं हो सकती क्योंकि दोनों की जरूरतें तो अलग होती ही हैं, परिस्थितियां भी अलग होती हैं। दुर्भाग्य से महिलाएं निवेश को प्राथमिकता नहीं देती हैं। महिलाओं की फाइनेंशियल प्लानिंग अलग होने के 4 कारण प्रमुख हैं। अजय केडिया, एमडी, केडिया एडवाइजरी, मुंबई आज इन्हीं के बारे में बता रहे हैं...


पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की सैलरी 21% तक कम
पुरुषों और महिलाओं की आय या सैलरी में अभी भी बहुत अंतर बना हुआ है। एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार 2019 में अगर पुरुष को 100 रुपए सैलरी मिलती है, तो महिला को 79 रुपए ही मिलते हैं। यानी करीब 21 फीसदी कम। आमतौर पर ऐसा भी देखा गया है कि विभिन्न कारणों से महिलाएं उच्च और ज्यादा वेतन वाले पदों पर कम ही पहुंच पाती हैं। कार्यस्थलों पर अभी भी संरचनात्मक बाधाएं हैं, जो महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती हैं। इसलिए कम आय को देखते हुए महिलाओं के लिए और भी जरूरी है कि वे अच्छा निवेश पोर्टफोलियो बनाकर पैसा कमाना और जोड़ना शुरू करें।

करियर का ग्राफ हमेशा सीधा नहीं रहता
कई बार महिलाओं के करियर का ग्राफ हमेशा बढ़ता हुआ नहीं हो पाता। इसके पीछे हमारी सामाजिक संरचना भी हो सकती है या महिलाओं की निजी इच्छा भी। अलग-अलग कारणों से कई बार आपको करियर से ब्रेक लेना पड़ सकता है। कुछ शादी के बाद नौकरी छोड़ देती हैं, कुछ प्रेग्नेंसी के दौरान या उसके बाद। इससे करियर ग्रोथ और आय, दोनों प्रभावित होती हैं। आपने रिटायरमेंट के लिए पैसे इकट्‌ठा करने का जो लक्ष्य रखा है, वह इससे प्रभावित हो सकता है। इस अंतर को कम या खत्म करने लिए निवेश की बेहतर प्लानिंग की आवश्यकता है।

वित्तीय जागरूकता की कमी भी है कारण
ग्लोबल फाइनेंशियल लिटरेसी एक्सीलेंस सेंटर द्वारा किया गया 2017 का एक अध्ययन बताता है कि दुनियाभर में केवल 20 फीसदी महिलाओं को ही फाइनेंशियल कंसेप्ट की समझ है। यह पुरुषों से 8 फीसदी कम है। यह अंतर विकासशील देशों में और भी बढ़ जाता है। वित्तीय साक्षरता का अर्थ है किसी व्यक्ति को बजट बनाने, पैसा बचाने, खर्च पर नियंत्रण करने, कर्ज संभालने, फाइनेंशिल मार्केट में भाग लेने, रिटायरमेंट की प्लानिंग करने और संपत्ति जोड़ने की बेहतर समझ हो। हालांकि महिलाओं के फायनेंस के प्रति जागरूक न होने के कई कारण हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में पढ़कर या सेमीनार इत्यादि में शामिल होकर जानकारी बढ़ाती रहें।

ज्यादा उम्र यानी ज्यादा वित्तीय जरूरतें
सेंसस ऑफिस के सेंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में 60 की उम्र के बाद पुरुष के औसतन 17 वर्ष और जीने की संभावना होती है, जबकि महिलाओं की 19 वर्ष है। महिलाओं की औसत आयु 69.6 वर्ष है, जबकि पुरुषों की करीब 66 वर्ष। चूंकि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीतीं हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा पैसे जोड़ना जरूरी है, जिसका एक ही तरीका है- बेहतर वित्तीय योजना बनाना।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
4 important reasons for women's financial planning, try to avoid more career break and low salary situation


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/397sUH4

No comments:

Post a Comment

Goldprice dips Rs 10 to Rs 62,720, silver falls Rs 100 to Rs 74,900

The price of 22-carat gold also fell Rs 10 with the yellow metal selling at Rs 57,490 from Markets https://ift.tt/rpZGNwM