पेरिस की डॉक्टर ऑरेलि गॉउल को मार्च के शुरू में किसी मरीज से कोराेना संक्रमण हुआ। बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई ने उन्हें पस्त कर दिया था। अब वे ठीक हैं और मरीजों का इलाज करने फिर लौट आई हैं।
बच्चों ने बढ़ाया हौसला
‘मजबूत बनो मम्मी, हम आपसे बहुत प्यार करते हैं’। जब डॉ. गॉउल को कोराेना हुआ तो चार और छह साल के दोनों बच्चों ने यही कहकर मां की हिम्मत बढ़ाई थी। वे बताती हैं- संक्रमण के बाद शुरू के दो-तीन दिन बेहद कठिन थे, लेकिन अब मैं ठीक हूं और लगता है कि पहले से अधिक ताकतवर हो गई हूं। यह ताकत स्थायी रहेगी।कोरोना के गंभीर संक्रमितों के साथ काम करना जोखिम भरा जरूर है, लेकिन बाकी डॉक्टरों की अपेक्षा मेरे लिए इलाज करना आसान होगा।
जोखिम नहीं उठाऊंगी
मेरे पास अब खुद का अनुभव भी है। पति और बच्चे जानते हैं कि मैं सावधान रहूंगी, जोखिम नहीं उठाऊंगी। दोनों बच्चे कोराेना के बारे में जानते हैं। वे समझते हैं कि काम की वजह से मैं हमेशा उनके साथ नहीं रह सकती। मुझे अपनी जिम्मेदारियां पूरी करनी हैं। मुसीबत के समय घर पर बैठे रहना निराशाजनक रहा, जबकि मरीजों को मेरी जरूरत थी। इन हालात का मुकाबला करने के लिए ही तो हमें प्रशिक्षित किया जाता है।
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