पिछले कुछ दिनों में कोरोना से सतर्क कस्टमर अपनी सेफ्टी के लिए खाने के उन्हीं ठिकानों को चुन रहे हैं जो उसके पैरामीटर्स पर खरे उतर रहे हैं। ठीक उसी तरह कैफे ओनर भी खुद की सेफ्टी के साथ-साथ कस्टमर की सेफ्टी का पूरा ख्याल रख रहे हैं। पिज्जा, पेटीज जैसे पहले बने जायकों ने अब कस्टमर्स ने दूरी बना ली है। पेमेंट करने तक का तरीका काफी बदल चुका है।
अधिकतर रेस्टोरेंटवाले कैश पेमेंट से दूरी बना रहे हैं, जो ले रहे हैं वो पूरे पैसों को सैनेटाइज करके ही कैश बैग में रख रहे हैं। पहले प्लास्टिक की प्लेट और गिलास भी दे देते थे। अब ऐसा कोई भी आइटम नहीं दे रहे है जिसे छुना पड़े। यहां तक की केचअप की बॉटल भी नहीं दे रहे हैं।
ऑर्डर तैयार करने में अब ज्यादा टाइम
कैफे ओनर कहते हैं कि हर दो घंटे में पूरे एरिया को सैनेटाइज कर रहे हैं। 10 परसेंट सेल हो रही है, लेकिन स्टॉक में 15 परसेंट माल ही रख रहे हैं। केवल सिंगल कस्टमर्स के लिए 6-6 फीट की दूरी पर बैंच लगाई हुई है, जहां खड़े होकर खा सकते हैं।
स्ट्रीट फूड से लेकर रेस्टोरेंट में कस्टमर्स के लिएप्लेट्स भीडिस्पोजेबल यूज हो रहीहैं। ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन ऑर्डर मिल रहे हैं। फास्ट रनिंग वाले आइटम्सजैसे पेटीज, पिज्जा आदि को मैन्यू में से हटा दिया है। इन दिनों छोले-भटूरे, पाव-भाजी, पानी पूरी, बड़ा पाव आदि की ज्यादा डिमांड है।
ऑर्डर तैयार करने में पहले के मुकाबले 5 से 10 मिनट का समय ज्यादा लग रहा है। सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए ऑन डिमांड ऑर्डर तैयार कर रहे हैं।
कैश पेमेंट चीमटे से
कई रेस्टोरेंट ऐसे हैं जहांएंट्री गेट पर गार्डपहले मास्क चेक कर हैं।उसके बाद बॉडी टेम्प्रेचर लेकर हैंड सैनेटाइज करवाकर एंट्री दी जा रही है। खाने के छोटे स्टॉलों पर भीटेक अवे के अलावा केवल दो लोगों को दूर बैंच पर प्लेट रखकर खड़े होकर खाने की परमिशन दी जा रही है।
कई कैफे ऐसे हैं जहांटेबल पर कहीं मैन्यू कार्ड नजर नहीं आता। यहांडिजिटल मेन्यू कार्ड को महत्व दिया जा रहा है। अगर यहां मिलने वाली डिशेज की बात करें तोपहले के मुकाबले 60% डिशेज ही मिल रही हैं। कैश पेमेंटके बजाय सैनेटाइजर से भरे बाउल में पैसे डलवाए जा रहे हैं।
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