इस लॉकडाउन के दौरान संबंधों की अग्नि परीक्षा और उसमें खरा उतरना न केवल चुनौतीपूर्ण रहा, बल्कि संबंधों को बेहतर तरीके से जोड़े रखना भी महत्वपूर्ण हो गया। इन रिश्तों के विज्ञान को एक मॉडल से समझा जा सकता है, जिसे अतिसंवेदनशील तनाव अनुकूल मॉडल कहा जाता है। इस मॉडल के तीन महत्वपूर्ण कारक हैं अतिसंवेदनशीलता, तनाव और अनुकूलन। इस मॉडल के साथ जानिए वह बातें जो लॉकडाउन में चार दीवारी में बंद रहे आपके रिश्ते सुधारने में मदद कर सकती हैं।
1. समय का सामंजस्य
परिवार और खुद को देखने के लिए पर्याप्त समय दें। लॉकडाउन में आपने घर के काम मिलकर निपटाएं हैं तो इसी क्रम को आगे भी जारी रखने की कोशिश करें। इससे काम का तनाव भी नहीं रहेगा और आपके संबंधों में मजबूती व मिठास भी आएगी।
2. रचनात्मक होना
यह समय रचनात्मक होने का अच्छा मौका दे रहा है, खासकर यदि आप अपने परिवारजन के साथ नहीं रह रहे हैं तो उन्हें फूल, भोजन और विचारशील पत्र/मैसेज/वीडियो कॉल भेजें और आश्चर्यचकित करें। वह इस व्यवहार से खुश होते नजर आएंगे।
3. खुद को खुश रखना जरूरी
खुशी की महत्ता को बनाए रखना जरूरी है। इसमें स्वयं और परिवार की खुशी शामिल हो, जैसे कि कैंडल लाइट डिनर, ड्रेसअप और गेम्स साथ में मूवी इत्यादि, यह सब आप घर में ही अरेंज कर सकते हैं। मार्केट बंद हैं ऐसे में आप कुछ प्रयोग कर खुशी का माहौल बना सकते हैं।
4. प्राथमिकताएं पुनर्जीवित करें
यह अच्छा अवसर है प्राथमिकताओं को पुनर्जीवित करने का। भले ही ऐसा लगे कि आप बाहर नहीं जा सकते, पर आपके प्रियजनों के साथ जुड़ने और उन चीजों को करने का एक शानदार मौका हो सकता है, जो आप पहले नहीं कर सकते थे। अपनी प्राथमिकताओं में अपने करीब के लोगों को शामिल करें।
मॉडल के कारक
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अतिसंवेदनशीलता- जो सामाजिक संबंधों को मुश्किल और कठिन बनाता है।
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तनाव- कामकाज, वित्तीय कठिनाई या विस्तारित परिवार का तनाव।
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अनुकूलन- यहां इंसान मुश्किलों से निपटने के लिए खुद को अनुकूल बनाता है।
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