देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मी में डटकर खड़े हैं। कर्तव्यनिष्ठा और देशसेवा की कई तस्वीरें देशभर से सामने आ रही है। ऐसी ही एक तस्वीर छत्तीसगढ़ में देखने को मिली। यहां कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग लड़ने में स्वास्थ्य कर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में महिला स्वास्थ्य कर्मी संतोषी मानिकपुरी खुद प्रसव के अंतिम पड़ाव पर खड़ी होने के बाद भी कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए दिन-रात लोगों की सेवा में जुटी हुई है।
8 महीने की गर्भवती है संतोषी
कोंडागांव जिले के हेल्थ वेलनेस सेंटर केरावाही में स्वास्थ्य संयोजक के पद पर नियुक्त संतोषी मानिकपुरी 8 महीने की गर्भवती है। लेकिन इसके बाद भी वह अपने फर्ज को निभाते हुए होम क्वारंटाइन में रखे तथा अन्य राज्यों से आए ग्रामीण मजदूरों को देखरेख, मास्क लगाने, निर्धारित शारीरिक दूरी, हाथ धोने सहित अन्य सावधानियों की समझाइश देते हुए अपने क्षेत्र में डटी हुई हैं। वह केरावाही और ग्राम पंचायत वाड्रा में 50 से भी अधिक दूसरे राज्य से मजदूरी करके लौटे व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें घर-घर जाकर वायरस से बचाव की सलाह दे रही है।
लोगों का इलाज कर खुशी मिलती है
उन्होंने बताया कि दिनभर कार्य करने के बाद रात में उन्हें बहुत तकलीफ होती है। कमर दर्द आदि के कारण कभी-कभी रात भर सो नहीं पाती हैं। लेकिन सुबह होते ही ईश्वर से उन्हें फिर से कार्य करने की शक्ति मिल जाती है। इस हालत में भी काम करने के बारे में वह कहती हैं कि जब वो मरीजों के बीच उनका इलाज करती हैं, तो उन्हें खुशी मिलती है। उनका कहना हैं कि यह गर्व की बात है कि संकट की इस घड़ी में देश का सेवा करने का मौका मिला है। संतोषी बताती हैं कि पहले वो थोड़ी बहुत परेशान हुईं। लेकिन उन्हें लगा कि यही सही समय है, जब वह देश को कुछ दे सकती हैं। इस कार्य में उनके परिवार और पति का पूरा सहयोग मिल रहा है।
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