पिछले कुछ महीनों के दौरान लॉकडाउन में रहते हुए ऐसे कई लोग हैं जिन्होंनेअपनी कला को निखारने और इसे माध्यम बनाकर अपने जज्बात बयां करने की कोशिश की है। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दिल की बात कहने में हर उम्र के लोग सामने आए।
इसी बीच ओडिसी डांस टीचर और कोरियोग्राफर महिमा खानुम ने कोविड-19 में सुरक्षा के उपाय अपनाने के लिए नृत्य की विभिन्न मुद्राओं को माध्यम बनाया। महिमा ने नृत्य के बल पर पारंपरिक ओडिसी डांस की मुद्राओं से कोरोना वायरस के प्रभाव से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें को बखूबी समझाया है।
डांस एक सुंदर भाषा है
महिमा का मानना है कि कोविड-19 के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में ओडिसी नृत्यकारगरतरीका हो सकता है। इससेपर्यावरण बचाने और महिला सशक्तिकरण जैसे गंभीर मुद्दों को भी आसानी से समझाया जा सकता है। उनके अनुसारडांस एक सुंदर भाषा है जिसमें विभिन्न मुद्राओं का उपयोग अपनी बात कहने के लिए किया जाता है।
कोरोना काल में इन्हीं मुद्राओं द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया वीडियो बहुत पसंद किया गया। महिमा ने अपनी नृत्य शैली से दुनिया को देखने के नजरिये को बखूबी बयां किया है।
खास लोकेशन की तलाश नहीं की
महिमा कहती हैं मेरे पति अविशै एक डिजिटल आर्टिस्ट हैं। लॉकडाउन से पहले मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि लोगों को जागरूक करने का एक माध्यम डांस भी हो सकता है। लेकिन 16 मार्च को फ्रांस में लॉकडाउन लगने के बाद घर में रहते हुए डांस कोमैंने पॉजिटिविटीबनाए रखने का माध्यम बनाया।
उन्हीं दिनोंमैंने कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मुद्राओं पर आधारितवीडियो बनाया। ये वीडियो तीन दिन में बनकर तैयार हुआ। महिमा कहती है अपने छोटे से अपार्टमेंट में रहते हुए मैंने इस डांस वीडियो के लिए किसी खास लोकेशन या कैमरा एंगल की तलाश भी नहीं की। कुछ ही हफ्तों में इसके संगीत को मुंबई के संगीतकार विजय तांबे ने कंपोज किया।
उनकी जिंदगी को नई दिशा मिली
महिमा इंडियन डांस कल्चर को बढ़ावा देने वाली संस्था लिज आर्ट्स मीडिया की डायरेक्टर हैं। फ्रांस में पैदा हुई महिमा की मां फ्रेंच और पिता स्पेनिश थे। बचपन से डांस की शौकीन महिमा ने तीन साल की उम्र में बैलेट सीखा। 13 साल की उम्र में वे ओडिसी आर्टिस्ट शाकर बेहरा से मिलीं। वे मानती हैं कि शाकर ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी।
वे शाकर की शिष्या बनकरओडिसी नृत्य सीखने लगीं। बाद में उन्हें भारत में इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस एंड द फ्रेंच गवर्नमेंट की तरफ से दिल्ली में माधवी मुदगल से नृत्य सीखने का मौका मिला। नृत्य सीखकर वेपेरिस चली गईं जहांपिछले 12 साल से रह रही हैं।
कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की
अविशै औार महिमा ने मिलकर फ्रांस में कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की है। वे ओडिसी डांस और कंप्यूटर एनिमेटेड ओल्ड पेंटिंग, ओडिसी डांस और वर्चुअल रियलिटी के साथ लाइट पेंटिंग फोटोग्राफी पर काम कर रहीहैं।
महिमा कहती हैंअगर कोरोना महामारी के दौरान ओडिसी नृत्य के महत्व की बात की जाए तो इस नृत्य से हमें पॉजिटिविटी मिली है। कोरोना के असर से बचने के लिएघर में रहते हुए हमारे आसपास परेशानियां अधिक हैं। ऐसे में ओडिसी नृत्य आपकी हर परेशानी को दूर करने का आसान रास्ता हो सकता है।
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