अक्सर हमने फिल्मों में देखा है कि महिला को लेबर पेन हुआ और डिलिवरी हो गई। हमारे दिगाम में लेबर पेन को लेकर कोई निश्चित समय की बात कभी नहीं आती। लेकिन सच तो यह है कि अधिकांशमहिलाओं को लेबर पेन दिन में नहीं बल्कि रात में होता है।
2018 में लंदन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार इंग्लैंड में पिछले दस सालों के दौरान 50 लाख से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ। कॉलेज लंदन एंड सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन और नेशनल चाइल्ड बर्थ ट्रस्ट में हुई रिसर्च के अनुसार 2018 में इंग्लैंड में पैदा हुए अधिकांश बच्चों का जन्म रात में हुआ।इनके जन्म का समय रात 1 से सुबह 8 बजे के बीच रहा। रात में लगभग चार बजे पैदा होने वाले बच्चों की संख्या भी अधिक है। लेकिन इसकी वजह क्या है? इसका जवाब कुछ मेटरनिटी एक्सपर्ट ने अपनी रिसर्च केअनुसारइस तरह दिया :
मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को सुरक्षा देता है
हेल्थ बे पॉली क्लिनिक के लेक्टेशन कंसल्टेंट ड्रू कैंपबेल के अनुसार रात में लेबर पेन कासंबंध हमारी बॉयोलॉजिक हिस्ट्री से है। इस स्टडी के मुख्य लेखक यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी एंड हेल्थ के एक्सपर्ट डॉ. पीटर मार्टिनथे।
मार्टिन ने ये निष्कर्ष निकाला कि लेबर पेन का संबंध इवोल्यूशनरी हेरिटेज से है। दरअसल हमारे पूर्वज समुह में रहते थे। वे दिन मेंअपने कामों में लगे रहते थे और रात को घर में आराम करके खुद को रिलैक्स और सुरक्षित महसूस करतेथे। इसलिए रात के समय लेबर पेन मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को सुरक्षा देता है।
महिलाओं कोप्रोटेक्शन की जरूरत है
दुबई निवासी हिप्नोबर्थिंग इंस्ट्रक्टर लाला लेंगट्री-व्हाइट भी इस बात से सहमत हैं। अगर फिजियोलॉजी के नजरिये से देखें तो डिलिवरी के समय जिस हॉर्मोन का सीक्रिशन होता है, वह दिमाग के सबसे खास हिस्से से रिलीज होता है।
जरा याद कीजिए किस तरह एक डॉग या कैट को लेबर पेन होने पर सुरक्षित महसूस कराने के लिए बिस्तर के नीचे या कपबोर्ड के अंदर छिपा दिया जाता है। जानवरों की तरह महिलाओं को भी प्रोटेक्शन की उतनी ही जरूरत होती है।
ऑक्सिटोसिन हॉर्मोन रिलीज होता है
कैंपबेल के अनुसार लेबर पेन के समय महिलाओं में यूटेरिन कॉन्ट्रेक्शन को बढ़ाने के लिए ऑक्सिटोसिन हॉर्मोन रिलीज होता है। इस हार्मोन के सीक्रिशन से महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। रात का शांत माहौल उन्हें रिलैक्स करने में मदद करता है। इसीलिए फिजिकल इंटीमेसी के लिए भी एक्सपर्ट रात का समय सबसे अच्छा मानते हैं।
जब महिलाएं खुद को सुरक्षितमहसूस नहीं करती तो लेबर पेन भी कम हो जाते हैं। पेन कम करने में एड्रिनेलिन जैसे हार्मोन का स्राव अधिक होता है। मां और बच्चे दोनों की सेफ्टी के लिए इस हॉर्मोन का अधिक स्राव खतरनाक हो सकता है।
महिलाओं मे असुरक्षा की भावना आ जाती है
ऐसा उस समय भी होता है जब डिलिवरी के लिए गर्भवती महिला को हॉस्पिटल ले जाते हैं। वहां का अंजान माहौल देखकर महिलाओं में असुरक्षा की भावना आ जाती है। कई बार इसी वजह से पेन भी कम हो जाते हैं। इसलिए अक्सर डॉक्टर महिलाओं को यह सलाह देते हैं कि लेबर पेन ज्यादा बढ़ने के बाद ही हॉस्पिटल जाएंवरना घर में रहकरदर्दबढ़ने का इंतजार करें।
रात में लेबर पेन बढ़ने की बात सिजेरियन डिलिवरी होने पर लागू नहीं होती। इमर्जेंसी सिजेरियन सेक्शन दिन या रात किसी भी समय संभव है। हालांकि कई बार महिलाओं को दी जाने वाले दवाओं की वजह से भी लेबर पेन जल्दी या धीरे हो सकता है। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शिवा हरिकृष्णन कहते हैं कि अधिकांश महिलाओं को लेबर पेन आधी रात में शुरू होते हैं। इसलिए इन महिलाओं कीडिलिवरी सुबह के समय होती है।
हार्मोन का सीक्रिशन कम या अधिक होता है
लैंट्री व्हाइट के अनुसार आखिर हम मेमेलियन हैं। अपनी सुरक्षा और नेचर के हिसाब से हमारे शरीर में हार्मोन का सीक्रिशन कम या अधिक होता है। डिलिवरी से पहले महिलाओं में सीक्रिट होने वाले हार्मोन की मात्रा और उसके प्रभाव को पूरी तरह समझना मुश्किल है।
गौरतलब है किलैंट्री व्हाइट खुद चार बच्चों की मां हैं। वे अब तक लगभग 70 डिलिवरी करा चुकी हैं। रात में होने वाली डिलिवरी को अपने शब्दों में बयां करते हुए वह कहती हैं डिलिवरी होने के बाद निकलते हुए सूरज के बीच किसी बच्चे की किलकारी सुनने से अच्छा दुनिया में कुछ और हो ही नहीं सकता। मैंने इसे बहुत करीब सेमहसूस किया है।
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