पुणे में 92 साल की एक महिला ने आधे शरीर में लकवा होने के बावजूद कोरोना को हरा दिया है। वह करीब 7 महीने पहले लकवे का शिकार हुई थीं, जिसमें शरीर का आधा हिस्सा खराब हो गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें ऐसी स्थिति में निमोनिया होने का खतरा भी था, ऐसे में उन्हें बचाना चुनौती थी। इलाज के दौरान हम हर दो घंटे में उनकी सोने की पोजीशन बदलते रहे, जिससे उन्हें सांस लेने में आसानी हो।
परिवार के तीन अन्य लोग भी संक्रमित
महिला के साथ उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को भी कोरोना संक्रमण हुआ था, इनमें उनकी साढ़े तीन साल की पड़पोती भी है। सभी को अप्रैल के पहले सप्ताह में सिम्बायोसिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब सभी महिला के साथ वापस घर लौट चुके हैं। सिम्बॉयसिस हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. विजय नटराजन ने बताया कि उनकी उम्र और बीमारी को देखते हुए अतिरिक्त सावधानियां बरती गईं।
संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं
डॉ. विजय ने कहा कि यह एक आम धारणा है कि अगर 60 साल से ऊपर का कोई व्यक्ति कोरोनोवायरस से संक्रमित हो जाता है, तो वह बच नहीं सकता। ऐसे में समाज को, खासकर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यह एक संदेश है कि अगर 92 साल की महिला जिसे स्ट्रोक हुआ था, वह वायरस को हरा सकती है, तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
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