दुनिया भर में कोरोना वायरस के मरीज हर दिन बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर लोगों के बीच अंधविश्वास भी तेजी से बढ़ा है। इन दिनों सोशल मीडिया पर केरल का एक व्यक्ति कोरोना देवी की पूजा करने को लेकर चर्चा में है। सिर्फ केरल ही नहीं बल्कि बिहार, झारखंड औरपश्चिम बंगाल के भी कई लोग कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए इसे देवी मानकर पूजा कर रहेहैं।
केरल के कडक्कल में रहने वाले अनिलन अपने घर में कोरोना देवी की पूजा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। अनिलन कहते हैं कि मैं देवी कोरोना की पूजा उन स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस, मीडिया कर्मी और वैज्ञानिकों के लिए कर रहा हूं जो कोरोना वायरस को हराने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। अनिलन कहते हैं कि लोगों में जागरूकता फैलाने का यह मेरा तरीका है।
कुछ लोग इसे अंधविश्वास का नाम दे रहे हैं तो कुछ इसे पब्लिसिटी का तरीका मान रहे हैं। अनिलन सरकार के मंदिर खोलने के फैसले को गलत मानते हैं। वे कहते हैं कि कोरोना के प्रकाेप से बचने के लिए इस वक्त सबसे अच्छा यही हैं कि घर में रहें और कोरोना देवी की पूजा करें।
असम की महिलाएं पूजा से खुश कर रही कोरोना देवी को
उत्तरी असम में बिस्वनाथ जिले की महिलाओं का यह मानना है कि कोरोना देवी की पूजा करने से उनका प्रकोप इस दुनिया से चला जाएगा। इस देवी को खुश करने का वे एक मात्रा तरीका इनकी पूजा करना बताती हैं।
बिस्वनाथ जिले में ये महिलाएं नदी के किनारे पूजा करते हुए देखी जाती हैं। वे कहती है इस पूजा से प्रसन्न होकर एक ऐसी हवा चलेगी जिससे यह वायरस पूरी दुनिया से चला जाएगा।
कुछ महिलाओं का मानना है कि कोरोना वायरस देवी शीतला की देन है। वैसे भी भारतीय समाज में स्मॉल पॉक्स जैसी इंफेक्शन को देवी शीतला की देन माना जाता है। वे इस देवी की पूजा करके कोरोना के इंफेक्शन से निजात पाना चाहती हैं। बिस्वनाथ के अलावा गुवाहाटी में भी कोरोना की पूजा करने वाली महिलाओं की कमी नहीं है।
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