जीवन का यथार्थ बीते हुए बिंदुओं को जोड़ना है- कनेक्टिंग द डॉट्स! यानी अतीत की वो घटनाएं जो भविष्य में हमारे लिए वरदान बन जाती हैं। यह कहने वाले कोई और नहीं बल्कि महान उद्यमी स्टीव जॉब्स थे। अपने संघर्ष और मुश्किल दिनों में वे कैलीग्रैफी सीखने लगे और वह सीख उनके तब काम आई जब उन्होंने मैकिंटोश कम्प्यूटर की शुरूआत की। आज विश्व एक बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है। प्रतिदिन बढ़ती संक्रमण प्रभावितों की संख्या किसी को भी निराशा के गर्त में धकेल सकती है। तो चलिए, स्टीव जॉब्स की तर्ज पर इस कड़े वक्तमें हम भी कुछ ऐसा कार्य करते हैं जो भविष्य के बिंदुओं को जोड़ सके।
कुछ भी नया सीखें
रवींद्रनाथ टैगोर लम्बी बोझिल यात्रा से कभी मायूस नहीं होते थे। समुद्र की यात्रा और कई दिनों तक चलते जहाज में बैठे टैगोर को नेगृतो भाषा सीखने की इच्छा हो गई और वो लगे सीखने। और वो भी अपने जीवन के आखिरी दौर में।
अगर आप सीखने की ख्वाहिश रखते हैं, तो इससे बेहतर कोई और समय नहीं होगा। ऑनलाइन हो जाइए और कुछ नया सीखिए और पढ़िए। भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी यजुवेंद्र चहल आजकल फिर से शतरंज खेल रहे हैं। अपनी पुरानी सीख को वो इस खाली समय इस खेल के साथ जोड़ रहे हैं क्योंकि उनके शब्दों में इस खेल ने उन्हें संयम सिखाया है। वहीं महान टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर अपने घर में घंटों-घंटों दीवार के सहारे टेनिस की प्रैक्टिस कर रहे हैं और संसार के अन्य खिलाड़ियों को नए-नए तरीके से सीखने की प्रेरणा भी दे रहे हैं। और अब तो वो ऑनलाइन टेनिस भी सिखा रहे हैं।
उनकी भी मदद करें
हमारे घरों में अब काम का सारा भार किसी एक सदस्य पर आ गया है। अगर आप पुत्र या पुत्री हैं तो अपनी मां की मदद करिए और अगर आप पति की भूमिका में हैं तो पत्नी के साथ कुछ काम में हाथ तो जरूर बंटाइए।
यही समय है जब आप घर को चलाने की अपनी ताकत और इच्छा का भी सही आकलन कर पाएंगे। आपको सफ़ाई से रहना पसंद है या नहीं? यह साबित हो जाएगा क्योंकि घर महज़ कमरे नहीं बल्कि एक भाव होता है। लेकिन घर के बुजुर्गों को काम पर मत लगाइए। वो अगर आपकी मदद भी करना चाहें तो भी आप उनके प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रदर्शित करिए।
अपने साथ रहिए
यह वक़्त है यह जानने का कि आपके अंदर कितना अच्छा इंसान स्थापित है। आप स्वयं की अच्छी संगत में हैं भी या नहीं। अगर नहीं तो आपका अधिकांश समय मोबाइल के साथ ही चिपका मिलेगा और अगर हां तो आप कुछ समय स्वयं के साथ भी जुड़ने में लगाइए। हो सकता है आपकी इस यात्रा में आपको अपनी किसी खोई हुई प्रतिभा से मुलाक़ात हो जाए या किसी नकारात्मक आदत से छुटकारा ही मिल जाए। हो सके तो अपने अंतर्मन के साथ भी रहिए।
बिल गेट्स फोन और कम्प्यूटर से दूर अधिक से अधिक समय पढ़ने-लिखने और परिवार के साथ बिता रहे हैं और अपने बच्चों को भी फोन से दूर रखते हैं। फिर आप क्यों नहीं?
कुछ नया सरजें
हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को जेल के अंदर समय मिला तो उन्होंने वहीं कालजयी रचनाएं लिखीं। ‘भारत एक खोज’ को उन्होंने कालकोठरी के अंदर ही ढूंढा।
प्रतिकूल समय को अनुकूल बनाना असाधारण व्यक्तित्व की पहचान होती है और ऐसे सभी लोग उसी श्रेणी में आते हैं। जब भगत सिंह को फांसी पर चढ़ाने की तैयारी हो रही थीं तो वे पढ़ने में तल्लीन थे। और विवेकानंद ने निर्धनता के बीच अपनी साधना को जारी रखा।
घर को बनाएं पार्क
एक दिन में हमें कम से कम एक घंटे तो लगातार चलना ही चाहिए। आप आजकल कितना चल रहे हैं? पार्क का इंतजार अभी रहने दीजिए और अपने कमरे में ही लगातार चलिए। यही समय है जब आपकी बहानेबाजी की परीक्षा होगी और धैर्य की भी।
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