झारखंड के रांची की कृतिका पांडे को एशिया रीजन के लिए कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज 2020 से सम्मानित किया गया है।यह पुरस्कार एशिया, पेसिफिक, अफ्रीका, कनाडा, यूरोप, और कैरेबियन के पांच रीजन के विजेताओं दिया जाता है।
29 वर्षीय कृतिका को यह सम्मान 'द ग्रेट इंडियन टी एंड स्नैक्स' स्टोरी के लिए मिला है।यह दो युवाओं की कहानी है जो समाज की सदियों पुरानी बंदिशों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। कॉमनवेल्थ फाउंडेशन ने कृतिका को एक ऑनलाइन सेरेमनी के तहत ये अवार्ड दिया।
सपने सच करने में मदद करेगा
कृतिका ने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुएट्स से फाइन आर्ट्स फॉर पोएट एंड राइटर्स में इसी साल ग्रेजुएशन किया है। वे मानती हैं कि उन्हें मिला ये सम्मान अन्य लड़कियों के सपने सच करने में मदद करेगा। अब लोग उनके काम पर ज्यादा भरोसा करने लगेंगे।
कहानियों नेलिखने के लिए प्रेरित किया
अपने लेखन के बारे में बात करते हुए कृतिका कहती हैं कि पिछले कई वर्षों से वह कॉमनवेल्थ शॉर्ट स्टोरी प्राइज की विजेता कहानियां पढ़ रही थीं। इनकहानियों ने उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया।
कई प्रतिष्ठित अवार्ड मिल चुके हैं
इससे पहले भी कृतिका को कई प्रतिष्ठित अवार्ड मिल चुके हैं। इसी साल उन्हें जेम्स डब्ल्यू फोले मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 2018 में उन्हें हार्वे स्वाडोस फिक्शन प्राइज और कारा पारर्वानी मेमोरियल अवार्ड मिला था।
असितत्व को बयां करने का माध्यम
2014 में उन्हें क्रिएटिव राइटिंग के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की ओर से चार्ल्स वैलेस इंडिया ट्रस्ट स्कॉलरशिप दी गई थी।कृतिका कहती है कहानी अपने असितत्व को बयां करने का बेहतर माध्यम है।
कई भावनाओं को व्यक्त करती हूं
इसके जरिये हम समाज की सच्चाई को बेहतर तरीके से बता सकते हैं। कहानी लेखन के जरिये मैं अपने दुख, सुख, आनंद, प्रेम और भी कई भावनाओं को व्यक्त करती हूं।
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