लॉकडाउन में घर से निकलना मुश्किल हुआ, तो लोगों ने ग्रीनरी और उससे मिलने वाली पॉजिटिव वाइब्स को भी मिस किया। शहर के कई लोग हैं, जिनको सुबह हेल्दी वॉक या पार्क में एक्सरसाइज करते हुए बितानी अच्छी लगती है। ऐसे में ग्रीनरी के लवर्स के बीच अब पर्सनल गार्डन्स को लेकर इंट्रेस्ट दिखने लगा है।
अनलॉक-1 होते ही शहर के लोग अब पर्सनल गार्डन्स तैयार करवा रहे हैं। खास बात यह है कि इन पर्सनल ग्रीन स्पेस में इम्यूनिटी बूस्टर और घर को पॉल्यूशन-फ्री रखने वाले पौधों पर लोगों का अब ज्यादा फोकस है।
दो महीनों में आई 350 से अधिक क्वेरीज
शहर में गार्डनिंग बेस्ड स्टार्ट अप के फाउंडर जुबेर मोहम्मद बताते हैं, लॉकडाउन में करीब 350 से अधिक लोगों की क्वेरी पर्सनल गार्डन बनाने को लेकर आईं। घरों में रहकर लोग नेचर को जितना मिस कर रहे थे, उतना ही उनमें ग्रीनरी के प्रति अट्रैक्शन भी बढ़ा।
हमने इस दौरान गार्डन तैयार करने की सर्विस फिर शुरू की है। अब लोग अपने अपार्टमेंट की बालकनी, पार्किंग एरिया व टेरिस पर गार्डन बनाने की डिमांड कर रहे हैं। अमेरिकन ब्लू और कारपेट ग्रास का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है।
इम्यून बूस्टर पौधों की डिमांड बढ़ी
नर्सरी ऑनर रविंदर सिंह ने बताया किपिछले 20 दिनों में ही उतने पौधे खरीदे जा चुके हैं, जितने पहले दो महीनों में बिकते थे। लोगों का फोकस अब होमग्राेन सब्जियों पर है। ऐसे में वेजिटेबल्स के अलावा इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग करने वाले हर्ब्स की डिमांड कर रहे हैं।
गिलोय का पौधा तो अब आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। नर्सरी ऑनर प्रज्ञा मिश्रा बताती हैं, लोगों का इंट्रेस्ट घरों के भीतर ऐसे प्लांट्स रखने में बढ़ा है, जो एयर प्यूरीफाई करने का काम करते हों। गिलोय, एलोवेरा, एरिका पाम, बैम्बू पाम, ड्रेसीना, फाइकस एली की डिमांड बढ़ी है।
फ्रस्टेशन लेवल कम करने में मिली मदद
कई लोगोंने अनलॉक हाेते ही बालकनी काे गार्डन में तब्दील करवाया है। वे कहते हैं, लॉकडाउन में घर पर रह-रहकर सभी का फ्रस्टेशन बढ़ रहा था। घर में पॉजिटिव वाइब्स आ सकें और वर्क फ्रॉम होम का स्ट्रेस भी कुछ कम हो सके, इसलिए बालकनी गार्डन में ऐसे पौधे लगाए हैं, जो एयर प्यूरीफाई करने के लिए जाने जाते हैं।
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