Sunday, 21 June 2020

चाय वाले की बेटी एयरफोर्स पायलट बनी, कहा जिंदगी में हार न मानना पापा से सीखा

मध्यप्रदेश के नीमच में चाय की गुमटी लगाने वाले सुरेश गंगवाल की 23 वर्षीय बेटी आंचल हैदराबाद में एयरफोर्स ट्रेनिंग एकेडमी में एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया के सामने जब मार्च पास्ट कर रही थीं, तो उनकी आंखें छलक आईं। 20 जूनको 123 कैडेट्स के साथ आंचल गंगवाल की एयरफोर्स में कमिश्निंग हो गई। पिता सुरेश गर्व भरी मुस्कान लिए कहते हैं- ‘फादर्स डे पर पिता के लिए इससे अच्छा और क्या तोहफा हो सकता है।

पिता से मिली सीख

आंचल के पिता कहते हैं कि मेरी जिंदगी में खुशी के कम अवसर आए हैं, लेकिन कभी न हार मानने वाली बेटी ने यह साबित कर दिया कि मेरे हर संघर्ष के पसीने की बूंदें किसी मोती से कम नहीं।’ वहीं, आंचल ने कहा- ‘मुसीबतों से नहीं घबराने का सबक उन्होंने अपने पिता से सीखा है। आर्थिक परेशानियां जीवन में आती हैं, लेकिन मुश्किलों का मुकाबला करने का हौसला होना जरूरी है।’

हर हाल में वायुसेना में जाना है
भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में चयनित आंचल का कहना है कि एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए मैंने पुलिस सब इंस्पेक्टर और लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी भी छोड़ दी। सिर्फ एक लक्ष्य था- हर हाल में वायुसेना में जाना है। आखिरकार छठवें प्रयास में मुझे सफलता मिल ही गई।

बच्चे हमेशा अनुशासन में रहे

आंचल के पिता कहते हैं- ‘मेरे तीनों बच्चे शुरू से अनुशासन में रहे। मैं पत्नी के साथ बस स्टैंड पर चाय-नाश्ते का ठेला लगाता हूं। जब मैं काम करता तो तीनों बच्चे हमें देखते रहते थे। कभी कुछ फरमाइश नहीं की। जो मिल जाता, उसमें संतुष्ट रहते। कभी दूसरों की देखा-देखी नहीं की। बेटी शुरू से ही पढ़ाई में टॉपर रही है। बोर्ड परीक्षा में 92% से अधिक अंक प्राप्त किए।

बेटी शुरू से ही पढ़ाई में टॉपर रही है

21 जून को बेटी आंचल ने हैदराबाद में वायुसेना के सेंटर पर फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर ज्वाइनिंग कर लिया, यही मेरी अब तक की पूंजी और बचत है। 2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी व वायुसेना ने वहां जिस तरह का काम किया, यह देख बेटी आंचल ने अपना मन बदला और वायुसेना में जाने की तैयारी की। आज बेटी इस मुकाम पर पहुंच गई। यह मेरे लिए गौरव की बात है।’

मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं
आंचल मां बबीता और पिता सुरेश गंगवाल के संघर्ष को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हुए कहती हैं- ‘जब मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं डिफेन्स सर्विस में जाना चाहती हूं, तो वे थोड़े चिंतित थे। लेकिन उन्होंने कभी मुझे रोकने की कोशिश नहीं की। वास्तव में, वे हमेशा मेरे जीवन के आधार स्तंभ रहे हैं। मैं अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं और इसे ऐसा करने के अवसर के रूप में देखती हूं।’



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Chai Wale's daughter became Airforce Pilot. she gives success credit to her father


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