
1997 में की थी सर्जरी
डॉ. सांद्रा सूज़ा लंबे समय से मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में सर्जन रही हैं। साल 1987 में जसलोक हॉस्पिटल में कोक्लिया की सर्जरी की थी, जिसके बाद वो इस सर्जरी को अंजाम देने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं। इस सफल कदम के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड मे इनका नाम दर्ज किया गया है।
चैरिटी से बच्चों को देती हैं मुफ्त इलाजं
79 साल की डॉ. सांद्रा जसलोक, ब्रीच कैंडी और देसा हॉस्पिटल में 2000 से ज्यादा सर्जरी कर चुकी हैं। साल 2002 में डॉ सांद्रा ने एक कोक्लिया सर्जरी इंप्लांट प्रोग्राम की पहल की जिसमें सुनने की परेशानी से जूझ रहे जरूरतमंद बच्चो का मुफ्त इलाज किया जाता है। इस प्रोग्राम में जसलोक हॉस्पिटल के दूसरे सर्जन डॉ डिल्लो सूज़ा भी उनके सहायक हैं। इसे चैरिटीज़ फंड द्वारा चलाया जाता है। महाराष्ट्र से लेकर देश के कई हिस्सों तक जरूरतमंद बच्चों को सुनने में सक्षम बनाया जा चुका है।
भारत ही नहीं दुनियाभर में है डॉ सांद्रा का बोल-बाला
5 दशकों से अपने कार्यक्षेत्र में बेहतरीन सेवा देने वालीं डॉ सांद्रा कई नेशनल और इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का हिस्सा रह चुकी हैं। डॉ सांद्रा ने कई सारे वर्कशॉप और सेमिनार में उपस्थित होकर ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और अमेरिका की एडवांस और लेटेस्ट तकनीको का ज्ञान हासिल कर उसका फायदा भारत में जरूरतमंदों तक पहुंचाया है। डॉ. सांद्रा ऐसी पहली महिला हैं जिन्हे अमेरिकन ओटोलोजी सोसाइटी में शामिल किया गया है।
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