कोरोना का असर दुनिया के तमाम देशों में देखने मिल रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है। भले ही लोग घरों में बंद हैं, लेकिन उनकी आदतें और स्वभाव और रहन-सहन में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। लोग अपने घरों में हैं। ऐसे में घर की किचन ओपन है। वर्किंग गर्ल्स के लिए अपनी कुकिंग स्किल काे बढ़ाने का मौका भी। स्थिति यह है कि हॉकी से लेकर कलम थामने वाली लड़कियों के हाथ में भी बेलन और कड़छी जैसी चीजें नजर आने लगी हैं। अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़ी ये वर्किंग गर्ल्स घर में रसोई की कमान भी बखूबी संभाले हुए हैं। नॉर्थ इंडियन डिश से लेकर साउथ इंडियन, फ्रेंच और देसी डिश बनाकर ये लड़कियां घरवालों का दिल जीत रही हैं।
योग व एक्सरसाइज के बाद दोपहर में किचन क्लास
बचपन से अब तक मैंने हाथों में हॉकी को थामे रखा। अपना पूरा वक़्त फिटनेस और खेल को दिया। लॉकडाउन सभी लड़कियों के लिए बेहतर कुक बनने का मौका लेकर आया है। अब मैं सुबह शाम योग और एक्सरसाइज करने के साथ-साथ दोहपर में रोज एक नई डिश बनाती हूं। जिसमें साऊथ इंडियन डिश में मैंने डोसा, वड़ा और उत्पमा बनाया है।
पापा मेरी बनाई डिश बड़े चाव से खाते हैं
सेल्फ डिफेंस सीखने के चलते मैंने दूसरा कुछ करने का कभी सोचा ही नहीं था। लॉकडाउन ने मुझे कुकिंग में एकदम परफेक्ट बना दिया है। गोल गप्पे ज्यादातर गर्ल्स की पहली पसंद होते हैं तो शुरुआत उसी से की। उसके बाद छोले भठूरे, बेसन का हलवा, पोहा, बिरयानी जैसी चीज़ें भी बनानी सीख ली हैं। मेरे पापा रोज मेरी बनाई डिश बहुत चाव से खाते हैं। ये एक अलग ही खुशी का अहसास करवा रहा है।
अब पर्याप्त समय मिला कुकिंग सीखने के लिए
पढ़ाई और रिसर्च के चलते में काफी सालों से होस्टल में रह रही हूं। होस्टल का खाना देख कर अक्सर खुद खाना बनाने के बारे में सोचा करती थी। लेकिन कभी वक़्त नहीं मिला। लॉकडाउन में थीसिस लिखने के साथ-साथ कुकिंग सीखने का पर्याप्त समय मिल जाता है। मैंने बेसिक डिश से सीखना शुरू किया है। जिसमें अब तक पुलाव, मिक्स वेज, दाल, चीला, पराठे जैसी आसान डिश ट्राई की हैं। मेरे हाथ से भी इतना टेस्टी खाना बन सकता है मैंने नहीं सोचा था।’’
मम्मी के साथ सीख रही जायकेदार रेस्पीज
हिसार की बेटी पूजा दिल्ली में फैशन डिज़ाइनर के तौर पर काम कर रहीं हैं। जिसके चलते घर से दूर रहकर घर का खाना और मां का साथ मिस कर रही थीं। लॉकडाउन में उन्होंने दोनों ही कमियों को पूरा कर लिया है। वह इस दौरान अपनी मम्मी के साथ मिलकर गोल गप्पे, बर्गर, चाऊमीन, टिक्की और आम पन्ना बनाना सीख चुकी है।
पहली बार केक बनाया जो सबको बहुत पसंद आया
वैसे तो हमेशा से ही कुकिंग में मम्मी की हेल्प करती थी लेकिन कुकिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का वक्त बस लॉकडाउन में ही मिला है। ये कुकिंग टैलेंट को एक्स्प्लोर करने का बेस्ट समय है। इसके लिए हमें किसी ट्यूटर की जरूरत नहीं। हमारे छोटे से फोन में सब है। कल ही मैंने पहली बार केक बनाया जो सबको बहुत पसंद आया।
सेवइयां तोड़ना सीखा, एक टाइम का खाना मैं बनाती हूं
डोरा हरियाणा की पहली फीमेल रैपर हैं। और एम.डी., के.डी के साथ शुरुआत और जादू एल्बम में अपनी रैपिंग से प्रसिद्ध हुई हैं। लॉकडाउन में ये जादू वो कुकिंग में दिखा रही हैं। उन्होंने बताया “लॉकडाउन में बहुत सारी डिश बनाने के साथ-साथ मैंने सेवइयां तोड़ना भी सीखा है। ऐसी चीजें सीखना ज्यादा जरूरी है क्योंकि आज के युग में ऐसी कला लुप्त हो रही है। साथ ही एक टाइम का खाना बनाने की जिम्मेदारी लॉकडाउन तक मेरी है।
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