Saturday, 23 November 2019

31 अंगुलियों के साथ जन्मी 63 वर्षीय कुमार की कहानी, बोलीं; पड़ोसी मुझे डायन समझते हैं, उनके तानों के कारण घर छोड़ना पड़ा

लाइफस्टाइल डेस्क. एक जन्मजात बीमारी ने मुझे जीवनभर के लिए लोगों से अलग कर दिया। लोगों के तानों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया। वह मुझे अपने जैसा नहीं समझते। 63 सालों से मैं यह सब झेल रही हूं। यह कहना है, पैरों में 19 और हाथों में 12 अंगुलियों के साथ जन्मीं कुमार नायक का। ओडिसा की कुमार कहती हैं कि पड़ोसी मुझे डायन समझते हैं, वह मुझे आम इंसान नहीं मानते। बात करना तो दूर, वे मेरे पास तक नहीं आते।

कुमार नायक की उम्र 63 साल है। जन्म ओडिसा के गंजाम जिले में हुआ। वह जन्म से पॉलीडेक्टली नाम की बीमारी से ग्रस्त थीं। नतीजा, हाथ और पैर में अंगुलियों की संख्या आम इंसान से ज्यादा है। इसे पड़ोसी और राहगीर अशुभ मानते थे। उनके तानों ने कुमार को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

कुमार कहती हैं कि गरीब परिवार में जन्म लेने के कारण इलाज नहीं हो पाया। आज 63 बाद भी लोगों की सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उनके और मेरे बीच की दूरी बरकरार है। एक समय के बाद मैं उनकी आलोचनाओं की आदी हो गई और घर से बाहर न निकलने का फैसला लिया। कुछ लोग पास आते भी हैं तो सिर्फ ये देखने के लिए कि कितनी अंगुलियां हैं।

क्या है पॉलीडैक्टली
हाथों और पैरों में सामान्य से अधिक अंगुलियों का कारण पॉलीडैक्टली की जन्मजात बीमारी है। ऐसी स्थिति तब बनती है जब गर्भ में 7वें या 8वें हफ्ते में भ्रूण में अधिक अंगुलियां विकसित हो जाती हैं। आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में 700-1000 में से एक ऐसा मामला ऐसा होता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड से इसका पता लगाया जा सकता है।
बॉस्टन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के मुताबिक, विकसित देशों में ऐसा मामला सामने आने पर बच्चा दो का होने पर उसकी अंगुलियों को सर्जरी की मदद से हटा दिया जाता है।

भारत में ऐसे कई हैं मामले
गुजरात के देवेंद्र सूथर भी इससे जूझ रहे हैं। उनके हाथ और पैरों में 7-7 अंगुलियां हैं। इसके लिए इनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है। देवेंद्र पेशे से कारपेंटर है और दुनिया में एकमात्र इंसान हैं इन्हें मैक्सिमम फिंगर्स मैन भी कहा जाता है। देवेंद्र के परिवार में दूसरे सदस्यों के साथ ऐसा नहीं है। गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड से देवेंद्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धी पाई लेकिन आर्थिक तौर पर कोई मदद नहीं मिली।

गुजरात के देवेंद्र सूथर

ऐसा ही एक और मामला भारत के ही अक्षत में देखा गया था। जिनके हाथों और पैरों में 7-7 अंगुलियां थी और 2010 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम भी दर्ज हुआ था। लेकिन बाद में सर्जरी की मदद से इनकी संख्या सामान्य कराई थी। इसलिए वर्तमान में यह रिकॉर्ड देवेंद्र के नाम है।

पिछले महीने चीन में जन्मजात दाहिने पैर में 9 अंगुलियों के साथ पैदा हुए 21 वर्षीय अज़ुन की सर्जरी की गई। 4 अतिरिक्त अंगुलियों को हटाया गया। अजु़न लोगों से दूर रहते थे क्योंकि वे उन्हें सामान्य नहीं मानते थे। पेरेंट्स उनकी अतिरिक्त अंगुलियों को शुभ मानते थे लेकिन अजु़न के दबाव बनाने पर सर्जरी की गई।



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The story of 63-year-old Kumar, born with 31 fingers, spoke; Neighbors consider me a witch, because of their taunts, I had to leave the house


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