
सफल ब्लॉगर्स, डिजिटल कंटेंट क्रिएटर, बिजनेस वुमन और फैशन डिजाइनर ममता शर्मा दास ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया है। उनके पेरेंट्स दो अलग-अलग कम्युनिटी से थे। ऐसे में ममता को बचपन से अपने माता-पिता के संबंध में तरह-तरह की बातें सुनने को मिलती थीं।

वे कहती हैं मेरा बचपन पूरी तरह संघर्ष करते हुए बीता जहां मुझे हर कदम पर समझौता करना पड़ा। यहां तक कि जब मेरे पिता मां से अलग रहने चले गए तो मां अकेली हो गईं। उन दिनों मैंने मां के दर्द को महसूस किया। हमारे देश में एक सिंगल मदर की हालत कितनी खराब होती है, ये मैं जानती हूं।


पिता के बिना भी जिनके सपोर्ट की वजह से ममता के जीवन में उजाला आया वो उनकी मां ही थीं। वे कहती है मैं अपनी मां को हीरो और रोल मॉडल मानती हूं। मेरी मां एक सशक्त महिला थीं जिन्होंने अपने साहस के बल पर मेरी और मेरे भाई की परवरिश की।


ममता ने अपने डिजाइन में इंडियन बोहेमियन कल्चर को मिक्स किया है। वे कहती हैं हमारे देश में ऐसे बहुत कम डिजाइनर हैं जो प्लस साइज लोगों के लिए ड्रेस डिजाइन करते हैं। मैं उन सभी लोगों के लिए डिजाइन करना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि फैशन को हर तरह के और हर उम्र के लोग फॉलो करें।

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