कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का काम जारी है। ऐसे में ज्यादातर दुकानें बंद होने की वजह से कई लोगों को आवश्यक चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। खासकर महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन सहित अन्य जरूरी चीजों की कमी से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में भोपाल शहर की झुग्गी- झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं को शहर की एक संस्था मुफ्त में सेनेटरी पैड मुहैया करा रही है।
300 महिलाओं को बांटे मास्क
छात्राओं द्वारा संचालित एनजीओ मानसा ने लॉकडाउन के दौरान शहर की बस्तियों में रहने वाली महिलाओं को करीब 3,000 सेनेटरी नैपकिन वितरित किए हैं। मानसा की संस्थापक 21 वर्षीय जानवी तिवारी के मुताबिक उनकी संस्था ने अभी तक बस्तियों में रह रही कुल 300 गरीब महिलाओं को पैड का मुफ्त में वितरण किया हैं।
उन्होंने बताया कि यह संगठन छात्राओं का एक संगठन है, जो सोशल मीडिया पर गरीब महिलाओं की मदद के लिए जागरूकता फैलाकर पैसे जोड़ता हैं। इस तरह इन्होंने सोशल मीडिया के जरिए करीब 16,000 रुपए इकट्ठा कर बस्तियों में रह रही महिलाओं तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई।
लॉकडाउन से नैपकिन की आपूर्ति बाधित
2 साल से मानसा का संचालन कर रही जानवी ने बताया कि वह झुग्गी- बस्ती में जरूरी सामान वितरित करने वाले कई एजेंसियों और एनजीओ से जुड़ी हुई है। उन्हीं के जरिए लॉकडाउन के दौरान सेनेटरी नैपकिन का वितरण भी करवाया। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से शहर में सेनेटरी नैपकिन की आपूर्ति ना होने की वजह से महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में उनकी संगठन ने सैनिटरी नैपकिन का बंदोबस्त कर जरूरतमंदों की मदद की है।
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