देश की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट होमी व्यारावाला हैं। होमी के लिए कहा जाता है कि उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू की फोटोज खींचना पसंद था। होमी देश की आजादी से पहले और बाद के कई ऐतिहासिक क्षणों को अपने ब्लैक एंड व्हाइट कैमरे में कैद किया है।
दैनिक समाचार पत्र के लिए शुरू किया फोटो खींचना
व्यारावाला का जन्म 9 दिसंबर, 1913 को गुजरात के नवसारी में एक मध्यवर्गीय पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता पारसी उर्दू थियेटर के मशहूर अभिनेता थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद शुरू में उन्होंने मुंबई के एक दैनिक समाचार पत्र के लिए फोटो खींचना शुरू किया और बाद में इस क्षेत्र को ही अपने पेशे के रूप में चुना। साल 1942 यानी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान व्यारावाला को ब्रिटिश इन्फॉर्मेशन सर्विस ने नई दिल्ली में नौकरी दी। इसाल 1970 में होमी ने अपने पति के निधन के बाद फोटोग्राफी छोड़ दी।
अगस्त 1947 को लाल किले की तस्वीर कैद की
होमी व्यारावाला ने अगस्त 1947 को लाल किले पर पहली बार फहराए गए झंडे, भारत से लॉर्ड माउंटबेटन की वापसी, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की अंतिम यात्रा की भी तस्वीरें भी अपने कैमरे में कैद कीं। इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, इंदिरा गांधी सहित कई बड़ी हस्तियों के फोटोज को अपने कैमरों में कैद किया।
2010 में मिला पद्म विभूषण
होमी अपने जीवन के करीब 40 साल तक फोटोग्राफी से जुड़ी रहीं। 2010 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया। बताया जाता है कि 2012 में होमी व्यारवाला अपने घर की सीढ़ियों से गिर गई थीं, जिससे उन्हें कूल्हे में गंभीर चोट आ गई। इसके बाद पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। उन्हें सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद इलाज के दौरान ही 15 जनवरी 2012 को उनका निधन हो गया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VPFHs2
No comments:
Post a Comment